मैं
सीखने के लिए रेडियो, पत्र-पत्रिकाओं या टेलिविजन पर आने वाले कार्यक्रमों जैसे संसाधनों का उपयोग करता हूँ। पाठ्यपुस्तक से परे संसाधनों का
बार-बार और प्रासंगिक उपयोग मुझमें बेहतर सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
क्योंकि
संस्कृत
संसाधन सस्ते होते हैं और वे मेरे आसपास सुलभ हैं।
ये
संसाधन परीक्षाओं में छात्रों की मदद करते हैं।
मेरे
पास अन्य संसाधनों का उपयोग करने के लिए काफी समय रहता है। इससे मैं आपने पाठ्यक्रम को अच्छी तरह तैयार कर पाता हूँ।
मेरे
जैसे छात्रों को अब संस्कृत के पाठ्यपुस्तकों के साथ कठिनाई नहीं होती है। मैं
संस्कृत संसाधनों को ठीक से समझ पाता हूँ।
कोई
भी छात्र संस्कृत भाषा की पढ़ाई में पाठ्यपुस्तक से इतर अन्य संसाधनों का उपयोग कर सकता
है। इन संसाधनों का महंगा होना जरूरी नहीं है और ये अन्य भाषाओं
जैसे हिन्दी, गुजराती, बंगला आदि में भी हो सकते हैं। संस्कृतभाषी
जैसा ब्लॉग छात्र और शिक्षक समुदाय के लिए आसानी से सुलभ हैं।
मैं
पाठ्यपुस्तक से परे संस्कृत को समझने के लिए विडियो जैसे संसाधनों का भी उपयोग
करता हूँ। हम आपको अन्य प्रकारों को बता
रहा हूँ, जिनका उपयोग आप संस्कृत सीखने में कर सकते हैं।
1. पुस्तकालय एवं ई - पुस्तकालय जैसे साइट की किताबें
2. कॉमिक्स
3. विडियो
4. चित्र, तस्वीरें
या रेखाचित्र
5. समाचार
पत्रों में संस्कृत से सम्बन्धित लेख
6. संस्कृत
की पत्रिका
7. संस्कृत
क्षेत्र की गतिविधियाँ (रिपोर्ट)
8. ब्रोशर
9. लोकप्रिय
गीत
10. संस्कृत
से सम्बन्धित रेडियो कार्यक्रम
11. संस्कृत
से सम्बन्धित टीवी कार्यक्रम
12. इंटरनेट
युक्त फोन
13. कंप्यूटर
और इंटरनेट
14. सोशल
मिडिया पर संस्कृत के समूह
इन
संसाधनों में से कौन –कौन संसाधन आपको
सुलभ हैं , लेकिन आप इस्तेमाल नहीं करते हैं? यह
सूची संदर्भ के लिए रखें और इनमें से उपलब्ध संसाधनों की समीक्षा
करें कि आखिर आप इनका उपयोग क्यों नहीं कर पाते। यदि इनमें से कुछ संसाधन या सभी संसाधनों से आप अपरिचित हैं तो आप लेख के अंत में टिप्पणी अनुच्छेद में अपनी बात लिखकर मुझसे सम्पर्क कर सकते हैं।
क्रमशः---
संस्कृत
पत्रिकाओं की कहानियों का उपयोग कर संस्कृत भाषा सीखना।
संस्कृत
भाषा सीखने के लिए समाचार पत्र और पत्रिकाएं बहुत उपयोगी संसाधन सिद्ध हो सकते हैं, उनमें
प्रयुक्त भाषा चाहे जैसी हो। ऐसा इसलिए क्योंकि,इनकी विषय-वस्तु, सामान्य
पाठ्यपुस्तक की सामग्री से अधिक समसामयिक और दिलचस्प होती है। ये
आसानी से उपलब्ध हैं। पुस्तकों की अपेक्षा समुचित रूप से सस्ते होते हैं।
संस्कृत
की बाल पत्रिकाओं तथा ई – पत्रिकाओं में विभिन्न प्रकार की सामग्री होती है, जैसे- विज्ञापन, तस्वीरें, सुर्खियाँ,
पत्र, कहानियाँ और विभिन्न विषयों पर लेख। ये पाठ्य पुस्तकों की तुलना में अलग तरह की भाषा के संपर्क में लाते हैं, क्योंकि पत्रिकायें भाषा
सीखने वालों को केन्द्र में रखकर प्रकाशित नहीं होती।
टेलिविजन
का उपयोग करना
अब
लगभग सभी के घरों में टेलिविजन उपलब्ध हैं,
इसलिए टेलिविजन
कार्यक्रम एक संसाधन हैं। आप यहाँ देखे गए नाटकों या समाचारों का उपयोग संस्कृत बोलने और लिखने की गतिविधियों
के लिए आधार के रूप में कर सकते हैं। भारत में संस्कृत भाषा की फिल्में,
वैदिक चैनल,
D D के चैनल और समाचार
चैनल उपलब्ध हैं। इनमें संस्कृत के कार्यक्रम आते हैं। जिन टेलीविजन कार्यक्रमों
में आपको दिलचस्पी है और जिनके देखे जाने की अधिक संभावना है उन्हें चुनने से संस्कृत
बोलने और लिखने की प्रेरणा में वृद्धि होगी।
महोदय !
जवाब देंहटाएंसादरं वन्दनानि ।
अहं संस्कृतानुरागी ज्येष्ठ-नागरिकः अस्मि । संस्कृत-विषये का अपि लौकिकी अर्हता नास्ति । एतत् अभिव्यक्ति-स्थानं (blog) प्रस्तुतीकरणे अन्येभ्यः भिन्नम् अनुभूतम् । समाधानं प्राप्तवान् अहम् । धन्यवादाः ! अनुगृहीतोस्मि ।
----- मोहनः ।