tag:blogger.com,1999:blog-7583290317803224636.post8182302956386146245..comments2024-03-24T09:08:49.535-07:00Comments on Sanskritbhashi संस्कृतभाषी: स्मृति ग्रन्थों में आचरण की व्यवस्था, एक समीक्षाजगदानन्द झाhttp://www.blogger.com/profile/06293528399946976820noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7583290317803224636.post-24022452350605589602021-09-21T14:08:10.989-07:002021-09-21T14:08:10.989-07:00स्मृतिकालीन समाज व्यवस्था पर प्रचूर मात्रा में शोध...स्मृतिकालीन समाज व्यवस्था पर प्रचूर मात्रा में शोध हो चुका है। अब इस विषय पर शोध करने का प्रयोजन चिंत्य है। आप आज की समाज व्यवस्था तथा स्मृतिकालीन समाज व्यवस्था का तुलनात्मक अध्ययन पर शोध करें । शोध विषय लेने के पहले 6 माह उस विषय पर लिखित साहित्य का गम्भीर अध्ययन करना चाहिए। यह देखना चाहिए कि इस विषय पर अबतक कितना कार्य हो चुका है तथा कितना कार्य अवशेष है। आपने आवतक प्रमुख स्मृतियों का अध्ययन कर लिया होगा।जगदानन्द झाhttps://www.blogger.com/profile/06293528399946976820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7583290317803224636.post-33023801635203122182021-09-20T01:28:06.598-07:002021-09-20T01:28:06.598-07:00विशेष आभार श्रीमान आपका निर्देशन चाहूंगा।
मैंने स्...विशेष आभार श्रीमान आपका निर्देशन चाहूंगा।<br />मैंने स्मृतिकाल समाजव्यवथा परिशीलनात्मक अध्ययन शोध विषय चयन किया है।<br />9599568467sandeep Tripathihttps://www.blogger.com/profile/09613446697465959222noreply@blogger.com