स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षा हेतु संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर

 स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षा हेतु आयोजित होने वाली संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताममंडल तथा राज्य स्तर पर आयोजित की जाएगी। मंडल स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने पूर्व प्रतिभागियों की ऑनलाइन अर्हता परीक्षा ली जाएगी। इस परीक्षा में उत्तीर्ण करने वाले प्रतिभागी मंडल में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने के अर्ह होंगें। ऑनलाइन अर्हता परीक्षा जूम या मीट पर मौखिक अथवा गूगल फार्म पर बहुविकल्पीय प्रश्न के माध्यम से ली जा सकती है। 

इस प्रतियोगिता में दो तरह के प्रश्न आते हैं।

1. मंडल की प्रतियोगिता में संस्कृत सामान्य ज्ञान ।

2. राज्य स्तर पर संस्कृत विषयों का सामान्य ज्ञान।

संस्कृत सामान्य ज्ञानः- इसमें संस्कृत से जुड़ी सामान्य जानकारी यथा- संस्कृत संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, पुस्तकालयों के परिचय तथा उनके कार्य, विभिन्न संस्थाओं का संस्कृत में ध्येय वाक्य, गीत और गीतकार, पुरस्कार, जयन्ती, चलचित्र, समाचार पत्र, संस्कार, आयोजन, व्रत पर्वों की तिथियाँ तथा संस्कृत ई-अध्ययन से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते है।

👉 प्रतियोगिता की तैयारी तथा नमूना प्रश्न पत्र अधोलिखित लिंक पर उपलब्ध हैं। रंगीन अक्षर में लिखे पंक्ति पर क्लिक कर प्रतियोगिता की तैयारी करें।

संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर (खण्ड 1) मंडल स्तरीय प्रतियोगिता हेतु

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👉राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वेद, उपनिषद्, संस्कृत साहित्य, व्याकरण, भाषा विज्ञान, साहित्यज्योतिष, आयुर्वेद, इतिहास पुराण आदि विषयों से जुड़े प्रारंभिक स्तर के प्रश्न पूछे जाते हैं।

संस्कृत विषयों का सामान्य ज्ञान

व्याकरण

 

संज्ञा सूत्र-

प्रश्न - पाणिनि सूत्र के कितने भेद हैं ?

उत्तर – छः

प्रश्न - पाणिनि सूत्रों के भेद का नाम बोलिए ।

उत्तर - सञ्ज्ञा च परिभाषा च विधिर्नियम एव च।

अतिदेशोऽधिकारश्च षड्विधं सूत्रलक्षणम्॥

प्रश्न - पाणिनि सूत्र के अनुसार अनुवृत्ति शब्द को स्पष्ट कीजिए?

उत्तर - किसी पूर्ववर्ती सूत्र का कोई पद जब आगे आने वाले एक या अधिक सूत्रों से जुड़कर कार्य करता है, उसे  अनुवृत्ति कहते है।

प्रश्न - माहेश्वर सूत्रों की संख्या कितनी है ?

उत्तर - 14

प्रश्न - माहेश्वर सूत्र में इत्संज्ञक वर्ण कितने हैं ?

उत्तर – 15

प्रश्न - यण् संधि विधायक सूत्र बताइये ?

उत्तर - इको यणचि

प्रश्न - टुनादि में ट् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - आदिर्ञिटुडवः

प्रश्न - शप् में श् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - लशक्वतद्धिते

प्रश्न - डाप् के ड् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - चुटू

प्रश्न - यण् संधि का सूत्र बताइये ।

उत्तर - इको यणचि

प्रश्न - अंतिम हल् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होती है ?

उत्तर - हलन्‍त्‍यम्

प्रश्न - किस सूत्र से इत्संज्ञक वर्ण क लोप संज्ञा होती है ?

उत्तर - अदर्शनं लोपः

प्रश्न - किस प्रत्यय की निष्ठा संज्ञा होती है ?

उत्तर - क्त तथा क्तवतु प्रत्यय की निष्ठा संज्ञा होती है ।

प्रश्न – आम्रेडित संज्ञा किसकी होती है ? एक उदाहरण दीजिए ।

उत्तर - जो हो बार कहा गया हो, उसके पर (बाद) वाले रूप की आम्रेडित संज्ञा होती है। जैसे- कान् कान् ।

प्रश्न – अव्यय संज्ञा करने वाले 5 सूत्रों में से निपात को अव्यय संज्ञा करने वाला सूत्र बोलिये ?

उत्तर - स्वरादिनिपातमव्ययम् ।

प्रश्न – अव्यय प्रातिपदिक होता है अथवा धातु ?

उत्तर - अव्यय प्रातिपदिक होता है ।

प्रश्न अव्यय से होने वाले सुप्-प्रत्ययों का लुक् होता है अथवा लोप होता है ?

उत्तर – सुप् प्रत्ययों का लुक् होता है ।

प्रश्न - लघु संज्ञा किन वर्णों की होती है ?

उत्तर - ह्रस्व वर्णों की लघु संज्ञा होती है।

प्रश्न - संयुक्त अक्षरों की अन्य कौन संज्ञा है ?

उत्तर - गुरु संज्ञा होती है।

प्रश्न - किस वर्ण को सम्प्रसारण कहा जाता है ?

उत्तर - यण्  (य्व्र्ल्) वर्ण के स्थान पर होने वाले इक्  (इऌ ) वर्ण को सम्प्रसारण कहा जाता है।

प्रश्न - य् वर्ण के स्थान पर होने वाले इ सम्प्रसारण का एक उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - यज् = इज्इज्यते ।

प्रश्न - व् वर्ण के स्थान पर होने वाले इ सम्प्रसारण का एक उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - व् = उउच्यते । त्र् = तृतृतीय ।

प्रश्न - प्रगृह्यसंज्ञा किसे होती है ?

उत्तर - ऐसा द्विवचन जिसके अंत में ईऊ तथा ए हो उसकी प्रगृह्यसंज्ञा होती है।

प्रश्न – मूर्धा और दन्त वर्ण की सवर्ण संज्ञा विधायक वार्तिक का नाम बोलिये।

उत्तर  ऋऌवर्णयोर्मिथः सावर्ण्यं वाच्यम् ।

प्रश्न – रामः श्यामश्च गच्छतः में आये हुए च एक पद है, इसे सिद्ध कीजिए ?

उत्तर – च सुबन्त अव्यय है। सुप्तिङन्तं पदम् से इसकी पद संज्ञा होती है। अव्यय से स्वादि की उत्पत्ति तथा लुक् हो जाता है।

प्रश्न – टित् का आगम किसका अवयव होता है ?

उत्तर – आदि का अवयव होता है

प्रश्न – पद संज्ञा करने वाला कोई दो सूत्र बोलिये ?

उत्तर सुप्तिङन्तं पदम्, नः क्ये, सिति पदम् ।

प्रश्न - वेदाङ्ग में व्याकरण को शरीर का कौन सा अंग कहा गया है ?

उत्तर – मुख

प्रश्न - हल् सन्धि में स्वर वर्णों की संधि होती है अथवा व्यंजन वर्णों की  ?

उत्तर – व्यंजन वर्णों की  सन्धि होती है।

1. प्रश्न-कति माहेश्वरसूत्राणि सन्ति ?

उत्तरम् - चतुर्दश।

2. प्रश्न-माहेश्वराणि इत्यत्र कः प्रत्ययः?

उत्तरम् अण् प्रत्ययः ।

3. प्रश्न-किमर्थानि माहेश्वरसूत्राणि?

उत्तरम् - प्रत्याहारसंज्ञार्थानि ।

4. प्रश्न-माहेश्वरसूत्रेषु अन्त्या भवन्ति?

उत्तरम् इत्संज्ञका ।

5. प्रश्न "आदिरन्त्येन सहेता" अनेन सूत्रेण विधीयते ?

उत्तरम् - प्रत्याहारसंज्ञा ।

6. प्रश्न-कति प्रत्याहाराः सन्ति ?

उत्तरम् - त्रिचत्वारिंशत् ।

7. प्रश्न-केषां वर्णानाम् उदात्त-अनुदात्त-स्वरित संज्ञाः भवन्ति?

उत्तरम्- स्वरवर्णानाम् (अचाम्)

8. प्रश्न-अऋ वर्णानां प्रत्येकस्य भेदाः भवन्ति?

उत्तरम् अष्टादश।

9. प्रश्न-एऔ वर्णानां प्रत्येकस्य भेदाः भवन्ति ?

उत्तरम् - द्वादश।

10. प्रश्न "तुल्यास्य प्रयत्नं सवर्णम्" अनेन सूत्रेण विधीयते ?

उत्तरम् - सवर्णसंज्ञा।

11. प्रश्न-अ-कवर्गः हकार-विसर्ग वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति?

उत्तरम् - कण्ठः ।

12. प्रश्न-इ-चवर्गः य श वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति ?

उत्तरम् - तालु।

13. प्रश्न-ऋ-टवर्गः र ष वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति ?

उत्तरम् - मूर्धा।

14. प्रश्न-लृ-तवर्गः ल स वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति ?

उत्तरम्- दन्तः ।

15. प्रश्न-उ-पवर्गः उपध्मानीयः वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति ?

उत्तरम् - ओष्ठः ।

16. प्रश्न-ओ औ वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति?

उत्तरम् - कण्ठौष्ठ्य ।

17. प्रश्न-एकारः ऐकारः वर्णानाम् उच्चारणस्थानमस्ति ?

उत्तरम् - कण्ठतालुः ।

18. प्रश्न-ञमङण न वर्णानां विशेषस्थानम् अस्ति?

उत्तरम् - नासिका ।

19. प्रश्न-प्रयत्नः कतिविधः भवति ?

उत्तरम् - द्विविधः ।

20.प्रश्न-आभ्यन्तरप्रयत्नः कतिविधः के च ते?

उत्तरम्- चतुर्विधःस्पृष्टःईषत्स्पृष्टःविवृतःसंवृतश्च ।

21. प्रश्न-बाह्यप्रयत्नः कतिविधः के च ते?

उत्तरम्-एकादशविवारःसंवारःश्वासःनादःघोषःअघोषःअल्पप्राणःमहाप्राणः,

उदात्तःअनुदात्तःस्वरितश्च ।

22. प्रश्न-स्पर्शाः वर्णाः के सन्ति ?

उत्तरम् - कवर्गतः पवर्ग पर्यन्तम्।

23. प्रश्न-अन्तःस्थाः वर्णाः सन्ति ?

उत्तरम्- यव।

24. प्रश्न-ऊष्मवर्णाः सन्ति ?

उत्तरम् - शह।

25. प्रश्न-वर्गस्य प्रथम-तृतीय-पञ्चमवर्णानाम् अन्तःस्थानाञ्च बाह्यप्रयत्नः अस्ति?

उत्तरम् - अल्पप्राणः ।

26. प्रश्न-वर्गस्य द्वितीयचतुर्थवर्णानाम् ऊष्माणाञ्च बाह्यप्रयत्नः अस्ति?

उत्तरम् महाप्राणः।

27. प्रश्न-वृद्धिसंज्ञाविधायकं सूत्रम् ?

उत्तरम् - वृद्धिरादैच् ।

28. प्रश्न-आऔ एते वर्णाः सन्ति?

उत्तरम् - वृद्धिसंज्ञकाः ।

29. प्रश्न-गुणसंज्ञा केन सूत्रेण विधीयते ?

उत्तरम्- अदेङ्गुणः।

30. प्रश्न-गुणसंज्ञकाः वर्णाः सन्ति?

उत्तरम्-अओ।

31. प्रश्न-प्रादीनां क्रियायोगे भवति ?

उत्तरम्-उपसर्गसंज्ञा ।

32 . प्रश्न-कति उपसर्गाः?

उत्तरम्-द्वाविंशतिः ।

33. प्रश्न-" अवसान" संज्ञा केन सूत्रेण भवति ?

उत्तरम्- "विरामोऽवसानम्" ।

34. प्रश्न-"संहिता" संज्ञा केन सूत्रेण भवति ? उत्तरम्-" परः सन्निकर्षः संहिता"।

35. प्रश्न-"पद" संज्ञा केन सूत्रेण भवति ? उत्तरम्- "सुप्तिङन्तं पदम्"।

36. प्रश्न-संयोगसंज्ञा विधायकं सूत्रम् ? उत्तरम्-"हलोऽनन्तरा संयोगः"।

37. प्रश्न-हूस्वस्य स्वरवर्णस्य भवति ?

उत्तरम् - लघुसंज्ञा ।

38. प्रश्न-संयोगे परे हस्व स्वरस्य एवं दीर्घ स्वरस्य संज्ञा भवति ?

उत्तरम् - गुरुसंज्ञा ।

39. प्रश्न-नदी संज्ञा विधायकं सूत्रं किमस्ति ?

उत्तरम् - "ङिति ह्रस्वस्य"।

40. प्रश्न-"मति ङे मत्यै" अत्र "मति" इत्यस्य नदी-संज्ञा केन सूत्रेण भवति ?

उत्तरम् - "यू स्त्र्याख्यौ नदी"

41. प्रश्न-यू स्त्र्याख्यौ नदी" इति सूत्रे "यू" इत्यनेन कयोः वर्णद्वयोः बोधो भवति ?

उत्तरम् - ईऊ।

42. प्रश्न-"घि" संज्ञा केन सूत्रेण भवति ?

उत्तरम्-"शेषो घ्यसखि"।

43. प्रश्न-ङित् विभक्तिौ केन सूत्रेण "घि" संज्ञकं गुणो विधीयते ?

उत्तरम्-घेङिति ।

44. प्रश्न-"घि" संज्ञकेन विहित" ङि" विभक्तिं केन सूत्रेण औकारो भवति ?

उत्तरम् - अच्च घेः इति सूत्रेण।

45. प्रश्न-"शेषो घ्यसखि" इति सूत्रे "शेष" शब्द कया संज्ञया सम्बद्धः?

उत्तरम्- नदी-संज्ञा।

46.प्रश्न-प्रतिपदिकसंज्ञाविधायकं सूत्रं किम्?

उत्तरम्-अर्थवदधातुरप्रत्ययः प्रातिपदिकम् ।

47. प्रश्न-शब्दानुशासने प्रातिपदिकसंज्ञाविधायकानि कति सूत्राणि सन्ति?

उत्तरम् (02) द्वौ।

48. प्रश्न "कृत्तद्धितसमासाश्च" इति सूत्रेण का संज्ञा विधीयते?

उत्तरम् - प्रतिपदिकसंज्ञा।

49. प्रश्न-"दाशरथिः" अत्र कस्मिन् अर्थे प्रातिपदिक संज्ञा भवति ?

उत्तरम् - तद्धितान्तार्थे।

50. प्रश्न "कारकः" अत्र कीदृशः प्रातिपदिक संज्ञा भवति ?

उत्तरम् - कृदन्तार्थे ।

51 प्रश्न-"पीताम्बरः" अत्र कस्मिन् अर्थे प्रातिपदिक-संज्ञा भवति ?

उत्तरम् - समासान्तार्थे।

52 प्रश्न-"मृदु" इत्यस्य प्रातिपदिक संज्ञा केन सूत्रेण भवति ?

उत्तरम् - अर्थवदधातुरप्रत्ययः प्रातिपदिकम् ।

53 प्रश्न-केन सूत्रेण "उपधा" विधीयते ?

उत्तरम्-अलोऽन्यात्पूर्व उपधा।

54. प्रश्न-"अपृक्त" संज्ञा विधायकं सूत्र किम्?

उत्तरम् - अपृक्त एकाल्प्रत्ययः ।

55. प्रश्न-“लता सु लता स् लता" अत्र "स्" इत्यस्य लोपः कया संज्ञया सम्बन्धोऽस्ति ?

उत्तरम् - अपृक्त-संज्ञया

56. प्रश्न-गतिसंज्ञा केन सूत्रेण भवति ?

उत्तरम् - गतिश्च ।

57. प्रश्न-"आदर" " अनादर" अर्थयोः कयोः गति-संज्ञा भवतः?

उत्तरम्- सत्असत् इत्ययोः ।

58. प्रश्न-"गतिश्च" अस्मिन् सूत्रे विधेय "गति" संज्ञायाः किमुद्देश्यम् ?

उत्तरम् - प्रादयः ।

59. प्रश्न-"च्लि" प्रत्ययान्तस्य का संज्ञा भवति ?

उत्तरम् - गति-संज्ञा ।

60. प्रश्न-“ आदरानादरयो: सदसती" इति सूत्रेण कस्याः संज्ञायाः विधानं भवति ?

उत्तरम् - गति-संज्ञायाः।

61. प्रश्न -  आत्मा बुद्ध्या समेत्यार्थान्मनो युङ्क्ते विवक्षया । मनः कायाग्निमाहन्ति स प्रेरयति मारुतम् ।। यह श्लोक किस ग्रन्थ का है?

उत्तर – पाणिनि शिक्षा

62. प्रश्न -  "तृतीयासप्तम्योर्बहुलम्" इस सूत्र से क्या विधान किया जाता है?

उत्तर – तृतीया तथा सप्तमी में वैकल्पिक रूप से 'अम्' का विधान किया जाता है।

 

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

पद संज्ञा - सुप्‍तिङन्‍तं पदम्

गुण संज्ञा - अदेङ् गुणः

अनुनासिक अच् की इत् संज्ञा - उपदेशेऽजनुनासिक इत्

वृद्धि संज्ञा – वृद्धिरादैच्

टि संज्ञा -  अचोन्त्यादि टि

आम्रेडित संज्ञा तस्य परमाम्रेडितम्

सर्वनामस्थान संज्ञा सुडनपुंसकस्य, शि सर्वनामस्थानम् ।

अवसान संज्ञा - विरामोऽवसानम्

अभ्यास संज्ञा- पूर्वोऽभ्यासः

अपृक्त संज्ञा - अपृक्त एकाल्प्रत्ययः

निष्ठा - क्तक्तवतू निष्ठा

सम्प्रसारण संज्ञा- इग्यणः सम्प्रसारणम्

अधोलिखित पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या कीजिए-

अजन्त, अध्याहार, अनुबन्ध, आगम, आदेश, अनुवृत्ति, अव्यय, प्रातिपदिक, बहुलम्, महाप्राण, लघु, लुप्, प्रत्याहार, निष्ठा, विभाषा, समानाधिकरण, व्यधिकरण, सुबन्त, तिङन्त, पदान्त, सार्वधातुक, सेट्, अनिट्, उपसर्ग, प्रत्यय, उभयपद, उपधा, सर्वापहार लोप।

प्रत्याहार

प्रश्न- अक् प्रत्याहार में कौन-कौन वर्ण आते हैं ?

1. अक् = अ इ उ ऋ लृ

2. अच् =अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ

3. अट् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र

4. अश् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ड ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड द

5. अम् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ङ ण न

6. अल् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ङ ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड   द ख फ छ ठ थ च ट त क प य श ष स ह

इसी प्रकार हश्, हल्, यण्, यम्, यञ्, यय्, यर्, वश्, वल्, रल्, मय्, ङम्, झष्, शय्, झय्, झर्, झल्, भष्, जश्, बश्, खय्, खर्, छव्, चय्, चर्, शर्, शल् प्रत्याहरों के बारे में पूछें।

सन्धि

प्रश्न - शब्देतिहासः में कौन सी संधि हुई है ?

उत्तर - गुण संधि

प्रश्न - अत्याचार में कौन सी संधि है ?

उत्तर - यण् संधि

प्रश्न - भानूदयः में कौन सन्धि है ?

उत्तर - दीर्घ सन्धि

प्रश्न - बुधश्च में कौन सन्धि है ?

उत्तर - श्चुत्व सन्धि ।

प्रश्न - नदी+ उदकम् में संधि करिए ?

उत्तर - नद्युदकम्

प्रश्न - मध्वरि में कौन सी संधि है ?

उत्तर - यण्

प्रश्न - हरये में कौन सी संधि हैविच्छेद करिए ?

उत्तर - अयादिहरे + ए

अधोलिखित सन्धियुक्त पद को सन्धि विच्छेद करने, सन्धि विच्छेद को सन्धियुक्त पद बनाने और सन्धि विच्छेद वाले पद में सन्धि की प्राप्ति पूछा जा सकता है।

स्वर सन्धि – दीर्घ सन्धि

हिम + आलय = हिमालय

धन + अर्थः  = धनार्थ 

देव + आलयः = देवालयः

विद्या + अभ्यासः = विद्याभ्यासः     

विद्या + आलयः = विद्यालयः

कवि + इन्द्रः = कवीन्द्रः

रवि + इन्द्र = रवीन्द्र:

सु + उक्तिः = सूक्तिः

लघु + ऊर्मि = लघूर्मि

हिन्दू + उदयः = हिन्दूदयः

भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व

पितृ + ऋणम् = पितॄणम्

नारी + इन्दु = नारीन्दु

वधू + उत्सव = वधूत्सव

स्वर सन्धि – यण् सन्धि

नदी + अर्पण = नद्यर्पण

देवी + आगमन = देव्यागमन

सु + आगतम् = स्वागतम्

अनु + अय = अन्वय

अनु + एषण = अन्वेषण

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

स्वर सन्धि – अयादि सन्धि

तौ + एकता = तावेकता।

इन्द्रौ + उदिते = इन्द्रावुदिते।

ने + अन = नयन

गै + अक = गायक

स्वर सन्धि – गुण सन्धि

उप + इन्द्र: = उपेन्द्र:।

नर + इन्द्र = नरेन्द्र

नर + ईश = नरेश

माता + इव = मातेव

महा + उत्सव = महोत्सव

जल + ऊर्मि = जलोर्मि

महा + ऊर्मि = महोर्मि

देव + ऋषि = देवर्षि

महा + ऋषि = महर्षि

स्वर सन्धि – वृद्धि सन्धि

एक + एक = एकैक

मत + ऐक्य = मतैक्य

सदा + एव = सदैव

वन + ओषधि = वनौषधि

महा + ओषधि = महौषधि

परम + ओषध = परमौषध

स्वर सन्धि – पूर्वरूप सन्धि

ते + अपि = तेSपि

ततो + अगर्जद्धरिवरः  =  ततोऽगर्जद्धरिवरः

लोको + अयम् = लोकोSयम्

साधो + अत्र  = साधोऽत्र

स्वर सन्धि – पररूप सन्धि

प्र + एजते =  प्रेजते

उप + ओषति = उपोषति

स्वर सन्धि  प्रकृति भाव सन्धि

हरी + एतौ = हरी एतौ

विष्णू + इमौ = विष्णू इमौ

लते + एते = लते एते

अमी + ईशा = अमी ईशा

कमले + ईर्ष्यतः = कमले  ईर्ष्यतः

अच् सन्धि पर प्रश्न एवं उत्तर

1. प्रश्न: राम + ईश्वरः

उत्तर: रामेश्वरः

 2. प्रश्न: राजा + ईश्वरः

उत्तर: राजेश्वरः

 3. प्रश्न: गुरु + उपदेशः

उत्तर: गुरूपदेशः

 4. प्रश्न: देव + ऋषिः

उत्तर: देवर्षिः

 5. प्रश्न: राम + इति

उत्तर: रामेति

 6. प्रश्न: महा + ईश्वरः

उत्तर: महेश्वरः

 7. प्रश्न: रमा + उपासना

उत्तर: रमोपासना

 8. प्रश्न: सुन्दर + इति

उत्तर: सुन्दरेति

 9. प्रश्न: गण + उपासकः

उत्तर: गणोपासकः

 10. प्रश्न: सीता + ईश्वरः

उत्तर: सीतेश्वरः

 11. प्रश्न: भाव + अनुग्रहः

उत्तर: भावानुग्रहः

 12. प्रश्न: प्रभु + ईशः

उत्तर: प्रभ्वीशः

 13. प्रश्न: योग + उपदेशः

उत्तर: योगोपदेशः

 14. प्रश्न: गुण + उत्पत्तिः

उत्तर: गुणोत्पत्तिः

 15. प्रश्न: धर्म + अर्थः

उत्तर: धर्मार्थः

 16. प्रश्न: सीता + उपदेशः

उत्तर: सीतोपदेशः

 17. प्रश्न: वेद + अध्यायः

उत्तर: वेदाध्यायः

 18. प्रश्न: तपः + ऋषिः

उत्तर: तपर्षिः

 19. प्रश्न: देव + ईशः

उत्तर: देवेशः

 20. प्रश्न: कवि + उपदेशः

उत्तर: कव्युपदेशः

 

सन्धि विच्छेद

प्रश्न- पद्मासन का सन्धि विच्छेद कीजिए ।

उत्तर - पद्म + आसन

संकेत-

नदीस्तीर्त्वा = नदीः + तीर्त्वा (विसर्ग०) ।

रामपादावुपस्पृशन् = राम-पादौ + उपस्पृशन् (अयादि०) ।

नन्दिग्रामेऽकरोत् = नन्दिग्रामे + अकरोत् (पूर्वरूप ० ) ।

व्यञ्जन सन्धि (जश्त्व सन्धि)

दिग्गजः = दिक् + गजः

वागीशः = वाक् + ईशः

वागपि = वाक् + अपि ।

अजन्तः =  अच् + अन्तः ।

षडाननः  =  षट् + आननः ।

षट् दर्शनम्  =  षड्दर्शनम् ।

जगदीशः  =  जगत् + ईशः ।

सदाचारः  =  सत् + आचारः ।

सद्धर्मः  =  सद् + धर्मः ।

सुबन्तः  =  सुप्-अन्तः ।

महदौषधम्  =  महत्-औषधम् ।

चिद्रूपम्  =  चित् +रूपम् ।

यद्यत् = यत् + यत्  ।

वाग्विद् = वाक् + विद् ।

योद्धा = योध् + धा ।

लब्धः = लभ् + धः ।

चर्त्व सन्धि

विपत्कालः = विपत् + कालः ।

अनुनासिक सन्धि

एतत् + मुरारिः = एतन्मुरारिःएतद्मुरारिः

सत् + मनोहरम् = सन्मनोहरम्सद्मनोहरम्

ऋक् + मन्त्रः = ऋङ्मन्त्रः

षट् + मासाः = षण्मासाःषड्मासाः

सत् + मित्रम् = सन्मित्रम्

जगत् + नाथ = जगन्नाथः

दिक् + नागः = दिङ्नागः

 

अधोलिखित शब्दों का विभक्ति तथा वचन बताइये ।

आत्मनाम् (षष्ठी बहुवचन), राज्ञा (तृतीया एकवचन), विदुषः (पुंलिंग में द्वितीया बहुवचन तथा पञ्चमी/षष्ठी एकवचन । नपुंसक लिंग में पञ्चमी/षष्ठी एकवचन), मात्रोः (पञ्चमी/षष्ठी), वाचे (चतुर्थी एकवचन), सरिति (सप्तमी एकवचन), दिशाम् (षष्ठी बहुवचन), जगन्ति (प्रथमा बहुवचन), पयोभ्याम् (तृतीया/चतुर्थी/पञ्चमी द्विवचन), मनसी (द्वितीया द्विवचन), भवन्तम् (द्वितीया एकवचन), अमून् (द्वितीया बहुवचन), अमूषु (सप्तमी बहुवचन), विशालैः (तृतीया बहुवचन), शोभने (सप्तमी एकवचन), लघुनी (प्रथमा/द्वितीया द्विवचन), रमायै (चतुर्थी एकवचन), भानुभ्यः (चतुर्थी/पञ्चमी बहुवचन), पत्या (तृतीया एकवचन), गुर्वोः (पञ्चमी/षष्ठी द्विवचन), पितरौ (प्रथमा/द्वितीया द्विवचन), नदीभिः (तृतीया बहुवचन), धेन्वाम् (सप्तमी एकवचन), मधुने (चतुर्थी एकवचन), तस्मात् (पञ्चमी एकवचन), ये (प्रथमा द्विवचन/बहुवचन), महान्ति (प्रथमा/द्वितीया बहुवचन), तरङ्गैः (तृतीया बहुवचनदिशायाम् (सप्तमी एकवचन), त्रयाणाम् (सप्तमी बहुवचन), सागराणम् (सप्तमी बहुवचन), तिसृषु (सप्तमी बहुवचन),

कारक

प्रश्न - विभक्ति कितने प्रकार की होती है ?                          उत्तर - दो

प्रश्न - सम्प्रदान कारक में कौन सी विभक्ति होगी ?  उत्तर - चतुर्थी

प्रश्न - कर्म कारक में कौन सी विभक्ति होगी ?                     उत्तर - द्वितीया

प्रश्न - अधिकरण में कौन सी विभक्ति होगी ?                      उत्तर - सप्तमी

प्रश्न - तृतीया विभक्ति का सूत्र ?                                       उत्तर - कर्तृकरणयोस्तृतीया

प्रश्न - कारक कितने हैं ?                                                  उत्तर - छः

प्रश्न - संस्कृत के 6 कारकों का नाम बताईये

उत्तर - कर्त्ताकर्मकरणसम्प्रदानअपादान और अधिकरण

प्रश्न - ओदनं भुंजानो विषं भुंक्ते में कौन सा सूत्र लगा है ?

उत्तर - तथायुक्तं चानीप्सितम्

प्रश्न - बालकः प्रश्नं पृच्छति यहां प्रश्नं में किस सूत्र से द्वितीया है ?

उत्तर - अकथितं च

प्रश्न - मासमास्ते में किस सूत्र से द्वितीया है ?

उत्तर - अकर्मकधातुभिर्योगे देशः कालो भावोगन्तव्योध्वा च कर्मसंज्ञक इति वाच्यम्

प्रश्न - क्रोशं कुटिला नदी में क्रोशं में किस सूत्र से कर्म कारक हुई ?

उत्तर - कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे

प्रश्न - 'परितःके योग में विभक्ति होती है              उत्तर - द्वितीया

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

'सर्वत: ' के योग में कारक होता है ?                                   उत्तर - कर्म

'सहके योग में विभक्ति होती है ?                                     उत्तर – तृतीया

"सहयुक्तेऽप्रधानेसूत्र किस विभक्ति का है ?             उत्तर - तृतीया

'रुचअर्थ की धातु के साथ किस विभक्ति का प्रयोग होता है ? उत्तर - चतुर्थी

'अहं रामेण सह गच्छामियहाँ रामेण में कौन विभक्ति है ? उत्तर - तृतीया

प्रश्न - प्रातिपादिकार्थलिंग-परिमाण-वचन-मात्रे " सूत्र किस कारक से सम्बन्धित है ?

उत्तर - कर्ता कारक से ।

प्रश्न - आत्मनि इत्यत्र का विभक्तिः?                                  उत्तर - सप्तमी

प्रश्न - रामाय स्वस्ति इत्यत्र रामाय पदे का विभक्तिः        उत्तर - चतुर्थी

प्रश्न - कृष्णं भजति इत्यत्र कृष्णं पदे का विभक्तिः उत्तर - द्वितीया

प्रश्न - सः अक्ष्णा काणः अस्ति इत्यत्र अक्ष्णा पदे का विभक्तिः          उत्तर - तृतीया

प्रश्न - ग्रामं निकषा मन्दिरमस्ति इत्यस्मिन् वाक्ये ग्रामं पदे द्वितीया केन कारणेन भवति?  

उत्तर - निकषा

प्रश्न - मोहनः अश्वात् निपतति इत्यत्र अश्वात् पदे किं कारकम्

उत्तर - अपादानम्

प्रश्न - बाणेन रावणः हतः इत्यत्र बाणेन पदे किं कारकम्                उत्तर - करणम्

प्रश्न - वानरः वृक्षे कूर्दते इत्यत्र वृक्षे पदे किं कारकम्                      उत्तर - अधिकरणम्

प्रश्न - रघुवंशमहाकाव्यस्य रचयिता कालिदासः अस्ति इत्यत्र महाकाव्यस्य पदे का विभक्तिः 

उत्तर – षष्ठी

1. प्रश्न: "रामः वनं गच्छति" वाक्य में 'वनंपद कौन से कारक में है?

उत्तर: द्वितीया कारक (कर्म कारक)

2. प्रश्न: "गुरुणा पाठः पठितः" वाक्य में 'गुरुणापद कौन से कारक में है?

उत्तर: तृतीया कारक (करण कारक)

3. प्रश्न: "बालकः पुस्तकम् पठति" वाक्य में 'बालकःपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

4. प्रश्न: "सः मित्राय पुस्तकम् दत्तवान्" वाक्य में 'मित्रायपद कौन से कारक में है?

उत्तर: चतुर्थी कारक (सम्प्रदान कारक)

5. प्रश्न: "कृषकः हलम् कृषते" वाक्य में 'हलम्पद कौन से कारक में है?

उत्तर: द्वितीया कारक (कर्म कारक)

6. प्रश्न: "गजेन रथः चलितः" वाक्य में 'गजेनपद कौन से कारक में है?

उत्तर: तृतीया कारक (करण कारक)

7. प्रश्न: "सीता रावणात् उद्धृता" वाक्य में 'रावणात्पद कौन से कारक में है?

उत्तर: पञ्चमी कारक (अपादान कारक)

8. प्रश्न: "गङ्गायां स्नानं करोति" वाक्य में 'गङ्गायांपद कौन से कारक में है?

उत्तर: सप्तमी कारक (अधिकरण कारक)

9. प्रश्न: "रामस्य धनुः बलवदस्ति" वाक्य में 'रामस्यपद कौन से कारक में है?

उत्तर: षष्ठी कारक (सम्बन्ध कारक)

10. प्रश्न: "सः अहं च मित्रे" वाक्य में 'अहंपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

11. प्रश्न: "गुरवे नमः" वाक्य में 'गुरवेपद कौन से कारक में है?

उत्तर: चतुर्थी कारक (सम्प्रदान कारक)

12. प्रश्न: "पुत्रात् पत्रं प्राप्तम्" वाक्य में 'पुत्रात्पद कौन से कारक में है?

उत्तर: पञ्चमी कारक (अपादान कारक)

13. प्रश्न: "कृषकः कर्षकाय हलम् दत्तवान्" वाक्य में 'कर्षकायपद कौन से कारक में है?

उत्तर: चतुर्थी कारक (सम्प्रदान कारक)

14. प्रश्न: "सीता रावणेन हृता" वाक्य में 'रावणेनपद कौन से कारक में है?

उत्तर: तृतीया कारक (करण कारक)

15. प्रश्न: "गुरुणा शिष्यः शिक्षितः" वाक्य में 'गुरुणापद कौन से कारक में है?

उत्तर: तृतीया कारक (करण कारक)

16. प्रश्न: "रामस्य भ्राता लक्ष्मणः" वाक्य में 'रामस्यपद कौन से कारक में है?

उत्तर: षष्ठी कारक (सम्बन्ध कारक)

17. प्रश्न: "गङ्गायां स्नानं शुभम्" वाक्य में 'गङ्गायांपद कौन से कारक में है?

उत्तर: सप्तमी कारक (अधिकरण कारक)

18. प्रश्न: "सः पुस्तकं पठति" वाक्य में 'पुस्तकंपद कौन से कारक में है?

उत्तर: द्वितीया कारक (कर्म कारक)

19. प्रश्न: "गुरवे पत्रं लिखति" वाक्य में 'गुरवेपद कौन से कारक में है?

उत्तर: चतुर्थी कारक (सम्प्रदान कारक)

20. प्रश्न: "सः नगरात् आगतः" वाक्य में 'नगरात्पद कौन से कारक में है?

उत्तर: पञ्चमी कारक (अपादान कारक)

21. प्रश्न: "रामः लक्ष्मणं आह्वयति" वाक्य में 'लक्ष्मणंपद कौन से कारक में है?

उत्तर: द्वितीया कारक (कर्म कारक)

22. प्रश्न: "गुरुणा शिष्यः शिक्षितः" वाक्य में 'शिष्यःपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

23. प्रश्न: "गङ्गायां स्नानं शुभम्" वाक्य में 'स्नानंपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

24. प्रश्न: "रामस्य धनुः बलवदस्ति" वाक्य में 'धनुःपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

25. प्रश्न: "गुरवे नमः" वाक्य में 'नमःपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

26. प्रश्न: "पुत्रात् पत्रं प्राप्तम्" वाक्य में 'पत्रंपद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक (कर्तृ कारक)

27. प्रश्न: "कृषकः कर्षकाय हलम् दत्तवान्" वाक्य में 'हलम्पद कौन से कारक में है?

उत्तर: द्वितीया कारक (कर्म कारक)

28. प्रश्न: "सीता रावणेन हृता" वाक्य में 'सीतापद कौन से कारक में है?

उत्तर: प्रथमा कारक

'सर्वतःके योग में कौन-सा कारक होता है?
उत्तर: कर्म कारक (द्वितीया)

🔎 व्याख्या:
'सर्वतःशब्द के साथ यदि कोई क्रिया होती हैतो वह कर्म (द्वितीया) कारक में होती है।
जैसे – सर्वतः जलं प्रवहति। — यहाँ 'जलंद्वितीया है।

'सहके योग में कौन-सी विभक्ति होती है?
उत्तर: तृतीया विभक्ति

🔎 व्याख्या:
'सह' (साथ) शब्द के साथ प्रयोग होने वाला पद तृतीया विभक्ति में होता है।
जैसे – रामः लक्ष्मणेन सह वनं गच्छति।

"सहयुक्तेऽप्रधाने" यह सूत्र किस विभक्ति से संबंधित है?
उत्तर: तृतीया विभक्ति

🔎 सूत्र व्याख्या (पाणिनीय):
➡️ सूत्र: सहयुक्तेऽप्रधाने (पाणिनि 2.3.19)
यह तृतीया विभक्ति का प्रयोग दर्शाता है जब 'सहशब्द के साथ कोई अप्रधान (गौण) पद जुड़ता है।

'रुच्अर्थ वाली धातु के साथ कौन-सी विभक्ति होती है?
उत्तर: चतुर्थी विभक्ति

🔎 उदाहरण:
➡️ रामाय भोजनं रुचते। — यहाँ 'रामायचतुर्थी में है।
'रुच्' (to be pleasing) + चतुर्थी विभक्ति प्रयोग में आता है।

"अन्तरेण" उपपद के साथ कौन-सी विभक्ति प्रयोग होती है?
उत्तर: द्वितीया विभक्ति
🔎 उदाहरण: गुरुमन्तरेण कश्चित् न विजयी भवति।

"नमःस्वाहास्वस्तिअलम् आदि शब्दों के साथ कौन-सी विभक्ति होती है?"
उत्तर: चतुर्थी विभक्ति
🔎 उदाहरण: गुरवे नमः।

'ध्रुवमपायेऽपादानम्किस विभक्ति से सम्बन्धित है?"
उत्तर: पञ्चमी विभक्ति

" सहयुक्तेऽप्रधाने" सूत्र में किस विभक्ति के बारे में निर्देश है?
उत्तर: तृतीया विभक्ति
🔎 पाणिनि सूत्र: 2.3.19

"कर्म कारक में कौन-सी विभक्ति प्रयोग होती है?"
उत्तर: द्वितीया विभक्ति

"अपादान कारक में कौन-सी विभक्ति आती है?"
उत्तर: पञ्चमी विभक्ति

"सप्तमी विभक्ति से कौन-सा कारक दर्शाया जाता है?"
उत्तर: अधिकरण कारक
🔎 उदाहरण: कक्षायां बालकः अस्ति।

 

अधोलिखित पदों के साथ एक वाक्य बनायें

ददाति , यच्छति , कथयति, सूचयति , निवेदयति, प्रेषयति, क्रुद्धयति, कुप्यति, द्रुहयति, रोचते, स्पृहयति, अलम्, नमः, स्वस्ति:, स्वाहा, स्वधा ।

उदाहरण- रावण: विभीषणाय क्रुद्धयति । कृष्णः कंसाय अलम् ।

धातु / धातुरूप का गण

प्रश्न-  अस्ति रूप किस गण के धातु से बना है?

उत्तर - अस् धातु अदादिगण

प्रश्न-  'करोतिरूप किस गण की धातु से बना है?

डुकृञ् धातुतनादि गण।

प्रश्न - वर्तमान काल की क्रिया के बाद किस अव्यय के प्रयोग करने पर वह भूतकाल की क्रिया हो जाती है?

उत्तर  स्म अव्यय ।

वाच्य

प्रश्न - कर्तृवाच्य में कर्ता में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - प्रथमा विभक्ति

प्रश्न - कर्मवाच्य में कर्ता में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - तृतीया विभक्ति

प्रश्न - कर्मवाच्य में कर्म में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - प्रथमा विभक्ति

प्रश्न - तेन प्रतिपादितम् यह वाक्य किस वाच्य में है

उत्तर - कर्म वाच्य में ।

प्रश्न - मोहनः ग्रन्थं पठति इसे कर्मवाच्य में बनायें ।

उत्तर - मोहनेन ग्रन्थः पठ्यते 

कृत् प्रत्यय

प्रश्न- करणम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?

उत्तरम् - ल्युट्

प्रश्न- दानीय इत्यत्र कः प्रत्ययः?

उत्तरम् - अनीयर्

प्रश्न- बालकः पठित्वा गृहं गमिष्यति इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ?

उत्तर - पठित्वा

प्रश्न- सः गुरुं प्रणम्य उपविशति इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ?

उत्तर - प्रणम्य

प्रश्न- हस्तौ प्रक्षाल्य भोजनं कुर्यात् इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ? 

उत्तर - प्रक्षाल्य

प्रश्न- अहं कार्यम् अकृत्वा गृहं न गमिष्यामि इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ?

उत्तर - प्रक्षाल्य

संकेत

कृ + तुमुन् = कर्तुम्

क्री + तुमुन् = क्रेतुम्

गम् + तुमुन् = गन्तुम्

ज्ञा + तुमुन् = ज्ञातुम्

दा + तुमुन् = दातुम्

श्रु + तुमुन् = श्रोतुम्

दृश् + तुमुन् = द्रष्टुम्

क्रीड् + तुमुन् = क्रीडितुम्

पा + तुमुन् = पातुम्

खाद् + तुमुन् = खादितुम्

अधोलिखित धातु से शतृ प्रत्यय लगने के बाद निष्पन्न पुंलिंग रूप पूछें- 

धातु   प्रत्यय पुंलिंग रूप

क्रुध् + शतृ = क्रुध्यन्

गम् + शतृ = गच्छन्

प्रच्छ् + शतृ = पृच्छन्

चुर् + शतृ = चोरयन्

भू + शतृ = भवन्

जि + शतृ = जयन्

इच्छन् में कौन सा प्रत्यय है ? शतृ

दधानः में कौन सा प्रत्यय है ? शानच्

पठनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

आदाय में कौन सा प्रत्यय है ? ल्यप्

देयः में कौन सा प्रत्यय है ? यत्

समागतः में कौन सा प्रत्यय हैक्त

करणम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ल्युट्

पाचकः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ण्वुल्

दानीयः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  अनीयर्

पठितुम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?  तुमुन्

विहस्य इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ल्यप्

गन्तव्यः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  तव्यत्

पीत्वा इत्यत्र कः प्रत्ययः?    क्त्वा

पठत् इत्यत्र कः प्रत्ययः?   शतृ

गतिः इत्यत्र कः प्रत्ययः?   क्तिन्

लभमानः इत्यत्र कः प्रत्ययःशानच्

पेयः इत्यत्र कः प्रत्ययःयत्

कार्यम् इत्यत्र कः प्रत्ययःण्यत्

बालकः धनं याचन् अस्ति इत्यत्र याचन् पदे कः प्रत्ययःशतृ

प्रियवादिनी इत्यत्र कः प्रत्ययःणिनि

वन्दनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

पूजनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

कथनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

तद्धित प्रत्यय

शब्द    प्रत्यय     रूप               पुंलिङ्ग        

भाग + इनि =   भागिन्            भागी

दण्ड                  दण्डिन्              दण्डी

दुःख                  दु:खिन्              दुःखी

क्रोध                  क्रोधिन्              क्रोधी

प्राण                  प्राणिन्              प्राणी

धन                   धनिन्                धनी

दोष                  दोषिन्               दोषी

बल                   बलिन्               बली

कुटुम्ब               कुटुम्बिन्            कुटुम्बी

मन्त्र                  मन्त्रिन्              मन्त्री

प्रश्न -दण्ड से इनि, ठन् तथा मतुप् प्रत्यय करने पर क्या रूप बनेगा ?

उत्तर- इनि =  दण्डिन्ठन्  = दण्डिकःमतुप् =  दण्डवान्        

स्त्री प्रत्यय

प्रश्न - वीरभोग्या में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - टाप् प्रत्यय ।

प्रश्न - गतिशीला में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - टाप् प्रत्यय ।

प्रश्न - चन्द्रमुखीकुमारीराज्ञीगार्गी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - ङीप् प्रत्यय ।

प्रश्न - गौरी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - ङीष् प्रत्यय ।

प्रश्न - ब्राह्मणीनारी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर – ङीन् ।

नर्तकी इत्यत्र कः प्रत्ययः?   ङीष्

अजा इत्यत्र कः प्रत्ययः?   टाप्

प्रश्न - चतुर से टाप् प्रत्यय करने पर किस प्रकार का पद बनेगा ?

उत्तर -  चतुरा

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

कुशल + टाप् - कुशला

दातृ + डीप् = दात्री

अधोलिखित का  वर्तमान काल में रूप बताइये

गमिष्यथआगमिष्यामिश्रोष्यानिवदिष्यसिपठिष्यतिलेखिष्यतःपास्यसिखादिष्यन्ति,  द्रक्ष्यावःनेष्यामिचलिष्यामःवसिष्यानिज्ञास्याति प्रक्ष्यतःउपवेक्ष्यासिदास्यथकथयिष्यामिहसिष्यतिस्मरिष्यामिनर्तिष्यतिगास्यानिस्थास्यामिक्षिप्स्यन्तिअटिष्यावः भ्रमिष्यामिकरिष्यति। 

अधोलिखित का लङ् लकार (भूतकाल) तथा लृट् लकार (भविष्यत् काल) में रूप बताइये

धातु (अर्थ)                लृट्               लङ्

 दा-ददाति (देता है)-        अददात् दास्यति

 क्री- क्रीणाति (खरीदता है)- अक्रीणात् क्रेष्यति

चुर् - चोरयति (चुराता है)-   अचोरयत् चोरयिष्यति     

रुद – रोदिति (रोता है)-      अरोदत्, अरोदीत्  रोदिष्यति 

ब्रू-ब्रवीति (बोलता है)-       अब्रवीत्    वक्ष्यति 

दुह् - दोग्धि (दुहता है)-     अधोक् अधोग्    धोक्ष्यति

इष्- इच्छति (चाहता है)-    ऐच्छत्   एषिष्यति 

हन् - हन्ति ( मारता है)-   अहन्  हनिष्यति 

प्रच्छ – पृच्छति (पूछता है)-   अपृच्छत्   प्रक्ष्यति 

हस्- हसति (हँसता है)-     अहसत्   हसिष्यति 

पच्– पचति (पकाता है)-     अपचत्     पक्ष्यति 

नृत्– नृत्यति (नाचता है)-    अनृत्यत्    नृत्स्यति, नर्तिष्यति 

अस्-अस्यति (फेंकता है)असिष्यति           आस्यत्

आप्-आप्नोति (पाता है)आप्स्यति             आप्नोत्

आप्- आपयति (पहुँचाता है)आपयिष्यति आपयत्

ईर्ष्य – ईर्ष्यति (ईर्ष्या करता है)ईर्ष्यिष्यति ऐर्ष्यत्

कुप्- कुप्यति (क्रोध करता है)कोपिष्यति अकुप्यत्

कृष्-कर्षति (खींचता है)कर्क्ष्यति/क्रक्ष्यति अकर्षत्

क्रन्द- क्रन्दति (रोता है)क्रन्दिष्यति           अक्रन्दत्

क्रीड्- क्रीडति (खेलता है)क्रीडिष्यति         अक्रीडत्

क्लिश्-क्लिश्नाति (दुःख देता है)क्लेशिष्यति/क्लेक्ष्यति अक्लिश्नात्

क्षल्-क्षालयति (धोता है)क्षालयिष्यति       अक्षालयत्

क्षिप्-क्षिपति (फेंकता है)क्षेप्स्यति             अक्षिपत्

अधोलिखित तिङन्त पद से वाक्य निर्माण करें

गच्छति,  श्रृणोमिवदामिपठामिलिखसिपिबावःखादामःपश्यामि,  नयावःइच्छामिचलसिवसामिजानामिपृच्छामिपचामिउपविशानिददासिकथयामिहसथः स्मरसि,नृत्यतःगायामितिष्ठन्तिक्षिपतिअटन्तिभ्रमामःनमतिजीवामियच्छामिधावामः,  रोदथक्रीड़ामिक्रीणामितरामिधारयामिबिभेमिअस्मि ।

अधोलिखित पद से एक - एक वाक्य बनायें-

उदाहरण-

ते किमपि वक्तुम् इच्छन्ति ।

श्यामः हरिद्वारं गन्तुम् इच्छति ।

वक्तुम्गन्तुम्कर्तुम्खादितुम्पातुम्पठितुम्श्रोतुम्पठितुम्दातुम्मेलितुम्द्रष्टुम्। सतीशम् । क्रीडाक्षेत्रात् । गृहम् । तदा । यावत् । तदा । हे मित्र! एषा । जननी । ज्वरपीडिता । त्वया । अस्याः सेवा । कर्तव्या । तव । किं । त्वम् । न ।  प्राध्यापकः । तर्हि । तव । जीवनस्य । त्रयः । लहरीणाम् । वेगेन । नौः । तयोः । जलेन । नाविकः । सम्भ्रमेण महाशय ! । भवान् । प्राध्यापकः । नौकां बाहुभ्याम् । महाभारतस्य । कति । दिनानि । त्रयोदशे । भारतस्य विजयाय । तस्मिन् । सः । सा । काले । सतीशस्य । मित्र । मुकुलः । जननीं । ज्वरेण । ताम् । मित्रैः । नियन्त्रणरेखायाः समीपे । चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् । भारतीयसेनायाः पाकिस्तानसेनया । विमानं दृष्टमासीत् । शान्तिप्रियाः भारतीयाः । दानं व्यर्थम् । सैनिकानाम् आत्मबलिदानम् । मञ्जूषातः पदानि चित्वा । काठिन्यं दूरम् । वयं किम् ? तपः कृत्वा । भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा । एकः छात्रः । परिचयम् । गृहे प्रवेशः । भोः संगणक ! । पूर्णः परिचयः । छात्राः कोलाहलम् । सर्वे छात्राः । अलं कोलाहलेन यूयं ध्यानं दत्वा तूष्णीं च भूत्वा श्रोतुम् इच्छथ । श्रीमन् । वयं ध्यानेन । पुनः क्षिप्रमेव । अतः सर्वत्र । अहम् । परीक्षाकार्ये । अन्तर्जालमाध्यमेन ।

तिङन्त पद से 2 से 5 पद युक्त वाक्य का निर्माण करें ।

श्रोष्यामः । अस्मि । प्रयामि। करोमि । भवन्ति । जानाति । अस्ति । अर्हति । क्रीडितुम् । तर्तुम् । प्राप्तः । अपश्यत् । अपृच्छत् । अवदत् । गतः । दुःखितः । आनयत् । अवदत् । अभवत् । अगच्छत् । जानासि । अकम्पत । अपृच्छत् । अवदत् । प्राचलत् । रचितवान् । अवरुद्धवान् । अभवत् । भवेत् । करवाम । दर्शयेम । वदसि । कुर्वन्ति । शृणुत । भवितुम् ।

1. *पाणिनि द्वारा रचित प्रसिद्ध ग्रंथ कौन सा है?*

    उत्तर: अष्टाध्यायी

2. संस्कृत शब्द रचना का आधार क्या है? — धातु तथा अव्युत्पन्न प्रातिपदिक

3. *कृदंत और तद्धित में अंतर क्या है?*

    उत्तर: कृदन्त धातु से बनते हैं, जबकि तद्धित प्रतिपदिक से

4. *संस्कृत शब्द रचना का आधार क्या है?*

    उत्तर: धातु तथा अव्युत्पन्न प्रातिपदिक

5. महर्षि पतंजलि ने कौन सा व्याकरण ग्रंथ लिखा था? — महाभाष्य

6. निरुक्त किस विषय से संबंधित ग्रंथ है? — शब्द व्याख्या

7. 'अष्टाध्यायी' के रचयिता कौन हैं

   (अ) पाणिनि (ब) पतंजलि (स) भरत (द) कालिदास

 8. संस्कृत व्याकरण में 'धातु' का क्या महत्त्व है?

   (अ) यह शब्दों के अर्थ बताता है (ब) यह वाक्य रचना का आधार होता है

   (स) यह शब्दों की मूल रूप होते हैं (द) यह मात्र संज्ञा शब्दों से संबंधित होता है

 9. 'भट्टोजी दीक्षित' द्वारा लिखित संस्कृत व्याकरण का प्रसिद्ध ग्रंथ कौन सा है?

   उत्तर: *सिद्धांत कौमुदी* (यह पाणिनीय व्याकरण का एक विशेष विवरण देता है।)

10. वैदिक शब्दों की उत्पत्ति और उनके अर्थों का विश्लेषण' किस ग्रंथ में किया गया है?

उत्तर: *निरुक्त* (यह यास्क ऋषि द्वारा रचित है और वेदों के कठिन शब्दों की व्याख्या करता है।)

प्रश्न - पतंजलि के अनुसार पाणिनि का जन्म किस ग्राम में हुआ था ?

उत्तर - शलातुर नामक गाँव में पाणिनि का जन्म हुआ था ।

प्रश्न - वर्तमान में शलातुर नामक गाँव किस देश में है ?

उत्तर - वर्तमान में शलातुर नामक गाँव पाकिस्तान में है ।

संकेत -

पाणिनि के गुरु का नाम - उपवर्ष

पिता का नाम -पणिन

माता का नाम - दाक्षी

प्रश्न - कथानक के अनुसार पाणिनि की मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर - सिंह ने पाणिनि का प्राण ले लिया ।

प्रश्न - संस्कृत व्याकरण में कात्यायन का क्या योगदान है ?

उत्तर - कात्यायन ने अष्टाध्यायी के सूत्रों के आधार पर वर्तिकों की रचना की ।

प्रश्न - पतंजलि को किसका अवतार माना जाता है ?

उत्तर - “शेषनाग” का अवतार माना जाता है

प्रश्न - जन्म स्थान के आधार पर पतंजलि का क्या नाम है ?

उत्तर – गोनर्दीय

प्रश्न - महर्षि पतंजलि ने वाराणसी में कहाँ रहकर महाभाष्य की रचना की ?

उत्तर – वाराणसी के नागकूप पर रहकर ( वर्तमान जैतपुरा मुहल्ला में स्थित नागकूप)

प्रश्न - संस्कृत व्याकरण में पतंजलि का क्या योगदान है ?

उत्तर - पतंजलि पाणिनी के सूत्रों व कात्यायन के वर्तिकों पर महाभाष्य लिखा।

प्रश्न- ब्रह्मा से आरम्भ करते हुए व्याकरण शास्त्र के किन्हीं 5 आचार्यों का नाम बताइये ।

उत्तर - ब्रह्मा, वृहस्पति, इन्द्र, भरद्वाज, पाणिनि, कात्यायन, पतंजलि, वामन जयादित्य, नागेश भट्ट

प्रश्न - महाभाष्य का लक्षण वाला श्लोक बोलिए ?

उत्तर - सूत्रार्थो वर्ण्यते यत्र पदै: सूत्रानुसारिभि: ।

स्वपदानि च वर्ण्यन्ते भाष्यं भाष्यविदो विदु: ।।

प्रश्न - रक्षा आदि व्याकरण के पाँच प्रयोजन का नाम बताइये

उत्तर - रक्षाऊहआगमलघु और असंदेह।

प्रश्न - किस भाषा को भाषाओं की जननी कहा जाता है ?

उत्तर – संस्कृत

प्रश्न -भाषा की सबसे छोटी इकाई को क्या कहते हैं ?

उत्तर - वर्ण

प्रश्न -वर्ण के साथ मित्रवत् बैठने वाले वर्ण को आगम कहा जाता है या आदेश ?

उत्तर - आगम

प्रश्न -आदेश मित्र के समान होता है या शत्रु के समान ?

उत्तर - शत्रु के समान

प्रश्न – नद्युदकम् में इ के स्थान पर यकार आगम का उदाहरण है या आदेश का ?

उत्तर - नद्युदकम् आदेश का उदाहरण है ।

प्रश्न - उपधा किसे कहते हैं ?

उत्तर - किसी शब्द के अंतिम वर्ण के पूर्व वर्ण को उपधा कहते हैं।

प्रश्न - हल् प्रत्याहार से स्वर वर्णों का बोध होता है या व्यंजन वर्णों का ?

उत्तर - व्यंजन वर्णों का बोध होता है।

प्रश्न - किस शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ?

उत्तर - व्याकरण शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ।

प्रश्न - किस शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ?

उत्तर - व्याकरण शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ।

 

व्याकरण का ग्रन्थ                ग्रन्थकार

            रूपावतार                      धर्मकीर्ति

            रूपमाला                       विमल सरस्वती

            प्रक्रिया कौमुदी               रामचन्द्र

            सिद्धान्तकौमुदी   भट्टोजिदीक्षित

            वाक्यपदीयम्                 भर्तृहरि

            लघुसिद्धान्तकौमुदी         वरदराज

संस्कृत भाषा का इतिहास**

1. संस्कृत भाषा की उत्पत्ति किस भाषा परिवार से हुई है? — **भारो-इंडो-आर्यन भाषा समूह**

2. संस्कृत व्याकरण का आधार कौन सा ग्रंथ है? — **अष्टाध्यायी**

3. संस्कृत को भारत की किस संवैधानिक सूची में स्थान दिया गया है? — **अष्टम अनुसूची**

भारतीय पुरातत्व एवं शिलालेख**

1. अशोक के शिलालेख मुख्यतः किस लिपि में लिखे गए थे? — **ब्राह्मी**

2. 'भीमबेटका' किस चीज़ के लिए प्रसिद्ध है? — **प्राचीन गुफा चित्रकला**

3. हड़प्पा सभ्यता की लिपि को क्या कहा जाता है? — **अभी तक अनिश्चित (अविकसित लिपि)**

4. संस्कृत भाषा में सबसे पहला लिखित अभिलेख कौन सा है? — **जुनागढ़ शिलालेख (रुद्रदामन, 150 ई.)**

5. संस्कृत में मुद्राओं को क्या कहा जाता था? — **कर्षापन**

 

साहित्य

सूक्तिं पूरयतु

प्रश्न-  प्रियवाक्यप्रदानेन ..... वचने का दरिद्रता ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति मानवाः। तस्मात् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता। 

प्रश्न-  यस्मिन् देशे न सम्मानो... न कारयेत्

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।

न च विद्यागमः कश्चित् वासं तत्र न कारयेत्।।

प्रश्न-  आतुरे व्यसने .... स बान्धवः

आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसंकटे।

राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।

प्रश्न-  षड् दोषाः पुरुषेणेह .... दीर्घसूत्रता ।।

षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता ।

निद्रा तद्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता ।।

माता भूमिः पुत्रोहं ...

पृथिव्याः

नीति /सुभाषित

कः पापस्य कारणम्

लोभः

प्रश्न - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति....पाद पूर्ण करें ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः ।

प्रश्न - सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् .... का पाद पूर्ण करें ।

उत्तर - सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम् । प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् एष धर्मः सनातन: ॥

प्रश्न - ...... वचने का दरिद्रता श्लोक पूर्ण करें ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। तस्माद् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता ।।

प्रश्न - उदारचरितानां तु वसुधैव......पूर्ण करें ।

उत्तर - उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्

प्रश्न - कृष्णः काकः पिकः काकः को भेदः.....पूर्ण करें ।

उत्तर - कृष्णः काकः पिकः काकः को भेदः पिककाकयोः

प्रश्न - विद्या विवादाय धनं .....पूर्ण करें

उत्तर - मदाय

प्रश्न - अयं निजः परो वेति गणना....पूर्ण करें

लघुचेतसाम्

प्रश्न - काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति......पूर्ण करें

उत्तर- धीमताम्

प्रश्न - विद्वान् कुत्र पूज्यते

उत्तर- सर्वत्र/लोके

प्रश्न पूछने हेतु संकेत -

क्षणे तुष्टा क्षणे रुष्टा .....पाद पूर्ण करें

तुष्टारुष्टा क्षणे क्षणे

सम्पूर्णकुम्भो न करोति .....पूर्ण करें

शब्दम्

क्रोधात् भवति सम्मोहः ....पूर्ण करें

सम्मोहात् स्मृतिविभ्रमः

शैले शैले न मणिक्यं  ....पूर्ण करें

मौक्तिक्यं न गजे गजे

पापान्निवारयति योजयते हिताय.... प्रकटीकरोति । पूर्ण करें

गुह्यं निगूहति गुणान् 

अर्थो हि कन्या.....पूर्ण करें।

परकीय एव

संकेत-

आपत्सु मित्रं जानीयाद् ...च बान्धवान् ॥ उत्सवे व्यसने चैव ... स बान्धवः।। उद्यमेनैव हि सिध्यन्ति ...मुखे मृगाः॥ क्षणशः कणशश्चैव ...कुतो धनम्॥ त्यजेदेकं कुलस्यार्थे .....पृथिवीं त्यजेत् ।। न कश्चित् कस्यचिन्मित्रं .... रिपवस्तथा।। पुस्तकस्था तु या विद्या ....न तद् धनम् ।। पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि ... रत्नसंज्ञा प्रदीयते ।। प्रथमे नार्जिता विद्या ...चतुर्थे किं करिष्यति ।। प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन ....न परित्यजन्ति ।। मनसा चिन्तितं कार्यं ...सिद्धिर्न जायते॥

सूक्तियाँ पूर्ण करें

विचित्ररूपा खलु....।

चित्तवृत्तयः

हितं मनोहारि च ....।

दुर्लभं वचः।

एको रसः करुण.....। एव निमित्तभेदात् ।

अलंकार (अनुप्रासयमकउपमाउत्प्रेक्षा)

प्रश्न- अलंकार कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर - तीन

प्रश्न- अलंकार के मुख्य तीन भेद कौन कौन है ?

उत्तर - शब्दालंकारअर्थालंकारउभयालंकार

प्रश्न- शब्दालंकार किसे कहते है ?

प्रश्न- अनुप्रास शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार है ?

उत्तर - शब्दालंकार

प्रश्न- उत्प्रेक्षा शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - अर्थालंकार

प्रश्न- उपमा शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - अर्थालंकार

प्रश्न- यमक शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - शब्दालंकार

प्रश्न-.....शब्दसाम्यं वैषम्यपि स्वरस्य यत् किस अलंकार परिभाषा है ?

उत्तर - अनुप्रास

प्रश्न- साम्यं वाच्यं वैधर्म्यं वाक्यैक्य....किस अलंकार की परिभाषा है ?

उत्तर - उपमा

प्रश्न- सत्‍यर्थे पृथगर्थाया: स्‍वरव्‍यंजनसंहते: । क्रमेण तेनैवावृत्तिः किस अलंकार की परिभाषा है ?

उत्तर - यमक

प्रश्न- नवपलाशपलाशवनं पुरः स्फुटपरागपरागगतपंकजम् में कौन अलंकार है ?

उत्तर - यमक

उत्तर – अनुप्रास

प्रश्न-  संस्कृत में मुख्यतः कितने प्रकार के अलंकार होते हैं?

उत्तर – **दोशब्दालंकार और अर्थालंकार**

प्रश्न- उपमा' अलंकार का उदाहरण क्या हो सकता है?

उत्तर – **चन्द्रमा की तरह सुन्दर मुख**

प्रश्न- यमक' अलंकार किसे कहते हैं?

उत्तर – **जहाँ शब्द की पुनरावृत्ति हो**

प्रश्न- रघुवंशम् में कितने सर्ग है ?

उत्तर - 19

प्रश्न- दिलीप की पत्नी का क्या नाम है ?

उत्तर - सुदक्षिणा

प्रश्न- नन्दनी किसकी परीक्षा लेती है ?

उत्तर - राजा दिलीप

प्रश्न- रघुवंश में प्रमुख रस कौन है ?

उत्तर - शृंगार

प्रश्न- रघुवंशम् का उपजीव्य ग्रन्थ कौन है ?

उत्तर - रामायण

प्रश्न- कालिदास की पत्नी का नाम क्या था ?

उत्तर - विद्योत्तमा

प्रश्न- कालिदास को आश्रयदाता कौन थे ?

उत्तर - चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य

प्रश्न- न प्रभातरलं ज्योतिरुदेति वसुधातलात् ।। यह सूक्ति किस ग्रन्थ के किस अंक में है ?

उत्तर - अभिज्ञानशाकुन्तलम् के प्रथम अंक में ।

प्रश्न - कालिदास को किस उपाधि से विभूषित किया गया ?

उत्तर - दीपशिखा

प्रश्न - कालिदास के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - उपमा कालिदासस्य

प्रश्न - गीत गोविन्दकार जयदेव ने प्रसन्नराघवम् में नाटक में महाकवि भास को क्या कहा है ?

उत्तर - भासो हासः (हंसीप्रफुल्लता) कहा है।

प्रश्न - भारवि के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - भारवेरर्थगौरवम्

प्रश्न - दण्डि के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - दण्डिनः पदलालित्यम्

प्रश्न - माघ के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - माघे सन्ति त्रयो गुणाः । माघे मेघे गतं वयः।

प्रश्न - नैषधीयचरितम् के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - उदिते नैषधे काव्ये क्व माघः क्व च भारविः । नैषधं विद्वदौषधम् ।

प्रश्न - भगवद् गीता में प्रयुक्त किसी एक छन्द का नाम बताइये ?

उत्तर - अनुष्टुप्, इन्द्रवज्रा, उपेन्द्रवज्रा, उपजाति।

प्रश्न - संस्कृत के प्रमुख 8 छंदों का नाम बताये ?

उत्तर -  **मुख्यतः 8 (शार्दूलविक्रीडित, वसंततिलका, अनुष्टुप आदि)**

प्रश्न - 'अनुष्टुप' छंद में कितने अक्षर होते हैं?

उत्तर -  **32**

1. *'महाकाव्य' कितने प्रकार के होते हैं?*

   उत्तर: दोमुक्तक एवं संकीर्ण

2. *संस्कृत का प्रथम महाकवि कौन माना जाता है?*

   उत्तर: वाल्मीकि

3. *'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' के रचयिता कौन हैं?*

   उत्तर: कालिदास

4. *'शिशुपालवधम्' किस महाकवि की रचना है?*

   उत्तर: माघ

5. *संस्कृत में सबसे प्राचीन नाटक कौन सा माना जाता है?*

   उत्तर: 'स्वप्नवासवदत्तम्' (रचयिता: भास)

6. कादम्बरी किसके द्वारा लिखी गई थी? — बाणभट्ट

7. 'नीतिशतकम्' किसके द्वारा रचित है? — भर्तृहरि

8. 'दशकुमारचरित' किसके द्वारा रचित है? — दंडी

9. संस्कृत में सबसे बड़ा महाकाव्य कौन सा है? — महाभारत

10. 'पञ्चतंत्र' के रचयिता कौन हैं? — विष्णु शर्मा

 

 

ज्योतिष

तिथि

प्रश्न- तिथियां कितनी होती होती हैं ?

उत्तर- 15

वार

प्रश्न- वार कितने होते हैं ?

उत्तर- 7

प्रश्न- प्रथम वार कौन सा है ?

उत्तर- रविवार ।

वार

प्रश्न- सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय का क्या नाम है ?

उत्तर- दिन/ दिवस

प्रश्न- दिन के समय को विभाजित करने के लिए किन-किन नामों का प्रयोग है ?

उत्तर- पूर्वाह्ण, मध्याह्न, अपराह्ण। प्रातः, सङ्गव, मध्याह्न, अपराह्न, सायाह्न

नक्षत्र

प्रश्न- नक्षत्र कितने होते हैं ?

उत्तर- 27

प्रश्न- प्रथम नक्षत्र का नाम बताइए ?

उत्तर- अश्विनी ।

राशि

प्रश्न- राशियां कितनी होती है ?

उत्तर- 12

प्रश्न- राशियों का नाम बोलिए।

उत्तर- मेषवृषमिथुनकर्कसिंहकन्यातुलावृश्चिकधनुमकरकुम्भ और मीन।

प्रश्न- प्रथम राशि कौन सा है ?

उत्तर- मेष ।

पक्ष

प्रश्न- पक्ष कितने होते हैं ?

उत्तर- दो ।

प्रश्न- अमावस्या किस पक्ष में पड़ता है ?

उत्तर- कृष्ण पक्ष में ।

मास

प्रश्न-  भारतीय पंचांग के अनुसार मास की संख्या कितनी है ?

उत्तर- 12 

प्रश्न-  ज्योतिष के अनुसार कितने तरह का मास होता है ?

उत्तर- 4

प्रश्न-  ज्योतिष के अनुसार 4 तरह के मास का नाम बोलिए।

उत्तर- सौर, सावन, चान्द्र, नाक्षत्र

प्रश्नचार युग कौन कौन हैं ?

उत्तर- सतयुग,त्रेतायुगद्वापरयुग और कलियुग 

प्रश्न- अयन कितने हैं ?

उत्तर- दो 

प्रश्न-  उत्तरायन कब होता है ?

उत्तरसूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर 

प्रश्न- दक्षिणायन कब होता है ?

उत्तर- सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने पर 

प्रश्न- ऋतुएँ कितनी होती हैं ?

उत्तर- छह 

प्रश्न- छह ऋतु के नाम बताइए ?

उत्तर- शिशिरबसन्तग्रीष्म ,वर्षाशरद् और हेमन्त 

प्रश्न- हिंदू नव वर्ष कब से प्रारंभ होता है ?

उत्तर- चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से 

प्रश्नमेष राशि के स्वामी कौन हैं ?

उत्तर- मंगल 

प्रश्न - उत्तरायण कब से आरम्भ होता है?

उत्तर - मकर संक्रांति से

प्रश्न - भौम किस ग्रह का दूसरा नाम है?

उत्तर-मंगल

प्रश्न - प्रथम नक्षत्र का नाम क्या है

उत्तर- अश्विनी

प्रश्न - अन्तिम नक्षत्र का नाम क्या है?

उत्तर- रेवती

प्रश्न - किसी नक्षत्र में कितने चरण होते हैं?

उत्तर- चार

प्रश्न - दिनमान किसे कहते हैं?

उत्तर- सूर्योदय से सूर्यास्त तक

प्रश्न - कितने दिनमान और रात्रिमान जोड़ने पर एक अहोरात्र होता है

उत्तर- 1 दिनमान + 1 रात्रिमान

प्रश्न - एक अहोरात्र में कितनी घटी होती हैं?

उत्तर- साठ

प्रश्न - ज्योतिष के अन्तर्गत दिनों की गणना किस मान में की जाती है?

उत्तर- सावन दिन

प्रश्न - वेद शब्द से किस संख्या को कहा जाता है ?

प्रश्न - चार (सामवेदॠग्वेदयजुर्वेदअथर्ववेद)।

प्रश्न - आदित्य शब्द से किस संख्या को कहा जाता है ?

प्रश्न - द्वादश (12)

प्रश्न - किस संख्या का पर्याय पुरी शब्द है ?

प्रश्न - सप्त (7)

1. *संस्कृत ज्योतिष में नवग्रह कौन-कौन से हैं?*

    **उत्तर:** सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु

2. *पञ्चमहाभूत सिद्धांत में कौन-कौन से तत्व सम्मिलित होते हैं?*

    **उत्तर:** पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश

3. *'अमरकोश' किस विषय से संबंधित है?* 

    **उत्तर:** संस्कृत शब्दकोश

4. वैदिक काल में 'नक्षत्र' कितने माने गए हैं? — **27**

5. ज्योतिष में 'लग्न' का क्या महत्त्व है? — **यह जन्मकालीन ग्रह स्थिति को दर्शाता है**

6. संस्कृत में सूर्य के कितने पर्यायवाची शब्द हैं? — **12, जैसेआदित्य, भास्कर, रवि**

7. पंचांग में कौन-कौन से भाग होते हैं? — **तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण**

 

आयुर्वेद एवं चिकित्सा**

1. आयुर्वेद के तीन मुख्य दोष कौन-कौन से हैं? — **वात, पित्त, कफ**

2. चरक संहिता मुख्यतः किस विषय पर केंद्रित है? — **चिकित्सा**

3. सुश्रुत संहिता का मुख्य विषय क्या है? — **शल्य चिकित्सा (सर्जरी)**

4. 'त्रिदोष सिद्धांत' किस ग्रंथ में वर्णित है? — **चरक संहिता**

5. आयुर्वेद में कुल कितने प्रकार की रसाएँ होती हैं? — **छहमधुर, अम्ल, लवण, कटु, तिक्त, कषाय**

6. **संस्कृत में सप्त धातवःकिसे कहते हैं?**

   **उत्तर:** *स्वर्ण, रजत, ताम्र, सीसा, लोहा, जस्ता, तथा अभ्रक* (ये सात प्रमुख धातुएँ संस्कृत में वर्णित हैं।)

 

 

भारतीय गणित एवं विज्ञान**

1. 'शूल्वसूत्र' किस विषय से संबंधित ग्रंथ है? — **गणित एवं ज्यामिति**

2. 'आर्यभटीय' ग्रंथ के लेखक कौन थे? — **आर्यभट्ट**

3. 'शून्य' की संकल्पना किसने दी? — **ब्रह्मगुप्त**

4. 'सूर्य सिद्धांत' मुख्यतः किस विषय से संबंधित है? — **खगोल विज्ञान**

5. 'पाइथागोरस प्रमेय' का वैदिक रूप क्या है? — **शूल्वसूत्र में उल्लेख**

प्रश्न- संस्कृत भाषा में वैज्ञानिक तथ्यों को उद्घाटित करने वाले किसी 2 भारतीय लेखकों का नाम बताइये ।

उत्तरकणाद, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, बोधायन, चरक, सुश्रुत, भरद्वाज, पराशर ।

प्रश्न- किस ऋषि ने प्रकाश व उष्मा को एक ही तत्व का विभिन्न रूप बताया?

उत्तरऋषि कणाद ।

प्रश्न- अपने खगोलीय व बीजगणितीय सि़द्धांतों के आधार पर छठी शताब्दी में किस भारतीय विचारक ने तय किया कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है?

उत्तरआर्यभट्ट ।

प्रश्न- किस भारतीय चिंतक ने सबसे पहले पृथ्वी का व्यास निर्धारित किया ?

उत्तरआर्यभट्ट ।

प्रश्न- 600 ई.पूर्व शुल्वसूत्र में किसने वृत्त एवं त्रिभुज के फल का सिद्धान्त प्रतिपादित किया ?

उत्तरबोधायन ने ।

प्रश्न- आर्यभट्ट प्रथम ने पाँचवीं सदी ईसवी में अपने किस ग्रंथ में परिधि-व्यास अनुपात का मूल्य निर्धारित किया ?

उत्तरआर्यभट्टीयम् ।

प्रश्न- वराहमिहिर (505 ई.) ने अपने किस ग्रन्थ में भूगोलउल्काविज्ञानवनस्पतिविज्ञानकृषि अभियांत्रिकीजन्तुविज्ञान विषयों का प्रतिपादन किया है ?

उत्तरबृहत्संहिता में ।

प्रश्न- भास्कराचार्य प्रथम 600 ई. कृत किन ग्रंथों में ग्रह-नक्षत्रों की गणनाज्यामितीय एवं त्रिकोणमितीय सिद्धांतों का वर्णन है ?

उत्तरमहाभास्करीयम् एवं लघुभास्करीयम् ।

प्रश्न- 15 शताब्दी के पूर्व गणित विषय पर ग्रन्थ लिखने वाले किसी दो भारतीय लेखकों का नाम बताइये।

उत्तरब्रह्मगुप्त (591 ई.)वटेश्वर (880 ई.)मुंजाल (932 ई.)आर्यभट्ट द्वितीय (950 ई.)भास्कर द्वितीय (1114 ई.) एवं नीलकंठ (1465 ई.)

प्रश्न- गणित शास्त्र की आचार्य परम्परा में कालक्रमानुसार 5 आचार्यों का नाम बताइये ।

उत्तरआर्यभट्ट प्रथमब्रह्मगुप्त; - श्रीधरमहावीराचार्यश्रीपतिभास्कराचार्य द्वितीयनारायण पंडितमाधवपरमेश्वरनीलकंठ सोमयाजीज्ञानराजचित्रभानुः शंकरवारियरज्येष्ठदेवकमलाकरपंडितराज जगन्नाथबापूदेव शास्त्रीनीलांबर शर्माकेतकरसुधाकर द्विवेदी ।

प्रश्न- चरक की चरकसंहिता किस विषय से संबंधित पुस्तक है ?

उत्तरऔषधि शास्त्र ।

प्रश्न- सुश्रुतसंहिता में चिकित्सा विज्ञान के किस शाखा का विवेचन किया गया है ?

उत्तरशल्यचिकित्सा ।

प्रश्न- वाग्भट कृत अष्टांगहृदय एवं रसरत्नसमुच्चय किस विषय की पुस्तक है ?

उत्तरशरीर रचना विज्ञान ।

प्रश्न- किस दार्शनिक ग्रन्थ में किस ऋषि ने परमाणुवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया ?

उत्तरकणाद ने वैशेषिक दर्शन में (600 ई.पू.) ।

प्रश्न- यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।

तद्वद् वेदांगशास्त्राणां गणितं मूर्ध्नि संस्थितम् ॥ यह श्लोक किस ग्रन्थ का है ?

उत्तर- वेदांग ज्योतिष 5

प्रश्न- बहुत प्रलाप करने से क्या लाभ है ? इस चराचर जगत में जो कोई भी वस्तु है वह गणित के बिना नहीं है । यह कथन किसका है ?

उत्तर- महावीराचार्यगणितसारसंग्रह में ।

प्रश्न- योजनानं सहस्रे द्वे द्वे शते द्वे च योजने ।

एकेन निमिषार्धेन क्रममाण नमोऽस्तुते ॥ इस श्लोक में किसके वेग को कहा गया है ?

उत्तर- सायणाचार्य ने प्रकाश का वेग को बताया है ।

प्रश्न- पृथ्वी गतिशील है इसके लिए जैसे एक नाव में बैठा आदमी आगे बढ़ते हुए स्थिर वस्तुओं को पीछे की दिशा में जाते देखता हैबिल्कुल उसी  तरह श्रीलंका में लोगों द्वारा स्थिर तारों को ठीक पश्चिम में जाते हुए देखा जाता है।यह वाक्य उदाहरण के रूप में किसने किस पुस्तक में दिया है ?

उत्तर- आर्यभटीय गोलपाद ।

प्रश्न- किसने किस पुस्तक में विश्व को सर्वप्रथम पाई का मान बताया ?

उत्तर- आर्यभट्ट ने आर्यभटीय (गणितपाद) में सर्वप्रथम पाई का मान बताया ।

संस्कृत के ग्रन्थ और ग्रन्थकार

प्रश्न- विश्व का सबसे प्राचीनतम पुस्तक कौन है ?

उत्तरविश्व का सबसे प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है ।

प्रश्न- ऋग्वेद किस भाषा में लिखा है ?

उत्तरसंस्कृत भाषा में लिखा है ।

प्रश्न- रसायनशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रन्थ रस रत्नात्कर के लेखक का नाम बताइये

उत्तरनागार्जुन

प्रश्नबुद्धचरितम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरअश्वघोष 

प्रश्न-सौंदर्यनन्द महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरअश्वघोष 

प्रश्न-कुमारसंभवम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास 

प्रश्न-नैषधीयचरितम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरश्रीहर्ष 

प्रश्न-शिशुपाल वध महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरमाघ 

प्रश्न-जानकीहरणम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकुमार दास 

प्रश्न-नाट्य शास्त्र के लेखक कौन है ?

उत्तरआचार्य भरत मुनि 

प्रश्न-काव्यालंकार के लेखक कौन है ?

उत्तरभामह 

प्रश्न-काव्यादर्श के लेखक कौन है ?

उत्तरदण्डी 

प्रश्न- ध्वन्यालोक के लेखक कौन है ?

उत्तरआनन्दवर्धन 

प्रश्न-काव्यमीमांसा के लेखक कौन है ?

उत्तरराजशेखर 

प्रश्न- सरस्वती कण्ठाभरणम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभोजराज 

प्रश्न-साहित्य दर्पण के लेखक कौन है ?

उत्तरविश्वनाथ 

प्रश्न- रसगंगाधर के लेखक कौन है ?

उत्तरपण्डितराज जगन्नाथ 

 प्रश्न-स्वप्नवासवादात्तमके लेखक कौन है ?

उत्तरभास 

प्रश्न- आदिकवि के नाम से किसे जाना जाता है ?

उत्तरवाल्मीकि

प्रश्न- कृष्णद्वैपायन किसे कहा जाता है ?

उत्तरवेद व्यास

प्रश्न - नामलिङ्गानुशासन किस ग्रन्थ का नाम है ?

उत्तरअमरकोष

प्रश्न - रावणवधमहाकाव्यम् किस ग्रन्थ का नाम है ?

उत्तरभट्टिकाव्यम्

प्रश्न - ऋग्वेद में कितने मण्डल होतें हैं ?

उत्तरदस 

प्रश्न - रामायण में कितने श्लोक हैं ?

उत्तरचतुर्विंशतिश्लोक

प्रश्न - किस काव्य को आदिकाव्य कहा जाता है ?

उत्तररामायण

प्रश्न - रामायण की विधा क्या है ?

उत्तरमहाकाव्य

प्रश्न - रामायण में कितने काण्ड है ?

उत्तरसात

प्रश्न - रामायण में मुख्य रस कौन सा है ?

उत्तरकरुण

प्रश्न - श्लोकः श्लोकत्वमागतः किसके लिए कहा गया है ?

उत्तरवाल्मीकि

प्रश्न - रामायण कथा के लिए वाल्मीकि को किसने उपदेश दिया ?

उत्तरनारद

प्रश्न - रामायण के सातों काण्डों को क्रम से बताईये ?

उत्तरबाल,अयोध्याअरण्यकिष्किंधासुन्दर,  युद्ध और उत्तर काण्ड

प्रश्न - रामायण में कितने सर्ग है ?

उत्तर500

संकेत-

अन्नं भट्ट - तर्कसंग्रह- 

वरदराज - लघुसिद्धान्तकौमुदी

केशव मिश्र – तर्कभाषा

वेद एवं उपनिषद

1. *चार वेद कौन-कौन से हैं?*

   उत्तर: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद

2. *ऋग्वेद में कितने मंत्र हैं?*

   उत्तर: 10,627 मंत्र

3. *गायत्री मंत्र किस वेद में प्राप्त होता है?*

   उत्तर: ऋग्वेद

4. *'ब्रह्मसूत्र' किस दार्शनिक परंपरा से संबंधित है?*

   उत्तर: वेदान्त

5. *'ईशावास्योपनिषद' किस वेद का भाग है?*

   उत्तर: यजुर्वेद

6. उपनिषद कितने प्रकार के होते हैं? — 108

7. सबसे प्राचीन उपनिषद कौन सा है? — बृहदारण्यक उपनिषद

8. वेदों को 'श्रुति' क्यों कहा जाता है? — क्योंकि यह ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है

9. सामवेद में प्रमुख रूप से क्या वर्णित है? — संगीत एवं मंत्रों का उच्चारण

10. 'अथर्ववेद' का क्या मुख्य विषय है? — ज्योतिष, चिकित्सा एवं रहस्यमय अनुष्ठान

11. ऋग्वेद में कितने सूक्त हैं? — 1028 

12. 'तैत्तिरीय उपनिषद' में किस प्रकार का ज्ञान प्रमुख रूप से वर्णित है?

   उत्तर: *ब्रह्मज्ञान और आत्मा का स्वरूप* (यह उपनिषद आत्मा, ब्रह्म और सृष्टि की गूढ़ व्याख्या करता है।)

13. ऋग्वेद के कौन से मंडल को 'पुरुषसूक्त' के लिए प्रसिद्ध माना जाता है?

   उत्तर: *दसवाँ मंडल* (इसमें 'पुरुषसूक्त' नामक महत्वपूर्ण मंत्र हैं, जो ब्रह्मांड की रचना को दर्शाते हैं।)

अधोलिखितेषु समुचितवचनानि चिनुत

1. ऋग्वेदस्य दशममण्डले पवमानदेवः प्राधान्येन स्तूयते ।

II. पुरूरवसः उर्वश्या सह संवादः ऋग्वेदस्य दशममण्डले लभ्यते ।

III. यजुर्वेदस्य ब्रह्मवेद इति नामान्तरम् ।

IV. वामदेवर्षिः चतुर्थमण्डलस्य ऋषिर्वर्तते ऋग्वेदे ।

(A) I, II, III

(B) I, III, IV

(C) II, III, IV

(D) I, II, IV

उत्तर- समुचितवचनानि हैं: I, II, IV** (D)

- ऋग्वेद के दशम मण्डल में पवमान देवता का स्तवन प्रमुखता से किया गया है।

- पुरूरवस और उर्वशी का संवाद भी ऋग्वेद के दशम मण्डल में मिलता है।

- वामदेव ऋषि ऋग्वेद के चतुर्थ मण्डल के ऋषि हैं।

प्रश्न - चार वेद कौन-कौन से हैं ?

उत्तरऋग्वेद,सामवेद,यजुर्वेदअथर्ववेद 

प्रश्न- वेदत्रयी में कौन कौन से वेद आते हैं

उत्तर- ऋग्, यजुष् तथा साम

प्रश्नयजुर्वेद के कितने भाग होतें हैं ?

उत्तर-यजुर्वेद के दो भाग होतें हैं  

प्रश्नयजुर्वेद के दोनों भागों का नाम क्या है ?

उत्तर- कृष्ण यजुर्वेदशुक्ल यजुर्वेद 

प्रश्न- वेदाङ्ग (शास्त्रकितने होतें हैं ?

उत्तरवेदाङ्ग छह होते हैं 

प्रश्न- छह वेदाङ्ग कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- छन्दकल्पज्योतिषनिरुक्तशिक्षाव्याकरण   

छन्दः पादौ तु वेदस्य हस्तौ कल्पोऽथ पठ्यते ।

ज्योतिषामयनं चक्षुर्निरुक्तं श्रोत्रमुच्यते ।।

शिक्षा घ्राणं तु वेदस्य मुखं व्याकरणं स्मृतम् ।।

तस्मात्साङ्गमधीत्यैव ब्रह्मलोके महीयते ।।

अर्थ:- वेदरुपी पुरुष के छन्द पैर हैं,कल्प उसके दो हाथ हैं,ज्योतिष दो नेत्र हैं,निरुक्त दो कान हैं,शिक्षा नासिका है और व्याकरण मुख है।अतः अंगों सहित वेद का अध्ययन करके ही मनुष्य ब्रह्मलोक को प्राप्त होता है।

प्रश्न - प्रमुख उपनिषदों की संख्या  कितनी है ?

उत्तर-  ग्यारह।

प्रश्न - उपनिषदों के नाम बताएँ ?

उत्तर- 01- ईश (ईशावास्य)  02- केन  03- कठ 04- प्रश्न  05- मुंडक  06- मांडूक्य  07- ऐतरेय 08- तैत्तिरीय 09- छान्दोग्य 10- वृहदारण्यक 11- श्वेताश्वतर ।

प्रश्न - सबसे छोटी उपनिषद् कौन है ?

उत्तर - ईशावास्योपनिषद्

प्रश्न - सबसे बड़ी उपनिषद् कौन सी है ?

उत्तर- बृहदारण्यकोपनिषद् 

प्रश्न - वेदों के ब्राह्मण का नाम बताएँ ?

        वेद              ब्राह्मण

1 - ऋग्वेद      -     ऐतरेय

2 - यजुर्वेद      -     शतपथ

3 - सामवेद     -    ताण्ड्य

4 - अथर्ववेद   -   गोपथ

वैदिक यज्ञ एवं अनुष्ठान (कर्मकाण्ड)**

1. वैदिक काल में यज्ञ मुख्यतः कितने प्रकार के होते थे? — **चारअग्निहोत्र, अश्वमेध, राजसूय, सोमयज्ञ**

2. वैदिक काल में 'अग्निहोत्र' क्या था? — **यज्ञ अनुष्ठान**

3. 'अग्निहोत्र' यज्ञ किस प्रयोजन हेतु किया जाता था? — **सूर्य और अग्नि की उपासना के लिए**

4. 'अश्वमेध यज्ञ' किस प्रयोजन हेतु किया जाता था? — **राजसूय अधिकार हेतु**

5. 'सोमयज्ञ' में प्रयुक्त मुख्य पदार्थ क्या होता है? — **सोमरस**

6. *'राजसूय यज्ञ' किस प्रयोजन हेतु किया जाता था?*

    **उत्तर:** सम्राट के राज्याभिषेक के लिए

7. वैदिक यज्ञों के निष्पादन हेतु कितने प्रकार के पुरोहित होते थे? — **चारहोता, अध्वर्यु, उद्गाता, ब्राह्मण**

 

भारतीय दर्शन**

1. *छः भारतीय दर्शन कौन-कौन से हैं?*

    **उत्तर:** सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा, वेदान्त

2. *'योग सूत्र' के रचयिता कौन हैं?*

    **उत्तर:** पतंजलि

3. *सांख्य दर्शन का मूल सिद्धांत क्या है?*

    **उत्तर:** प्रकृति और पुरुष का द्वैतवाद

4. *'अद्वैत वेदान्त' के संस्थापक कौन हैं?*

    **उत्तर:** आदि शंकराचार्य

5. 'न्याय दर्शन' के संस्थापक कौन थे? — **गौतम ऋषि**

6. **'सांख्य दर्शन' के प्रवर्तक कौन थे?**

   **उत्तर:** *महर्षि कपिल* (सांख्य दर्शन का मूल सिद्धांत प्रकृति और पुरुष के द्वैतवाद पर आधारित है।)

 7. **'पञ्चमहाभूत' सिद्धांत में कौन-कौन से तत्व सम्मिलित होते हैं?**

   **उत्तर:** *पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, आकाश* (इन पाँच तत्वों को भारतीय दर्शन में सृष्टि के आधारभूत तत्व माना गया है।)

प्रश्न - वैदिक दर्शन कितने हैं ?

उत्तरषड्दर्शन (:दर्शनहैं 

प्रश्न - षड्दर्शनों के नाम बताइये 

उत्तर- सांख्यदर्शन,योगदर्शन, न्यायदर्शन, वैशेषिकदर्शन, पूर्व मीमांसा एवं उत्तर मीमांसा (वेदान्तदर्शन)

प्रश्न - सांख्यदर्शन के अनुसार कितने तत्त्व होते हैं ?

उत्तर25

प्रश्न - सांख्यदर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरतीन 

प्रश्न - सांख्यदर्शन के तीन प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण ,अनुमान प्रमाण तथा शब्द प्रमाण 

प्रश्न - योगदर्शन में कितने पाद हैं ?

उत्तर-  चार पाद 

प्रश्न - योगदर्शन का प्रथम सूत्र क्या है ?

उत्तरअथ योगानुशासनम् 

प्रश्न - योग दर्शन में कितने योगों का वर्णन है?

उत्तरअष्टाङ्ग योग

प्रश्न - अष्टाङ्ग योग कौन कौन सा है ?

उत्तरयमनियम,आसान,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणाध्यान और समाधि 

प्रश्न - योगदर्शन के अनुसार कितने तत्त्व होते हैं ?

उत्तर26

प्रश्नयोग दर्शन को और किस नाम से जानते हैं ?

उत्तरसेश्वर सांख्य के नाम से 

प्रश्न - न्यायदर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  सोलह 

प्रश्न - न्यायदर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरचार 

प्रश्न - न्यायदर्शन के चार प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण ,अनुमान प्रमाण ,उपमान प्रमाण,तथा शब्द प्रमाण 

प्रश्न - न्यायदर्शन में गुणों की संख्या कितनी  हैं ?

उत्तरचतुर्विंशति गुणाः 24 

प्रश्न - अनुमान प्रमाण के कितने भेद हैं ?

उत्तरदो भेद 

प्रश्न - वैशेषिकदर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  पदार्थ 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  पदार्थ 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरछह प्रमाण।

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के छह प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द तथा अर्थापत्ति और अनुपलब्धि ।

प्रश्न -  उत्तर मीमांसा दर्शन में कितने कोषों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  कोष 

प्रश्न - उत्तरमीमांसा दर्शन के अनुसार 5 कोष कौन-कौन हैं ?

उत्तरअन्नमय कोषमनोमय कोष,प्राणमय कोष,विज्ञानमय कोष और आनन्दमय कोष 

 विषय के प्रवर्तक आचार्य

1-  न्याय दर्शन  - गौतम ।

2- वैशेषिक दर्शन  - कणाद ।

3- योगदर्शन  - पतंजलि ।

4- मीमांसा दर्शन  - जैमिनी ।

5- सांख्य दर्शन  - कपिल ।

6- वेदांत दर्शन  - व्यास ।

7-  नव्यन्याय दर्शन  - गंगेशोपाध्याय ।

प्रश्न - वैशेषिकदर्शन के प्रवर्तक आचार्य हैं ?

उत्तरकणाद 

प्रश्न - न्यायदर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर-  महर्षि गौतम।

प्रश्न - योगदर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर-  महर्षि पतञ्जलि 

प्रश्न - सांख्यदर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर-  महर्षि कपिल 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक आचार्य हैं ?

उत्तरजैमिनि 

प्रश्न - उत्तर मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर- वादरायण व्यास ।

प्रश्न - न्याय दर्शन के अनुसार कर्म कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर- 5

प्रश्न - यथार्थानुभव कितने प्रकार का है ? उत्तर- चतुर्विध

इतिहास एवं पुराण**

1. *'भागवत पुराण' में मुख्य रूप से किसकी कथा वर्णित है?*

    **उत्तर:** श्रीकृष्ण

2. *'रामायण' और 'महाभारत' के श्लोक संख्या में अंतर क्या है?*

    **उत्तर:** रामायण 24,000 श्लोकों का ग्रंथ है, जबकि महाभारत 1,00,000 श्लोकों का

3. *पुराण संख्या कितनी हैं?*

    **उत्तर:** 18 (6 वैष्णव, 6 शैव, 6 ब्रह्म)

4. विष्णुपुराण के प्रवक्ता कौन हैं? —

  **उत्तर **पराशर ऋषि**

5. 'भगवद्गीता' कितने अध्यायों में विभाजित है? — **18**

6. भागवत पुराण में मुख्य रूप से किस देवता का वर्णन है? — **श्रीकृष्ण**

7. 'शिवमहापुराण' में शिव के कितने रूपों का वर्णन है? — **12 ज्योतिर्लिंग रूप**

 

(खण्ड 2)

                सामान्य ज्ञान

1. भारत में संस्कृत विश्वविद्यालय कितने हैं? — **कई, प्रमुख: वाराणसी, उज्जैन, कांची**

2. कौन सा राज्य संस्कृत को द्वितीय राजभाषा बना चुका है? — **उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश**

3. 'संस्कृत भारती' किस कार्य से जुड़ी हुई संस्था है? — **संस्कृत प्रचार-प्रसार**

4. संस्कृत में पहला समाचार पत्र कौन सा था? — **सुधर्मा (1970 में शुरू हुआ)**

5. अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन पहली बार कब आयोजित हुआ? — **1972**

1. 'चाणक्य नीति' किस विषय से संबंधित है? — **राजनीति एवं जीवन नीति**

2. 'हितोपदेश' ग्रंथ किस उद्देश्य से लिखा गया था? — **नीति शिक्षण हेतु**

3. 'अष्टांग योग' की अवधारणा किस ग्रंथ में वर्णित है? — **योगसूत्र**

4. 'पञ्चतंत्र' का उद्देश्य क्या था? — **बुद्धिमत्ता एवं व्यवहारिक ज्ञान देना**

5. संस्कृत में 'नृत्य' के लिए क्या शब्द प्रयुक्त होता है? — **नाट्य**

6. संस्कृत में 'विद्या' का विपरीतार्थक शब्द क्या है? — **अविद्या**

7. महाभारत में कुल कितने पर्व हैं? — **18**

8. 'कौटिल्य' का प्रसिद्ध ग्रंथ कौन सा है? — **अर्थशास्त्र**

9. संस्कृत में 'नव' शब्द का अर्थ क्या है? — **नौ या नया**

10. संस्कृत में 'धन' का पर्यायवाची क्या है? — **वित्त, लक्ष्मी, संपत्ति**

संस्कृत ई अध्ययन

प्रश्न - ई-टेक्स्ट (इलेक्ट्रॉनिक टेक्स्ट) किसे कहते है ?

उत्तर - ई-टेक्स्ट शब्दों या अक्षर के रूप में लिखित या मुद्रित वह शब्द हैजो कि किसी विषय से सम्बन्धित डेटा हो। इसे डिजिटल रूप में पढ़ा जाता है।

प्रश्न - क्या ई-टेक्स्ट को संशोधित (एडिट) किया जा सकता है ?

उत्तर  हाँ, संशोधित किया जा सकता है।

प्रश्न - ई टेक्स्ट (e- text) के रूप में वृत्ति भाष्य आदि सहित अष्टाध्यायी पुस्तक किस वेबसाइट पर उपलब्ध है ?

उत्तर - अष्टाध्यायी.कॉम https://ashtadhyayi.com/

प्रश्न - संस्कृत विकिपिडिया की सह परियोजनाओं में से किसी दो का नाम बतायें

उत्तर - विकिस्रोतः, विकिसूक्तिः, विकिशब्दकोशः, विकिमीडिया, मेटाविकि, विकिकामन्स ।

प्रश्न - ई-पाठ्य से सम्बन्धित किसी दो ब्लॉग का नाम बताइये ?

उत्तर - https://sanskritbhasi.blogspot.com/ संस्कृतभाषी

प्रश्न  ई - बुक क्या है?

उत्तर  ई- बुक (E-book) एक Non-editable पुस्तक है, जिसे किसी भी डिजिटल डिवाइस जैसे कंप्यूटर स्क्रीन या मोबाइल डिवाइस पर पढ़ने के लिए डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित किया जाता है।

प्रश्न – ई -बुक के किसी एक फॉर्मेट का नाम बताये

उत्तर – EBUP ईपीयूबी (इलेक्ट्रॉनिक प्रकाशन), AZW, और PDF

प्रश्न - किन्हीं दो ई-बुक रीडर डिवायस का नाम बतायें

उत्तर - कंप्यूटरलैपटॉपटैबलेट और स्मार्टफोनब्यूबोर्डस्मार्ट बोर्ड, अमेजन किंडल, बार्न्स एंड नोबेल नुक, सोनी रीडर, एडोब डिजिटल एडिशन और गूगल प्ले बुक्स, राकुटेन का कोबो ।

प्रश्न - केन्द्रीय सरकार द्वारा ऑनलाइन लर्निंग के लिए उपलब्ध कराए गए किन्हीं दो वेबसाइट का नाम बताइये

उत्तर -

1.  SWAYAM भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है ।

2.  MOOC मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज़ (Massive Open Online Courses- MOOCs)

3.  ई-पीजी पाठशाला

4.  इडं केट (IndCat)

5.  शोधगंगोत्री

प्र प्रश्न  संस्कृत साहित्य उपलब्ध कराने वाले किन्हीं दो डिजिटल लाइब्रेरी का नाम बतायें

    उत्तर -

1. Government Sanskrit Libraries Network

भारत सरकार संस्कृत पुस्तकालय नेटवर्क

2.संस्कृत पुस्तकालयः The Sanskrit Library

 National Digital Library of India(NDLI)

3. नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया (एनडीएलआई) शिक्षा विभागभारत सरकार के अन्तर्गत संचालित एक वर्चुअल पुस्तकालय है।

प्रश्न- प्रो. मदनमोहन झा द्वारा निर्मित किसी तीन मोबाइल ऐप का नाम बताये

उत्तर- 1. संस्कृत हिन्दी डिक्सनरी, 2- संस्कृत अंग्रेजी डिक्सनरी, 3- धातुरूपमाला आफलाइन, 4- शब्दकल्पद्रुम आफलाइन, 5- शब्दकल्पद्रुम आनलाइन, 6- शब्दरूपमाला, 7- वाचस्पत्यम् 8- संस्कृत अष्टाध्यायी सूत्राणि, 9- पाणिनि अष्टाध्यायी, 10- धातुरूपमाला आनलाइन, 11- एडुनेट, 12- सिद्धान्तकौमुदी, 13- अमरकोष. 14- अष्टाध्यायी चन्द्रिका15. हिन्दी शब्दकोश, 16. संस्कृत सचित्र शब्दकोश, 17. कृदन्तरूपदर्शिका, 18. . कृदन्तसाधिका, 19. वैयाकरणसिद्धान्तकौमुदी (मूलपाठ) 20. संस्कृत स्वयं शिक्षक, 21. संस्कृत चित्रबोध, 22. संस्कृतभाषा दक्षता परीक्षण 23. शैक्षिकाभिरुचिपरीक्षण24. संस्कृतशास्त्रालोचनम् ।

विविध प्रतियोगी परीक्षा में पूछे गए प्रश्न तथा उसका उत्तर

1. तन्तुरूपं पटरूपस्य कीदृशं कारणम् अस्ति

(A) समवायिकारणम्

(B) उपादानकारणम्

(C) असमवायिकारणम्

(D) निमित्तकारणम्

उत्तर- तन्तुरूपं पटरूपस्य (C) असमवायिकारणम् अस्ति।


2. अधोलिखितेषु समुचितवचनानि चिनुत

1. ऋग्वेदस्य दशममण्डले पवमानदेवः प्राधान्येन स्तूयते ।

II. पुरूरवसः उर्वश्या सह संवादः ऋग्वेदस्य दशममण्डले लभ्यते ।

III. यजुर्वेदस्य ब्रह्मवेद इति नामान्तरम् ।

IV. वामदेवर्षिः चतुर्थमण्डलस्य ऋषिर्वर्तते ऋग्वेदे ।

(A) I, II, III

(B) I, III, IV

(C) II, III, IV

(D) I, II, IV

उत्तर- समुचितवचनानि हैं: I, II, IV** (D)। 

- ऋग्वेद के दशम मण्डल में पवमान देवता का स्तवन प्रमुखता से किया गया है। 

- पुरूरवस और उर्वशी का संवाद भी ऋग्वेद के दशम मण्डल में मिलता है। 

- वामदेव ऋषि ऋग्वेद के चतुर्थ मण्डल के ऋषि हैं। 

3. यत्प्रत्ययान्तं पदं किम् ?

(A) एधनीयम्

(B) कार्यम् 

(C) साहित्यम्

(D) चेयम् 

उत्तर- यत्प्रत्ययान्तं पदं चेयम् (D) है। अजन्त धातु से यत् प्रत्यय होता है।

4. 'आयुरेवेदम्' इत्यत्र का लक्षणा ?

(A) सारोपाशुद्धोपचारलक्षणा

(B) साध्यवसाना गौणोपचारलक्षणा

(C) साध्यवसानालक्षणा

(D) सारोपा-गौणोपचारलक्षणा

सही उत्तर है:
👉 (D)
सारोपा-गौणोपचारलक्षणा

स्पष्टीकरण:

  • सारोपलक्षणा: जब कोई शब्द अपने मुख्य अर्थ के साथ-साथ किसी सहप्राप्त (associated) अर्थ को भी संकेत करता है।
  • गौणोपचारलक्षणा: जब मुख्य अर्थ अप्रयुक्त होकर कोई गौण या अप्रत्यक्ष अर्थ ग्रहण किया जाता है, संदर्भ के अनुसार।

'आयुरेवेदः'यहाँ 'आयुः' (जीवन) और 'वेदः' (ज्ञान) दोनों मिलकर जीवन-विज्ञान (science of life) का बोध कराते हैं। यह शब्द केवल 'आयुः' या 'वेदः' तक सीमित न रहकर एक विशेष ज्ञानशास्त्र को सूचित करता है अतः यह सारोप और गौण दोनों प्रकार की लक्षणा है।

5. 'वेदोऽखिलो धर्ममूलम्' इति कथनमस्ति

(A) जैकोबीमहोदयस्य

(B) मनोः

(C) पाराशरस्य

(D) वशिष्ठस्य

सही उत्तर है: (B) मनोः

🔍 स्पष्टीकरण:

"वेदोऽखिलो धर्ममूलं स्मृतिशीले च तद्विदाम्।
आचारश्चैव साधूनामात्मनस्तुष्टिरेव च॥"
मनुस्मृति 2.6

6. डीष्-प्रत्ययान्तं पदमस्ति

(A) कुमारी

(B) इन्द्राणी

(C) दाक्षी

(D) कठी

सही उत्तर है:

(C) दाक्षी

🔍 स्पष्टीकरण:

  • डीष् एक स्त्रीप्रत्यय है जो "मनुष्य जातिवाचक ह्रस्व इकारान्त प्रातिपदिक से स्त्रीत्व की विवक्षा में ङीष् प्रत्यय लगता है और यह दीर्घ '' (ईकारान्त) रूप देता है।
  • दाक्षी = दक्ष + डीष् → दक्ष की स्त्री = दाक्षी

📌 अभ्यास हेतु कुछ प्रश्न:

  1. 'राज्ञी' शब्द किस प्रत्यय से बना है?
  2. 'नदी' शब्द में कौन-सा स्त्रीप्रत्यय है?
  3. 'वैवस्वती' में कौन-सा प्रत्यय है?
  4. 'शुची' शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?

7. जैनदर्शने प्रत्यक्षज्ञानं कियत्प्रकारकं भवति ?

A)     एकम् (B) चत्वारि (C) द्वे (D) त्रीणि

उत्तरः : (C) द्वे

🧠 स्पष्टीकरण:

जैन दर्शन में प्रत्यक्ष ज्ञान को दो प्रकारों में बाँटा गया है:

  1. अपरोक्ष प्रत्यक्ष (Immediate perception)जैसे कि मन, इन्द्रियों द्वारा प्राप्त ज्ञान।
  2. परोक्ष प्रत्यक्ष (Mediated perception)जैसे कि अवधिज्ञान, मनःपर्यय ज्ञान, केवलज्ञान आदि, जो प्रत्यक्ष तो होते हैं, पर विशेष योग्यता द्वारा।

8. 'उज्ज्वलनीलमणिः' इति ग्रन्थस्य लेखकः अस्ति

(A) रूपगोस्वामी

(B) मम्मटः

(C) भट्टिस्वामी

(D) वामनः

(A) रूपगोस्वामी

🧠 स्पष्टीकरण:

'उज्ज्वलनीलमणिः' नामकः ग्रन्थः नाट्यशास्त्रस्य तथा रासलीलासम्बद्धः संस्कृतनाट्यशास्त्रीय ग्रन्थः अस्ति, यः रूपगोस्वामिना, श्रीचैतन्यमहाप्रभोः अनुयायिना, विरचितः अस्ति।

एषः ग्रन्थः भक्तिरस, शृङ्गार, तथा नाट्यधर्मविषयकं विश्लेषणं करोति।

9. येनेदं भूतं भुवनं भविष्यत् परिगृहीतममृतेन सर्वम्-इति मन्त्रांशः अस्ति

(A) यजुर्वेदीयशिवसङ्कल्पसूक्तस्य

(B) ऋग्वेदीयविष्णुसूक्तस्य

(C) ऋग्वेदीयवरुणसूक्तस्य

(D) अथर्ववेदीयपृथिवीसूक्तस्य

(A) यजुर्वेदीयशिवसङ्कल्पसूक्तस्य

10. 'परिभाषेन्दुशेखर' इतिग्रन्थस्य प्रणेतुः नाम किम्

(A) मुकुलभट्ट

(B) रङ्गोजिभट्ट

(C) कौण्डभट्ट

(D) नागेशभट्टः

उत्तरः: (D) नागेशभट्टः

🧠 स्पष्टीकरण:

  • परिभाषेन्दुशेखरः नामकः ग्रन्थः पाणिनीयव्याकरणस्य परिभाषाणां टीकास्वरूपेण रचितः प्रसिद्धः ग्रन्थः अस्ति। नागेशभट्टः पाणिनीयव्याकरणे महाभाष्यप्रदीप, लघुशब्देन्दुशेखर, वैयाकरणसिद्धान्त-कारिकावृत्ति च अपि रचयामास।

11. यदा सविकल्पकानन्तरं हानोपादानोपेक्षाबुद्धयो जायन्ते तदा करणं भवति

(A) निर्विकल्पकं ज्ञानम्

(B) इन्द्रियार्थसन्निकर्षः

(C) परामर्शकं ज्ञानम्

(D) अवान्तरव्यापारः

उत्तरः: (C) परामर्शकं ज्ञानम्

🧠 स्पष्टीकरण:

  • परामर्शकं ज्ञानम् (परामर्श = स्मरणपूर्वक-प्रत्यक्षसंगत-निर्णयात्मकं ज्ञानम्) एव कर्मनिरूपणस्य हेतुर्भवति।
  • हान, उपादान, उपेक्षाइत्येते बुद्धिविशेषाः यदा उत्पद्यन्ते, तदा तद् सावधारणकं, विकल्पात्मकं ज्ञानम् भवति, यत् परामर्श इत्युच्यते।

📌 साविकल्पकज्ञानानन्तरं परामर्शो जायते, सः एव प्रवृत्तिनिवृत्तिनिमित्तम् करणम् भवति।

12. रसनिष्पत्तौ अनुमितिवादः सिद्धान्तः कस्य ?

(A) भट्टलोल्लटस्य

(B) अभिनवगुप्तस्य

(C) भट्टनायकस्य

(D) शङ्कुकस्य

उत्तरः: (D) शङ्कुकस्य

🧠 स्पष्टीकरण:

  • शङ्कुकः, भरतमुनेः नाट्यशास्त्रस्य प्रमुखभाष्यकारः आसीत्।
  • तेन रसनिष्पत्तौ "अनुमितिवादः" प्रतिपादितः
    तस्य मतानुसारं, रसः प्रत्यक्षेण न अनुभूयते, अपि तु अनुमानपूर्वकं ज्ञायते
  • रसदर्शने एषः मतं विशेषं चर्चितं यत्

"रसः नाट्ये न स्वयम् अनुभवः, किं तर्हि? नायकादेः अवस्थाभिः दर्शकस्य अन्तःकरणे जातः अनुमेयभावः।"

अन्याः विचारधाराः (तुलनायै):

  • भट्टलोल्लटःरसस्य नायके निष्पत्तिः, सः अभिव्यक्तिवादः प्रतिपादयति।
  • भट्टनायकःभावकत्वेन दर्शके रसनिष्पत्तिः, सः भावकत्ववादः स्थापयति।
  • अभिनवगुप्तःअभिव्यक्तिवादस्य उत्कृष्टतमं रूपं, आलम्बनउद्दीपअनुभावव्यभिचारिभावसंवेदनाद्वारा रसस्य अभिव्यक्तिः

📊 रससिद्धान्तानां तुलनात्मकः सारांशः

आचार्यः

मतम् / सिद्धान्तः

मुख्यवाक्यम् / तात्त्विकदृष्टिः

रसस्य निष्पत्तिः कुत्र?

भट्टलोल्लटः

अभिनिवेशवादः (आत्मनिष्ठता)

नाट्ये नायकादेः भावः एव रसः; नायक एव रसरूपं अनुभवति।

नायके एव (प्रदर्शके)

शङ्कुकः

अनुमितिवादः

दर्शकः रसस्य अनुभवं न करॊति प्रत्यक्षतः, अपि तु अनुमानद्वारा तं अनुभवति।

दर्शके, परोक्षेण (अनुमानतः)

भट्टनायकः

भावकत्ववादः

रसः दर्शके निष्पद्यते, किन्तु सः सामाजिकीकृतभाव इत्यनेन; सामान्यभावकः रसास्वादकः।

दर्शके (भावकत्वेन)

अभिनवगुप्तः

अभिव्यक्तिवादः

स्थायिभावः, उद्दीपन, अनुभावादिना रसस्वरूपेण दर्शके अभिव्यक्तः भवति।

दर्शके (प्रत्यक्षरसास्वादः)

🧠 संक्षेपेण स्मरणीयम्:

  • लोल्लटरसः नायके
  • शङ्कुकरसः अनुमेयः दर्शके
  • भट्टनायकरसः भावकस्य सामूहिकचित्ते
  • अभिनवगुप्तरसः अभिव्यक्तः दर्शके

13. 'ओत्' इति सूत्रेण संज्ञा भवति

(A) अपृक्तः

(B) प्रगृह्यः

(C) गतिः

(D) विभाषा

उत्तरः: (B) प्रगृह्यः

व्याकरण एवं भाषाविज्ञान:

 

1. संस्कृत का समृद्ध साहित्य किसने रचा था?

A) कालिदास

B) पाणिनि

C) पतंजलि

D) उपनिषद

उत्तर: A) कालिदास

📘 स्पष्टीकरण: कालिदास संस्कृत के महान काव्यकार थे, जिन्होंने "अभिज्ञानशाकुंतलम्" और "रघुवंश" जैसे अद्भुत काव्य रचे।

 

Q2. संस्कृत में शब्दों की रचना किस पर आधारित होती है?

A) प्रत्यय

B) उपसर्ग

C) धातु

D) विभक्ति

उत्तर: C) धातु

प्रश्न 3:

"‘गच्छतिधातोः लट् लकारस्य प्रथमपुरुषे एकवचनरूपं किम्?"

उत्तर:

गच्छति

व्याख्या:

धातु = गम् (गच्छति)

लकार = लट् (वर्तमान काल)

पुरुष = प्रथम पुरुष

वचन = एकवचन

उत्तर: गच्छति

 

प्रश्न 4:

"‘पठतिइत्यस्मात् धातोः कर्तरि लोट् लकारे प्रथम पुरुषे एकवचनरूपं किम्?"

उत्तर:

पठतु

व्याख्या:

लोट् लकार = विधिलिंग/आज्ञार्थक (imperative mood)

धातु = पठ्

कर्तरि प्रयोग = कर्ता स्वयं क्रिया करता है

प्रथम पुरुष, एकवचन पठतु (Let him read / he should read)

 

प्रश्न 5:

"संस्कृतभाषायाः उपसर्गइत्यस्य कोऽर्थः?"

उत्तर:

धातोः पूर्वे उपतिष्ठति इति उपसर्गः।

व्याख्या:

उपसर्गवह अव्यय होता है जो किसी धातु के पूर्व जुड़कर उसके अर्थ को विशेष करता है या बदल देता है।

जैसे:

गम् (जाना) + प्रति (उपसर्ग) = प्रतिगच्छति (लौटना)

 

प्रश्न 6:

"‘कृधातोः कृदन्तप्रयोगे क्तवतु प्रत्यये रूपं किम्?"

उत्तर:

कृतवान् (पुं), कृतवती (स्त्री)

व्याख्या:

कृ (to do) धातु + क्तवतु प्रत्यय कृत + वान् = कृतवान्

स्त्रीलिङ्गे कृतवती

 

 

📝 प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्पों में से एक सही उत्तर चुनिए:

 

प्रश्न 7. ‘रामः वनम् गच्छतिइत्यत्र रामःपदस्य कारकं चिनुत।

A) कर्ता

B) कर्म

C) करण

D) अधिकरण

उत्तर: A) कर्ता

📘 स्पष्टीकरण: 'रामः' वाक्य का कर्ता है, जो स्वयं गमन क्रिया कर रहा है।

 

प्रश्न 8:. ‘पठतिइत्यस्मिन् शब्दे कः लकारः अस्ति?

A) लोट्

B) लङ्

C) लट्

D) विधिलिङ्

उत्तर: C) लट्

📘 स्पष्टीकरण: 'पठति' वर्तमान काल का रूप है, जो लट् लकार में बनता है।

 

प्रश्न 9:. ‘गम्धातोः लोट् लकारे प्रथम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) गच्छ

B) गच्छतु

C) गच्छे

D) अगच्छत्

 

उत्तर: B) गच्छतु

📘 स्पष्टीकरण: लोट् लकार + प्रथम पुरुष + एकवचन = गच्छतु (Let him go)

 

प्रश्न 10. 'कृ' धातोः क्तवतु प्रत्यये रूपं किम्? (पुंलिङ्गे)

A) कर्तुं

B) कृत

C) कृतवान्

D) कर्ता

उत्तर: C) कृतवान्

📘 स्पष्टीकरण: क्तवतु प्रत्यय + कृ धातु कृतवान् (he has done)

 

प्रश्न 11: ‘सः पठतिइत्यत्र क्रियापदं किम्?

A) पठति

B) सः

C) सः पठ

D) इत्यत्र

 

उत्तर: A) पठति

📘 स्पष्टीकरण: 'पठति' वाक्य की क्रिया है, जिसका अर्थ है पढ़ता है।

 

प्रश्न 12: निम्नलिखितेषु कस्मिन् शब्दे कृदन्त प्रयोगः नास्ति?

A) पठितवान्

B) लिखितः

C) जलम्

D) कर्ता

उत्तर: C) जलम्

📘 स्पष्टीकरण: 'जलम्' कोई कृदन्त रूप नहीं है, यह सामान्य संज्ञा है। शेष सभी कृदन्त प्रत्यय से बने हैं।

 

प्रश्न 13: ‘गच्छतिइत्यस्मिन् कः लकारः अस्ति?

A) लट्

B) लङ्

C) लोट्

D) विधिलिङ्

उत्तर: A) लट्

📘 स्पष्टीकरण: 'गच्छति' वर्तमान काल का रूप है, जो लट् लकार में होता है।

 

प्रश्न 14: ‘गच्छेत्इत्यत्र कः लकारः अस्ति?

A) लोट्

B) विधिलिङ्

C) लङ्

D) लट्

उत्तर: B) विधिलिङ्

📘 स्पष्टीकरण: 'गच्छेत्' सम्भावना, सम्भाषणार्थ प्रयोग में आता है विधिलिङ् लकार।

 

प्रश्न 15: ‘गमिष्यतिइत्यत्र कः लकारः अस्ति?

A) लङ्

B) लृट्

C) लिट्

D) लोट्

उत्तर: B) लृट्

📘 स्पष्टीकरण: 'गमिष्यति' भविष्यत्काल (future tense) है लृट् लकार।

 

प्रश्न 16: ‘अगच्छत्इत्यत्र कः लकारः?

A) लङ्

B) लिट्

C) लृट्

D) लोट्

उत्तर: A) लङ्

📘 स्पष्टीकरण: अगच्छत्भूतकाल (past tense) है लङ् लकार।

 

प्रश्न 17: ‘गच्छतुइत्यत्र कः लकारः?

A) लोट्

B) विधिलिङ्

C) लट्

D) लङ्

उत्तर: A) लोट्

📘 स्पष्टीकरण: 'गच्छतु' आज्ञार्थक लकार है लोट् लकार।

 

प्रश्न 18: ‘भवेत्इत्यस्मिन् कः लकारः?

A) लङ्

B) लोट्

C) विधिलिङ्

D) लृट्

उत्तर: C) विधिलिङ्

📘 स्पष्टीकरण: 'भवेत्' = 'हो सकता है' / 'होना चाहिए' — विधिलिङ् प्रयोग।

 

प्रश्न 19: ‘भवतुइत्यत्र लकारः कः?

A) लङ्

B) लोट्

C) लट्

D) विधिलिङ्

उत्तर: B) लोट्

📘 स्पष्टीकरण: भवतुआज्ञार्थ है लोट् लकार का प्रयोग।

 

प्रश्न 20: धातु 'स्था' (to stand) का लट् लकारे प्रथम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) तिष्ठति

B) स्थापयति

C) स्थितवान्

D) तिष्ठतु

उत्तर: A) तिष्ठति

📘 स्पष्टीकरण: 'स्था' धातु का वर्तमान काल (लट्) रूप तिष्ठति।

 

प्रश्न 21: धातु दा’ (to give) का लङ् लकारे प्रथम पुरुष बहुवचनरूपं किम्?

A) दत्ताः

B) अदद्म

C) अदत्त

D) अदद्मः

उत्तर: D) अदद्मः

📘 स्पष्टीकरण: भूतकाल (लङ् लकार) + प्रथम पुरुष + बहुवचन = अदद्मः (हमने दिया)

 

प्रश्न 22: 'कृ' धातोः लोट् लकारे प्रथमपुरुषे बहुवचनरूपं किम्?

A) कुर्यात्

B) कुर्वन्तु

C) कुरुत

D) करिष्यामः

 

उत्तर: B) कुर्वन्तु

📘 स्पष्टीकरण: कृधातु + लोट् लकार + प्रथम पुरुष + बहुवचन कुर्वन्तु (Let them do)

 

1. "√भू" धातोः लट् लकारे प्रथम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) भवामि

B) भवति

C) भवसि

D) भूत्वा

उत्तर: B) भवति

📘 स्पष्टीकरण: भू + लट् + प्रथमा + एकवचन = भवति

 

2. "√कृ" धातोः लङ् लकारे मध्यम पुरुष द्विवचनरूपं किम्?

A) अकुर्वताम्

B) अकुरुताम्

C) अकुर्वतम्

D) अकुर्वः

उत्तर: C) अकुर्वतम्

📘 स्पष्टीकरण: कृ + लङ् + मध्यम + द्विवचन = अकुर्वतम्

 

3. "√गम्" धातोः लृट् लकारे उत्तम पुरुष बहुवचनरूपं किम्?

A) गमिष्यन्ति

B) गमिष्यथ

C) गमिष्यामः

D) गमिष्यावः

उत्तर: C) गमिष्यामः

📘 स्पष्टीकरण: गम् + लृट् + उत्तम + बहुवचन = गमिष्यामः

 

4. "√स्था" धातोः लोट् लकारे मध्यम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) तिष्ठतु

B) तिष्ठ

C) तिष्ठन्तु

D) स्थातु

उत्तर: B) तिष्ठ

📘 स्पष्टीकरण: स्था + लोट् + मध्यम + एकवचन = तिष्ठ

 

5. "√दा" धातोः विधिलिङ् लकारे प्रथमा पुरुष बहुवचनरूपं किम्?

A) दद्युः

B) दद्याताम्

C) दद्यम्

D) दद्यात्

उत्तर: A) दद्युः

📘 स्पष्टीकरण: दा + विधिलिङ् + प्रथमा + बहुवचन = दद्युः

 

6. "√पठ्" धातोः लङ् लकारे उत्तम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) अपठम्

B) अपठत्

C) अपठन्ति

D) पठिष्यामि

उत्तर: A) अपठम्

📘 स्पष्टीकरण: पठ् + लङ् + उत्तम + एकवचन = अपठम्

 

7. "√नी" धातोः लट् लकारे मध्यम पुरुष बहुवचनरूपं किम्?

A) नयसि

B) नयथ

C) नयामः

D) नयति

उत्तर: B) नयथ

📘 स्पष्टीकरण: नी नय + लट् + मध्यम + बहुवचन = नयथ

 

8. "√भू" धातोः विधिलिङ् लकारे प्रथम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) भवामि

B) भवेत्

C) भवेयम्

D) भवेयुः

उत्तर: C) भवेयम्

📘 स्पष्टीकरण: भू + विधिलिङ् + उत्तम + एकवचन = भवेयम्

 

9. "√कृ" धातोः लोट् लकारे उत्तम पुरुष बहुवचनरूपं किम्?

A) कुर्याताम्

B) करवाम

C) कुर्वन्तु

D) कुर्मः

उत्तर: B) करवाम

📘 स्पष्टीकरण: कृ + लोट् + उत्तम + बहुवचन = करवाम

 

10. "√गम्" धातोः लङ् लकारे प्रथम पुरुष बहुवचनरूपं किम्?

A) अगच्छताम्

B) अगच्छाम

C) अगच्छामः

D) अगच्छन्

उत्तर: D) अगच्छन्

📘 स्पष्टीकरण: गम् + लङ् + प्रथम + बहुवचन = अगच्छन्

 

11. "√दा" धातोः लृट् लकारे मध्यम पुरुष एकवचनरूपं किम्?

A) दास्यसि

B) दास्यति

C) दास्यामि

D) दास्यन्ति

उत्तर: A) दास्यसि

📘 स्पष्टीकरण: दा + लृट् + मध्यम + एकवचन = दास्यसि

 

12. "√स्था" धातोः विधिलिङ् लकारे प्रथमपुरुष-द्विवचनरूपं किम्?

A) तिष्ठेयताम्

B) स्थितौ

C) तिष्ठेताम्

D) तिष्ठेयुः

उत्तर: C) तिष्ठेताम्

📘 स्पष्टीकरण: स्था + विधिलिङ् + प्रथमा + द्विवचन = तिष्ठेताम्

 

समास

 

प्रश्न 1: "‘कृष्णस्य पुस्तकं अस्तिइत्यत्र कृष्णस्यपदे कः कारकः अस्ति?"

उत्तर:

सम्बन्धः (षष्ठी विभक्ति)

व्याख्या:

'कृष्णस्य' शब्द में षष्ठी विभक्ति है, जो संबंध कारक को व्यक्त करती है। यहाँ 'कृष्ण' और 'पुस्तक' के बीच स्वामित्व का संबंध है।

 

प्रश्न 2: ‘राजपुत्रःइत्यस्मिन पदे कः समासः अस्ति?

A) द्वन्द्वः

B) तत्पुरुषः

C) कर्मधारयः

D) बहुव्रीहिः

 

उत्तर: B) तत्पुरुषः

📘 स्पष्टीकरण: राजस्य पुत्रः’ → राजपुत्रः। षष्ठी तत्पुरुष समास।

 

प्रश्न 3: ‘नीलकमलम्इत्यस्मिन् कः समासः अस्ति?

A) बहुव्रीहिः

B) कर्मधारयः

C) द्विगुः

D) अव्ययीभावः

 

उत्तर: B) कर्मधारयः

📘 स्पष्टीकरण: नीलम् कमलम्’ — विशेषण + विशेष्य। कर्मधारय समास।

 

प्रश्न 4: ‘सीतारामौइत्यत्र कः समासः?

A) कर्मधारयः

B) बहुव्रीहिः

C) द्वन्द्वः

D) तत्पुरुषः

 

उत्तर: C) द्वन्द्वः

📘 स्पष्टीकरण: सीता + रामौ दोनों को मिलाकर द्वन्द्व समास। द्विवचन में।

 

प्रश्न 5: ‘दुर्गमपन्थाइत्यत्र समासः कः?

A) कर्मधारयः

B) बहुव्रीहिः

C) अव्ययीभावः

D) तत्पुरुषः

 

उत्तर: B) बहुव्रीहिः

📘 स्पष्टीकरण: दुर्गमोऽयं पन्था यस्य सः यह व्यक्ति जिसका पथ कठिन है। बहुव्रीहि।

 

प्रश्न 6: ‘यथाशक्तिइत्यत्र कः समासः?

A) कर्मधारयः

B) अव्ययीभावः

C) तत्पुरुषः

D) बहुव्रीहिः

 

उत्तर: B) अव्ययीभावः

📘 स्पष्टीकरण: यथा शक्तिः’ = शक्ति के अनुसार अव्ययीभाव समास।

 

प्रश्न 7: ‘सप्तर्षयःइत्यत्र कः समासः?

A) द्विगुः

B) बहुव्रीहिः

C) तत्पुरुषः

D) कर्मधारयः

उत्तर: A) द्विगुः

📘 स्पष्टीकरण: सप्त ऋषयः संख्या + संज्ञा = द्विगु समास।

 

प्रश्न 8: ‘महात्माइत्यत्र कः समासः?

A) बहुव्रीहिः

B) कर्मधारयः

C) तत्पुरुषः

D) द्वन्द्वः

उत्तर: B) कर्मधारयः

📘 स्पष्टीकरण: महत् आत्मा इत्यर्थे विशेषण + विशेष्य।

 

प्रश्न 9: ‘सूर्योदयःइत्यस्मिन् समासप्रकारः कः?

A) कर्मधारयः

B) बहुव्रीहिः

C) अव्ययीभावः

D) तत्पुरुषः

उत्तर: D) तत्पुरुषः

📘 स्पष्टीकरण: सूर्यस्य उदयः षष्ठी तत्पुरुष समास।

 

प्रश्न 10: ‘लोकनाथःइत्यत्र समासः?

A) बहुव्रीहिः

B) द्वन्द्वः

C) षष्ठी तत्पुरुषः

D) अव्ययीभावः

उत्तर: C) षष्ठी तत्पुरुषः

📘 स्पष्टीकरण: लोकस्य नाथः षष्ठी तत्पुरुष समास।

 

प्रश्न 11: ‘निशाकालःइत्यत्र कः समासः?

A) द्विगुः

B) अव्ययीभावः

C) द्वन्द्वः

D) तत्पुरुषः

 

उत्तर: D) तत्पुरुषः

📘 स्पष्टीकरण: नक्तं कालः या निशायाः कालः षष्ठी तत्पुरुष।

 

प्रश्न 12: ‘नवग्रहइत्यत्र समासः कः अस्ति?

A) तत्पुरुषः

B) द्विगुः

C) बहुव्रीहिः

D) कर्मधारयः

 

उत्तर: B) द्वन्द्वः

📘 स्पष्टीकरण: नवग्रह’ = नव + ग्रह, अर्थात् 9 ग्रहों का समूह। जिस समस्त पद का पहला पद (पूर्वपद) संख्यावाचक विशेषण हो, उसे द्विगु समास कहते हैं।


📘 कारक

(वाक्य में रेखांकित पद का कारक बताइए)

  1. रामः वनं गच्छति।
    👉
    उत्तर: द्वितीया कारक (गमन क्रिया का लक्ष्य)
  2. बालकः पुस्तिकया पठति।
    👉
    उत्तर: तृतीया कारक (करण)
  3. गुरुं नमामि
    👉
    उत्तर: द्वितीया कारक (उपासना क्रिया का कर्म)
  4. बालकः गुरवे पुष्पं ददाति।
    👉
    उत्तर: चतुर्थी कारक (सम्प्रदान)
  5. अहं मित्रेण सह गच्छामि।
    👉
    उत्तर: तृतीया कारक (सहयोग)
  6. अहं कृष्णात् पुस्तकं गृहीतवान्।
    👉
    उत्तर: पञ्चमी कारक (अपादान)
  7. गङ्गायाः तीरे आश्रमः अस्ति।
    👉
    उत्तर: सप्तमी कारक (अधिकारण)
  8. गुरुणा शिष्यः शिक्षा दत्तः।
    👉
    उत्तर: तृतीया कारक (कर्ता कर्तरि तृतीया प्रयोगः)
  9. अहं मातरम् नमामि।
    👉
    उत्तर: द्वितीया कारक
  10. अहं काव्येन हृष्यामि।
    👉
    उत्तर: तृतीया कारक (हेतु हेतुहे तृतीया)

🔹 प्रश्न 11-20: सही विकल्प चुनिए

  1. 'मया पुस्तकं पठ्यते।' — वाक्य में 'मया' किस कारक में है?
    👉 (
    क) प्रथमा (ख) तृतीया ✅ (ग) पञ्चमी (घ) सप्तमी
    उत्तर: (ख) तृतीया
  2. 'गुरवे नमः।' — 'गुरवे' पद कौन से कारक में है?
    👉
    उत्तर: चतुर्थी
  3. 'फलानि वृक्षात् पतन्ति।' — 'वृक्षात्' किस कारक में है?
    👉
    उत्तर: पञ्चमी
  4. 'नदीषु कमलानि विकसन्ति।' — 'नदीषु' किस कारक में है?
    👉
    उत्तर: सप्तमी
  5. 'बालकः पुस्तकम् पठति।' — 'पुस्तकम्' किस कारक में है?
    👉
    उत्तर: द्वितीया
  6. 'सीता लक्ष्मणेन सह वनं गच्छति।' — 'लक्ष्मणेन' किस कारक में है?
    👉
    उत्तर: तृतीया
  7. 'सः मित्राय पुस्तकम् दत्तवान्।' — 'मित्राय' किस कारक में है?
    👉
    उत्तर: चतुर्थी
  8. 'मया लेखः लिखितः।' — यह किस कारक प्रयोग का उदाहरण है?
    👉
    उत्तर: करण कारक (कर्तरि तृतीया कर्ता तृतीया में है क्योंकि वाक्य कर्मणि है)
  9. 'गायत्री भोजनं करोति।' — 'भोजनं' पद कौन से कारक में है?
    👉
    उत्तर: द्वितीया
  10. 'रामेण सीता रक्षिता।' — 'रामेण' किस कारक में है?
    👉
    उत्तर: तृतीया

🔹 प्रश्न 21-30: रिक्त स्थान पूरक

  1. अहं ____ पाठशालां गच्छामि। (नगरः)
    👉
    उत्तर: नगरात् (पञ्चमी)
  2. सः ____ नमति। (गुरु)
    👉
    उत्तर: गुरुम् (द्वितीया)
  3. बालकः ____ खादति। (हस्तः)
    👉
    उत्तर: हस्तेन (तृतीया)
  4. अहं ____ पुस्तकम् दास्यामि। (मित्रः)
    👉
    उत्तर: मित्राय (चतुर्थी)
  5. पुस्तकं ____ अस्ति। (मेषः)
    👉
    उत्तर: मेषे (सप्तमी)
  6. रामः ____ फलं आनयति। (वृक्षः)
    👉
    उत्तर: वृक्षात् (पञ्चमी)
  7. छात्रः ____ लेखति। (लेखनी)
    👉
    उत्तर: लेखन्या / लेखन्या (तृतीया)
  8. अहं ____ सह आगतः। (सखा)
    👉
    उत्तर: सख्याः / सखिना सह (तृतीया)
  9. बालिका ____ पठति। (पुस्तकम्)
    👉
    उत्तर: पुस्तकं (द्वितीया)
  10. मया ____ पठितम्। (गीता)
    👉
    उत्तर: गीतया (करण तृतीया)


📘 भाषाविज्ञान

1. वह शाखा जो ध्वनियों का वैज्ञानिक अध्ययन करती है, क्या कहलाती है?

A) व्याकरण

B) ध्वनिविज्ञान (Phonetics)

C) रूपविज्ञान (Morphology)

D) ध्वनितत्त्व (Phonology)

 

उत्तर: B) ध्वनिविज्ञान (Phonetics)

 

📘 स्पष्टीकरण: ध्वनिविज्ञान वह शाखा है जिसमें ध्वनियों के उच्चारण, संरचना, और गुणों का अध्ययन किया जाता है।

 

2. वह शाखा जो ध्वनियों की प्रणाली (sound system) और उनके नियमों का अध्ययन करती है, वह है

A) भाषाविज्ञान

B) ध्वनिविज्ञान

C) ध्वनितत्त्व (Phonology)

D) व्याकरण

उत्तर: C) ध्वनितत्त्व (Phonology)

📘 स्पष्टीकरण: ध्वनितत्त्व या ध्वनिशास्त्र भाषिक ध्वनियों के संगठन और कार्य का अध्ययन करता है।

 

3. वह शाखा जो शब्दों की रचना और उनके घटकों का अध्ययन करती है, वह है

A) शब्दविज्ञान (Lexicology)

B) रूपविज्ञान (Morphology)

C) वाक्यविज्ञान (Syntax)

D) व्युत्पत्तिविज्ञान (Etymology)

 

उत्तर: B) रूपविज्ञान (Morphology)

 

📘 स्पष्टीकरण: Morphology वह शाखा है जो शब्दों की आंतरिक संरचना (root, suffix, prefix आदि) को देखती है।

 

4. वह शाखा जो वाक्य की बनावट व संरचना का अध्ययन करती है, क्या कहलाती है?

A) व्याकरण

B) वाक्यविज्ञान (Syntax)

C) व्युत्पत्तिविज्ञान

D) वाक्यार्थ

 

उत्तर: B) वाक्यविज्ञान (Syntax)

 

📘 स्पष्टीकरण: Syntax वाक्य में शब्दों की क्रमबद्धता और व्याकरणिक संबंधों का अध्ययन करती है।

 

5. अर्थ का अध्ययन करने वाली शाखा कौन-सी है?

A) ध्वनिविज्ञान

B) वाक्यविज्ञान

C) अर्थविज्ञान (Semantics)

D) समाजभाषाविज्ञान

 

उत्तर: C) अर्थविज्ञान (Semantics)

 

📘 स्पष्टीकरण: अर्थविज्ञान शब्दों, वाक्यों और प्रतीकों के अर्थ को समझने का विज्ञान है।

 

6. वह शाखा जो भाषा और समाज के संबंध का अध्ययन करती है, वह है

A) समाजभाषाविज्ञान (Sociolinguistics)

B) मनोभाषाविज्ञान

C) व्याकरण

D) शब्दविज्ञान

 

उत्तर: A) समाजभाषाविज्ञान (Sociolinguistics)

 

📘 स्पष्टीकरण: यह शाखा यह देखती है कि समाज के विभिन्न वर्ग, जातियाँ, क्षेत्र आदि भाषा को कैसे प्रयोग करते हैं।

 

7. वह शाखा जो भाषा के मनोवैज्ञानिक पक्षों का अध्ययन करती है

A) तंत्रभाषाविज्ञान

B) व्याकरण

C) मनोभाषाविज्ञान (Psycholinguistics)

D) भाषाविज्ञान

 

उत्तर: C) मनोभाषाविज्ञान (Psycholinguistics)

 

📘 स्पष्टीकरण: मनोभाषाविज्ञान यह समझने की कोशिश करता है कि मस्तिष्क में भाषा कैसे ग्रहण, संसाधित, व उत्पादित होती है।

 

8. वह शाखा जो भाषाओं की ऐतिहासिक उत्पत्ति व विकास का अध्ययन करती है

A) तुलनात्मक भाषाविज्ञान

B) ऐतिहासिक भाषाविज्ञान (Historical Linguistics)

C) व्युत्पत्तिविज्ञान

D) भाषा-परिवर्तन विज्ञान

 

उत्तर: B) ऐतिहासिक भाषाविज्ञान (Historical Linguistics)

 

📘 स्पष्टीकरण: यह शाखा यह बताती है कि कैसे भाषाएँ समय के साथ बदलती हैं।

 

9. शब्दकोश निर्माण की प्रक्रिया एवं सिद्धांतों से संबंधित शाखा क्या कहलाती है?

A) व्याकरण

B) शब्दविज्ञान

C) कोशविज्ञान (Lexicography)

D) नामविज्ञान

 

उत्तर: C) कोशविज्ञान (Lexicography)

 

📘 स्पष्टीकरण: यह वह शाखा है जिसमें शब्दों के अर्थ, प्रयोग, व्युत्पत्ति आदि की जानकारी देकर शब्दकोश निर्मित किए जाते हैं।

 

10. वह शाखा जो भाषाओं की तुलना करके उनके आपसी संबंधों का अध्ययन करती है

A) तुलनात्मक भाषाविज्ञान (Comparative Linguistics)

B) समाजभाषाविज्ञान

C) व्याकरण

D) संरचनात्मक भाषाविज्ञान

 

उत्तर: A) तुलनात्मक भाषाविज्ञान (Comparative Linguistics)

 

📘 स्पष्टीकरण: यह शाखा विभिन्न भाषाओं की संरचना, शब्दावली आदि की तुलना कर उनके विकास व वर्गीकरण को समझाती है।

 

11. संस्कृत में लिंग (gender) की कितनी श्रेणियाँ होती हैं?

A) 2

B) 3

C) 4

D) 5

 

उत्तर: B) 3

📘 स्पष्टीकरण: संस्कृत में 3 लिंग होते हैं: पुल्लिंग (masculine), स्त्रीलिंग (feminine) और नपुंसकलिंग (neuter).

 

12. ‘भाषाशब्दस्य व्युत्पत्तिः कस्य धातोः निष्पन्ना?

A) भाष्

B) भाषि

C) भास्

D) भू

उत्तर: A) भाष्

📘 स्पष्टीकरण: भाषाशब्द भाष्धातु से बना है, जिसका अर्थ है कहना, बोलना।

 

13. ध्वनिविज्ञानं कस्य भागः अस्ति?

A) व्याकरणस्य

B) भाषाविज्ञानस्य

C) छन्दःशास्त्रस्य

D) अर्थशास्त्रस्य

उत्तर: B) भाषाविज्ञानस्य

📘 स्पष्टीकरण: भाषाविज्ञान की प्रमुख शाखाओं में ध्वनिविज्ञानम्’ (Phonetics) एक प्रमुख शाखा है।

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