संस्कृत सामान्य ज्ञान राज्यस्तरीय प्रतियोगिता 2023 में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर

 

 (खण्ड 1)

विषय

व्याकरण

 संज्ञा सूत्र-

प्रश्न - माहेश्वर सूत्रों की संख्या कितनी है ?

उत्तर - 14

प्रश्न - माहेश्वर सूत्र में इत्संज्ञक वर्ण कितने हैं ?

उत्तर – 15

प्रश्न - यण् संधि विधायक सूत्र बताइये ?

उत्तर - इको यणचि

प्रश्न - टुनादि में ट् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - आदिर्ञिटुडवः

प्रश्न - शप् में श् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - लशक्वतद्धिते

प्रश्न - डाप् के ड् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - चुटू

प्रश्न - यण् संधि का सूत्र बताइये ।

उत्तर - इको यणचि

प्रश्न - अंतिम हल् वर्ण की इत् संज्ञा किस सूत्र से होती है ?

उत्तर - हलन्‍त्‍यम्

प्रश्न - किस सूत्र से इत्संज्ञक वर्ण क लोप संज्ञा होती है ?

उत्तर - अदर्शनं लोपः

प्रश्न - किस प्रत्यय की निष्ठा संज्ञा होती है ?

उत्तर - क्त तथा क्तवतु प्रत्यय की निष्ठा संज्ञा होती है ।

प्रश्न – आम्रेडित संज्ञा किसकी होती है ? एक उदाहरण दीजिए ।

उत्तर - जो हो बार कहा गया हो, उसके पर (बाद) वाले रूप की आम्रेडित संज्ञा होती है। जैसे- कान् कान् ।

प्रश्न – अव्यय संज्ञा करने वाले 5 सूत्रों में से निपात को अव्यय संज्ञा करने वाला सूत्र बोलिये ?

उत्तर - स्वरादिनिपातमव्ययम् ।

प्रश्न – अव्यय प्रातिपदिक होता है अथवा धातु ?

उत्तर - अव्यय प्रातिपदिक होता है ।

प्रश्न अव्यय से होने वाले सुप्-प्रत्ययों का लुक् होता है अथवा लोप होता है ?

उत्तर – सुप् प्रत्ययों का लुक् होता है ।

प्रश्न - लघु संज्ञा किन वर्णों की होती है ?

उत्तर - ह्रस्व वर्णों की लघु संज्ञा होती है।

प्रश्न - संयुक्त अक्षरों की अन्य कौन संज्ञा है ?

उत्तर - गुरु संज्ञा होती है।

प्रश्न - किस वर्ण को सम्प्रसारण कहा जाता है ?

उत्तर - यण्  (य्व्र्ल्) वर्ण के स्थान पर होने वाले इक्  (इऌ ) वर्ण को सम्प्रसारण कहा जाता है।

प्रश्न - य् वर्ण के स्थान पर होने वाले इ सम्प्रसारण का एक उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - यज् = इज्इज्यते ।

प्रश्न - व् वर्ण के स्थान पर होने वाले इ सम्प्रसारण का एक उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - व् = उउच्यते । त्र् = तृतृतीय ।

प्रश्न - ईदूदेद्द्विवचनं प्रगृह्यम् में ईत् तथा उत् से किस वर्ण को कहा जा रहा है?

उत्तर - ऊ को वर्ण कहा जा रहा है।

प्रश्न – तपरस्तत्कालस्य में समकालसंज्ञा से क्या अभिप्रेत है? दिव उत् सूत्र में उत् से क्या अभिप्रेत है?

उत्तर - अणुदित्सवर्णस्य चाप्रत्ययः से जिस अण् वर्ण की सवर्ण ग्राहकता की गई हो, ऐसी अवस्था में तपरस्तत्कालस्य उन सवर्ण वर्ण का ही ग्रहण कराता है, जिनका उच्चारण काल उस वर्ण के उच्चारण काल के समान हो। दिव उत् में उकार के बाद आया तकार उच्चारणार्थक है।

प्रश्न - प्रगृह्यसंज्ञा किसे होती है ?

उत्तर - ऐसा द्विवचन जिसके अंत में ईऊ तथा ए हो उसकी प्रगृह्यसंज्ञा होती है।

प्रश्न – मूर्धा और दन्त वर्ण की सवर्ण संज्ञा विधायक वार्तिक का नाम बोलिये।

उत्तर  ऋऌवर्णयोर्मिथः सावर्ण्यं वाच्यम् ।

प्रश्न – रामः श्यामश्च गच्छतः में आये हुए च एक पद है, इसे सिद्ध कीजिए ?

उत्तर – च सुबन्त अव्यय है। सुप्तिङन्तं पदम् से इसकी पद संज्ञा होती है। अव्यय से स्वादि की उत्पत्ति तथा लुक् हो जाता है।

प्रश्न – टित् का आगम किसका अवयव होता है ?

उत्तर – आदि का अवयव होता है

प्रश्न – पद संज्ञा करने वाला कोई दो सूत्र बोलिये ?

उत्तर सुप्तिङन्तं पदम्, नः क्ये, सिति पदम् ।

प्रश्न - वेदाङ्ग में व्याकरण को शरीर का कौन सा अंग कहा गया है ?

उत्तर – मुख

प्रश्न - हल् सन्धि में स्वर वर्णों की संधि होती है अथवा व्यंजन वर्णों की  ?

उत्तर – व्यंजन वर्णों की  सन्धि होती है।

 

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

सवर्ण संज्ञा - तुल्‍यास्‍यप्रयत्‍नं सवर्णम्

संहिता संज्ञा - परः संन्निकर्षः संहिता

संयोग संज्ञा - हलोऽनन्तराः संयोगः

पद संज्ञा - सुप्‍तिङन्‍तं पदम्

गुण संज्ञा - अदेङ् गुणः

अनुनासिक अच् की इत् संज्ञा - उपदेशेऽजनुनासिक इत्

वृद्धि संज्ञा – वृद्धिरादैच्

टि संज्ञा -  अचोन्त्यादि टि

आम्रेडित संज्ञा – तस्य परमाम्रेडितम्

सर्वनामस्थान संज्ञा सुडनपुंसकस्य, शि सर्वनामस्थानम् ।

अवसान संज्ञा - विरामोऽवसानम्

प्रत्याहार

प्रश्न- अक् प्रत्याहार में कौन-कौन वर्ण आते हैं ?

1. अक् = अ इ उ ऋ लृ

2. अच् =अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ

3. अट् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र

4. अश् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ड ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड द

5. अम् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ङ ण न

6. अल् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ङ ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड   द ख फ छ ठ थ च ट त क प य श ष स ह

7. इक् = इ उ ऋ लृ

8. इच् = इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ

9. इण् = इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल

10. उक् = उ ऋ लृ

11. एङ् = ए ओ

12. एच् = ए ओ ऐ औ

13. ऐच् = ऐ औ

इसी प्रकार हश्, हल्, यण्, यम्, यञ्, यय्, यर्, वश्, वल्, रल्, मय्, ङम्, झष्, शय्, झय्, झर्, झल्, भष्, जश्, बश्, खय्, खर्, छव्, चय्, चर्, शर्, शल् प्रत्याहरों के बारे में पूछें।

सन्धि

प्रश्न - वटवृक्षः में कौन सी संधि है ?

उत्तर – गुण (वटो ऋक्षः)

प्रश्न - चयनम् में कौन सी संधि हैविच्छेद करिए ?

उत्तर – अयादि सन्धि। चे + अनम् ।

अधोलिखित सन्धियुक्त पद को सन्धि विच्छेद करने, सन्धि विच्छेद को सन्धियुक्त पद बनाने और सन्धि विच्छेद वाले पद में सन्धि की प्राप्ति पूछें।

स्वर सन्धि – दीर्घ सन्धि

हिम + आलय = हिमालय

धन + अर्थः  = धनार्थ 

अतीव + आनन्दः = अतीवानन्दः

विद्या + अभ्यासः = विद्याभ्यासः     

विद्या + आलयः = विद्यालयः

कवि + इन्द्रः = कवीन्द्रः

रवि + इन्द्र = रवीन्द्र:

सु + उक्तिः = सूक्तिः

लघु + ऊर्मि = लघूर्मि

हिन्दू + उदयः = हिन्दूदयः

भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व

पितृ + ऋणम् = पितॄणम्

नारी + इन्दु = नारीन्दु

वधू + उत्सव = वधूत्सव

स्वर सन्धि – यण् सन्धि

नदी + अर्पण = नद्यर्पण

देवी + आगमन = देव्यागमन

सु + आगतम् = स्वागतम्

अनु + अय = अन्वय

अनु + एषण = अन्वेषण

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

स्वर सन्धि – अयादि सन्धि

तौ + एकता = तावेकता।

इन्द्रौ + उदिते = इन्द्रावुदिते।

ने + अन = नयन

गै + अक = गायक

स्वर सन्धि – गुण सन्धि

उप + इन्द्र: = उपेन्द्र:।

नर + इन्द्र = नरेन्द्र

नर + ईश = नरेश

माता + इव = मातेव

महा + उत्सव = महोत्सव

प्रचण्ड + ऊष्मा = प्रचण्डोष्मा

महा + ऊर्मि = महोर्मि

ग्रीष्म + ऋतुः = ग्रीष्मर्तुः

महा + ऋषि = महर्षि

स्वर सन्धि – वृद्धि सन्धि

एक + एक = एकैक

मत + ऐक्य = मतैक्य

सदा + एव = सदैव

वन + ओषधि = वनौषधि

महा + ओषधि = महौषधि

परम + ओषध = परमौषध

स्वर सन्धि – पूर्वरूप सन्धि

ते + अपि = तेSपि

ततो + अगर्जद्धरिवरः  =  ततोऽगर्जद्धरिवरः

लोको + अयम् = लोकोSयम्

साधो + अत्र  = साधोऽत्र

स्वर सन्धि – पररूप सन्धि

प्र + एजते =  प्रेजते

उप + ओषति = उपोषति

स्वर सन्धि  प्रकृति भाव सन्धि

हरी + एतौ = हरी एतौ

विष्णू + इमौ = विष्णू इमौ

लते + एते = लते एते

अमी + ईशा = अमी ईशा

कमले + ईर्ष्यतः = कमले  ईर्ष्यतः

सन्धि विच्छेद

प्रश्न- पद्मासन का सन्धि विच्छेद कीजिए ।

उत्तर - पद्म + आसन

संकेत-

नदीस्तीर्त्वा = नदीः + तीर्त्वा (विसर्ग०) ।

रामपादावुपस्पृशन् = राम-पादौ + उपस्पृशन् (अयादि०) ।

नन्दिग्रामेऽकरोत् = नन्दिग्रामे + अकरोत् (पूर्वरूप ० ) ।

व्यञ्जन सन्धि

वाक् + विद् = वाग्विद् (जश्त्व सन्धि)

विपश्चिज्जनानाम् = विपश्चित् + जनानाम् (श्चुत्व सन्धि, स्तोः श्चुना श्चुः) ।

कृतज्ञश्च = कृतज्ञः + च (विसर्ग सन्धिश्चुत्व सन्धि ) । विसर्जनीयस्य सःस्‍तोः श्‍चुना श्‍चुः

सत्यवाक्यो दृढव्रतः = सत्यवाक्यः + दृढव्रतः (विसर्ग सन्धिउत्व ) । विसर्जनीयस्य सःहशि च

एतदिच्छाम्यहम् = एतत् + इच्छामि= एतदिच्छामि ( जश्त्व)

तद्वाक्यम् = तत् + वाक्यम् (जश्त्व) ।

सत्यवचनात् + राजा = सत्यवचनाद्राजा (जश्त्व सन्धि)

अगर्जद्धरिवरः = अगर्जत् + हरिवरः, (जश्त्वपूर्वसवर्णव्यञ्जन० ) ।

श्रीमाञ्छत्रुनिवर्हणः = श्रीमान् + शत्रुनिवर्हणः (श्चुत्व सन्धिव्यञ्जन-सन्धि ) ।

लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः = लक्ष्मीवान् + शुभलक्षणः (श्चुत्व सन्धिव्यञ्जन-सन्धि ) ।

अनुनासिक सन्धि

एतत् + मुरारिः = एतन्मुरारिःएतद्मुरारिः

सत् + मनोहरम् = सन्मनोहरम्सद्मनोहरम्

ऋक् + मन्त्रः = ऋङ्मन्त्रः

षट् + मासाः = षण्मासाःषड्मासाः

सत् + मित्रम् = सन्मित्रम्

जगत् + नाथ = जगन्नाथः

दिक् + नागः = दिङ्नागः

 

अधोलिखित शब्दों का विभक्ति तथा वचन बताइये ।

ईदृशे (ईदृश्, पु. चतुर्थी एकवचन), राज्ञा (तृतीया एकवचन), पत्योः ( षष्ठी / सप्तमी द्विवचन), मात्रोः (पञ्चमी/षष्ठी), वाचे (चतुर्थी एकवचन), लतानाम् (षष्ठी बहुवचन), दिशाम् (षष्ठी बहुवचन), जगन्ति (प्रथमा बहुवचन), पयोभ्याम् (तृतीया/चतुर्थी/पञ्चमी द्विवचन), मनसी (द्वितीया द्विवचन), भवन्तम् (द्वितीया एकवचन), अमून् (द्वितीया बहुवचन), अमूषु (सप्तमी बहुवचन), विशालैः (तृतीया बहुवचन), शोभने (सप्तमी एकवचन), लघुनी (प्रथमा/द्वितीया द्विवचन), रमायै (चतुर्थी एकवचन), अस्यै (इदम्, स्त्री, चतुर्थी एकवचन), पत्या (तृतीया एकवचन), गुर्वोः (पञ्चमी/षष्ठी द्विवचन), पितरौ (प्रथमा/द्वितीया द्विवचन), मुनीन् (द्वितीया बहुवचन), धेन्वाम् (सप्तमी एकवचन), मधुने (चतुर्थी एकवचन), तस्मात् (पञ्चमी एकवचन), ये (प्रथमा द्विवचन/बहुवचन), महान्ति (प्रथमा/द्वितीया बहुवचन), तरङ्गैः (तृतीया बहुवचनदिशायाम् (सप्तमी एकवचन), त्रयाणाम् (सप्तमी बहुवचन), सागराणम् (सप्तमी बहुवचन), तिसृषु (सप्तमी बहुवचन),

 

कारक

प्रश्न – किस-किस प्रत्यय की विभक्ति संज्ञा होती है ?    उत्तर – सुप् तथा तिङ्

प्रश्न - सम्प्रदान कारक में कौन सी विभक्ति होगी ?     उत्तर - चतुर्थी

प्रश्न - कर्म कारक में कौन सी विभक्ति होगी ?         उत्तर - द्वितीया

प्रश्न - अधिकरण में कौन सी विभक्ति होगी ?          उत्तर - सप्तमी

प्रश्न - तृतीया विभक्ति का सूत्र ?                    उत्तर - कर्तृकरणयोस्तृतीया

प्रश्न - कारक कितने हैं ?                           उत्तर - छः

प्रश्न - संस्कृत के 6 कारकों का नाम बताईये

उत्तर - कर्त्ताकर्मकरणसम्प्रदानअपादान और अधिकरण

प्रश्न - ओदनं भुंजानो विषं भुंक्ते में कौन सा सूत्र लगा है ?

उत्तर - तथायुक्तं चानीप्सितम्

प्रश्न - बालकः प्रश्नं पृच्छति यहां प्रश्नं में किस सूत्र से द्वितीया है ?

उत्तर - अकथितं च

प्रश्न - मासमास्ते में किस सूत्र से द्वितीया है ?

उत्तर - अकर्मकधातुभिर्योगे देशः कालो भावोगन्तव्योध्वा च कर्मसंज्ञक इति वाच्यम्

प्रश्न - क्रोशं कुटिला नदी में क्रोशं में किस सूत्र से कर्म कारक हुई ?

उत्तर - कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे

प्रश्न - 'परितःके योग में विभक्ति होती है            उत्तर - द्वितीया

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

'सर्वत: ' के योग में कारक होता है ?                उत्तर - कर्म

'सहके योग में विभक्ति होती है ?                 उत्तर – तृतीया

"सहयुक्तेऽप्रधानेसूत्र किस विभक्ति का है ?          उत्तर - तृतीया

'रुचअर्थ की धातु के साथ किस विभक्ति का प्रयोग होता है ? उत्तर - चतुर्थी

'अहं रामेण सह गच्छामियहाँ रामेण में कौन विभक्ति है ? उत्तर - तृतीया

प्रश्न - प्रातिपादिकार्थलिंग-परिमाण-वचन-मात्रे " सूत्र किस कारक से सम्बन्धित है ?

उत्तर - कर्ता कारक से ।

प्रश्न - आत्मनि इत्यत्र का विभक्तिः?                 उत्तर - सप्तमी

प्रश्न - जननी जलेन जिह्वां प्रक्षालयति इत्यत्र जननी पदे का विभक्तिः      उत्तर - प्रथमा

प्रश्न - सः अक्ष्णा काणः अस्ति इत्यत्र अक्ष्णा पदे का विभक्तिः      उत्तर - तृतीया

प्रश्न - वारि निकषा प्रासादमस्ति इत्यस्मिन् वाक्ये वारि पदे द्वितीया केन कारणेन भवति?  

उत्तर - निकषा

प्रश्न - पुत्री ग्रामात् आगच्छति। इत्यत्र ग्रामात् पदे किं कारकम्

उत्तर – अपादानम्

प्रश्न - अध्यापकेन विना पाठनक्रियायाः उत्पत्तिः भवितुं नैव अर्हति । इस वाक्य में आये कारक विभक्तियों को बतायें।

उत्तर - अध्यापकेन विना – तृतीया। पाठनक्रियायाः। उत्पत्तिः- प्रथमा। भवितुं नैव -

प्रश्न - बाणेन रावणः हतः इत्यत्र बाणेन पदे किं कारकम्            उत्तर - करणम्

प्रश्न - तौ ग्रामे निवसतः इत्यत्र ग्रामे पदे किं कारकम्        उत्तर - अधिकरणम्

प्रश्न - गौर्याः चरणमस्ति इत्यत्र गौर्याः पदे का विभक्तिः            उत्तर – षष्ठी

प्रश्न - हे बालकाः! अभिमन्योः पुत्रः कुलदेवः स्वहस्तेन कोषात् प्रजाभ्यः ग्रामे धनं ददाति इस वाक्य में आये कारक विभक्तियों को बतायें।

उत्तर - पुत्रः कुलदेवः – प्रथमा, स्वहस्तेन- तृतीया, कोषात् प्रजाभ्यः - पंचमी, ग्रामे – सप्तमी, धनं – द्वितीया।

 

धातु / धातुरूप का गण

प्रश्न-  अस्ति रूप किस गण के धातु से बना है?

उत्तर - अस् धातु अदादिगण

प्रश्न-  'करोतिरूप किस गण की धातु से बना है?

डुकृञ् धातुतनादि गण।

प्रश्न - वर्तमान काल की क्रिया के बाद किस अव्यय के प्रयोग करने पर वह भूतकाल की क्रिया हो जाती है?

उत्तर  स्म अव्यय ।

अधोलिखित का  वर्तमान काल में रूप बताइये

गमिष्यथआगमिष्यामिश्रोष्यानिवदिष्यसिपठिष्यतिलेखिष्यतःपास्यसिखादिष्यन्ति,  द्रक्ष्यावःनेष्यामिचलिष्यामःवसिष्यानिज्ञास्याति प्रक्ष्यतःउपवेक्ष्यासिदास्यथकथयिष्यामिहसिष्यतिस्मरिष्यामिनर्तिष्यतिगास्यानिस्थास्यामिक्षिप्स्यन्तिअटिष्यावः भ्रमिष्यामिकरिष्यति। 

अधोलिखित पदों के साथ एक वाक्य बनायें

ददाति , यच्छति , कथयतिसूचयति , निवेदयतिप्रेषयतिक्रुद्धयतिकुप्यतिद्रुहयतिरोचतेस्पृहयतिअलम्नमःस्वस्ति:स्वाहास्वधा । 

उदाहरण- रावण: विभीषणाय क्रुद्धयति । कृष्णः कंसाय अलम् ।

अधोलिखित एक पद से एक ऐसा वाक्य निर्माण बनायें, जिसमें दो पद हो।

उदाहरण-

प्रश्न- "काकः" इस सुबन्त पद को लेकर 2 पद का एक वाक्य बनायें-

उत्तर - काकः वसति ।

प्रश्न- "घटे" इस सुबन्त पद को लेकर 3 पद का एक वाक्य बनायें-

उत्तर - घटे जलम् अस्ति ।

वक्तुम्, गन्तुम्, कर्तुम्, खादितुम्, पातुम्, पठितुम्, श्रोतुम्, पठितुम्, दातुम्, मेलितुम्, द्रष्टुम्। अह्ना । मुहुर्मुहुः । अन्यथा । यावत् । तदा । हे मित्र! एषा । जननी । ज्वरपीडिता । त्वया । पुरा । अस्याः सेवा । प्रायशः । कर्तव्या । तव । किं । त्वम् । न ।  प्राध्यापकः । तर्हि । तव । जीवनस्य । त्रयः । लहरीणाम् । वेगेन । तयोः । जलेन । नाविकः । सम्भ्रमेण महाशय ! । भवान् । प्राध्यापकः । नौकां बाहुभ्याम् । महाभारतस्य । कति । दिनानि । त्रयोदशे । भारतस्य विजयाय । तस्मिन् । सः । सा । काले । सतीशस्य । मित्र । मुकुलः । अपि । मनोविनोदाय । ज्वरेण । ताम् । कुतः । मित्रैः । चित्वा । चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् । भारतीयसेनायाः । व्यर्थम् । सैनिकानाम् आत्मबलिदानम् । मञ्जूषातः । पदानि । काठिन्यं दूरम् । वयं किम् ? तपः कृत्वा । भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा । एकः छात्रः । गच्छ । गृहे प्रवेशः । भोः संगणक ! । पूर्णः परिचयः । स्वोपार्जितम् धनम् । सर्वे छात्राः । यूयं ध्यानं दत्वा । श्रीमन् । वयं ध्यानेन । एतां इच्छाम् । पुनः क्षिप्रमेव । अतः सर्वत्र । ततः द्वितीयेन । पूर्वदेशं गच्छामः । मंजरीदेवीं दृष्ट्वा ।

अधोलिखित वाक्य को लट् लकारलृट् लकार तथा लङ् लकार में परिवर्तित करें।

सा प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत् ।

उभयतः गुलिकावृष्टिः अभवत् ।

भगतसिंहः, शिवरामः, राजगुरुः गौराङ्गं सैन्डर्स नामानम् अमारयन्।

स्वमित्रं हमीदमपि तत्र नेष्यामि।

ततः शिक्षकाः सर्वेभ्यः मोदकं वितरिष्यन्ति।

किं त्वमपि तत्र चलिष्यसि? (चलसि, चलिष्यसि, अचलः)

सर्वमपि महाप्रभोः भक्तिपूजायाः प्रचारे अर्पयिष्यामः । (ऋ + णिच्, अर्पयामः, अर्पयिष्यामः, आर्पयाम)

भक्ताः भवतां जीवनाय शान्तिं ददतु । (ददति, दास्यन्ति, अददुः)

अधोलिखित एक तिङन्त पद से क्रमशः दो, तीन, चार पद वाले वाक्य का निर्माण करें ।

उदाहरण-

प्रश्न- अचिन्तयत् से दो पद वाला वाक्य बनायें ।

उत्तर -  सः अचिन्तयत् ।

प्रश्न- प्रतिपादयामि से तीन पद वाला वाक्य बनायें ।

उत्तर -  अहं सारल्येन प्रतिपादयामि ।

प्रश्न- इच्छसि क्रिया पद के साथ अव्यययुक्त तीन पद वाला वाक्य बनायें ।

उत्तर -  त्वं किं इच्छसि ।

संकेत-

लिखसि, पिबावः, खादामः, पश्यामिनयावः, वाञ्छामि, गच्छ, कुरुतः, ज्ञापयिष्यन्ति, करिष्येइच्छामि, चलसि, वसामि, जानामि, पृच्छामि, पचामि, उपविशानि, ददासि, कथयामि, हसथः, दृश्यते, आसीः, अकथयत्, उपविशति, उद्धरति, भवतु, भव, कुरु, स्मरसि, प्रतीयसे, नृत्यतः, गायामि, तिष्ठन्ति, क्षिपति, अटन्ति, भ्रमामः, नमति, आनयानिजीवामि, यच्छामि, धावमःरोदथ, क्रीड़ामि, क्रीणामि, तरामि, धारयामि, बिभेमि, अस्मि । श्रोष्यामः । प्रयामि। करोमि । भवन्ति । जानाति । अस्ति । अर्हति । क्रीडितुम् । तर्तुम् । प्राप्तः । अपश्यत् । अपृच्छत् । अवदत् । गतः । दुःखितः । आनयत् । अवदत् । अभवत् । अगच्छत् । जानासि । अकम्पत । अपृच्छत् । अवदत् । प्राचलत् । रचितवान् । अवरुद्धवान् । अभवत् । भवेत् । करवाम । दर्शयेम । वदसि । कुर्वन्ति । शृणुत । भवितुम् ।

वाच्य

प्रश्न - कर्तृवाच्य में कर्ता में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - प्रथमा विभक्ति

प्रश्न - कर्मवाच्य में कर्ता में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - तृतीया विभक्ति

प्रश्न - कर्मवाच्य में कर्म में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - प्रथमा विभक्ति

प्रश्न - तेन प्रतिपादितम् यह वाक्य किस वाच्य में है

उत्तर - कर्म वाच्य में ।

प्रश्न - मोहनः ग्रन्थं पठति इसे कर्मवाच्य में बनायें ।

उत्तर - मोहनेन ग्रन्थः पठ्यते 

समास

द्वियमुनयम् में कौन सा समास है ?

अव्ययीभाव

चक्रपाणिः का विग्रह करिए ।

चक्रं पाणौ यस्य सः

चन्द्रमौलिः का विग्रह करिए।

चन्द्रं मौलौ यस्य सः

यथाशक्तिः का विग्रह करिए ।

शक्तिम् अनतिक्रम्य

कृष्णातीतः में कौन सा समास है ।

तत्पुरूष द्वितीया

चन्द्रमौलिः इत्यत्र कः समासः?  बहुव्रीहिः

रामलक्ष्मणौ इत्यत्र कः प्रत्ययः?  द्वन्द्वः

कृष्णसर्पः इत्यत्र कः समासः?  कर्मधारयः

प्रतिदिनम् इत्यत्र कः समासः?  अव्ययीभावः

राजपुरुषः इत्यत्र कः समासः?   तत्पुरुषः

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

                                    अव्ययीभाव समास

शक्तिम् अनतिक्रम्य   यथाशक्ति

मक्षिकाणाम् अभाव: निर्मक्षिकम्

रूपस्य योग्यम्      अनुरूपम्

विघ्नानाम् अभावः       निर्विघ्नम्

अक्ष्णोः प्रति               प्रत्यक्षम्

अक्ष्णोः परम्               परोक्षम्

एकम् एकम् इति    प्रत्येकम्

गृहं गृहम् इति      प्रतिगृहम्

गङ्गाया: समीपम्    उपगङ्गम्

नद्या: समीपम्      उपनदम्

 

तत्पुरूष समास

द्वितीया तत्पुरूष

शरणम् आगत:           

शरणं आगतः       शरणागतः

सुखं प्राप्त:         सुखप्राप्तः

तृतीया तत्पुरुष

शरेण विद्धः         शरविद्ध:

अग्निना दग्धः      अग्निदग्ध:

धनेन हीन:         धनहीन:

विद्यया हीन:       विद्याहीन:

 

चतुर्थी तत्पुरुष

भूताय बलि:        भूतबलिः

दानाय पात्रम्        दानपात्रम्

यूपाय दारु          यूपदारु

स्नानाय इदम्       स्नानार्थम्

तस्मै इदम्         तदर्थम्

पञ्चमी तत्पुरूष

चौरात् भयम्        चौरभयम्

सिहात् भीतः        सिंहभीतः

रोगात् मुक्त:        रोगमुक्त:

षष्ठी तत्पुरूष

देवानां पतिः                देवपति:

नराणां पतिः                नरपति:

देवस्य पूजा                 देवपूजा

सुखस्य भोग:              सुखभोग:

सप्तमी तत्पुरूष

युद्धे निपुणः                  युद्धनिपुणः

शास्त्रे प्रवीण:               शास्त्रप्रवीणः

जले मग्न:                   जलमग्न:

कार्ये कुशल:        कार्यकुशल:      

सभायां पण्डितः           सभापण्डितः

नञ् तत्पुरुष

न धार्मिकः         अधार्मिकः

न आदिः                     अनादि:

न सुखम्           असुखम्

कर्मधारय (विशेषण- विशेष्य)

नीलम् उत्पलम्                        नीलोत्पलम्

विशाल: वृक्ष:              विशालवृक्ष:

मधुरं फलम्                 मधुरफलम्

ज्येष्ठः पुत्रः                 ज्येष्ठपुत्रः

सुन्दर: पुरुष:              सुपुरुष:

महान् च असौ राजा    महाराज:

कर्मधारय (उपमान- उपमेय)

 

घन इव श्यामः            घनश्यामः

कमलम् इव मुखम्     कमलमुखम्

चन्द्र इव मुखम्          चन्द्रमुखम्

नरः सिंह इव               नरसिंह:

 

कर्मधारय (उभयपद-विशेषण)

रक्तश्च पीत       रक्तपीत:

शीतं च उष्णम्      शीतोष्णम्

आदौ सुप्त: पश्चादुत्थितः सुप्तोत्थितः

 

कृत् प्रत्यय

अधोलिखित धातु से शतृ प्रत्यय लगने के बाद निष्पन्न पुंलिंग रूप पूछें- 

धातु   प्रत्यय पुंलिंग रूप

खाद् + शतृ = खादन्

गम् + शतृ = गच्छन्

प्रच्छ् + शतृ = पृच्छन्

चुर् + शतृ = चोरयन्

हस् + शतृ = हसन्

जि + शतृ = जयन्

 

अधोलिखित धातु से शतृ प्रत्यय लगने के बाद निष्पन्न तीनों लिंग का रूप पूछें

धातु प्रत्यय         पुल्लिंग  स्त्रीलिंग       नपुंसकलिंग

पठ+शतृ            पठन्     पठन्ती               पठत्

लिख्+शतृ          लिखन्   लिखन्ती           लिखत्

पच्+शतृ            पचन्     पचन्ती              पचत्

दृश्+शतृ            पश्यन्   पश्यन्ती             पश्यत्

गम्+शतृ            गच्छन्   गच्छन्ती            गच्छत्

भू+शतृ              भवन्     भवन्ती              भवत्

मिल्+शतृ          मिलन्   मिलन्ती             मिलत्

नी+शतृ             नयन्     नयन्ती               नयत्

घ्रा+शतृ             जिघ्रन्   जिघ्रन्ती             जिघ्रत्

दा+शतृ             यच्छन्   यच्छन्ती            यच्छत्

संकेत

इच्छन् में कौन सा प्रत्यय है शतृ

दधानः में कौन सा प्रत्यय है ? शानच्

पठनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

आदाय में कौन सा प्रत्यय है ल्यप्

देयः में कौन सा प्रत्यय है यत्

समागतः में कौन सा प्रत्यय हैक्त

करणम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ल्युट्

पाचकः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ण्वुल्

दानीयः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  अनीयर्

पठितुम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?  तुमुन्

विहस्य इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ल्यप्

गन्तव्यः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  तव्यत्

पीत्वा इत्यत्र कः प्रत्ययः?    क्त्वा

पठत् इत्यत्र कः प्रत्ययः?   शतृ

गतिः इत्यत्र कः प्रत्ययः?   क्तिन्

लभमानः इत्यत्र कः प्रत्ययःशानच्

पेयः इत्यत्र कः प्रत्ययःयत्

कार्यम् इत्यत्र कः प्रत्ययःण्यत्

बालकः धनं याचन् अस्ति इत्यत्र याचन् पदे कः प्रत्ययःशतृ

प्रियवादिनी इत्यत्र कः प्रत्ययःणिनि

वन्दनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

पूजनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

कथनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

तद्धित प्रत्यय

शब्द    प्रत्यय रूप               पुंलिङ्ग        

भाग + इनि =   भागिन्               भागी

दण्ड                  दण्डिन्              दण्डी

दुःख                  दु:खिन्              दुःखी

क्रोध                  क्रोधिन्              क्रोधी

प्राण                  प्राणिन्              प्राणी

धन                   धनिन्                धनी

दोष                  दोषिन्               दोषी

बल                   बलिन्               बली

कुटुम्ब               कुटुम्बिन्            कुटुम्बी

मन्त्र                  मन्त्रिन्              मन्त्री

प्रश्न -दण्ड से इनि, ठन् तथा मतुप् प्रत्यय करने पर क्या रूप बनेगा ?

उत्तर- इनि =  दण्डिन्ठन्  दण्डिकःमतुप् =  दण्डवान्        

स्त्री प्रत्यय

प्रश्न - वीरभोग्या में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - टाप् प्रत्यय ।

प्रश्न - गतिशीला में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - टाप् प्रत्यय ।

प्रश्न - चन्द्रमुखीकुमारीराज्ञीगार्गी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - ङीप् प्रत्यय ।

प्रश्न - गौरी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - ङीष् प्रत्यय ।

प्रश्न - ब्राह्मणीनारी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर – ङीन् ।

नर्तकी इत्यत्र कः प्रत्ययः?   ङीष्

अजा इत्यत्र कः प्रत्ययः?   टाप्

प्रश्न - चतुर से टाप् प्रत्यय करने पर किस प्रकार का पद बनेगा ?

उत्तर -  चतुरा

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

कुशल + टाप् - कुशला

दातृ + डीप् = दात्री

जीवनी

प्रश्न - पतंजलि के अनुसार पाणिनि का जन्म किस ग्राम में हुआ था ?

उत्तर - शलातुर नामक गाँव में पाणिनि का जन्म हुआ था ।

प्रश्न - वर्तमान में शलातुर नामक गाँव किस देश में है ?

उत्तर - वर्तमान में शलातुर नामक गाँव पाकिस्तान में है ।

संकेत -

पाणिनि के गुरु का नाम - उपवर्ष

पिता का नाम -पणिन

माता का नाम - दाक्षी

प्रश्न - कथानक के अनुसार पाणिनि की मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर - सिंह ने पाणिनि का प्राण ले लिया ।

प्रश्न - संस्कृत व्याकरण में कात्यायन का क्या योगदान है ?

उत्तर - कात्यायन ने अष्टाध्यायी के सूत्रों के आधार पर वर्तिकों की रचना की ।

प्रश्न - पतंजलि को किसका अवतार माना जाता है ?

उत्तर - “शेषनाग” का अवतार माना जाता है

प्रश्न - जन्म स्थान के आधार पर पतंजलि का क्या नाम है ?

उत्तर – गोनर्दीय

प्रश्न - महर्षि पतंजलि ने वाराणसी में कहाँ रहकर महाभाष्य की रचना की ?

उत्तर – वाराणसी के नागकूप पर रहकर ( वर्तमान जैतपुरा मुहल्ला में स्थित नागकूप)

प्रश्न - संस्कृत व्याकरण में पतंजलि का क्या योगदान है ?

उत्तर - पतंजलि पाणिनी के सूत्रों व कात्यायन के वर्तिकों पर महाभाष्य लिखा।

प्रश्न- ब्रह्मा से आरम्भ करते हुए व्याकरण शास्त्र के किन्हीं 5 आचार्यों का नाम बताइये ।

उत्तर - ब्रह्मा, वृहस्पति, इन्द्र, भरद्वाज, पाणिनि, कात्यायन, पतंजलि, वामन जयादित्य, नागेश भट्ट

प्रश्न - महाभाष्य का लक्षण वाला श्लोक बोलिए ?

उत्तर - सूत्रार्थो वर्ण्यते यत्र पदै: सूत्रानुसारिभि: ।

स्वपदानि च वर्ण्यन्ते भाष्यं भाष्यविदो विदु: ।।

प्रश्न - रक्षा आदि व्याकरण के पाँच प्रयोजन का नाम बताइये

उत्तर - रक्षाऊहआगमलघु और असंदेह।

प्रश्न - किस भाषा को भाषाओं की जननी कहा जाता है ?

उत्तर – संस्कृत

प्रश्न -भाषा की सबसे छोटी इकाई को क्या कहते हैं ?

उत्तर - वर्ण

प्रश्न -वर्ण के साथ मित्रवत् बैठने वाले वर्ण को आगम कहा जाता है या आदेश ?

उत्तर - आगम

प्रश्न -आदेश मित्र के समान होता है या शत्रु के समान ?

उत्तर - शत्रु के समान

प्रश्न – नद्युदकम् में इ के स्थान पर यकार आगम का उदाहरण है या आदेश का ?

उत्तर - नद्युदकम् आदेश का उदाहरण है ।

प्रश्न - उपधा किसे कहते हैं ?

उत्तर - किसी शब्द के अंतिम वर्ण के पूर्व वर्ण को उपधा कहते हैं।

प्रश्न - हल् प्रत्याहार से स्वर वर्णों का बोध होता है या व्यंजन वर्णों का ?

उत्तर - व्यंजन वर्णों का बोध होता है।

प्रश्न - किस शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ?

उत्तर - व्याकरण शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ।

प्रश्न - किस शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ?

उत्तर - व्याकरण शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ।

 

व्याकरण का ग्रन्थ         ग्रन्थकार

      रूपावतार           धर्मकीर्ति

      रूपमाला            विमल सरस्वती

      प्रक्रिया कौमुदी      रामचन्द्र

      सिद्धान्तकौमुदी भट्टोजिदीक्षित

      वाक्यपदीयम्        भर्तृहरि

      लघुसिद्धान्तकौमुदी    वरदराज

प्रथमः से लेकर विंशः तक संख्यावाची शब्द का पुंलिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग रूप पूछें।

संकेत

द्वितीय: द्वितीया द्वितीयम्

तृतीय: तृतीया तृतीयम्

षष्ठः षष्ठी षष्ठम्

सप्तमः सप्तमी सप्तमम्

एकादश: एकादशी एकादशम्

चतुर्दश: चतुर्दशी चतुर्दशम्

 

 

 

साहित्य

सूक्तिं पूरयतु

प्रश्न-  प्रियवाक्यप्रदानेन ..... वचने का दरिद्रता ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति मानवाः। तस्मात् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता। 

प्रश्न-  यस्मिन् देशे न सम्मानो... न कारयेत्

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।

न च विद्यागमः कश्चित् वासं तत्र न कारयेत्।।

प्रश्न-  आतुरे व्यसने .... स बान्धवः

आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसंकटे।

राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।

प्रश्न-  षड् दोषाः पुरुषेणेह .... दीर्घसूत्रता ।।

षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता ।

निद्रा तद्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता ।।

माता भूमिः पुत्रोहं ...

पृथिव्याः

नीति /सुभाषित

कः पापस्य कारणम्

लोभः

प्रश्न - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति....पाद पूर्ण करें ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः ।

प्रश्न - सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् .... का पाद पूर्ण करें ।

उत्तर - सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम् ।

प्रश्न - ...... वचने का दरिद्रता श्लोक पूर्ण करें ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। तस्माद् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता ।।

प्रश्न - उदारचरितानां तु वसुधैव......पूर्ण करें ।

उत्तर - उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्

प्रश्न - कृष्णः काकः पिकः काकः को भेदः.....पूर्ण करें ।

उत्तर - कृष्णः काकः पिकः काकः को भेदः पिककाकयोः ।

प्रश्न - विद्या विवादाय धनं .....पूर्ण करें

उत्तर - मदाय

प्रश्न - अयं निजः परो वेति गणना....पूर्ण करें

लघुचेतसाम्

प्रश्न - काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति......पूर्ण करें

उत्तर- धीमताम्

प्रश्न पूछने हेतु संकेत -

यदा यदा हि  .....पाद पूर्ण करें

धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत

परित्राणाय साधूनां  ......पूर्ण करें

विनाशाय च दुष्कृताम्

कर्मण्येवाधिकारस्ते ..... पूर्ण करें

मा फलेषु कदाचन

वासांसि जीर्णानि..... पूर्ण करें

यथा विहाय

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि .....पूर्ण करें

नैनं दहति पावकः

सुखदुखसमे कृत्वा ...... पूर्ण करें

लाभालाभौ जयाजयौ

क्षणे तुष्टा क्षणे रुष्टा .....पाद पूर्ण करें

तुष्टारुष्टा क्षणे क्षणे

सम्पूर्णकुम्भो न करोति .....पूर्ण करें

शब्दम्

शैले शैले न मणिक्यं  ....पूर्ण करें

मौक्तिक्यं न गजे गजे

पापान्निवारयति योजयते हिताय.... प्रकटीकरोति । पूर्ण करें

गुह्यं निगूहति गुणान् 

अर्थो हि कन्या.....पूर्ण करें।

परकीय एव

संकेत-

आपत्सु मित्रं जानीयाद् युद्धे शूरमृणे शुचिम्। भार्यां क्षीणेषु वित्तेषु व्यसनेषु च बान्धवान् ।

उत्सवे व्यसने चैव दुर्भिक्षे राष्ट्रविप्लवे। राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धव:॥

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः! न हि सुप्तस्य सिंहस्य प्रविशन्ति मुखे मृगाः ।। क्षणशः कणशश्चैव ...कुतो धनम् । त्यजेदेकं कुलस्यार्थे .....पृथिवीं त्यजेत् ।। न कश्चित् कस्यचिन्मित्रं .... रिपवस्तथा।। पुस्तकस्था तु या विद्या ....न तद् धनम् ।। पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि ... रत्नसंज्ञा प्रदीयते ।। प्रथमे नार्जिता विद्या ...चतुर्थे किं करिष्यति ।। प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन ....न परित्यजन्ति ।। मनसा चिन्तितं कार्यं ...सिद्धिर्न जायते॥

सूक्तियाँ पूर्ण करें

विचित्ररूपा खलु.... (चित्तवृत्तयः)हितं मनोहारि च ....(दुर्लभं वचः।) एको रसः करुण.....। (एव निमित्तभेदात् ।) अति सर्वत्र ... (वर्जयेत्) । गुणाः पूजास्थानं गुणिषु ......(न च लिङ्गं न च वयः) । अल्पविद्या .... (भयङ्करी।) आत्मनः प्रतिकूलानि (परेषां न समाचरेत्) । ऋद्धं हि राज्यं .... (पदमैन्द्रमाहु:।) कालस्य कुटिला ... (गतिः) । कायः कस्य न ...... (वल्लभः ।) क्रोधः पापस्य ...... (कारणम्) अजीर्णे भोजनं ......(विषम्) । छायेव मैत्री .... (खलसज्जनानाम्)। जननी जन्मभूमिश्च ..... (स्वर्गादपि गरीयसि) । दुर्बलस्य बलं .... (राजा) । धर्मो रक्षति .... (रक्षितः) । पयः पानं भुजंगानां ..... (केवलं विषवर्धनम्) । बुभुक्षितः किं न करोति ..... (पापम्)

अलंकार (अनुप्रासयमकउपमाउत्प्रेक्षा)

प्रश्न- अलंकार शब्द किस धातु से बना है ?

उत्तर - डुकृञ् धातु

प्रश्न- अलंकार शब्द में कौन प्रत्यय हुआ हैं ?

उत्तर - घञ्

प्रश्न- अलंकार कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर - तीन

प्रश्न- अलंकार के मुख्य तीन भेद कौन कौन है ?

उत्तर - शब्दालंकारअर्थालंकारउभयालंकार

प्रश्न - शब्दालंकार किसे कहते है ?

प्रश्न - अनुप्रास शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार है ?

उत्तर - शब्दालंकार

प्रश्न - उत्प्रेक्षा शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - अर्थालंकार

प्रश्न - उपमा शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - अर्थालंकार

प्रश्न - यमक शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - शब्दालंकार

प्रश्न - साम्यं वाच्यं वैधर्म्यं वाक्यैक्य....किस अलंकार की परिभाषा है ?

उत्तर - उपमा

प्रश्न - सत्‍यर्थे पृथगर्थाया: स्‍वरव्‍यंजनसंहते: । क्रमेण तेनैवावृत्तिः किस अलंकार की परिभाषा है ?

उत्तर - यमक

प्रश्न - नवपलाशपलाशवनं पुरः स्फुटपरागपरागगतपंकजम् में कौन अलंकार है ?

उत्तर - यमक

उत्तर - अनुप्रास

प्रश्न- रघुवंशम् में कितने सर्ग है ?

उत्तर - 19

प्रश्न - रघुवंश में अन्तिम राजा कौन है ?

उत्तर - अग्निवर्ण

प्रश्न- दिलीप की पत्नी का क्या नाम है ?

उत्तर - सुदक्षिणा

प्रश्न- नन्दनी किसकी परीक्षा लेती है ?

उत्तर - राजा दिलीप

प्रश्न- रघुवंश में प्रमुख रस कौन है ?

उत्तर - शृंगार

प्रश्न- रघुवंशम् का उपजीव्य ग्रन्थ कौन है ?

उत्तर - रामायण

प्रश्न- न प्रभातरलं ज्योतिरुदेति वसुधातलात् ।। यह सूक्ति किस ग्रन्थ के किस अंक में है ?

उत्तर - अभिज्ञानशाकुन्तलम् के प्रथम अंक में ।

प्रश्न - कालिदास को किस उपाधि से विभूषित किया गया ?

उत्तर - दीपशिखा

प्रश्न - कालिदास के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - कालिदास किस काव्यगुण के कारण प्रसिद्ध हैं ?

उत्तर - उपमा कालिदासस्य

प्रश्न - गीत गोविन्दकार जयदेव ने प्रसन्नराघवम् नाटक में महाकवि भास को क्या कहा है ?

उत्तर - भासो हासः (हंसीप्रफुल्लता) कहा है।

प्रश्न - भारवि के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - भारवेरर्थगौरवम्

प्रश्न - दण्डि के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - दण्डिनः पदलालित्यम्

प्रश्न - माघ के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - माघे सन्ति त्रयो गुणाः । माघे मेघे गतं वयः।

प्रश्न - नैषधीयचरितम् के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - उदिते नैषधे काव्ये क्व माघः क्व च भारविः । नैषधं विद्वदौषधम् ।

ज्योतिष

तिथि

प्रश्न- तिथियां कितनी होती होती हैं ?

उत्तर- 15

वार

प्रश्न- वार कितने होते हैं ?

उत्तर- 7

प्रश्न- प्रथम वार कौन सा है ?

उत्तर- रविवार ।

वार

प्रश्न- सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय का क्या नाम है ?

उत्तर- दिन/ दिवस

प्रश्न- दिन के समय को विभाजित करने के लिए किन-किन नामों का प्रयोग है ?

उत्तर- पूर्वाह्ण, मध्याह्न, अपराह्ण। प्रातः, सङ्गव, मध्याह्न, अपराह्न, सायाह्न

नक्षत्र

प्रश्न- नक्षत्र कितने होते हैं ?

उत्तर- 27

प्रश्न- प्रथम नक्षत्र का नाम बताइए ?

उत्तर- अश्विनी ।

राशि

प्रश्न- राशियां कितनी होती है ?

उत्तर- 12

प्रश्न- राशियों का नाम बोलिए।

उत्तर- मेषवृषमिथुनकर्कसिंहकन्यातुलावृश्चिकधनुमकरकुम्भ और मीन।

प्रश्न- प्रथम राशि कौन सा है ?

उत्तर- मेष ।

पक्ष

प्रश्न- पक्ष कितने होते हैं ?

उत्तर- दो ।

प्रश्न- अमावस्या किस पक्ष में पड़ता है ?

उत्तर- कृष्ण पक्ष में ।

मास

प्रश्न-  भारतीय पंचांग के अनुसार मास की संख्या कितनी है ?

उत्तर- 12 

प्रश्न-  ज्योतिष के अनुसार कितने तरह का मास होता है ?

उत्तर- 4

प्रश्न-  ज्योतिष के अनुसार 4 तरह के मास का नाम बोलिए।

उत्तर- सौर, सावन, चान्द्र, नाक्षत्र

प्रश्नचार युग कौन कौन हैं ?

उत्तर- सतयुग,त्रेतायुगद्वापरयुग और कलियुग 

प्रश्न- अयन कितने हैं ?

उत्तर- दो 

प्रश्न-  उत्तरायन कब होता है ?

उत्तरसूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर 

प्रश्न- दक्षिणायन कब होता है ?

उत्तर- सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने पर 

प्रश्न- ऋतुएँ कितनी होती हैं ?

उत्तर- छह 

प्रश्न- छह ऋतु के नाम बताइए ?

उत्तर- शिशिरबसन्तग्रीष्म ,वर्षाशरद् और हेमन्त 

प्रश्न- हिंदू नव वर्ष कब से प्रारंभ होता है ?

उत्तर- चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से 

प्रश्नमेष राशि के स्वामी कौन हैं ?

उत्तर- मंगल 

प्रश्न - उत्तरायण कब से आरम्भ होता है?

उत्तर - मकर संक्रांति से

प्रश्न - भौम किस ग्रह का दूसरा नाम है?

उत्तर-मंगल

प्रश्न - प्रथम नक्षत्र का नाम क्या है

उत्तर- अश्विनी

प्रश्न - अन्तिम नक्षत्र का नाम क्या है?

उत्तर- रेवती

प्रश्न - किसी नक्षत्र में कितने चरण होते हैं?

उत्तर- चार

प्रश्न - दिनमान किसे कहते हैं?

उत्तर- सूर्योदय से सूर्यास्त तक

प्रश्न - कितने दिनमान और रात्रिमान जोड़ने पर एक अहोरात्र होता है

उत्तर- 1 दिनमान + 1 रात्रिमान

प्रश्न - एक अहोरात्र में कितनी घटी होती हैं?

उत्तर- साठ

प्रश्न - ज्योतिष के अन्तर्गत दिनों की गणना किस मान में की जाती है?

उत्तर- सावन दिन

प्रश्न - ज्योतिष में वर्ष की गणना किस मान में की जाती है?

उत्तर- सौर मान

प्रश्न - 06 घन्टे में कितनी घटी होती हैं?

उत्तर- 15 घटी

प्रश्न - किस वृत्त पर अक्षांश शून्य होता है?

उत्तर- विषुवत वृत्त

प्रश्न - भूकेन्द्र से पूर्व तथा पश्चिम का अन्तर कौन-सी रेखाएँ बतलाती हैं?

उत्तर-  देशान्तर

प्रश्न - देशान्तर रेखाओं से किसका ज्ञान किया जाता है?

उत्तर- समय

प्रश्न - वेद शब्द से किस संख्या को कहा जाता है ?

प्रश्न - चार (सामवेदॠग्वेदयजुर्वेदअथर्ववेद)।

प्रश्न - आदित्य शब्द से किस संख्या को कहा जाता है ?

प्रश्न - द्वादश (12)

प्रश्न - किस संख्या का पर्याय पुरी शब्द है ?

प्रश्न - सप्त (7)

पुराणइतिहास

प्रश्न- पुराण कितने हैं ?

उत्तर- अठ्ठारह

प्रश्न-  मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं  चतुष्टयम् 

       अनापलिंग कूस्कानि पुराणानि प्रचक्षते ।।

इस श्लोक में मद्वयं से किस पुराण का बोध होता है ?

उत्तरमत्स्य एवं मार्कण्डेय पुराण का 

प्रश्नपुराण के कितने लक्षण होतें हैं ?

उत्तरपांच 

प्रश्नपुराण के 5 लक्षण कौन-कौन से हैं ?

उत्तर-सर्ग,प्रतिसर्ग,वंश,मन्वन्तर तथा वंशानुचरित 

प्रश्न- पुराणों में सबसे बड़ा पुराण कौन सा है ?

उत्तर-  स्कन्द पुराण 

प्रश्न- दुर्गा सप्तशती किस पुराण से लिया गया है ?

उत्तरमार्कण्डेय पुराण से 

प्रश्न- सत्यनारायण व्रत कथा किस पुराण से लिया गया है ?

उत्तरस्कन्द पुराण से 

प्रश्न- पुराणों की संख्या कितनी है ?

उत्तर- अट्ठारह 

प्रश्न-  अक्षर से कौन सा पुराण है ?

उत्तरअग्नि पुराण 

प्रश्न – गीता में कितने अध्याय  है ?

उत्तरअट्ठारह (18) अध्याय

प्रश्न- भागवत पुराण में श्री कृष्ण का जन्म कहां बताया गया है ?

उत्तरमथुरा 

संस्कृत और विज्ञान

प्रश्न- संस्कृत भाषा में वैज्ञानिक तथ्यों को उद्घाटित करने वाले किसी 2 भारतीय लेखकों का नाम बताइये ।

उत्तरकणाद, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, बोधायन, चरक, सुश्रुत, भरद्वाज, पराशर ।

प्रश्न- किस ऋषि ने प्रकाश व उष्मा को एक ही तत्व का विभिन्न रूप बताया?

उत्तरऋषि कणाद ।

प्रश्न- अपने खगोलीय व बीजगणितीय सि़द्धांतों के आधार पर छठी शताब्दी में किस भारतीय विचारक ने तय किया कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है?

उत्तरआर्यभट्ट ।

प्रश्न- किस भारतीय चिंतक ने सबसे पहले पृथ्वी का व्यास निर्धारित किया ?

उत्तरआर्यभट्ट ।

प्रश्न- 600 ई.पूर्व शुल्वसूत्र में किसने वृत्त एवं त्रिभुज के फल का सिद्धान्त प्रतिपादित किया ?

उत्तरबोधायन ने ।

प्रश्न- आर्यभट्ट प्रथम ने पाँचवीं सदी ईसवी में अपने किस ग्रंथ में परिधि-व्यास अनुपात का मूल्य निर्धारित किया ?

उत्तरआर्यभट्टीयम् ।

प्रश्न- वराहमिहिर (505 ई.) ने अपने किस ग्रन्थ में भूगोलउल्काविज्ञानवनस्पतिविज्ञानकृषि अभियांत्रिकीजन्तुविज्ञान विषयों का प्रतिपादन किया है ?

उत्तरबृहत्संहिता में ।

प्रश्न- भास्कराचार्य प्रथम 600 ई. कृत किन ग्रंथों में ग्रह-नक्षत्रों की गणनाज्यामितीय एवं त्रिकोणमितीय सिद्धांतों का वर्णन है ?

उत्तरमहाभास्करीयम् एवं लघुभास्करीयम् ।

प्रश्न- 15 शताब्दी के पूर्व गणित विषय पर ग्रन्थ लिखने वाले किसी दो भारतीय लेखकों का नाम बताइये।

उत्तरब्रह्मगुप्त (591 ई.)वटेश्वर (880 ई.)मुंजाल (932 ई.)आर्यभट्ट द्वितीय (950 ई.)भास्कर द्वितीय (1114 ई.) एवं नीलकंठ (1465 ई.)

प्रश्न- गणित शास्त्र की आचार्य परम्परा में कालक्रमानुसार 5 आचार्यों का नाम बताइये ।

उत्तरआर्यभट्ट प्रथमब्रह्मगुप्त; - श्रीधरमहावीराचार्यश्रीपतिभास्कराचार्य द्वितीयनारायण पंडितमाधवपरमेश्वरनीलकंठ सोमयाजीज्ञानराजचित्रभानुः शंकरवारियरज्येष्ठदेवकमलाकरपंडितराज जगन्नाथबापूदेव शास्त्रीनीलांबर शर्माकेतकरसुधाकर द्विवेदी ।

प्रश्न- चरक की चरकसंहिता किस विषय से संबंधित पुस्तक है ?

उत्तरऔषधि शास्त्र ।

प्रश्न- सुश्रुतसंहिता में चिकित्सा विज्ञान के किस शाखा का विवेचन किया गया है ?

उत्तरशल्यचिकित्सा ।

प्रश्न- वाग्भट कृत अष्टांगहृदय एवं रसरत्नसमुच्चय किस विषय की पुस्तक है ?

उत्तरशरीर रचना विज्ञान ।

प्रश्न- किस दार्शनिक ग्रन्थ में किस ऋषि ने परमाणुवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया ?

उत्तरकणाद ने वैशेषिक दर्शन में (600 ई.पू.) ।

प्रश्न- यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।

तद्वद् वेदांगशास्त्राणां गणितं मूर्ध्नि संस्थितम् ॥ यह श्लोक किस ग्रन्थ का है ?

उत्तर- वेदांग ज्योतिष 5

प्रश्न- बहुत प्रलाप करने से क्या लाभ है ? इस चराचर जगत में जो कोई भी वस्तु है वह गणित के बिना नहीं है । यह कथन किसका है ?

उत्तर- महावीराचार्यगणितसारसंग्रह में ।

प्रश्न- योजनानं सहस्रे द्वे द्वे शते द्वे च योजने ।

एकेन निमिषार्धेन क्रममाण नमोऽस्तुते ॥ इस श्लोक में किसके वेग को कहा गया है ?

उत्तर- सायणाचार्य ने प्रकाश का वेग को बताया है ।

प्रश्न- पृथ्वी गतिशील है इसके लिए जैसे एक नाव में बैठा आदमी आगे बढ़ते हुए स्थिर वस्तुओं को पीछे की दिशा में जाते देखता हैबिल्कुल उसी  तरह श्रीलंका में लोगों द्वारा स्थिर तारों को ठीक पश्चिम में जाते हुए देखा जाता है।यह वाक्य उदाहरण के रूप में किसने किस पुस्तक में दिया है ?

उत्तर- आर्यभटीय गोलपाद ।

प्रश्न- किसने किस पुस्तक में विश्व को सर्वप्रथम पाई का मान बताया ?

उत्तर- आर्यभट्ट ने आर्यभटीय (गणितपाद) में सर्वप्रथम पाई का मान बताया ।

संस्कृत के ग्रन्थ और ग्रन्थकार

प्रश्न- विश्व का सबसे प्राचीनतम पुस्तक कौन है ?

उत्तरविश्व का सबसे प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है ।

प्रश्न- ऋग्वेद किस भाषा में लिखा है ?

उत्तरसंस्कृत भाषा में लिखा है ।

प्रश्न- रसायनशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रन्थ रस रत्नात्कर के लेखक का नाम बताइये

उत्तरनागार्जुन

प्रश्नबुद्धचरितम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरअश्वघोष 

प्रश्न-सौंदर्यनन्द महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरअश्वघोष 

प्रश्न-कुमारसंभवम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास 

प्रश्न-नैषधीयचरितम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरश्रीहर्ष 

प्रश्न-शिशुपाल वध महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरमाघ 

प्रश्न-जानकीहरणम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकुमार दास 

प्रश्न-नाट्य शास्त्र के लेखक कौन है ?

उत्तरआचार्य भरत मुनि 

प्रश्न-काव्यालंकार के लेखक कौन है ?

उत्तरभामह 

प्रश्न-काव्यादर्श के लेखक कौन है ?

उत्तरदण्डी 

प्रश्न- ध्वन्यालोक के लेखक कौन है ?

उत्तरआनन्दवर्धन 

प्रश्न-काव्यमीमांसा के लेखक कौन है ?

उत्तरराजशेखर 

प्रश्न- सरस्वती कण्ठाभरणम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभोजराज 

प्रश्न-साहित्य दर्पण के लेखक कौन है ?

उत्तरविश्वनाथ 

प्रश्न- रसगंगाधर के लेखक कौन है ?

उत्तरपण्डितराज जगन्नाथ 

प्रश्न- स्वप्नवासवादात्तमके लेखक कौन है ?

उत्तरभास 

प्रश्न- आदिकवि के नाम से किसे जाना जाता है ?

उत्तरवाल्मीकि

प्रश्न - नामलिङ्गानुशासन किस ग्रन्थ का नाम है ?

उत्तरअमरकोष

प्रश्न - रावणवधमहाकाव्यम् किस ग्रन्थ का नाम है ?

उत्तरभट्टिकाव्यम्

प्रश्न - किस काव्य को आदिकाव्य कहा जाता है ?

उत्तररामायण

प्रश्न – कवालम नारायण पणिक्कर संस्कृत के किस क्षेत्र के लिए जाने जाते थे ?

उत्तर- संस्कृत रंगमंच निर्देशक

 

संकेत-

अन्नं भट्ट - तर्कसंग्रह

वरदराज - लघुसिद्धान्तकौमुदी

केशव मिश्र - तर्कभाषा

वैदिक साहित्य

प्रश्न - वेद कितने होतें हैं ?

उत्तरचार 

प्रश्न - चार वेद कौन-कौन से हैं ?

उत्तरऋग्वेद,सामवेद,यजुर्वेदअथर्ववेद 

प्रश्न- वेदत्रयी में कौन कौन से वेद आते हैं

उत्तर- ऋग्, यजुष् तथा साम

प्रश्नयजुर्वेद के कितने भाग होतें हैं ?

उत्तर-यजुर्वेद के दो भाग होतें हैं  

प्रश्नयजुर्वेद के दोनों भागों का नाम क्या है ?

उत्तर- कृष्ण यजुर्वेदशुक्ल यजुर्वेद 

प्रश्न- वेदाङ्ग (शास्त्रकितने होतें हैं ?

उत्तरवेदाङ्ग छह होते हैं 

प्रश्न- छह वेदाङ्ग कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- छन्दकल्पज्योतिषनिरुक्तशिक्षाव्याकरण   

छन्दः पादौ तु वेदस्य हस्तौ कल्पोऽथ पठ्यते ।

ज्योतिषामयनं चक्षुर्निरुक्तं श्रोत्रमुच्यते ।।

शिक्षा घ्राणं तु वेदस्य मुखं व्याकरणं स्मृतम् ।।

तस्मात्साङ्गमधीत्यैव ब्रह्मलोके महीयते ।।

अर्थ:- वेदरुपी पुरुष के छन्द पैर हैं,कल्प उसके दो हाथ हैं,ज्योतिष दो नेत्र हैं,निरुक्त दो कान हैं,शिक्षा नासिका है और व्याकरण मुख है।अतः अंगों सहित वेद का अध्ययन करके ही मनुष्य ब्रह्मलोक को प्राप्त होता है।

प्रश्न - प्रमुख उपनिषदों की संख्या  कितनी है ?

उत्तर-  ग्यारह।

प्रश्न - उपनिषदों के नाम बताएँ ?

उत्तर- 01- ईश (ईशावास्य)  02- केन  03- कठ 04- प्रश्न  05- मुंडक  06- मांडूक्य  07- ऐतरेय 08- तैत्तिरीय 09- छान्दोग्य 10- वृहदारण्यक 11- श्वेताश्वतर ।

प्रश्न - सबसे छोटी उपनिषद् कौन है ?

उत्तर - ईशावास्योपनिषद्

प्रश्न - सबसे बड़ी उपनिषद् कौन सी है ?

उत्तर- बृहदारण्यकोपनिषद् 

प्रश्न - वेदों के ब्राह्मण का नाम बताएँ ?

        वेद              ब्राह्मण

1 - ऋग्वेद      -     ऐतरेय

2 - यजुर्वेद      -     शतपथ

3 - सामवेद     -    ताण्ड्य

4 - अथर्ववेद   -   गोपथ

दर्शन आधारित प्रश्न -

प्रश्न - वैदिक दर्शन कितने हैं ?

उत्तरषड्दर्शन (:दर्शनहैं 

प्रश्न - षड्दर्शनों के नाम बताइये 

उत्तर- सांख्यदर्शन,योगदर्शन, न्यायदर्शन, वैशेषिकदर्शन, पूर्व मीमांसा एवं उत्तर मीमांसा (वेदान्तदर्शन)

प्रश्न - सांख्यदर्शन के अनुसार कितने तत्त्व होते हैं ?

उत्तर25

प्रश्न - सांख्यदर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरतीन 

प्रश्न - सांख्यदर्शन के तीन प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण ,अनुमान प्रमाण तथा शब्द प्रमाण 

प्रश्न - योगदर्शन में कितने पाद हैं ?

उत्तर-  चार पाद 

प्रश्न - योगदर्शन का प्रथम सूत्र क्या है ?

उत्तरअथ योगानुशासनम् 

प्रश्न - योग दर्शन में कितने योगों का वर्णन है?

उत्तरअष्टाङ्ग योग

प्रश्न - अष्टाङ्ग योग कौन कौन सा है ?

उत्तरयमनियम,आसान,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणाध्यान और समाधि 

प्रश्न - योगदर्शन के अनुसार कितने तत्त्व होते हैं ?

उत्तर26

प्रश्नयोग दर्शन को और किस नाम से जानते हैं ?

उत्तरसेश्वर सांख्य के नाम से 

प्रश्न - न्यायदर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  सोलह 

प्रश्न - न्यायदर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरचार 

प्रश्न - न्यायदर्शन के चार प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण ,अनुमान प्रमाण ,उपमान प्रमाण,तथा शब्द प्रमाण 

प्रश्न - न्यायदर्शन में गुणों की संख्या कितनी  हैं ?

उत्तरचतुर्विंशति गुणाः 24 

प्रश्न - अनुमान प्रमाण के कितने भेद हैं ?

उत्तरदो भेद 

प्रश्न - वैशेषिकदर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  पदार्थ 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  पदार्थ 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरछह प्रमाण।

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के छह प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द तथा अर्थापत्ति और अनुपलब्धि ।

प्रश्न -  उत्तर मीमांसा दर्शन में कितने कोषों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  कोष 

प्रश्न - उत्तरमीमांसा दर्शन के अनुसार 5 कोष कौन-कौन हैं ?

उत्तरअन्नमय कोषमनोमय कोष,प्राणमय कोष,विज्ञानमय कोष और आनन्दमय कोष 

 विषय के प्रवर्तक आचार्य

1-  न्याय दर्शन  - गौतम ।

2- वैशेषिक दर्शन  - कणाद ।

3- योगदर्शन  - पतंजलि ।

4- मीमांसा दर्शन  - जैमिनी ।

5- सांख्य दर्शन  - कपिल ।

6- वेदांत दर्शन  - व्यास ।

7-  नव्यन्याय दर्शन  - गंगेशोपाध्याय ।

प्रश्न - उत्तर मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर- वादरायण व्यास ।

प्रश्न - न्याय दर्शन के अनुसार कर्म कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर- 5

प्रश्न - यथार्थानुभव कितने प्रकार का है ? उत्तर- चतुर्विध

 

(खण्ड 2)

                सामान्य ज्ञान

संस्कृत ई अध्ययन

प्रश्न - क्या ई-टेक्स्ट को संशोधित (एडिट) किया जा सकता है ?

उत्तर  हाँ, संशोधित किया जा सकता है।

प्रश्न - ई टेक्स्ट (e- text) के रूप में वृत्ति भाष्य आदि सहित अष्टाध्यायी पुस्तक किस वेबसाइट पर उपलब्ध है ?

उत्तर - अष्टाध्यायी.कॉम https://ashtadhyayi.com/

प्रश्न - https://www.himsanskritam.com/ हिमसंस्कृतम् डॉट कॉम समाचार, व्यापार, कानून, चिकित्सा में से किससे सम्बन्धित है?

उत्तर - समाचार

प्रश्न - संस्कृत विकिपिडिया की सह परियोजनाओं में से किसी दो का नाम बतायें

उत्तर - विकिस्रोतः, विकिसूक्तिः, विकिशब्दकोशः, विकिमीडिया, मेटाविकि, विकिकामन्स ।

प्रश्न - ई-पाठ्य से सम्बन्धित किसी दो ब्लॉग का नाम बताइये ?

उत्तर - https://sanskritbhasi.blogspot.com/ संस्कृतभाषी

उत्तर - https://knowledgology.com

प्रश्न - https://egyankosh.ac.in/ क्या है। इसे किस शैक्षणिक संस्था ने विकसित कराया ?

उत्तर यह एक राष्ट्रीय डिजिटल कोश है। इसे IGNOU ने विकसित कराया।

प्रश्न  ई - बुक क्या है?

उत्तर  ई- बुक (E-book) एक Non-editable पुस्तक है, जिसे किसी भी डिजिटल डिवाइस जैसे कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल डिवाइस पर पढ़ने के लिए डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित किया जाता है।

प्रश्न – ई -बुक के किसी एक फॉर्मेट का नाम बताये

उत्तर – EBUP ईपीयूबी (इलेक्ट्रॉनिक प्रकाशन), AZW, और PDF

प्रश्न - किन्हीं दो ई-बुक रीडर डिवायस का नाम बतायें

उत्तर - कंप्यूटरलैपटॉपटैबलेट और स्मार्टफोनब्यूबोर्डस्मार्ट बोर्ड, अमेजन किंडल, बार्न्स एंड नोबेल नुक, सोनी रीडर, एडोब डिजिटल एडिशन और गूगल प्ले बुक्स, राकुटेन का कोबो ।

प्रश्न - केन्द्रीय सरकार द्वारा ऑनलाइन लर्निंग के लिए उपलब्ध कराए गए किन्हीं दो वेबसाइट का नाम बताइये

उत्तर -

1.  SWAYAM भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है ।

2.  MOOC मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज़ (Massive Open Online Courses- MOOCs)

3.  ई-पीजी पाठशाला

4.  इडं केट (IndCat)

5.  शोधगंगोत्री

प्र प्रश्न  संस्कृत साहित्य उपलब्ध कराने वाले किन्हीं दो डिजिटल लाइब्रेरी का नाम बतायें

    उत्तर -

1. Government Sanskrit Libraries Network

भारत सरकार संस्कृत पुस्तकालय नेटवर्क

2.संस्कृत पुस्तकालयः The Sanskrit Library

 National Digital Library of India(NDLI)

3. नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया (एनडीएलआई) शिक्षा विभागभारत सरकार के अन्तर्गत संचालित एक वर्चुअल पुस्तकालय है।

प्रश्न- प्रो. मदनमोहन झा द्वारा निर्मित किसी तीन मोबाइल ऐप का नाम बताये

उत्तर- 1. संस्कृत हिन्दी डिक्सनरी, 2- संस्कृत अंग्रेजी डिक्सनरी, 3- धातुरूपमाला आफलाइन, 4- शब्दकल्पद्रुम 5- शब्दरूपमाला, 6- वाचस्पत्यम् 7- संस्कृत अष्टाध्यायी सूत्राणि, 8- पाणिनि अष्टाध्यायी, 9- धातुरूपमाला 10- एडुनेट, 11- सिद्धान्तकौमुदी, 12- अमरकोष. 13- अष्टाध्यायी चन्द्रिका, 14. हिन्दी शब्दकोश, 15. संस्कृत सचित्र शब्दकोश, 16. कृदन्तरूपदर्शिका, 17. कृदन्तसाधिका, 18. वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी (मूलपाठ) 19. संस्कृत स्वयं शिक्षक, 20. संस्कृत चित्रबोध, 21. संस्कृतभाषा दक्षता परीक्षण 22. शैक्षिकाभिरुचिपरीक्षण, 23. संस्कृतशास्त्रालोचनम् ।

 

(खण्ड 3)

संस्कृत भाषा दक्षता

 

वर्तनी ज्ञान (वर्ण विच्छेद) सहित अंतिम वर्ण को बोलना । जैसे – आवृ्त्ति - आ + व् + ऋ + त् + त् + इ (इकारान्त)

प्रश्न- "सौन्दर्य" यह पद किन - किन वर्णों के मेल से बना है ?

उत्तर - स्+ औ + न् + द् + अ+ र् + य् + अ (अकारान्त)

प्रश्न- "श्रृगाल" यह पद किन - किन वर्णों के मेल से बना है ?

उत्तर - श्+ऋ+ग्+आ+ल्+अ ( अकारान्त )

प्रश्न- "समृद्धि" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर स् +  + म् +  + द् + ध् +   (इकारान्त)

प्रश्न- "किञ्जल्क" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर क् +  + ञ् + ज् +  + ल् + क् +   (अकारान्त)

प्रश्न- "शाण्डिल्य" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर श्+ + ण् + ड् +  + ल् + य् +   (अकारान्त)

प्रश्न- "शर्मिष्ठा" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर श् +  + र् + म् +  + ष् + ठ् +    (आकारान्त)

प्रश्न- "काण्डम्" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर क् +  + ण् + ड् +  + म्  (मकार)

प्रश्न- "सांस्कृतिकी" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर स् +  + अनुस्वार + स् + क् +  + त् +  + क् +   (ईकारान्त)

प्रश्न- "कारण्डवाः" शब्द का वर्ण विच्छेद कीजिए तथा अन्तिम वर्ण बताइए ?

उत्तर क् + + र् +  + ण् + ड् +  + व् + आ + विसर्ग (आकारान्त)

संकेत-  इसी प्रकार छात्र / छात्राओं से अधोलिखित शब्दों का वर्ण विच्छेद तथा अंतिम वर्ण पूछें-

पुष्य । सर्पिः । उत्सर्ग । भ्रम। विभक्ति । सहस्र । शस्यम् । तद्धित। कृदन्त । प्रीति । कुण्डली। मञ्जूषा । अङ्ग । मण्डन । उच्चलितः । प्लुत । प्रगृह्य । आर्धधातुक । सम्राट् । विसृष्ट । पार्श्वद्रुमः । प्रसून । कौण्डिन्य। श्रेण्य । ईदूतौ । प्रथमा । द्वितीया । तृतीया । चतुर्थी । पञ्चमी । षष्ठी । प्रतिष्ठा । उच्छिष्ट । सप्तमी। अश्वघोष।  मुद्राराक्षस । विपर्यय । आम्रेडित । मत्वर्थ । ईप्सित । प्रीयमाण । सन्निकर्ष । संस्कृत । शब्द । आविष्कृत । सन्धि । स्वरूप । उच्चारण । जिह्वा । प्रयत्न । व्याकरण । अत्यन्त । परिमार्जित । वैज्ञानिक । अयोध्या । साहित्य।  व्याकरण।  ज्योतिष।  अर्वाचीन।  प्राचीन।  क्षीर।  शिष्य।  पुराण।  बौद्ध ।  बृहस्पति।  ब्राह्मण।  क्षत्रिय।  वैश्य।  कुतर्क।  कस्कादि।  ऋग्वेद।  यजुर्वेद।  अथर्ववेद।  शास्त्र।  श्रुति।  स्तुति।  गार्ग्य।  तार्किक।  अतर्क्य।  यथार्थ।  सिद्धान्त । प्रायश्चित्त । कृच्छ्र । मैत्रायणी।  प्रातिशाख्य।  पौष्कर।  माण्डूक्य।  बार्हस्पत्य। कल्पद्रुम।  काशकृत्स्न।  स्फोटायन। आत्यन्तिक । चाक्रवर्मण। उपपन्न । प्रत्याहार।  भर्तृहरि।  अव्ययीभाव।  तत्पुरुष।  द्वन्द्व।  बहुव्रीहि। प्रतीयमान।  व्यतिहार ।

भोज्य एवं पेय पदार्थों के नाम

प्रश्न- मक्खन को संस्कृत में क्या कहते हैं?

नवनीतम् ।

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

अचार - सन्धितम्आसुतम् । अण्डा - अण्डःअण्डम् । अदरक - आर्द्रकम् । अनाज- अन्नम्शस्यम्। अरहरआढकी। आटा- चूर्णम्पिष्टम् । आलू- आलुः ।इमरती - अमृती । इमली- तिन्तङीफलम् । इलायची- एला । ककड़ी - कर्कटिका ।कचनार- काञ्चनारः ।कचौड़ी- कचौरिकामाषगर्भाशष्कुलीपिष्टिका  कचौरी - पिष्टिका । कढ़ी- क्वथितातेमनम् । कद्दू - तुम्बीअलाबुः । कलाकन्द - कलाकन्दः । केतली - कन्दुः । कॉफीकफघ्नी। खट्टा-     अम्लम् । खिचड़ी - कृशराकृशरः । खीर- पायसम्क्षीरान्नम्। खीरा - चर्भटिः ।खोआ - किलाटः ।गुलाबजामुन - दुग्धपूपिका । गेहूँ- गोधूमः । घी- घृतम्आज्यम्सर्पिः । चटनीअवलेहः । चना-चणकः ।चमचम- चमनम् ।चाय - चायम् । चावल - तण्डुलः ।चिउड़ा- चिपिटान्नम् । चीनी-सिता । जलपान- जलपानम्अल्पाहारःस्वल्पाहारः । जलेबी - कुण्डलीकुण्डलिका । जौ-यवः । टाफी- गुल्यः । टी-पार्टी - सपीतिः प्रीतिभोजः । टोस्ट- मृष्टापूपः । ठण्डा – शीतलम्शीतम् ।डबलरोटी - अभ्यूषः ।तरकारीसब्जी - व्यञ्जनम्शाकम् । ताजा- अभिनवः । तिल- तिलः ।तीसी- अतसी। दही -दधि । दहीबड़ा- दधिवटकः । दाल(कच्ची दली हुई)- द्विदलम् । दाल (पकी) - सूपः । दालभरी पूरी- शष्कुली । दालमोट - दालमुद्गः । दूध - दुग्धम्पयः । धान- धान्यम्शालिः । नमकीन - लवणान्नम्लावण्यम् । नशा- मदःमत्तता ।पकवान - पववान्नम् । पका अन्न- सिद्धान्नम् । परबल - पटोलम् । पराठा- पोलिकाप्ररोटिकाप्ररोटः । पानी- जलम्, नीरम्पयः । पानीपूरीजलपूरिका। पापड़ -पर्पटः । पुलाव – पुलाकः ।पुआ - पूपःपीठिका  पुदीना-अजगन्धः । पूरी - शष्कुलीपूलिका,  पूरिका । पेड़ापिण्डः। प्याज - पलाण्डुः । प्रातःकालीन जलपानप्रातराशः।फुलौरी- माषवटीपोटलीपुष्पवटी । बड़ा - वटकः । बताशा - वाताशः । बरफी - हैमी । बर्फ - हिमम् । बालुशाही - मधुमण्ठः । बिस्कुट - पिष्टकः । बैगन- वृन्ताकम्भण्टाकी । भात - ओदनम्भक्तम्  भाँग - भङ्गामातुलानी । भिंडीभिण्डकः । मकई - मकायः । मक्खन-नवनीतम्।मटर- वर्तुलःकलायः । मठरी- मठरम् । मलाई – सन्तानिका । मसाला- उपस्करः । मालपुआ – अपूपः । मावा – किलाटः ।मिठाई - मिष्टान्नम्मोदकम्मिष्टम् । मिस्री – सिता । मुरब्बामिष्टपाकः । मूंग – मुद्गः । मूली – मूलिका । रसगुल्ला - रसगोल: । रसोई – पाकशाला । राजमा- राजमाषः । रायता-राज्यक्तम् । रोटी-रोटिका । लड्डू – मोदकःलड्डुकःलड्डुः ।लस्सी – दाधिकम् । लहसुन – लशुनम् । लावालैया- लाजाः । लौंग – लवङ्गम् । शक्कर — शर्करा । शरीफा – सीताफलम् ।शहद – मधु । सिंघाड़ा - शृंगाटकम् । सरसों - तन्तुकःसर्षपः । सलाद - शदःसलादः।साग - शाकःशाकम् । सुपारी - पूगीफलम्पूगम् । सेमसिम्बा  सेवईसूत्रिका । सोंठ- शुण्ठीशुष्कमार्दकम्। सौंफ-शतपुष्पासिच्छत्राअतिच्छत्रामिसिःमधुरा । हलवा- संयावःसंयावकम्लप्सिका । हल्दी – हरिद्रा ।

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