हिन्दी शब्द |
संस्कृत शब्द |
अँगुली |
(स्त्री.) अङ्गुलिः |
अँगूठा |
अँगुष्ठ:, (स्त्री.) वृद्धाङ्गुलिः |
अंक |
चिह्नम्, संख्याचिह्नम्, लक्षणम्,
रूपकभागः |
अंकित |
चिह्नित, लाञ्छित |
अंकुर |
(पु.) अङ्कुरः, (पु.) प्ररोहः |
अंकुरना |
अङ्कुरणम् |
अंग |
(नपु.) अवयवः |
अंग फड़कना |
अंगस्फुरणं |
अंगरखा |
अंगरक्षिका |
अंगार |
अंगारः, दग्धकाष्ठखण्डं, अलातं,
उल्मूकम् |
अंगीकार |
अंगीकरणम्, स्वीकारः, (पु.) प्रतिग्रहः,
(स्त्री.) प्रतिपत्तिः, आदानम् |
अंगीठी |
अङ्गारपात्रम्, (स्त्री.)अङ्गारधानिका,
(स्त्री) हसन्ती, (स्त्री) अंगारशकटी |
अंगुल |
(पु.) अष्टयवपरिमाणम् |
अंगूठी |
अंगुलीयकम् , (स्त्री.) उर्मिका, (स्त्री.) मुद्रिका |
अंगूर |
द्राक्षाफलम्‚ (पु.) मृद्वीका |
अंगोछा |
गात्रमार्जनी |
अंग्रेज |
आंग्लदेशीयः |
अंग्रेजी |
(स्त्री.) आंग्लभाषा |
अंचल |
अञ्चलम्, वस्त्रप्रान्तः |
अंजन |
अञ्जनम्, कज्जलम् |
अंजाम |
परिणामः, फलम्, अन्तः, पाकः |
अंजीर |
अंजीरः, अंजीरम् |
अंजुमन |
(स्त्री.) सभा, परिषद् |
अंडकोष |
अण्डकोशः, वृषणः |
अंडज |
(पु.) अण्डोद्भवः |
अंड-बंड |
प्रलापः, अनर्थकं वचनम्, व्यर्थ,
अव्यवस्थित |
अंडा |
अण्डम् |
अंडानुमा |
अण्डाकार |
अंत |
अवसानम्, (पु.) समाप्तिः, (पु.)
मृत्युः, (पु.) नाशः, (पु.) सीमास
प्रान्तः, (पु.) परिणामः |
अंतःकरण |
अन्तरिन्द्रियं, मनस्, मानसं, (न.) चित्तम् |
अंतड़ी, आंत |
अन्त्रम्, (स्त्री.) शिरा |
अंतर |
(पु.) भेदः, दूरता, अन्तरालम्, अपर, अन्य |
अंतरात्मा |
(स्त्री.) आत्मन्, देहिन्,
शरीरिन्, मानसं, चित्तं,
मनस् |
अंतराल |
मध्यप्रदेशः, अभ्यन्तरं,
(न.) परिवेष्टितस्थानम् |
अंतरिक्ष |
खं, गगनं, आकाशः, शं, अंबरम् |
अंतर्गत |
अन्तःस्थ, अन्तर्भूत, समाविष्ट,
सम्मिलित, हृदयस्थ, मानसिक |
अंतर्द्धान |
लोपः, अदर्शनं, (न.) तिरोधानम्,
अदृश्य, गुप्त |
अंतर्राष्ट्रीय |
अन्ताराष्ट्रि (ष्ट्री) य,
|
अंतर्वती |
सगर्भा |
अंत्येष्टि |
(स्त्री.) अन्तिमसंस्कारः, शवदाहः |
अंदर |
अन्तरे, मध्ये, गर्भे, अभ्यन्तरे, अंतः |
अंदरसा |
पिष्टिकः |
अंदाज |
अनुमानम्, मूल्यनिरूपणम् |
अंदाजा |
(पु.) अनुमानं, ऊहा |
अंधड़ |
प्रकम्पनः, झंझावातः, वात्या |
अंधविश्वास |
निर्विवेक, तर्कशून्य |
अंधा |
(पु.) अन्ध, नेत्रहीन, मूर्ख, अनेत्रः |
अंधाधुंध |
विचारहीनता, अतिशयम् |
अंधेर |
(पु.) अन्यायः, उपद्रवः,
अत्याचारः, बलात्कारः |
अंधेरा |
अन्धकारः, तिमिरम्, तमिस्रम् |
अंधेरी |
(स्त्री.) अन्धकारमयी |
अंश |
(पु.) भागः, खण्डः, शकलः-लं, देशः, अवयवः,
अङ्गं, लाभांशः, भाज्यांकः,
रिक्थांशः |
अऋणी |
अनृणिन् |
अकंटक |
निष्कण्टक, निर्विघ्न, निरन्तराय,
शत्रुशून्य |
अकड़ |
गर्वः, दर्पः, धृष्टता, (स्त्री.) आग्रहः |
अकर्म |
कुकार्यम्, पापम् |
अकर्मक |
कर्मरहित |
अकसर |
प्रायः, बहुधा, बहुशः |
अकसीर |
लाभप्रदमौषधम्, रसायनम् |
अकस्मात् |
सहसा, एकपदे, अतर्कितं, दैवात्, हठात् |
अकाज |
क्षतिः, हानिः, व्यर्थम् |
अकाट्य |
अखण्डनीय, अप्रत्याख्येय, अबाध्य |
अकारण |
निष्कारण, अहेतुक, निर्निमित्त,
स्वयम्भू, निष्प्रयोजनम्, निष्कारणम् |
अकारादि वर्ण |
अक्षरम् |
अकाल |
दुर्भिक्षम्, (पु.) दुष्कालः |
अकिंचन |
निर्धन, निःस्व, दरिद्र, दुर्गत |
अकूत |
अमित, अगणित |
अकेला |
एक, एकाकिन् |
अक्ल |
बुद्धिः, प्रज्ञा, धीः, मेधा |
अक्लमंद |
बुद्धिमत्, प्रज्ञावत्, मेधाविन्,
विज्ञ |
अक्ष |
(पु.) शारिः, पाशकः, इन्द्रियवर्गः, रुद्राक्षः, सर्पः |
अक्षकुमार |
रावणपुत्रः |
अक्षत |
अखण्डित, व्रणहीन, संपूर्णतण्डुलकण |
अक्षम |
असहिष्णु, क्षमाशून्य, अतितिक्षु,
अशक्त, असमर्थ |
अक्षमाला |
रुद्राक्षमाला |
अक्षय |
अनश्वर |
अक्षरमाला |
वर्णमाला |
अक्षि |
नयनम्, नेत्रम् |
अक्षुब्ध |
क्रोधहीनः, क्षोभहीन |
अक्सर |
प्रायः |
अखंड |
समग्र, सम्पूर्ण, निरन्तर |
अखंडनीय |
अभेद्य, अविभाज्य, पुष्ट, दृढ |
अखबार |
समाचारपत्रम् |
अखरना |
दुरनुभवः, बाधनम् |
अखरोट |
(पु.) अक्षोटः, (न.) अक्षोटम् |
अखाड़ा |
(पु.) अक्षवाटः, मल्लभूमिः |
अगर |
चेत्, यदि |
अगरचे |
यद्यपि |
अगला |
प्रधानः, पूर्वजः, अग्र, पूर्व |
अगवानी |
स्वागतम् |
अगहन मास |
(पु.) अग्रहायणः, मार्गशीर्षः |
अगिनबोट |
अग्निनौका, पोतः |
अगियाना |
उत्तपनम् |
अगुआ |
अग्रणीः, मुखरः, नायकः |
अगोचर |
इन्द्रियातीत, अतीन्द्रिय,
अप्रकट, अव्यक्त, अप्रत्यक्ष |
अग्नि |
(पु.) अनलः, ज्वलनः, दहनः, तापः, ज्वलनम्,
शवदाहः,कृपीटयोनिः |
अग्रगण्य |
ज्येष्ठ, श्रेष्ठ, मान्य |
अग्रगामी |
पुरोगः, नायकः |
अग्राह्य |
त्याज्य, परिहार्य, हेय |
अग्रिम |
भाविन्, आगामिन्, प्रधान, अग्र्य |
अघ |
पापम्, पातकम्, दुरितम्, दुःखम्, व्यसनम् |
अघटित |
अभूत, असम्भव, कठिन, अयोग्य |
अघाना |
तृप्तिः |
अघोर |
सौम्य, शोभन, प्रियदर्शन |
अघोरी |
(पु.) अघोरमतानुयायिन्, सर्वभक्षकः,
दुर्दशनः |
अघोष |
नीरव, निश्शब्द, अल्पध्वनियुत,
गोपहीन, |
अचकन |
(पु.) कञ्चुकः |
अचरज, अचम्भा |
आश्चर्यम्, अद्भुतम्, कौतुकम्, विस्मयः |
अचानक |
अकस्मात् |
अचानक |
अकस्मात्, सहसा |
अचार |
(पु.) सन्धितम्, सन्धानम् |
अचूक |
अमोघ, अभ्रान्त, अव्यर्थ |
अचेत |
मूर्छितः |
अच्छा |
उत्तम, सुन्दर, भद्रः, वर, साधु, बाढम् |
अच्छा भाग्य |
सौभाग्यम् |
अच्छा लगना |
रोचते, लसति |
अच्छा लेख |
सुलेखः |
अच्छाई |
(स्त्री.) भद्रता, सौजन्यम् |
अच्छी तरह |
सुष्ठु |
अच्छी मिट्टी |
मृत्सा |
अछूत |
अस्पृश्य |
अछूता |
शुद्ध, पवित्र |
अजगर |
(पु.) शयुः, वाहसः |
अजदहा |
अजगरः |
अजनबी |
अपरिचितः, वैदेशिकः, अभ्यागतः, आगन्तुकः, अतिथि |
अजन्मा |
अज, स्वयम्भू, अनादि |
अजब |
अद्भुत, विचित्र |
अजवायन |
(स्त्री.) शूलहन्त्री |
अजातशत्रु |
शत्रुहीन, सर्वमित्रम्, युधिष्ठिरः,
शिवः |
अजायबघर |
विचित्रालयः, कौतुकागारम्,
दुर्लभवस्तुसंग्रहालयः, अद्भुतालयः |
अजी |
भोः, आर्य्य, अङ्ग |
अजीज |
प्रिय, तात, वत्स |
अजीब |
असाधारण, अपूर्व, विचित्र |
अजूबा |
अद्भुतम् |
अजेय |
अजय्य |
अजोड़ |
अतुल, अनुपम |
अज्ञान |
अविद्या, जाड्यम् |
अटकना |
अवरोधः |
अटकल, अन्दाजा |
तर्कः, अनुमानम् |
अटकलपच्चू |
कपोलकल्पना, अनुमानम्, काल्पनिक |
अटल |
अचल, अचर, स्थिर |
अटाना |
भरणम् |
अटारी |
(स्त्री.) अट्टालिका |
अट्टसट्ट |
प्रलापः, असम्बद्धभाषणम् |
अट्टहास |
अट्टहास्यम् |
अट्ठाइस |
अष्टविंशतिः |
अट्ठानबे |
अष्टनवतिः |
अट्ठावन |
अष्टपञ्चाशत् |
अट्ठासी |
अष्टाशीतिः |
अठवारा |
सप्ताहः |
अठहत्तर |
अष्टसप्ततिः |
अठारह |
अष्टादश |
अठारहवां |
अष्टादशः- शी- शम् |
अड़ंगा |
बाधा |
अड़चन |
विघ्न, बाधा |
अड़तालीस |
अष्टचत्वारिँशत् |
अड़तीस |
अष्टात्रिंशत् |
अड़ना |
अवरोधः, विरामः |
अड़बंगा |
वक्र, कुटिल, दुर्गम, विकट |
अड़सठ |
अष्टषष्टिः |
अड़ाड़ |
बहिर्गोष्ठम् |
अड़ार |
राशिः, काष्ठराशिः |
अडिग |
निश्चल, स्थिर, दृढ |
अड़ियल |
हठिन् |
अडोल |
अचल, स्थिर, स्थावर |
अड़ोसपड़ोस |
समीपस्थानम्, सामन्तम् |
अड्डा |
समागम-स्थानम्, निवासस्थानम् |
अढ़ाई |
सार्द्धद्वय |
अणु |
सूक्ष्म, स्वल्प, ईषत् |
अत एव |
अस्मादेव कारणात्, अनेनैव हेतुना |
अतर |
(पु.) सारः, सुवासः |
अतिथि, पाहुन |
प्राघुणः, अतिथिः |
अतिरिक्त |
विना, ऋते, अतिरिच्य, विहाय, अवशिष्ट, भिन्न,
पृथक |
अतिसार |
(पु.) प्रवाहिका |
अतीत |
गत, व्यतीत, विरक्त, निर्लेप, मृत, दिवंगत |
अतीव |
अधिक, बहु, प्रभूत |
अतुल |
अत्यधिक, अतुल्य |
अत्तार |
रसविक्रेता, भेषजकारः, गंधी |
अत्याचार |
अन्यायः, दुराचारः, पापम् |
अथवा |
अथवा, वा |
अथाह |
अगाध, गम्भीर, गहन |
अदद |
संख्या |
अदना |
तुच्छ, साधारण |
अदब |
(पु.) शिष्टाचारः, शिष्टता,
विनयः |
अदम्य |
प्रचण्ड, अजेय, दुर्दम |
अदरक |
आर्द्रकम्, गुल्म-मूलम् |
अदल |
निर्दल, निष्पत्र |
अदल-बदल |
(पु.) विनियमः |
अदा |
दत्त, शोधित, लीला, विभ्रमः, प्रकारः, विधिः |
अदालत |
(स्त्री.) न्यायालयः |
अदालती |
आधिकरणिक, न्यायालयसम्बन्धिन् |
अदीठ |
अदृष्ट |
अदीन |
अकातर, उदार, तेजस्विन् |
अदृश्य |
परोक्ष, अगोचर, अलक्ष्य |
अदृष्ट |
अन्तर्हित, लुप्त, अलक्षित |
अदेह |
अकाय, अशरीर, कामदेवः, मदनः |
अद्वितीय |
अतुल्य, अनुपम |
अद्वैत |
भेदाभावः, ब्रह्मजीवयोरैक्यम् |
अधःपतन |
नीचैः पतनम्, अवनतिः, दुर्दशा, दुर्गतिः, विनाशः,
क्षयः |
अधकच्चा, अधकचरा |
अपक्व, अपूर्ण |
अधकपारी |
अर्द्धकपाली |
अधखिला |
अर्धप्रस्फुटित |
अधखुला |
अर्द्धविवृत,अर्द्धापावृत,
अर्द्धोन्मीलित |
अधबटाई |
अर्द्धार्द्धवण्टनम् |
अधम |
नीच, निकृष्ट, दुष्ट |
अधमरा |
मृतप्राय |
अधमर्ण |
ऋणी |
अधर्मी |
पाप, पापिन्, पातकिन् |
अधिक |
बहु, अतिरिक्त |
अधिकतर |
बहुधा, प्रायः |
अधिकांश |
अधिकभागः, बहु, प्रायः, बहुशः |
अधिकाधिक |
अधिकतम, भूयिष्ठ |
अधिकाना |
वर्धनम् |
अधिकार |
प्रभुत्वम्, स्वत्वम्, स्वामित्वम् |
अधिकार करना |
अधिकरोति |
अधिकारी |
प्रभुः, स्वामिन्, स्वत्ववत्,
योग्य, क्षम |
अधिकृत |
हस्तगत, उपलब्ध, अध्यक्षः, अधिकारिन् |
अधियाना |
अर्धीकरणम् |
अधियार |
अर्द्धार्द्धभागी |
अधिवेशन |
संगः, संगमः, गोष्ठी, समागमः |
अधिष्ठाता |
अध्यक्षः, निर्वाहकः, प्रणेतृ, व्यवस्थापकः, अवेक्षकः, प्रवर्तकः,
चालकः, अधिकृतः |
अधीन |
आश्रित, वशीभूत |
अधीनता |
परवशता, परतन्त्रता |
अधीर |
अधीर, उत्सुक, व्यग्र |
अधूरा |
अपूर्ण, असमाप्त |
अधेड़ |
गतयौवन, प्रौढ |
अधोगति |
पतनम्, अवपातः, विनिपातः, अवनतिः, क्षयः, दुर्दशा |
अध्यक्ष |
(पु.) स्वामिन्, प्रभुः,
नायकः, अधिकारिन्, अधिष्ठातृ |
अध्ययन |
पठनम्, पाठः, (स्त्री.) अधीतिः,
वाचनम्, अध्यायः |
अध्ययन करना |
अधीते |
अध्यवसाय |
(पु.) यत्नः, उद्यमः |
अध्यापक |
अध्यापकः |
अध्याय |
सर्गः, परिच्छेदः, प्रकरणम् |
अध्येतव्य |
पठनीय, पठितव्य, अध्ययनार्ह,
पाठ्य, अध्येय |
अध्येता |
(पु.)पाठकः, विद्यार्थिन् |
अध्वर |
(पु.) यज्ञः, यागः, मखः, सवः, क्रतुः |
अनंतर |
पश्चात् |
अनगिनत |
अगणित, असंख्य |
अनचाहा |
अनिच्छित |
अनजान |
अज्ञ, अनभिज्ञ |
अनजान |
अनभिज्ञ, अपरिचित |
अनदेखा |
अदृष्ट, अदृश्य, अलक्ष्य |
अनन्त |
अमित, अपार, अपरिमित, निःसीम, विष्णुः, आकाशः,
शेषनागः |
अनन्य |
अभिन्न, निर्विशेष, सम, समान |
अनन्यचित्त |
एकाग्र, एकाग्रचित्त |
अनपढ़ |
अशिक्षित, निरक्षर |
अनबन |
वैरम्, शत्रुता, मनोमालिन्यम् |
अनब्याहा |
अविवाहितः |
अनभल |
अनिष्टम्, अशुभम् |
अनभिज्ञ |
अज्ञ, अबोध |
अनमना |
उदासीन, खिन्न, शोकाकुल |
अनमेल |
विषम, प्रतिकूल, असम्बद्ध |
अनमोल |
अमूल्य, बहुमूल्यम् |
अनरसा (पूड़ा) |
पूपः, अपूपः, पिष्टकः |
अनरीति |
नियमविरोधः, कुरीतिः |
अनर्गल |
निरङ्कुश, उद्दाम, विवेकशून्य |
अनर्घ |
बहुमूल्य |
अनर्थ |
विपरीत-अर्थः, अनिष्टम्,
कार्यहानिः |
अनर्ह |
अपात्रम्, अनधिकारिन्, अयोग्य |
अनल |
अग्निः |
अनवरत |
निरन्तरम्, सततम्, सदा |
अनशन |
उपवासः, अन्नत्यागः, निराहारव्रतम् |
अनसुनी |
अश्रुत, अनाकर्णित |
अनहित |
अप्रिय, अहितकारिन्, अपकारः, अप्रियः |
अनहोनी |
(स्त्री.)अलौकिकघटना, असम्भववार्ता |
अनाज |
अन्नम्, धान्यम् |
अनाड़ी |
अनार्य, अज्ञनी, मूर्ख, मूढ, जड |
अनाथ |
अशरण, असहाय, निराश्रय |
अनाथालय |
अनाथाश्रमः |
अनादर |
तिरस्कारः, अवज्ञा, अपमानः |
अनादर करना |
तिस्करोति |
अनादि |
सतत, नित्य, शाश्वत |
अनानास |
अनानासम् |
अनापशनाप |
अनर्थकवार्ता |
अनायास |
परिश्रमम् विना, सहसा, अकस्मात् |
अनार |
दाडिमम् |
अनावश्यक |
निष्प्रयोजन, अनपेक्षित,
असार, क्षुद्र, उपेक्षणीय |
अनित्य |
नश्वर, अस्थायिन् |
अनिवार्य |
अवश्यंभाविन्, अपरिहार्य,
ध्रुव, परमावश्यक |
अनिश्चित |
अनियत, अनिर्धारित, अनिर्दिष्ट |
अनिष्ट |
अनपेक्षित, अवाञ्छित, अनभिलषित, अमंगलम्, अहितम्, हानिः |
अनुकरण |
(स्त्री.) अनुकृतिः, अनुकरणम् |
अनुकरण |
अनुकारः, अनुकृतिः, अनुवृत्तिः,
अनुसरणम् |
अनुकरणीय |
अनुकरणार्ह, अनुसरणीय |
अनुक्रम |
(पु.) अन्वयः, आनुपूर्व्य,
परंपरा |
अनुगमन |
अनुसरणम्, अनुगतिः, अनुकरणम्, सम्भोगः, सहवासः |
अनुगामी |
अनुयायिन्, अनुवर्तिन्, अनुकर्तृ,
अनुकारिन्, आज्ञापालक, सम्भोगिन् |
अनुगृहीत |
उपकृत, कृतज्ञ |
अनुचर |
सेवकः, किङ्करः, दासः, वयस्यः, सहचरः |
अनुचित |
अयोग्य, अयुक्त |
अनुज |
पश्चादुत्पन्न, कनीयान् भ्रातृ,
स्थलपद्मम् |
अनुजीवी |
अधीन, आयत्त, आश्रित, सेवकः, दासः |
अनुनय |
विनयः, आवेदनम् |
अनुपम |
अप्रतिम, निरुपम, अतुल, अतुल्य, असदृश, अप्रतिरूप,
अद्वितीय, अनुपमेय |
अनुपस्थिति |
(स्त्री.) असन्निधिः, परोक्षता |
अनुपात |
सम्बन्धसाम्यम्, आनुगुण्यम्,
गणिते त्रैराशिकक्रिया |
अनुभव |
ज्ञानम्, बोधः, अनुभूतिः,(स्त्री.)प्रतीतिः |
अनुभवी |
परिणतप्रज्ञ, बहुदर्शिन्,
सानुभव |
अनुमान |
अनुमानम्, तर्कः |
अनुरक्त |
अनुरागिन्, बद्धानुराग, कृतप्रणय,
आसक्तचित्त, लीन, मग्न |
अनुराग |
(पु.) स्नेहः, रागः, (स्त्री.) प्रीतिः,(स्त्री.)रुचिः |
अनुरोध |
(पु.)आग्रहः, निर्बन्धः,
अभिनिवेशः, प्रेरणा, विघ्नः |
अनुवाद |
भाषान्तरम्, (स्त्री.) पुनरुक्तिः, पुनर्वचनम् |
अनुवादक |
भाषान्तरकारः |
अनुसरण |
अनुगमनम्, सहगमनम्, अनुकरणम्, अनुकूलाचरणम् |
अनूठा |
विचित्र, अपूर्व, अद्भुत |
अनूदित |
पुनःकथित, पुनःवर्णित, अनुवादित,
भाषान्तरित |
अनूप |
अनुपम, अद्वितीय |
अनूप |
जलप्राय, जलबहुल, जलप्रायदेशः,
जलबहुलः |
अनृत |
असत्यम् |
अनृशंस |
दयावान् |
अनेक |
एकाधिक, बहु |
अनेक प्रकार से |
बहुधा |
अनेक बार |
असकृत् |
अनोखा |
विचित्र |
अन्तर्यामी |
अन्तःकरणनियामक, मनोभावज्ञ,
(पु.) परमेश्वरः, आत्मन् |
अन्धकार |
तिमिरम् |
अन्धेरी रात |
तमिस्रा,(स्त्री.)तमिः |
अन्न |
अन्नम् |
अन्न (खेत में विद्यमान) |
शस्यम् |
अन्वर्थ |
अर्थानुसारिन्, सार्थक |
अन्वित |
युक्त, सहित, संगत |
अन्वेषण |
अनुसन्धान |
अपकार |
अभद्रम्, अहितम्, अनिष्टसाधनम्,व्यलीक |
अपच |
अजीर्णम् |
अपत्य |
सन्तानः, (स्त्री.) सन्ततिः-प्रसूतिः, प्रजा, प्रसवः, तोकम् |
अपना |
स्वं, निजम्, स्वकीय |
अपनाना |
आत्मीकरणम्, आत्मसात् |
अपनापन |
आत्मीयता, ममता, आत्माभिमानः |
अपने समान |
आत्मवत् |
अपभ्रंश |
पतनम्, अवनतिः, विकारः, विकृतशब्दः, प्राकृतभाषा भेदः, विकृत |
अपयश |
कलङ्कः, अकीर्तिः |
अपराध |
पापम्, दोषः, प्रमादः |
अपवाद |
विरोधः, प्रतिवादः, (स्त्री.) निन्दा,
(स्त्री.) अपकीर्तिः, दोषः, पापम्, बाधकशास्त्रम्, |
अपवित्र |
अमेध्य, अशुद्ध |
अपवित्रता |
धर्महीनता, पापशीलता, मलिनता, अशुचिता |
अपशकुन |
कुलक्षणम्, अशुभलक्षणम्, दुर्लक्षणम्,
अजन्यम्, दुश्चिह्नम् |
अपशब्द |
गाली, अपवादः, अशुद्धपदम्, निरर्थकशब्दः |
अपस्मार |
भ्रामरम्, (स्त्री.) अंगविकृतिः, भूतविक्रिया,
|
अपहरण |
अपहारः, मोषणम्, विलुण्ठनम् सगोपनम्,
लोप्त्रम् |
अपार |
अनन्त, अमित |
अपाहिज |
विकलांग, विकल, व्यंग, हीनाङ्ग |
अपील |
प्रमाणीकरणम्, पुनर्विचार-प्रार्थना |
अपूर्व |
अभूतपूर्व, अदृष्टपूर्व, अद्भुत,
अलौकिक, अनुपम, श्रेष्ठ |
अपूर्वता |
(स्त्री.) विलक्षणता, लोकोत्तरता |
अपेक्षा |
आकांक्षा, इच्छा, अभिलाषः, आवश्यकता, तुलनया, अपेक्षया |
अपेक्षा करना |
अपेक्षते |
अप्रामाणिक |
अविश्वसनीय |
अप्रेंटिस |
अन्तेवासिन्, शिष्यः, शिल्पविद्यार्थिन् |
अप्सरा |
अप्सरस्, स्ववेश्या |
अफरना |
जठरातिभरणम्, अतिभोजनम् |
अफरातफरी |
संक्षोभः, अव्यवस्था, संभ्रमः, आकुलत्वम् |
अफवाह |
किंवदन्ती, जनश्रुतिः, प्रवादः, जनप्रवादः |
अफसर |
अधिकारी |
अफसोस |
खेदः, शोकः |
अफीम |
अहिफेनः, अफेनम्,अहिफेनम् |
अब |
इदानीम्, साम्प्रतम्, अधुना, सम्प्रति |
अब तक |
एतावत् कालम्, अद्यापि, अद्यावधि |
अब भी |
अधुनापि, इदानीमपि |
अब से |
अतः, इतःपरं, अद्यप्रभृति |
अब,इस समय |
इदानीम्, (सम्प्रति, अधुना) |
अब-तब होना |
मृत्युमुखे |
अबरक |
अभ्रकम् |
अबला |
नारी, स्त्री |
अबाध |
निर्विघ्न, निर्बाध, असीम |
अबूझ |
अज्ञ |
अबे |
अरे, हे |
अबेर |
विलम्बः |
अब्तर |
अधम |
अब्द |
वर्षम् |
अब्धि |
समुद्रः, तडागः, सप्तेति संख्य |
अभाग |
दुर्भाग्यम्, दुर्दैवम्,
मन्दभाग्यम् |
अभागा |
उपहतक, मन्दभाग्य, हतभाग्य |
अभाव |
सत्ताऽभावः, अविद्यमानता |
अभिकाम |
इच्छा |
अभिक्रोश |
निन्दा |
अभिख्यात |
प्रसिद्ध |
अभिचार |
(पु.) मंत्रैर्मारणोच्चाटनादिक्रिया |
अभिजात |
कुलीन, पण्डित, श्रेष्ठ |
अभिज्ञान |
स्मृतिः, अनुबोधः, लक्षणम्, स्मारकचिह्नम् |
अभिनय |
नाट्यम्, अंगविक्षेपः, अवस्थानुकृतिः,
नाटकक्रीडा |
अभिनय करना |
नाटयति |
अभिन्न |
अविभक्त, संलग्न, संसृष्ट |
अभिभव |
तिरस्कारः, पराजयः, अपमानः |
अभिभावक |
परिरक्षकः |
अभिभूत |
पराजित, विजित, पीडित, वशीभूत, व्याकुल |
अभिमत |
इष्ट, मनोनीत, वाञ्छित, सम्मत, मतम्, (स्त्री.) मतिः,
विचारः, अभीष्टपदार्थः |
अभिमान |
गर्वः |
अभिमान करना |
मुञ्चते |
अभियोग |
व्यवहारः, कार्य, अक्षः, आक्रमणम्, उद्योगः, मनोयोगः |
अभिरुचि |
(स्त्री.) रुचिः, (स्त्री.)
प्रवृत्तिः, कामः, अभिलाषः, छन्दः, इच्छा |
अभिलाषा |
(स्त्री.) वाञ्छा, काङ्क्षा,
स्पृहा, ईहा,लालसा |
अभिलेख |
लेखः, शिलालेखः |
अभिव्यक्त |
प्रकटित, दर्शित, स्पष्टीकृत |
अभिव्यक्ति |
(स्त्री.) प्रकाशनम्, आविष्कारः,
साक्षात्कारः |
अभिशप्त |
आक्रुष्ट, शापग्रस्त, अभिशस्त, मिथ्यादूषित |
अभिशाप |
(पु.) शापः, आक्रोशः, दोषारोपः, मिथ्याभियोगः |
अभिषिक्त |
स्नपित, प्रक्षालित, सिंहासने
उपवेशित, यथाविधि नियुक्त |
अभिषेक |
अभिषेचनम्, प्रोक्षणम्, आसेकः, अवसेकः, मार्जनम्, सिंहासने
स्थापनम्, यज्ञानन्तरं शान्तये स्नानम् |
अभिषेक करना |
सुनोति |
अभिहित |
उक्त, कथित, उदित |
अभी |
अधुनैव, अचिरेण |
अभीर |
गोपालः |
अभीष्ट |
वाञ्छित, अभिलषित, अभिप्रेत, मनोनीत, मनोरथः |
अभूत |
अघटित, वर्तमान, विलक्षण |
अभेद |
भेदाभावः, एकत्वम्, अभिन्नता, समानता, भेदरहित, समान |
अभेद्य |
अच्छेद्य, अखण्डनीय, अभेदनीय |
अभौतिक |
अप्राकृतिक, अगोचर |
अभ्यागत |
उपस्थित, अतिथिः |
अभ्यास करना |
मनति |
अभ्युदय |
सूर्यादीनामुदयः, प्रादुर्भावः,
मनोरथसिद्धिः, शुभावसरः, उन्नतिः |
अभ्र |
मेघः, जलदः, आकाशः, अभ्रकम्, सुवर्णम् |
अभ्रक |
अभ्रकम् |
अमचूर |
आम्रचूर्णम् |
अमन |
शान्तिः, सुव्यवस्था |
अमर |
अमर, अजर, अनश्वर, नित्य |
अमरावती |
इन्द्रपुरी, स्वर्गः |
अमरूद |
बीजपूरम्‚ दृढबीजम्‚ अमृतफलम् |
अमर्ष |
क्रोधः, रोषः, क्षमाऽभावः, असहिष्णुता |
अमानत |
न्यासः, निक्षेपः |
अमावट (आमपापड़) |
शुष्कास्ररसः |
अमावस |
अमावस्या, अमावास्या, दर्शः |
अमावस्या |
दर्शः, अमावास्या |
अमिट |
अक्षर, शाश्वत |
अमीन |
भूमिमापकः |
अमीर |
कुलीनः, आर्यजनः, शिष्टजनः, धनी |
अमृत |
पीयूषम्, अमृतम्, सुधा |
अमोल |
अमूल्य, बहुमूल्यम् |
अयाना |
अबोधः |
अयाल |
केशरः, केसरः |
अरंड |
एरंड |
अरक |
आसवः, रसः, सूर्यः |
अरगनी |
(स्त्री.) वसनालम्बनी, वस्त्रालम्बनाय
रज्जुः |
अरदली |
परिचारकः, किंकरः, प्रेष्यः |
अरब |
हूणदेशः, अर्बुदः |
अरब देश |
वनायुः |
अरब-खरब |
असंख्य, संख्यातीत, अगण्य, गणनातीत |
अरहर |
आढ़की |
अराजकता |
राजविप्लवः |
अरी |
अयि |
अरुचि |
घृणा |
अरुझाना |
संसग्नी |
अरे |
हे, अहो, अरे, भोः, हा, हन्त |
अर्क |
सूर्यः, विष्णुः, ब्रह्मा, द्वादशसंख्या |
अर्गला |
अर्गलम् |
अर्घा |
अर्घपात्रम् |
अर्ज़ |
प्रार्थना |
अर्ज़ (कपड़े की चौड़ाई) |
परिणाहः, आयामः |
अर्जित |
उपार्जित, संगृहीत, संचित |
अर्जी |
प्रार्थनापत्रम्, निवेदनपत्रम् |
अर्थ |
अभिप्रायः, प्रयोजनम्, तात्पर्यम् |
अर्दली |
भृत्यः, पदातिः, आनुषङ्गिकः, परिचरः |
अर्बुदम् |
अरब |
अर्वाचीन |
नूतन, नातिपुराण, आधुनिक, अभिनव |
अलख |
अदृश्य, अलक्ष्य, अगोचर |
अलग |
पृथक, भिन्न, विच्छिन्न |
अलग होना |
रेचयति |
अलता (महावर) |
अलक्तः, असक्तकः |
अलबम |
(पु.) चित्रपञ्जिका |
अलबेला |
रूपगर्वित, दम्भिन् |
अलमारी |
(स्त्री.)उत्थितपिटकः |
अलवान |
लोमवस्त्रम् |
अलसाना |
आलस्यम्, तन्द्रा |
अलसी |
अतसी |
अलाप |
रागः, तानः, स्वरः |
अलावा |
विना, अतिरिक्तम् |
अलीक |
मिथ्या, असत्य |
अलोना |
लवण-रहित, नीरस, रसहीन |
अल्पायु |
स्वल्पायुस्, अदीर्घजीविन् |
अल्पाहारी |
संयताहारिन्, सामान्याहारिन् |
अल्हड़ |
प्रमत्त, अविवेकिन् |
अवगत |
विदित, ज्ञात, बुद्ध, परिचित, निगत, पतित |
अवमति |
अवज्ञा, तिरस्कारः |
अवयव |
अङ्गम् |
अवयस्क |
अप्राप्तवयस्क |
अवसाद |
(स्त्री.) ग्लानिः |
अवसान |
विरामः, याननिवृत्तिः, विष्टम्भः,
समाप्तिः, अन्तः, मृत्युः,
सीमा, सायंकालः |
अवस्था |
दशा, वयस्, स्थितिः |
अवृष्टि |
अवग्रहः |
अशोक |
अशोकः |
अश्वशाला |
मन्दुरा |
असंख्य |
असंख्येय, असंख्यात्, अगणित |
असर |
प्रभावः, संस्कारः |
असल |
वास्तविक, यथार्थ, सत्य, वास्तव |
असल में |
यथार्थतः, परमार्थतः, वस्तुतः |
असलियत |
सत्यता, वास्तविकता, मूलम्, तत्त्वम्, सारः |
असहनीय |
असह्य |
असाढ़ |
आषाढः |
असीस |
आशीर्वादः |
असोज मास |
आश्विनः |
अस्तबल |
अश्वशाला |
अस्तर |
अन्तःपटः, आस्तरः, आस्तरणम् |
अस्त्र शस्त्र |
आयुधम् |
अस्थिर होना |
भ्राम्यति |
अस्थिसार |
मज्जा |
अस्पताल |
आरोग्यशाला, चिकित्सालयः |
अस्वास्थ्य |
रोगः, व्याधिः, गदः, आमयः |
अस्सी |
अशीतिः |
अहंकार |
गर्वः, अहङ्कारः, दर्पः |
अहसान |
उपकारः, हितम् |
अहाता |
परिसरभूमिः, प्रांगणम्, प्राकारः,
प्राचीरम् |
अहार |
आहारः, भोजनम्, अन्नम्, खाद्यम् |
अहीर |
आभीरः, गोपः, गोपालः |
अहेर |
मृगया, आखेडः |
आ पड़ना |
आपतति |
आँक |
चिह्नम्, लक्षणम् |
आँख का तारा |
तारका, कनीनिका, स्नेहभाजनम्,
एकलः पुत्रः |
आँख की मैल |
(स्त्री.) दूषिका, अक्षिमलन् |
आँख बंद करना |
कणयति |
आँख मिचौली |
अक्षिमेषणी, बालक्रीडाभेदः |
आँखें मूँदना |
मीलति |
आँगन |
अजिरम्, अङ्गनम्,
प्राङ्गणम्, चत्वरम् |
आँटा |
चूर्णम् |
आँत |
अन्त्रम् |
आँधी |
झंजावातः, वात्या |
आँव |
अमः |
आँवला |
आमलकी, आमलकम्, आमलकः |
आँसू |
अस्रम्, वाष्पः, नेत्राम्बु, नेत्रजलम् |
आंकना |
अनुमानम् |
आंकुश |
अङ्कुशः |
आंख |
नेत्रम्, नयनम्, लोचनम् |
आंख के बाल |
पक्ष्म |
आंच |
अग्निः, उष्णता, दाहः, तापः |
आंचल |
अञ्चलः, अञ्चलम्, वस्त्रप्रान्तः |
आंजन |
अञ्जनम् |
आंटी |
तृण-मुष्टिः |
आइना |
दर्पणः |
आई. डी. |
परिचयपत्रम् |
आउटपुट |
फलितम् |
आक |
अर्कः (वृक्षविशेषः) |
आकांक्षा |
इच्छा, अपेक्षा, अभिलाषः |
आकाश |
अन्तरिक्षम् |
आखिर |
अन्तः, पर्यन्तः, पर्यन्तम् |
आखिरकार |
अन्ते, अन्ततः |
आखिरी |
अन्तिम, अन्त्य |
आखु |
मूषकः, चौरः |
आखेट |
आखेटः, मृगया |
आग |
कृशानुः,अग्निः, दहनः, अनलः |
आग भड़काना |
वैरोद्दीपनम्, क्रोधोद्दीपनम् |
आगन्तुक |
आगन्तुः |
आगामी |
भाविन्, भविष्यत् |
आगे |
अग्रे, पुरः, पुरस्तात्,
पुरतः, समक्षम्, प्रत्यक्षम् |
आगे पीछा करना |
विलम्बनम्, उपेक्षणम् |
आग्रह |
निर्बन्धः, अभिनिवेशः, हठः, आवेशः |
आघात |
(स्त्री.)आहतिः |
आचार |
व्यवहारः, चरित्रम् |
आज |
अद्य |
आज भी |
अद्यापि, इदानीमपि |
आज से |
अद्यारभ्य, अद्यप्रभृति |
आज ही |
अद्यैव |
आजकल |
सम्प्रति, अधुनातनकाले, एषु दिवसेषु |
आजाद |
मुक्त, स्वतन्त्र |
आजादी |
स्वतन्त्रता |
आजीवन |
आजन्म |
आज्ञा |
अनुज्ञा |
आज्ञा |
आदेशः, निदेशः, शासनम्, अनुमतिः |
आटा |
गोधूमचूर्णम्, चूर्णम्, पिष्टम् |
आठ |
अष्ट/ अष्टौ |
आठवां |
अष्टमः-मी- मम् |
आठोपहर |
अहर्निशम्, रात्रिंदिवम्, दिवारात्रम्,
अनिशम्, नक्तंदिवम् |
आड़ |
प्रतिबन्धः, प्रतिकारः, प्रतिरोधः |
आडंबर |
आटोपः, अनावश्यकदर्शनम् |
आड़ू |
आर्द्रालुः |
आढ़त |
अभिकरणम्, नियोज्यत्वम् |
आढ़ती |
निरूपितमूल्येन, कार्यनिर्वाहकः,
प्रतिहस्तः |
आतंक |
त्रासः, भयम् |
आतप |
घर्मः, सूर्यतापः |
आतशबाजी |
अग्नि-क्रीडा-द्रव्याणि, आग्नेयक्रीडनकम् |
आतिथ्य |
अतिथिसत्कारः |
आतुर |
व्याकुल, व्यग्र, उद्विग्न |
आदत |
अभ्यासः, आचारः, व्यवहारः, नित्य-क्रिया, नित्यप्रवृत्तिः, शीलम्, स्वभावः, प्रकृतिः |
आदमी |
जनः, मनुष्यः, मानुषः, मनुजः, नरः, मानवः, पुरुषः, पूरुषः, मर्त्यः |
आदर |
सम्मानः, सत्कारः, अर्चा |
आदर करना |
वनति |
आदर पाना |
आद्रियते |
आदी |
अभ्यस्त, अभ्यासिन् |
आदेश देना |
आदिशति |
आधा |
अर्धः, अर्धम्, अर्धांशः, अर्धभागः |
आधान |
ग्रहणम्, स्थापनम् |
आधारित होना |
धीयते |
आधी रात |
निशीथः |
आधुनिक |
नूतन, नवीन, अधुनातन, इदानींतन, अर्वाचीन, सांप्रतिक |
आनन-फानन |
क्षणेन, क्षणात् |
आनन्द देना |
मादयते |
आना |
आगमनम् |
आना |
आणकम् |
आनाकानी |
अस्वीकृतिः, व्यपदेशः |
आने वाला कल |
श्वः |
आने वाला परसों |
परश्वः |
आनेवाला |
आगामी, आगन्तुकः |
आप |
आत्मा, स्वयम्, (पु.) भवान्,
(स्त्री.) भवती |
आपत्काल |
(पु.) दुष्कालः, दुस्समयः,
(स्त्री.) विपत्तिः |
आपत्ति |
(स्त्री.) दुःखम्, क्लेशः,
(स्त्री.) विपत्तिः |
आपस में |
परस्परम्, अन्योन्यम्, इतरेतरम् |
आप-से-आप |
स्वयम् |
आपाधापी |
(स्त्री.) स्वार्थपरता, स्वस्वहितचिंता,
संघर्षः |
आफत |
(स्त्री.) आपत्तिः |
आफिस |
कार्यालयः |
आबनूस |
तमालवृद्वाः, तमालः |
आबादी |
जनसंख्या |
आबोहवा |
जलवायुः |
आभा |
कान्तिः, दीप्तिः, छविः |
आभारी |
कृतज्ञ |
आभूषण |
आभरणम् |
आम |
आम्रम्‚ रसालः‚ सहकारः, आम्रः, सर्वसाधारण |
आमदनी |
आयः, धन-प्राप्तिः |
आय |
धन-लाभः, धनागमः |
आयोजन |
प्रबन्धः, नियुक्तिः |
आयोडीन |
(स्त्री.) जम्बुकी, नीलीनम् |
आरंभ |
उपक्रमः, प्रारम्भः, उत्पत्तिः |
आरत |
आर्तः |
आरती |
दीपदर्शनम्, आरार्तिकम् |
आरम्भ करना |
रभते |
आरा |
क्रकचः, करपत्रम् |
आराधना |
भक्तिः, पूजा, सेवा, तर्पणम् |
आराम |
विश्रामः, मोचनम्, मोक्षः, उद्धारः, शमनम्, मुक्तिः,
उपशमः |
आराम होना |
आरोग्यलाभः |
आरी |
करपत्रम् |
आरोप |
आरोपणम्, संस्थापनम्, स्थिरीकरणम्,
भ्रमः |
आरोपित |
स्थापित, निहित, निवेशित |
आर्जव |
ऋजुता, सरल व्यवहारः |
आर्थिक |
अर्थसम्बन्धिन् |
आर्द्रकम् |
अदरक |
आर्ष |
वैदिक, ऋषिप्रयुक्त, ऋषिकृत |
आलमारी |
काष्ठमंजूषा |
आलस |
लुण्ठति |
आलसी |
अलस, निरुद्यम |
आलापना |
स्वरारोहावरोहः |
आलिंगन करना |
श्लिष्यति |
आलिम |
विद्वान्, पण्डित, बुध |
आलू |
आलुः, गोलालुः, आलुकम् |
आलू की टिकिया |
पक्कालुः |
आलू बुखारा |
आलुकम् |
आलूचा |
आलूच्चः, वृक्षभेदः, आलूच्चम्,
फलभेदः |
आलेख |
लेखः, लेख्यम्, लिखितम्, लिपी, लिपिः |
आलोचना |
गुणदोष-परीक्षणम्, आलोचना, विवेचना |
आवभगत |
सम्मानम्, सत्कारः, उपचारः, सेवा |
आवा (कुम्हार का) |
कुम्भकाराग्निकुण्डम्, मृत्पात्रपाककुण्डम्,
पाकपुटी |
आवागमन |
पुनर्जन्म |
आवाज |
ध्वनिः, स्वरः, शब्दः |
आवारा |
वृथा-भ्रमणशील |
आवाहन |
निमन्त्रणम्, आकारणम्, आह्वानम् |
आविष्कार |
नवनिर्माणम्, आविष्कारः,
अज्ञाततत्त्वप्रकाशनम् |
आवृत |
संवृत, आवेष्टित |
आवेग |
(पु.) आवेशः, चित्तोद्वेगः,
उत्तेजनम्, उद्दीपनम्, त्वरा, संचारिभावभेदः |
आवेश |
आवेगः, क्रोधः, व्याप्तिः |
आशंका |
भयम्, संशयः, सन्देहः |
आशय |
अभिप्रायः, अर्थः, तात्पर्यम् |
आशा करना |
आशास्ते |
आशिक |
मोहितः, आसक्तः |
आशीर्वाद |
आशिस्, शुभकामना |
आश्चर्य |
विस्मयः, कौतुकम्, अद्भुतम् |
आश्रम |
तपोवनम्, मठः, कुटी |
आश्रय लेना |
श्रयति |
आश्रय, आसरा |
अवलम्बः, आधारः, आश्रयः, शरणम् |
आषाढ़ मास |
आषाढः |
आस |
आशा, मनोरथः, इच्छा |
आसन |
आसनम् |
आसन |
पूजासनम्, आसनम् |
आसपास |
समीपम्, समीपे, |
आसमान |
गगनम्, आकाशः, आकाशम्, व्योमन् |
आसान |
सुगम, सुसाध्य |
आसानी |
सौकार्यम्, सौविध्यम्, सौकर्यम् |
आसार |
लक्षणम्, चिह्नम् |
आसिन |
आश्विनः |
आस्पद |
स्थानम्, अधिष्ठानम्, पदम् |
आह |
विनिःश्वासः, उच्छवसितम्,
दीर्घश्वासः, निश्वासः |
आहट |
शब्दः, अस्पष्टध्वनिः, संकेतध्वनिः,
निनादः |
आहर |
पल्वलः, अल्पसरस् |
आहार |
अहार |
आहार-विहार |
(पु.) चर्या, वर्तनम्, वृत्तम्, आचारव्यवहारौ |
आहित |
स्थापित, कृत |
आहुति |
(स्त्री.)आहुतिः |
आह्लाद |
हर्षः, आनन्दः |
इंच |
अंगुलः, अत्यल्पम्, रेखामात्रम् |
इंजन |
(पु.) यंत्रम्, वाष्पशकटीकर्षकयन्त्रम् |
इंजीनियर |
यन्त्रकारः, वास्तुविद्या-विशारदः |
इंजेक्शन |
सूचीभरणम् |
इंतजाम |
प्रबन्धः |
इंतजार |
प्रतीक्षा |
इंदु |
चन्द्रः, शशी |
इंद्र |
देवराजः, सुरपतिः |
इंद्री |
इन्द्रियम् |
इंधन |
(न.) इध्मम्, एधम्, एधस् |
इंसाफ |
न्यायः, निर्णयः |
इंस्पेक्टर |
निरीक्षकः, द्रष्टृ |
इकट्ठा |
एकत्र |
इकट्ठा करना |
संचिनोति |
इकतालीस |
एकचत्वारिंशत् |
इकत्तीस |
एकत्रिंशत् |
इकरार |
प्रतिज्ञा, प्रणः, स्वीकारः |
इकलौता |
अद्वितीयः |
इकसठ |
एकषष्टिः |
इकहत्तर |
एकसप्ततिः |
इक्कीस |
एकविंशतिः |
इक्यानबे |
एकनवतिः |
इक्यावन |
एकपञ्चाशत् |
इक्यासी |
एकाशीतिः |
इख्तियार |
अधिकारः, प्रभुत्वम् |
इच्छा |
अभिलाषः, ईहा, स्पृहा, मनोरथः |
इच्छा करने वाला |
(पु. न.) स्पृहयालु |
इजाजत |
आज्ञा, आदेशः, निदेशः, अनुमतिः |
इज्जत |
सम्मानः, प्रतिष्ठा |
इतना |
एतावत्, (इयत्) |
इतने में |
अत्रान्तरे |
इतमीनान |
विश्वासः, विश्रम्भः, शान्तिः |
इतवार |
रविवासरः |
इत्र |
गन्धतैलम् |
इधर |
अत्र |
इधर-उधर |
इतस्ततः, यत्र-तत्र |
इनकम |
आयः |
इनकार |
अस्वीकारः, प्रत्यादेशः, प्रत्याख्यानम्,
निषेधः |
इनपुट |
निवेश: |
इन्द्र |
शतक्रतुः, आखण्डलः |
इन्द्र आदि |
देवता |
इन्द्र का अस्त्र |
वज्रम् |
इन्द्र का वन |
नन्दनम् |
इन्द्र का सारथी |
मातलिः |
इन्द्रधनुष |
इन्द्रायुधम् |
इन्द्रपत्नी |
इन्द्राणी |
इन्फ्लूएंजा, फ्लू |
शीतज्वरः |
इन्सटॉल |
प्रस्थापना / प्रतिस्थापनम् |
इन्साफ |
न्यायः |
इमरती |
अमृती |
इमली |
तिंतिडीकम्‚ तिंतिडी |
इम्तिहान |
परीक्षा |
इरर |
त्रुटि: |
इलाज |
चिकित्सा |
इलायची |
एला |
इशारा |
इङ्गितम् |
इस प्रकार |
इत्थम्,एवम् |
इस प्रकार का |
ईदृशः |
इसके बाद |
अथ, अनन्तरम् |
इसलिए |
अतः |
इस्तेमाल |
उपयोगः |
ईंट |
इष्टकः |
ईंधन |
इन्धनम् |
ईक्षा |
दर्शनम्, दृष्टिः, पर्यालोचना |
ईख |
इक्षुः |
ईजाद |
आविष्कारः |
ईति |
बाधा, उपद्रवः, विप्लवः |
ईर्ष्या |
मत्सरः, असूया |
ईर्ष्या करना |
ईर्ष्यति |
ईर्ष्यालु |
मत्सरिन्, असूयक |
ईश्वर |
स्वामी, राजा, पतिः, प्रभुः |
उऋण |
अनृण, ऋणमुक्त |
उक्त |
कथित, उदित, भाषित, लपित, व्याहृत, उदीरित |
उक्ति |
कथनम्, वाक्यम् |
उगना |
उद्गमः, उदयः, उद्भेदः, प्ररोहः, स्फुटनम्, उत्पत्तिः,
रोहति |
उगलना |
वमति |
उघरना |
विकसनम्, उद्घटनम् |
उघारना |
आवरणहरणम्, उद्घाटनम् |
उचक्का |
प्रतारकः, वञ्चकः |
उचटना |
क्षोभः, स्थानात्, स्खलनम् |
उछलना |
उत्कूर्दनम् |
उछालना |
उत्क्षेपणम् |
उजला |
उज्ज्वल, प्रदीप्त, निर्मल |
उजाड़ना |
नाशनम् |
उजाला |
प्रकाशः, आलोकः, प्रभा, आभा, भा, दीप्तिः, द्युतिः, कान्तिः |
उज्जैन नगर |
उज्जयिनी |
उज्र |
आपत्तिः, बाधा |
उठना |
उत्थानम्, उद्गमः, उत्पातः, स्फुरति |
उठाना |
उत्थापनम्, दोलयति |
उठाने वाला |
वोढा |
उड़द |
माषः |
उड़ना |
उड्डयनम्, डयते, डीयते |
उड़ना |
उत्पतति |
उड़ाना |
उत्पातनम् |
उतना |
तावत् |
उतना ही |
तावत्-एव |
उतरना |
अवतरति |
उतरना |
अवरणम् |
उतान |
उत्तानः |
उतार |
अवरोहः, अवतरणम्, अवतारः, अवपातः |
उतार-चढ़ाव |
निम्नोच्चता |
उत्कण्ठा |
उत्कलिका, लालसा, औत्कण्ठ्यम्, औत्सुक्यम् |
उत्तमर्ण |
ऋणदः, ऋणदातृ |
उत्तर |
उदीची, उत्तरदिशा, प्रतिवचनम्,
(स्त्री.) प्रत्युक्तिः |
उत्तरायण |
उत्तरायणम् |
उत्पत्ति |
उत्पत्तिः, उद्गमः, उद्भवः, आरम्भः |
उत्पत्तिस्थान |
(स्त्री.)योनिः |
उत्स |
स्रोतः, सरः |
उत्संग |
अङ्कः, सम्पर्कः, योगः |
उत्साह दिखाना |
द्रेकते |
उत्सुक |
उत्सुक, उत्कण्ठित, व्यग्र |
उथल-पुथल |
विपर्यस्त, अधरोत्तर |
उदय होना |
उदेति |
उदर |
मध्यभागः, शरीर-अङ्गम् |
उदार |
दानशील, बहुप्रद |
उदारता |
औदार्यम्, त्यागः, दाक्षिण्यम्,
सुशीलम् |
उदास होना |
सीदति |
उदासी |
अवसादः, ग्लानिः |
उदासीन |
विरक्त, निस्स्पृह, प्रपंचरहित,
मध्यस्थ, तटस्थ, समभाव,
रूक्षनिस्स्नेह |
उदाहरण |
दृष्टान्तः, निदर्शनम् |
उदुंबर |
क्षीरवृक्षः, सदाफलः, जन्तुफलः, क्षीरवृक्षफलम्, देहली,
नपुंसकः, कुष्ठभेदः |
उद्घाटन |
उन्मुद्रणम्, निरर्गलीकरणम्, प्रकाशनम्, प्रकटीकरणम् |
उद्दंड |
उद्धत, दुःशील, अविनीत, साहसिक, कलहप्रिय |
उद्धार |
निर्वाणम्, मुक्तिः, निवृत्तिः |
उद्बोधन |
ज्ञापनम्, प्रकाशनम्, उत्तेजनम्,
जागरणम् |
उद्भव |
जन्म, उत्पत्तिः |
उद्यम |
उद्योगः, प्रयत्नः, प्रयासः |
उद्योग |
उद्योगः, यत्नः, अध्यवसायः, परिश्रमः |
उद्वेग |
व्याकुलता, उद्विग्नता, मनोवेगः |
उधर |
तत्र |
उधार |
ऋणम् |
उधार खाते |
नाम्नि |
उधार देने वाला |
उत्तमर्णः |
उधार लेने वाला |
अधमर्णः |
उधेड़बुन |
आकुलता, व्याकुलता, संदेहः, व्यग्रता, चित्तविक्षेपः, संशयः |
उनतीस |
नवविंशतिः/एकोनत्रिंशत्/ऊनत्रिंशत् |
उनमना |
व्यग्र, विरक्त, अप्रसन्न |
उनसठ |
नवपञ्पाशत् |
उन्चास |
एकोनपञ्चाशत् |
उन्तालीस |
एकोनचत्वारिंशत् |
उन्नत |
प्रांशुः |
उन्नति |
उच्छ्रयः, उत्थानम्, वृद्धिः, अभ्युदयः |
उन्नीस |
नवदश/ऊनविंशतिः/एकोनविंशतिः |
उन्नीसवां |
एकोनविशतितमः- मा- मम् |
उन्माद |
उन्मत्तता, चित्तविभ्रमः, मतिभ्रंशः |
उन्मूलन |
निर्मूलनम्, उत्पाटनम्, उत्खननम्,
विध्वंसनम्, विनाशनम् |
उन्यासी |
एकोनाशीतिः |
उन्हत्तर |
एकोनसप्ततिः |
उपकरण |
साधनम् |
उपकार |
हितम्, परोपकारः, (स्त्री.) उपकृतिः |
उपकार करना |
उपकरोति |
उपक्रम |
आरम्भः, भूमिका |
उपचार |
रोगप्रतिकारः, चिकित्सा,
उपचर्या, रोगिपरिचर्या, प्रयोगः, विधानम्, धर्मानुष्ठानम्,
चाटूक्तिः, उत्कोचः |
उपज |
उत्पत्तिः, प्रसवः, फलम्, लाभः |
उपजना |
उत्पत्तिः |
उपजाऊ |
उर्वर, शस्यप्रद |
उपजाना |
उत्पादनम् |
उपदेश |
शिक्षा, शिक्षणम्, अनुशासनम् |
उपदेश देना |
उपदिशति |
उपद्रव |
विघ्नः, विप्लवः, बाधा |
उपन्यास |
कल्पित कथा, कथा प्रबन्धः, प्रबन्धकल्पना,
वाक्योपक्रमः, निक्षेपः, न्यासः |
उपभुक्त |
प्रयुक्त, उच्छिष्ट |
उपयुक्त |
उचित, उपपन्न, संगत, युक्त योग्य, यथायोग्य, यथार्ह |
उपयोगिता |
व्यवहार्यता, लाभकारिता,
उपकारकता |
उपयोगी |
प्रयोजनीय, हितसाधन, उपकारक, लाभदायक, अनुकूल |
उपरत |
विरक्त, उदासीन, मृत |
उपरांत |
परम्, ततः परं, तदनन्तरम्, तदनु |
उपरोक्त |
उपर्युक्त |
उपरोहित |
पुरोहितः, धर्माचार्यः, धर्माध्यक्षः |
उपलब्ध |
अधिगतः, प्राप्तः, गृहीतः |
उपलब्धि |
(स्त्री.) प्राप्तिः, अधिगमः,
ज्ञानम् |
उपवन |
आरामः, लघुवनम् |
उपवास |
अनाहारः, अनशनम् |
उपशम |
शमः, शान्तिः, तृष्णाक्षयः,
इन्द्रियनिग्रहः, प्रतिकारः, उपचारः |
उपशमन |
सान्त्वनम्, प्रतिविधानम् |
उपसम्पादक |
(पु.) संपादकसहायः, सहायकसंपादकः |
उपस्थ |
लिंगम्, मेढ्रः, भगः, योनिः, क्रोडम्, वक्षस् |
उपहार |
उपायनम्, उपदा |
उपहास |
परि (री) हासः, प्रहसनम्, नर्मन् क्रीडाकौतुकम्, निन्दा, आक्षेपः |
उपांग |
अवयवः, अंगभागः, अंगपूरकम् वस्तु |
उपाख्यान |
प्राचीनकथा, आख्यानम्, कथान्तर्गतकथा,
वृत्तान्तः, उदन्तः |
उपादान |
(स्त्री.) प्राप्तिः, (स्त्री.)
उपलब्धिः, बोधः, प्रत्याहारः,
समवायिकारणम् |
उपादेय |
ग्राह्य, ग्रहीतव्य, स्वीकार्य,
श्रेष्ठ, उत्तम |
उपाधि |
बाधा, उपद्रवः, विघ्नः |
उपाध्याय |
शिक्षकः, गुरुः, आचार्यः |
उपाय |
प्रतिकारः, उपायः, प्रयोगः, (स्त्री.) युक्तिः |
उपासना |
पूजा, आराधना, अर्चा |
उपेक्षा |
अनादरः, तिरस्कारः, घृणा, विरक्तिः |
उपेक्षा करना |
उपेक्षते |
उबटन |
उद्वर्त्तनम्, अङ्गरागः,
लेपः, लेपनम् |
उबलना |
क्वथनम् |
उबारना |
उद्धरणम् |
उबाल |
(पु.) उद्वेगः, आवेशः |
उबालना |
क्वथनम् |
उबासी |
जृम्भः, जृम्भा |
उभरा |
स्फीत, शून, विगतभार |
उभाड़ना |
उत्तेजनम्, उद्दीपनम् |
उमंग |
उल्लासः, आनन्दः |
उमड़ना |
जलाप्लावः |
उमा |
पार्वती, दुर्गा, कान्तिः |
उम्मेद, उम्मीद |
आशा, अपेक्षा |
उम्र |
वयः |
उरग |
सर्पः, नागः, सरीसृपः |
उरोज |
स्तनः, कुचः |
उर्वरा |
(स्त्री.) बहुफलदा भूमिः, पृथिवी,
फलदा, शस्यप्रदा |
उलझन |
विघ्नः, प्रतिबंधः, बाधा, समस्या, चिन्ताविषयः, विवादविषयः |
उलटना |
विलोमः, विपर्यासः |
उलटाना |
अधोमुखीकरणम् |
उलटे |
प्रत्युत |
उलथा |
अनुवादः |
उलाहना |
अभियोगः, उपालम्भः, परिदेवनम्,
विलपनम् |
उलूखल |
उदूखलम्, गुग्गुलुः |
उल्का |
खोल्का, उत्पातः, पतन्नक्षत्रम्,
प्रकाशः, अग्निशिखा, अग्निः,
दीपिका, प्रदीपः, दीपकः,
अग्निकाष्ठम्, अलातम् |
उल्लास |
आनन्दः, आह्लादः |
उल्लिखित |
उत्कीर्ण, पाषाणादिषु अभिलिखित, चक्रेण
तष्ट, लिखित, उपरिलिखित, उपर्युक्त, चित्रित, आलिखित |
उल्लू |
कौशिकः,उलूकः, पेचकः |
उल्लेख |
लेखः, लिखितम्, लेख्यम्, वर्णनम्, निरूपणम्, अलंकारभेदः |
उल्लेखनीय |
लेखार्ह, उत्लेख्य, वर्णनीय, निरूपणीय, अद्भुत |
उषा |
उषस्, प्रभातम्, अरुणोदयः, दिनमुखम्, रात्रिशेषः, ब्राह्मवेला,
अरूणोदयलालिमन्, बाणासुरकन्या, अनिरुद्धपत्नी |
उस |
तद्, अदस् |
उसका |
तदीयः |
उसमें भी |
तत्रापि |
उसास |
उच्छ्वासः, निश्वासः, दीर्घश्वासः |
उसूल |
नियमः, सिद्धान्तः |
उस्तरा |
क्षुरः |
ऊँघ |
तन्द्रा |
ऊँघना |
तन्द्रा |
ऊँघने वाला |
तन्द्रालुः |
ऊँघाई |
निद्रालसः |
ऊँचनीच |
कुलीनाकुलीन, उच्चावच, हानिलाभौ, भद्राभद्रे |
ऊँचा |
उच्च, उन्नत, तुङ्ग, उत्तुङ्ग, उत्तम, श्रेष्ठ,
मुख्य, परम, उच्चैः |
ऊँट |
उष्ट्रः , क्रमेलः, ककुद्मान्, पशुः |
ऊंटनी |
उष्ट्री |
ऊख |
इक्षुः |
ऊटपटांग |
असंबद्ध, असंगत |
ऊदविलाव |
जलमार्जारः |
ऊधम |
उपद्रवः, उत्पातः, कोलाहलः, तुमुलम्, कलहः |
ऊनी कपड़ा |
और्णम् |
ऊनी वस्त्र |
रांकवम् |
ऊपर |
उपरि |
ऊपर-नीचे |
उपरि-अधः |
ऊबड़-खाबड़ |
विषम, नतोन्नत |
ऊबना |
उद्विज् |
ऊसर |
ऊषरः |
ऋजु |
सरल, निर्व्याज, निष्कपट |
ऋण |
ऋणम् |
ऋणदाता |
उत्तमर्णः |
ऋणी |
अधमर्णः |
ऋत्विग् वा राजा |
प्रशास्ता |
ऋत्विग्विशेष |
नेष्टा |
ऋद्धि |
वृद्धिः, समृद्धिः |
एक |
एकः/ एका/एकम् |
एक ओर |
एकपार्श्वे, पार्श्वतः, एकान्ते, निभृते |
एक टक |
निर्निमेषम्, अनिमिषम् |
एक दूसरे को |
अन्योऽन्यम्, परस्परम्,
इतरेतरम्, परस्पर, इतरेतर |
एक प्रकार |
एकधा |
एक बार |
एकदा, सकृत्, अथ, कदाचित् |
एक लडी का हार |
एकावली |
एक समय |
एकदा |
एक साथ |
एकपदे, समम्, युगपत्, एककालम्, एककाले, समकालम् |
एक सौ |
शतम् |
एक ही समय में |
युगपत् |
एक-एक करके |
एकैकः, एकैकशः, एकशः |
एकचित्त |
अवहित, स्थिरचित्त, अभिन्नहृदय |
एकता |
ऐक्यम्, एकता |
एकत्र |
एकस्थले, एकस्थाने, |
एकत्रित |
संघीभूत, संचित, संगृहीत |
एकदिल |
एक-चित्त-तम, स्थिरचित्त,
एकचित्तीभूय, ऐकमत्येन |
एकरस |
तुल्य, सदृश, अव्यय, अपरिणामिन्, परिवर्तनरहित |
एकलौता |
एकल, एकाकिन् |
एकवेष, यूनिफार्म |
एकपरिधानम् |
एकसा |
तुल्य, सम |
एकहरा |
एकगुणीकृत |
एका |
एकता, संगः, संसर्गः, संयोगः, संधिः, संघातः,
संश्लेषः |
एकांत |
विजनम्, अत्यन्त, एकाकिन् |
एकाएक |
अकस्मात्, सहसा, अतर्कितम् |
एजेन्ट, आढ़ती |
अभिकर्ता |
एटम बम |
परमाण्वस्त्रम् |
एटलस |
देशचित्रसंग्रहः, मानचित्रसंग्रहः |
एड़ |
उत्तेजनम्, प्रेरणम्, प्रवर्त्तनम् |
एडिट |
सम्पादनम् |
एडिटर |
संपादकः |
एड़ी |
पादतलम्, पादमूलम् |
एलची |
दूतः, राजदूतः, प्रणिधिः, सन्देशहरः |
एवजी |
प्रतिपुरुषः, प्रतिहस्तः |
एषणा |
इच्छा, याच्ञा |
एसेसिबिलिटि |
अभिगम्यता |
एसोसिएशन |
परिषद् समितिः |
एहसान |
ऋणम्, कृतज्ञता, कृपा, उपकारः |
ऐंचाताना |
वक्रदृष्टि, तिर्यग्दृष्टि |
ऐंठ |
गर्वः, दर्पः, आकुञ्चनम्, मोटनम् |
ऐंठन |
व्यावर्तनम्, आकुञ्चनम्,
वक्रता, चूणः, वस्त्रभंगः,
आकर्षणम्, गात्रोपघातः, उद्वेष्टनम् |
ऐक्ट |
अधिनियमः, रूपक, नाटक, अंकः, (स्त्री.) कृतिः |
ऐक्टर |
नटः, अभिनेता |
ऐक्य |
एकता, एकत्वम् |
ऐच्छिक |
वैकल्पिक, स्वेच्छातंत्र, रुच्यधीन,
सविकल्प |
ऐनक |
उपनेत्रम् |
ऐब |
दोषः, छिद्रम् |
ऐयार |
कापटिकः, छद्मिकः |
ऐयाश |
विषयासक्त, विलासिन्, विलासी |
ऐरावतपत्नी |
(स्त्री.)अब्भ्रमुः |
ऐसा |
एवंविध, एतादृश |
ऐसा-वैसा |
निरपेक्षम्, निस्पृहता, ताटस्थ्यम् |
ऐसे |
इत्थम्, एवम्, अनेन प्रकारेण |
ऐहिक |
संसारी |
ओंठ |
ओष्ठं |
ओंठ |
ओष्ठः, अधरः |
ओक |
गृहम्, आवासः, आश्रयः, अञ्जलिः |
ओकाई |
वमनम्, वमनेच्छा |
ओखल |
उलूखलम् |
ओघ |
समूहः, राशिः, घनत्वम्, सान्द्रता, प्रवाहः, धारा |
ओछा |
क्षुद्र, अधम, कापुरुष |
ओज |
बलम्, कान्तिः, वीर्यम् |
ओजोन |
प्रजारकम्, दाहनम्, वातिभेदः |
ओझल |
आवरणम्, आच्छादनम्, अदृश्य, अन्तरित |
ओझा |
गारुडिकः, जांगुलिकः |
ओट |
आवरणम्, आश्रयः, व्यवधानम् |
ओढ़ना |
परिधानम्, आवरणम् |
ओढनी |
प्रच्छदपट: |
ओत |
गुम्फित, ग्रथित |
ओत-प्रोत |
सुमिश्रित, सुसंप्रक्त, संसृष्ट,
परस्परं सुग्रथित, तन्त्रवाणी |
ओर |
पार्श्वः, पार्श्वम्, पक्षः, दिशा |
ओरी |
पटलप्रान्तः, नीध्रम्, वलीकः, वलीकम् |
ओला |
वर्षोपलः, करकः |
ओला पड़ना |
उपलान् |
ओले |
करकाः |
ओस |
तुषारः, नीहारः, हिमजलम् |
ओसारा (बरामदा) |
द्वारप्रकोष्ठः, प्रघणः, प्रघाणः |
ओहदा |
पदम्, अधिकारः, नियोगः |
ओहार |
शिविकाच्छादनम् |
औंधना |
अधोमुखीकरणम् |
औंधा |
अधोमुख |
औकात |
शक्तिः, सामर्थ्यम्, कालाः, समयाः |
औघड़ |
कापालः, कापालिकः |
औजार |
यन्त्रम्, उपकरणम् |
औदार्य |
उदारता |
औद्योगिक |
उद्योगसंबंधिन्, व्यवसायसम्बन्धिन् |
औपचारिक |
लाक्षणिक, गौण, उपचारविषयक |
और |
च, अपि च, अन्यच्च |
औरत |
नारी, ललना, स्त्री |
औलाद |
सन्ततिः, पुत्र-पौत्राः, वंशः,
कुलम् |
औषध |
भेषजम्, ओषधिः, जायुः |
औसत |
सामान्यम्, माध्यमम् |
कँपकँपी |
कम्पः, प्रकम्पः, वेपथुः, सीत्कारः |
कंकड़ |
कर्कटः |
कंकरीला |
पाषाणमय |
कंकाल |
अस्थिपंजरः, करंकः |
कंगन |
कंकण: , कंकणम्, वलयः,
वलयम्, हस्त-सूत्रम् |
कंगारू |
कंगारुः |
कंगाल |
कँगला |
कंघा |
कंकतम् |
कंघावाला |
कंकतकृत् |
कंघी |
प्रसाधनी, कंकतिः, कंकतिका, केशमार्जनी |
कंजूस |
कृपण, क्षुद्र, अनुदार |
कंठ |
गलः, गरः, निगरणः, स्वरः, शुकादीनां कंठरेखा |
कंठस्थ |
कंठाग्र, कंठगत, मुखाग्र, मुखस्थ |
कंठा |
हारः, माला, कण्ठमाला, कण्ठाभरणम् |
कंठी |
अक्षमाला, अक्षसूत्रम् |
कंडा |
शुष्कगोमय(-शकलम्) |
कंद |
कन्दः, कन्दम् |
कंदमूल |
कंदमूलम् |
कंधा |
स्कन्धः, ककुदः, ककुदम् |
कंधे की हड्डी |
जत्रु |
कंपित |
कंपमान, चंचल, भीत, त्रस्त |
कंबल |
कम्बल:, ऊर्णायुः, रल्लकः |
कई |
कतिपय |
ककड़ी |
कर्कटी, चर्भटिका, चर्भटः, (स्त्री.) इर्वारुः |
ककहरा |
वर्णमाला |
कचनार |
कोविदारः |
कचहरी |
न्यायालयः, राजसभा |
कचालू |
आलुकी, कचुः, कच्ची, तीक्ष्णकन्दः, गजकर्णः |
कचूमर |
निष्पिष्टपदार्थः, चूर्णितवस्तु,
मृदुसारः, मज्जा |
कचौड़ी |
पिष्टिका, घृतचौरी |
कच्चा |
अपक्व |
कच्ची सड़क |
मृन्मार्गः |
कच्छा |
नौकाभेदः, कछनी |
कछुआ |
कच्छपः,कुर्मः, कमठः |
कछुई |
कमठी |
कजली, काजल |
कज्जलम्, मसी |
कटकट |
दंतघर्षणशब्दः, कटकटायितम्,
कलहः |
कटकटाना |
दन्तघर्षणम्, दन्तैर्दन्तान् |
कटनी |
शस्यसंग्रहकालः |
कटपीस |
कृत्तपटः |
कटहल |
पनसम् |
कटहल (शाक) |
पनसः |
कटहा |
दशनशील, दिदांक्षु पशुः |
कटार |
कृपाणः |
कटु |
तिक्त, अप्रिय |
कटुता |
कटुत्वम्, तिक्तता, अप्रियत्वम् |
कटोरा |
कटोरम्, शरावः, चषकः |
कटोरी |
कसोरिका |
कट्टर |
दृढ, धर्मपरायण |
कट्टा |
वज्रदेह, दृढांग, मांसल, वीर्यवत्, हनुः |
कठघरा |
काष्ठपञ्जरः, काष्ठपिञ्जरम् |
कठपुतली |
काष्ठपुत्रिका, पुत्तली, पाञ्चालिका |
कठफोड़ा |
दार्वाघाटः, काष्ठकूटः |
कठरा, कठौता |
द्रोणिः, द्रोणी |
कठिनाई |
कठिनता, कष्टता, संकटम्, विघ्नः, बाधा, क्लेशः |
कठोर |
निर्दय, क्रूर, नृशस, निर्घृण, परुष, घन, कीकस, कर्कर, कक्खट |
कठोरता |
निर्दयता, क्रूरता, पारुष्यम्, निर्घृणता, नृशंसत्वम्, घनता,
कीकसता |
कठौता |
बृहत्काष्ठभाजनम्, बृहद्दारुपात्रम् |
कड़क |
महाशब्दः, कोलाहलः, महारावः |
कड़कना |
क्रोधेन गर्जनम् |
कड़खा |
उत्तेजनम्, प्रोत्साहनम्, धैर्यवर्द्धनम् |
कड़छी |
दर्विः, दर्वी |
कड़ा |
कटकः, वलयः, कठोर, कठिन, कंकणः |
कड़ाई |
कठोरता, उग्रता |
कड़ाह |
कटाहः, पिठरः, लौहकुण्डम् |
कड़ाही |
स्वेदिनी, कटाह:, (स्त्री.)
कन्दुः, पिठरः, पिठरम्, भ्राष्ट्रः, भजनपात्रम्, अंबरीषम् |
कड़ुआ |
कटुः, तिक्त, तीक्ष्ण, कटुतैलम् |
कड़ुआ तेल |
कटुतैलम् |
कढ़ी |
क्वथिता |
कण |
लवः, लेशः, अणुः |
कण्ठहार |
कण्ठाभरणम्, कण्ठिका |
कण्डाल |
वारिधि: |
कतरना |
कर्तनम् |
कतरा |
खण्डः, अंशः, शकलः |
कतार |
(स्त्री.)पङ्क्तिः |
कत्था |
खदिर:, खिदरसारः |
कत्ल |
घातः, हननम्, वधः |
कथन |
(स्त्री.)भणितिः, वचनम् |
कद |
आकारः, उच्चतामानम् |
कदम |
कदम्बः, कदम्बकः |
क़दम |
पदम्, पादः, चरणन्यासः |
कदम्ब |
कदम्बम्‚ नीपः |
कदर |
आदरः, सम्मानः |
कद्दू |
लावुः, अलावुः, लावुका, तुम्बः, तुंबी, तुंबिकापिंड |
कद्दूकश |
लावुकषः |
कनखजूरा |
कर्णजलोका |
कनखी |
कटाक्षः, भ्रूविलासः, अर्द्धवीक्षणम् |
कनटोप |
कर्णपालिका, कर्णपाली |
कनपटी |
गण्डस्थलम्, कर्णपट्टिका |
कनफूल |
कर्णपूर:, कर्णिका |
कनस्तर |
धातुमयः समुद्गकः |
कनागत |
पितृपक्षः |
कनात |
काण्डपट:, अपटी |
कनेर |
कणिकारः, करवीरः, शतप्रासः |
कनैठी |
कर्णग्रहः, कर्णाकर्षणम् |
कन्नीकाटना |
दर्शनं परिहृ |
कपट |
छलम्, धूर्त्तता, दम्भः, प्रतारणा |
कपड़ा |
वस्त्रम्, वसनम्, चीरम्,
कर्पटः, पटः, अम्बरम्,
परिधानम्, चेलः, चेलम् |
कपाल |
शिरोऽस्थि, कपालः |
कपाली |
शिवः |
कपास |
कार्पासः, तूलः, पिचुः |
कपि |
वानरः, सूर्यः |
कपिल |
बभ्रुवर्ण, कपिश, आरक्त |
कपूत |
कुपुत्रः |
कपूर |
कर्पूरः, कर्पूरम्, घनसारः, हिमवालुका |
कपोत |
पक्षिविशेषः, पारावतः |
कपोल |
गण्डः |
कफ |
(पु.) श्लेष्मन् |
कफन |
शववस्त्रम्, शवाच्छादनम्, प्रेतवस्त्रम् |
कब |
कदा, क्व |
कब तक |
कियत् कालम्, कियच्चिरम् |
कबाब |
भृष्टमांसम्, शूलिकम्, शूल्यमांसम् |
कबाला |
विक्रयपत्रम् |
कबीला |
वंशः, कुलम् |
कबूतर |
कपोतः, पारावतः |
कबूतर खाना |
कपोतविलम्, कपोतावासः |
कबूल |
अङ्गीकारः, स्वीकारः |
कब्ज |
अजीर्णम्, मलावरोधः |
कब्जा |
अधिकारः, स्वामित्वम्, मुष्टिः |
कब्र |
समाधिः, शव-स्थानम् |
कभी |
कदाचित्, कस्मिन्नपि काले |
कभी दीखना |
चित्रयति |
कभी नहीं |
न कदापि, न कदाचन, न कचाचित् |
कभी भी |
कदापि, क्वापि, जातु |
कम |
न्यून, ऊन, अल्पतर, सूक्ष्मतर |
कम होना |
ह्र्सति |
कमखर्ची |
परिमितव्ययः, मितव्ययः |
कमजोर |
दुर्बल, अबल, अशक्त, बलहीन, शक्तिहीन, अल्पबल |
कमजोरी |
दुर्बलता, दौर्बल्यम्, शक्तिनाशः,
असामर्थ्यम्, बलहानिः |
कमर |
श्रोणिः, (स्त्री.) कटिः, कटी,
कटिदेशः, मध्यः, मध्यम्,
मध्यमः, मध्यमम् |
कमरबन्द |
मेखला, कटिसूत्रम्, परिकरः, कटिवलयम्, रसना |
कमरा |
कक्षा, प्रकोष्ठः |
कमल |
पद्मम्, उत्पलम्, अब्जम्, सरसिजम्, पङ्कजम् |
कमल का पौधा |
बिसिनी |
कमल-समूह |
पद्मिनी |
कमलिनी |
नलिनी |
कमाई |
उपार्जितम्, लभ्यांशः, वेतनम् |
कमाना |
अर्जनम् |
कमाल |
वैशिष्ट्यम्, प्रकर्षः |
कमासुत, कमाऊ |
अर्जकः, प्रापकः, लब्धा |
कमिश्नर |
उपप्रान्ताधिकारी, आयुक्तः, उपप्रान्ताधीशः |
कमी |
ऊनता, न्यूनता, अल्पता, अपूर्णता, अपर्याप्तता |
कमीज |
चोलः, चोलकः, उरोवस्त्रम् |
कमीना |
अधम, क्षुद्र, तुच्छ |
कमीशन, दलाली |
शुल्कम् |
कमेटी |
समितिः, प्रतिनिधि-सभा |
कम्पन |
(स्त्री.)विधुतिः |
कम्बल |
कम्बलः |
कयामत |
प्रलयः, विपत्तिः |
कर |
हस्तः, पाणिः |
करक |
पीडा, वेदना, मूत्रकृच्छ्रम,
क्षतांकः, क्षतचिह्नम् |
करगह, करघा |
वायदण्डः, वेमन्, वेमः, तन्तुवायः |
करछुल |
दर्वी |
करजिभा |
दुर्मुख, कद्वद |
करणेच्छा |
चिकीर्षा |
करता हुआ |
कुर्वत् |
करतार |
स्वामी, ईश्वरः, कर्त्ता |
करतूत |
कृत्यम्, कर्मन्, गुणः, कला, कुकर्मन् |
करधनी |
मेखला, कांचि: |
करना |
करणम्, विधानम्, करोति, कुरुते |
करने का इच्छुक |
(पु. न.) चिकीर्षुः |
करने वाला |
कर्त्ता |
करवट |
करवर्तः, पार्श्वभागः |
करामात |
अद्भुतम्, आश्चर्यम्, चमत्कारः |
करार |
शान्तिः, शमः, धैर्यम् |
कराहना |
दुःखचीत्कारः, आर्त्तनादः,
दुःखवशात् |
करील |
करीरः |
करेला |
कारबेल्लम्, कटिल्लः |
करोड़ |
कोटिः |
करोड़ पति |
कोटीश्वरः |
करौंदा |
करमर्द्दकम् |
कर्कश |
उग्र, भयङ्कर |
कर्ज |
ऋणम् |
कर्ज धारना |
ऋणग्रहः, ऋणबद्ध |
कर्जदार |
ऋणी, अधमर्णः |
कर्जा देने वाला |
कुसीदम्,ऋणदाता |
कर्जा लेने वाला |
अधमर्णः |
कर्णधार |
नाविकः |
कर्त्तव्य |
धर्मः, विधेयम्, अनुष्ठेय, कर्त्तव्य |
कल |
विश्रामः, उपशमः, मोक्षः, शमनम्, उद्धारः, यन्त्रम्,
साधनम्, उपकरणम् |
कल वा औजार |
यन्त्रम् |
कलंक |
दोषः, दूषणम्, छिद्रम्, लांछनम्, अपवादः, लक्षणम्,
चिह्नम् |
कलई |
कान्तिः, त्रपु |
कलकल |
रवः, निर्झरादीनाम् शब्दः, कोलाहलः,
विवादः |
कलप |
मण्डः, मण्डम् |
कलम |
लेखनी, कलमः |
कलवार (शराब बनाने वाला) |
शौण्डिकः, सुराकारः |
कलाई |
मणिबन्धः, प्रकोष्ठः |
कलाई से कनी अँगुली तक |
करभः |
कलाकन्द |
कलाकन्दः |
कली |
कलिका, मुकुलः, मुकुलम्, अङ्कुरः, कुड्मलः |
कलेऊ, कलेवा |
प्रातराशः, कल्यवर्त्तः |
कलेजा |
बुक्कम्, बुक्कः, कालेयम्, हृदयम् |
कलोल |
क्रीडा, लीला, विलासः |
कल्पना |
कल्पना, तर्कः |
कल्पवृक्ष |
कल्पवृक्षः |
कल्मष |
पापम्, दुष्टता, दोषः |
कल्याण |
कुशलम्, मंगलम्, सुखम्, हितम्, क्षेमम्, (स्त्री.)
भूतिः |
कल्हार |
श्वेतकमलम् |
कवच |
वर्मन्, रक्षामन्त्रम् |
कवर |
कवलः, ग्रासः |
कविताई |
श्लोकरचना, पद्यरचना, छन्दोबन्धः |
कविताकार |
कविः |
कव्बी |
काकी |
कव्वी |
वायसी |
कशीदा |
सूचिकर्म |
कषाय |
तुवर, कुवर, सुवास, सुगंधि, रंजित, रंगवत्,
गैरिकवर्ण, रक्तश्याम, क्रोधः, क्वाथः, कुवरः,
रसभेदः |
कष्ट |
दुःखम्, पीडा, क्लेशः, विपद्, आपत्तिः |
कष्ट से जीवन बिताना |
कठति |
कष्टसाध्य |
दुस्साध्य, दुष्कर, कष्ट |
कसकूट |
कांस्यकूटः |
कसना |
दृढबन्धनम् |
कसम |
शपथः |
कसर |
न्यूनता, अपूर्णता, अभावः |
कसरत |
व्यायामः |
कसाई |
बधकः, घातकः, हिंसकः |
कसूर |
दोषः, अपराधः, छिद्रम्, प्रमादः |
कसेरा |
कांस्यकारः |
कसैला |
कषाय |
कसौटी |
निकषः |
कस्तूरी |
(स्त्री.) कस्तूरी, कस्तूरिका,
मृगनाभिः, मृगमदः |
कस्बा |
नगरी |
कहना |
कथनम्, कथयति, चष्टे, वक्ति |
कहने वाला |
कथयिता |
कहर |
दैवामर्षः |
कहाँ |
कुत्र |
कहाँ तक |
कियद्दूरम् |
कहाँ से |
कुतः, कस्मात् |
कहाकही, कहासुनी |
वादविवादः |
कहानी |
कथा, आख्यानम्, उपाख्यानम् |
कहार |
जलवाह:, कहार: |
कहावत |
जनप्रवादः, लोकोक्तिः, लोकवादः |
कहीं |
कुत्रचित्, क्वापि, कुत्रापि, क्वचित् |
कहीं भी |
कुत्रापि |
कहीं से |
कुतश्चित् |
कहीं-कहीं |
क्वचित्-क्वचित्, इतस्ततः |
काँच |
काचः, स्फटिकः |
काँजी |
काञ्जिकम्, क्षववारि |
काँटा |
कण्टकः, कण्टकम्, शल्यम्, शिताग्रः, तरुनखः, द्रुमनखः |
काँपना |
एजति , एजते |
कांकर |
कर्कटी |
कांक्षा |
एषणा, इच्छा |
कांख |
कक्षाक्षः, बाहुमूलम्, भुजकोटरः,
भुजकोटरम्, दोर्मूलम् |
कांग्रेस |
सभा, परिषद्, संसद, समाजः |
कांच का गिलास |
काचचषक: |
कांचन |
स्वर्णः |
कांत |
मनोहर, प्रिय |
कांतार |
गहनवनम् |
कांति |
सौन्दर्यम्, दीप्तिः |
कांपना |
कम्पनम्, वेपथुः, धूनुते, धुनोति, धुनाति, धुनीते,
वेपते |
कांसा |
कांस्यम्, पीतलौहम् |
काकरोच |
तैलपः |
कागज |
कागदः, पत्रम् |
काजल |
कज्जलम् |
काटना |
कर्तनम्, छेदनम्, दंशति, दलति, छिनत्ति, छिन्ते,
छुरति, दंशयति, लुनति,
वृश्चति, शृणाति |
काटने वाला |
छेत्ता |
काठ |
काष्ठम्, दारु |
काढ़ा |
क्वाथः |
काणा |
काणः, एकाक्षिन् |
कातना |
वयनम् |
कातर |
विह्वल, व्याकुल |
कातरता |
व्याकुलता, त्रासः, कातर्यम् |
कातिल |
घातकः |
कान |
कर्ण, श्रवणम् |
कान का मैल निकालने वाला |
कर्णमलनिस्सारक: |
कान की बाली |
कुण्डलम् |
काना |
काणः, एकाक्षः |
कानाफुसी |
कर्णेवादः, नीचैः उपांशु |
कानून |
व्यवस्था, विधिः, नियमः |
कान्ति |
(स्त्री.)छविः |
काफला |
सार्थः, संघः |
काफिर |
नास्तिकः, अश्रद्धालुः, धर्मनिन्दकः,
अनीश्वरवादिन् |
काफी |
पर्याप्त, उपयुक्त, उचित, अलम् |
काबिल |
योग्य, समर्थ |
काबू |
अधिकारः, वशः |
काम |
कार्यम्, व्यवसायः, क्रिया, नियोगः, परिश्रमम् |
कामदेव |
पुष्पधन्वन्, कामः, मदनः, कन्दर्पः, अनङ्गः,
मन्मथः, पञ्चशरः, स्मरः |
कामयाब |
सफल, कृतकार्य |
कामयाबी |
सफलता, सार्थकता |
कामुक स्त्री |
कामुकी |
कायथ |
कायस्थः |
कायदा |
नियमः, व्यवस्था, रीतिः, शिष्टाचार |
कायम |
निश्चल, स्थिर |
कायर |
कातर, भीरु, सभय, भीरुहृदय, त्रस्त |
कायल |
छिन्नसंशय, जातप्रत्यय |
काया |
शरीरम्, देहः, कलेवरम् |
कायाकल्प |
पुनर्यौवनोत्पादनम्, पुनर्यौवनोत्पादनचिकित्सा |
कायापलट |
परिवर्तनम् |
कायिक |
शारीर, (स्त्री.) शारीरी, शारीरिक,
दैहिक, (स्त्री.) दैहिकी |
कारखाना |
शिल्पशाला, शिल्पगृहम्, निर्माण-स्थानम् |
कारण |
कारणम्, हेतुः, बीजम्, निमित्तम्, मूलम् |
कारतूस |
नालास्त्रम्, भुशुण्डीगुलिका |
कारीगर |
शिल्पी, कारुक:, कार्यकुशलः,
शिल्पकारः, कारुः |
कारीगरी |
कारुता, शिल्पकौशलम्, दक्षता,
मनोहररचना |
कारीगरी करना |
लासयति |
कार्टून |
उपहासचित्रम् |
कार्तिक |
कार्त्तिकः |
कार्पोरेशन |
निगमः |
कार्बोनिक |
प्रांगारिक, कार्बनिक |
कार्य |
(स्त्री.)कृतिः |
कार्य की समाप्ति |
स्यति |
काल काटना |
समययापनम् |
काला |
कृष्ण, श्याम, असित, नील |
कालातीत |
अनवसर, असमयोचित |
कालिक |
सामयिक, कालविषयक |
कालिख |
कज्जलम्, मसिः, कलङ्कः, लाञ्छनम् |
कालिमा |
कलङ्कः, लाञ्छनम्, कृष्णता |
कालीन |
कुथः |
कालेज |
महाविद्यालयः |
काश्त |
कृषिः |
काश्तकार |
कृषकः |
कासार |
कुल्या, सरः |
कि |
यत्, इति, यथा |
किंकर्तव्यविमूढ़ |
व्यग्रः, कर्तव्यम्, निश्चेतुं,
असमर्थः |
किचकिच |
प्रलापः, प्रजल्पनम्, कलहः |
कितना |
कियत् |
कितब |
धूर्तः |
किताब |
पुस्तकम्, ग्रन्थः |
किधर |
क्व, कुत्र |
किनारा |
पर्यन्तः, पर्यन्तम्, प्रान्तः,
उपांतः, अञ्चलः, दशाः,
सीमा, तीरम्, कूलम्,
तटः |
किन्तु |
परन्तु, अपि |
किफायत |
(स्त्री.) मितव्ययः |
किरकिरा |
शार्करिल, सिकतिल |
किरकिरी |
(स्त्री.) नेत्रपतितो धूल्यादिकणः, त्रसरेणुः, अणुरेणुः |
किरण |
गभस्तिः, किरणम्, करः, मरीचिः, रश्मिः, मयूखः,
अभीषुः |
किराना |
वस्तुजातम्, वस्तुसंघातः, वस्तुसंग्रहः |
किरानी |
लेखकः, लिपिकारः |
किराया |
निष्क्रयः, निर्वेशः, तार्यम्, आतारः |
किलकारी |
किलकिलारावः |
किला |
दुर्गम् |
किल्लत |
न्यूनता |
किल्विष |
पापम्, दोषः |
किवाड़ |
कपाटम्, द्वार, द्वारम्, कपाटः |
किशमिश |
क्षुद्रद्राक्षा |
किशोर |
बालः, शिशुः |
किश्त |
भागः, ऋणांशः, अंशांशतः |
किश्ती |
नौका |
किसान |
कृषक:, कृषीबल:, कृषिकः |
किसानी |
(स्त्री.) कृषिः, (न.)
कृषिकर्मन् |
किसे |
कं, कां, किम्, (च.) कस्मै, कस्यै, कस्मै |
किस्त |
देयभागः, ऋणांशः, खण्डिका |
किस्म |
प्रकारः, भेदः, (स्त्री.) जातिः,
(स्त्री.) प्रकृतिः, स्वभावः |
किस्मत |
नियतिः, भाग्यम्, दैवम् |
किस्सा |
कथा, वृत्तान्तः |
की |
का |
की ओर |
प्रति |
कीकर |
दीर्घकण्टकः |
कीचक |
सरंध्रो वंशः, सच्छिद्रो वेणुः,
विराटराजस्य श्यालः |
कीचड़ |
कर्दमः, पङ्कम्, पङ्कः |
कीट |
कीटकः, कृमिः, नीलंगुः, घृततैलादीनां मलम् |
कीड़ा |
कृमिः, कीटः |
कीप |
(स्त्री.) नीवापः |
कीबोर्ड |
कुंचिपटलम् |
कीमत |
मूल्यम्, अर्घः |
कीर्तन |
गुणगानम् |
कीर्ति |
विश्रुतिः |
कील |
कीलकम्, शङ्कुः |
कुँवारी लड़की |
कुमारी |
कुंआ |
कूपः, वापी, अन्धुः |
कुंजड़ा |
फलविक्रयी |
कुंजी |
कुञ्चिका, ताली, उद्घाटकम्, व्याख्या, टीका |
कुंडा |
द्वारबन्धः, कपाटबन्धः, अर्गला |
कुंदरू |
कुंदरुः |
कुंभ |
घटः |
कुंवर |
कुमारः, दारकः, बालः, बालकः, किशोरः |
कुंवारा |
अविवाहितः, कुमारः |
कुकर्म |
कुकार्यम्, कुकृत्यम्, कुकृतिः, दुराचारः, पापम्, दुष्टता |
कुकर्मी |
दुर्वृत्त, पापिन्, पाप, दुरात्मन् |
कुकुरमुत्ता |
कुछत्रकः |
कुचक्र |
षड्यन्त्रम् |
कुचलना |
दलनम् |
कुचाल |
दुराचार, दुश्चेष्टितम्, कुचरितम्,
अविनयः |
कुछ नहीं |
न किञ्चिदपि, न स्तोकमपि,
न किमपि |
कुछ हो |
यद्भावि, तद्भवतु |
कुछ, थोड़ा |
अल्प, स्वल्प, स्तोक, किंचित्, कियत्, ईषत् |
कुटनी |
कुट्टनी, दूती |
कुटिलता |
कौटिल्यम् |
कुटी/कुटिया |
कुटीरः, उटजः, उटजम्, पर्णशाला |
कुटेव |
दुःस्वभावः, व्यसनम् |
कुठार |
परशुः, कुठारः, टङ्कः |
कुठारी |
कुण्ठारिका, तक्षणी |
कुठाली (सुनार की भट्टी) |
मूषा |
कुड़कुड़ाना |
रोषणम्, क्वणति |
कुढ़ना |
मनःक्वथनम् |
कुण्डी |
अर्गला |
कुतर्क |
(पु.) हेत्वाभासः, मिथ्याहेतुः,
वितंडा, प्रजल्पः, विवादः |
कुतर्की |
वितण्डावादिन्, मिथ्याहेतुवादिन्,
वाचालः, वावदूकः |
कुतिया |
सरमा‚ शुनि |
कुतूहल |
उत्कण्ठा, कौतूहलम्, कुतुकम्, कौतुकम्, जिज्ञासा, आश्चर्यम् |
कुत्ता |
श्वान:, कुक्कुर:‚ सारमेयः |
कुत्सा |
निन्दा, गर्हणा |
कुदरत |
(स्त्री.) प्रकृतिः, माया,
ईश्वरशक्तिः, अधिकारः, प्रभुत्वम्, संसारः, जगत्,
रचना |
कुदरती |
नैसर्गिक, प्राकृतिक, मायामय, स्वाभाविक, सहज, दिव्य,
(स्त्री.) ऐश्वरी |
कुदार/कुदाल |
खनित्रम्, टंकः, पाषाणदारणः |
कुनबा |
परिवारः |
कुन्ती |
सूरी |
कुन्द |
कुन्दम् |
कुबड़ा |
कुब्जक, न्युब्ज, वक्रपृष्ठ, कुब्जः |
कुबड़ी |
(स्त्री.) नतशीर्षा यष्टिः, कुब्जा |
कुबेर-स्त्री |
यक्षी |
कुब्जा |
कुब्ज, वक्रपृष्ठ, गडुल, गहुर, कुब्जक |
कुमार्ग |
(पु.) कुपंथः |
कुमुद की लता |
कुमुदनी |
कुम्हार |
कुम्भकार:,कुलालः, घटकारः, चक्रिन् (चक्री) |
कुरता/कुर्ता |
कंचुक:, निचोल:, युतकम्,
चोलः, उरोवस्त्रम् |
कुरबान |
इष्ट, हुत, बलित्वेन दत्त |
कुरबानी |
यज्ञः, यागः, बलिः, उत्सर्गः, आलंभः, समर्पणम्,
परित्यागः |
कुरान |
यवनधर्मपुस्तकम् |
कुरीति |
(स्त्री.) कुप्रथा, कदाचारः,
कुव्यवहारः |
कुरूप |
विरूप, कदाकार, दुर्दर्शन, वैरूप्यम्, कदाकारः |
कुर्की |
सम्पदधिकारः |
कुर्सी |
आसन्दिका, आसनम्, पीठम्, वेत्रासनम् |
कुल |
सकल, समस्त, निखिल |
कुलचा |
सकिण्वोऽपूपः |
कुलथी |
कुलत्थः |
कुलफा |
बृहल्लोणी, घोलिका,
शाकभेदः, कुलफी |
कुलफी |
धूमपान यंत्रस्य भुग्ननाली, हिमसन्तानीनिर्माणपात्रम्,
हिमसन्तानी, घनमधुरदुग्धम् |
कुलबुलाहट |
शनैः सर्पणम्, कृमिसदृशी चेष्टा,
कंडूलता, कछुरता |
कुलाबा |
आकर्षणी, ग्रहणी |
कुली |
भारवाहकः |
कुलीन लोग |
कुलीनजनाः, कुलीनवर्गः, आर्याः, विशिष्ट-जनाः |
कुल्फी |
कूलपी |
कुल्ला |
गण्डूधः, आचमनीयम्, आचाम्यम् |
कुल्हाड़ी |
कुठारः, परशुः |
कुशल |
दक्ष, प्रवीण, निपुण, विचक्षण |
कुशा |
दर्भः, कुशः, कुशम् |
कुश्ती करना |
मल्लयुद्धं वा बाहुयुद्धं |
कुश्तीबाज |
मल्लः, बाहुयोधः |
कुसुम |
पुष्पम्, प्रसूनम्, सुमम्, सूनम्, मणीवकम्, (स्त्री.)
सुमनसः |
कुसुमित |
पुष्पित, उत्फुल्ल, फुल्लित |
कुहनी |
कफणिः, कफणी, कु(कू) र्परः |
कुहराम |
विलापः, रोदनम्, परिदेवितम्, शोकः |
कुहासा |
तुषारः |
कूंची |
आघर्षणी, लोममयी, मार्जनी, शोधनी |
कूकना |
कूज्, कुहूरवम्, केकाम् |
कूच |
प्रस्थानम्, प्रयाणम्, अपक्रमः, कटकत्यागः, यात्रा |
कूजन |
कूजितम्, कलरवः, खगध्वनिः, विरुतम्, गुंजनम् |
कूजना |
कूजति , कौति |
कूटना |
दलनम्, चूर्णनम् |
कूड़ा |
अवकरः, अवस्करः, अपस्करः, मलः, सङ्करः, उच्छिष्टम् |
कूदना |
उत्प्लवः, कूर्दनम् |
कूप |
गर्त्तः |
कूबड़ |
ककुदः, ककुदम्, ककुद् |
कूल्हा |
कटिः, नितम्बः, जघनम् |
कृतज्ञ |
उपकारज्ञ, कृतविद्, कृतवेदिन् |
कृतज्ञता |
उपकारज्ञता, उपकारस्मरणम्, कृतवेदित्वम् |
कृतार्थ |
पूर्णकाम, कृतकार्य, संतुष्ट, निपुण, मुक्त |
कृति |
चेष्टा, क्रिया, कर्मन्, कार्यम्, इन्द्रजालम्, माया,
रचना, ग्रंथः, प्रहारः,
क्षतिः, |
कृत्तिका |
बहुला, अग्निदेवा, नक्षत्रविशेषः |
कृत्रिम |
कृतक, अनैसर्गिक |
कृपा |
अनुकम्पा, दया, उपकारः, अनुग्रहः |
कृपा करना |
अनुगृह्णाति |
कृपा करना |
क्रन्दते |
कृपाण |
कौक्षेयकः |
कृमि |
कीटः, नीलांगः, क्रिमिः, लाक्षा |
कृश |
क्षीण, क्षाम, तन्वंग (गी), कृशांग (गी), अल्प, स्तोक,
क्षुद्र, सूक्ष्म, अणु,
लघु |
कृशांगी |
तन्वंगी, क्षीणांगी, तन्वी |
कृशानु |
अग्निः, अनलः |
कृषक |
कृषीवलः, कृषिकः, कृपाणः |
कृषि |
कर्षणम् |
कृष्ण |
वासुदेवः, श्याम, कुत्सित |
के विपरीत |
प्रत्युत |
के साथ |
साकम्/सार्धम् |
केंचुआ |
महीलता, गंडूपदः, किञ्चिलिकः |
केंचुल |
निर्मोकः, (स्त्री.) अहित्वच्, भुजंगत्वच्,
सर्पत्वच् |
केंचुली |
कञ्चुकः, निर्मोकः |
केंद्र |
केन्द्रम् |
केकड़ा |
कर्कट: ‚ कुलीरः, कर्कटकः |
केतकी |
केतकः (वृक्षः), केतकम् (पुष्पम्) |
केतली |
कन्दुः |
केतु |
पताका, चिह्नम् |
केला |
कदली, कदलः, काष्ठीला |
केला-फल |
कदलीफलम्, मोचम् |
केले का पेड़ |
कदली |
केवट |
कैवर्तः, धीवरः, जालिकः, निषादः, नाविकः,
पोतवाहः |
केवड़ा |
केतकः , केतकी |
केवल |
मात्रम् |
केवाड़ |
कपाटः, अररः, अररम्, अररी, मुखम्, प्रवेशः,
द्वारम् |
केशर, केसर |
कुंकुमम्, अग्निशिखम्, वरम्, वाह्विकम्, पीतनम्, सङ्कोचम्,
रक्तम्, पिशुनम् |
केसरिया |
घनपीत, कुंकुमवर्ण |
कैंची |
कर्तरी, कर्तरिका, कर्त्तनी, खण्डधारा |
कैंथ |
कपित्थ |
कैंप |
शिविरम्, सैन्यनिवेशः |
कैद |
कारागारः |
कैदी |
बंदी, कारागुप्तः, रुद्धः, कारागारस्थः |
कैन्सर |
विद्रधिः, कर्कटः |
कैवर्त |
नाविकः |
कैवल्य |
मुक्तिः |
कैसा |
कीदृश्, कीदृश, कीदृक्ष |
कैसे |
कथम्, केन प्रकारेण |
कॉपी |
संचिका |
कॉफी |
कफघ्नी |
कोंपल |
किसलयम्, मञ्जरी |
कोई |
कः, किं, का, कश्चित्, कश्चन, कोऽपि |
कोईरी |
रोपकः, वाटिकेश्वरः |
कोकिल |
पिकः, परभृतः |
कोकिला |
मधुरा, गायिका, कलकण्ठी, पिका |
कोख |
गर्भः, गर्भाशयः, कुक्षिः |
कोचवान् |
सारथिः |
कोट |
कोटः, कोट्टः, दुर्गम्, कञ्चुकः, उत्तरीयम्, प्रावारः,
प्रावारकः, निचोलः |
कोठरी |
लघुकक्षः, कोष्ठः, निभृतागारम्,
आवासः, वेश्म |
कोठा |
चन्द्रशाला, शिरोगृहम् |
कोठार |
संग्रहालयः, निधिकोष्ठः |
कोठारी |
निधिरक्षकः, भण्डारी |
कोठी |
पण्यागारम्, पण्यशाला, कुशूलः, धान्यकोष्ठः |
कोड नं. |
कूटसंख्या |
कोड़ना |
उत्खननम् |
कोड़ा |
कशा, कषा, प्रतोदः, प्रतिष्कषः, प्रतिष्कशा |
कोड़ा मारना |
कशाघातः |
कोड़ी |
विंशतिः |
कोढ़ |
कुष्ठम्, कुष्ठरोगः |
कोढ़ी |
कुष्ठिन्, कुष्ठपीडितः |
कोतवाली |
कोटपालिका |
कोदंड |
धनुः, भ्रूः |
कोदो, कोदों |
कोद्रवः, कदन्नम् |
कोना |
कोणः, अस्रः |
कोप करना |
कुप्यति |
कोपशीला |
भामिनी |
कोपीन |
कौपीनम्, धटिकाः, अन्तरीयम् |
कोमल |
(पु. न.) मृदु, स्निग्ध,
मसृण |
कोमल स्वर |
मन्द्रः |
कोमलता |
मार्दवम् |
कोयल |
कोकिलः, पिकः, कोकिला, परभृतः |
कोयलध्वनि |
(स्त्री.)कुहुः |
कोयला |
अङ्गारः, अङ्गारम् |
कोलाहल |
कलकलः, तुमुलम्, कलरवः, उत्क्रोशः |
कोल्हू |
तेलपेषणी, तैलयन्त्रम्, रसनिष्कासनयन्त्रम् |
कोशला |
अयोध्यानगरी |
कोशवृद्धि |
धनसंचयः |
कोशिश |
प्रयत्नः, उद्यमः, चेष्टा, चेष्टितम्, उद्योगः |
कोस |
कोशः |
कोसना |
शपनम्, आक्रोशः, शप्यति |
कोहडा (कद्दू) |
कूष्मांड:, तुम्बी |
कोहनी |
कफोणिः |
कोहरा |
नीहारः, कूहा, कुहेडिका, कुज्झटि |
कौंध |
(स्त्री.) विद्युद्विलासः, तडिद्द्युतिः,
चंचलास्फुरणम् |
कौआ |
काकः,ध्वाङ्क्षः, वायसः |
कौड़ी |
कपर्दिका, वराटकः, काकिनी, काकिणी |
कौन |
किम् |
कौपीन |
कोपीन |
कौर |
कवलः, ग्रासः, पिण्डः |
क्या |
किम्, कच्चित् |
क्यारी |
केदारः |
क्यों |
किम्, कुतः, कस्मात्, किमर्थम्, कथम् |
क्योंकि |
हि, यतः, इति, हि |
क्रतु |
यज्ञः |
क्रम |
आनुपूर्वी |
क्रियाकर्म |
अन्त्येष्टिः, अन्त्यक्रिया,
प्रेतकार्यम् |
क्रीडा |
लीला |
क्रीड़ा |
केलिः, क्रीडा, विनोदः, कौतुकम् |
क्रीम |
शरः |
क्रुद्ध होना |
क्रुध्यति |
क्रूरता |
निर्दयता, कठोरता, नृशंसता, रौद्रता, तीक्ष्णता, दुष्टता |
क्रोध |
क्रोधः, कोपः, रोषः, मन्युः |
क्रोध करना |
रोषयति |
क्रोधित |
क्रुद्ध |
क्लब |
गोष्ठीगृहम् |
क्लर्क |
कार्यनिर्वाहकः, लेखकः |
क्लिक करना |
चटका |
क्लेश |
दुःखम्, कष्टम्, पीडा, व्यथा, वेदना, चिंता,
आस्रवः, आदीनवः |
क्वारंटाइन |
निषिद्धसंसर्गगृहम्, संसर्गप्रतिबन्धः,
गमनागमननिषेधः |
क्षण |
अत्यल्पसमयः, मुहूर्तः,
निमेषः, पलम्, त्रिंशत्कलापरिमितकालः,
समयः, अवसरः, उत्सवः |
क्षणिक |
अनित्य, अचिर |
क्षत |
व्रणित, विद्ध, भिन्नदेह, ताडित, क्षतियुक्त, आहत |
क्षतयोनि |
संभुक्ता, कृतसहवासा |
क्षति |
क्षयः, नाशः, हानिः |
क्षपा |
रात्रिः |
क्षमता |
योग्यता, सामर्थ्य, शक्तिः |
क्षमा |
तितिक्षा, क्षमा, क्षांति, मर्षणम् |
क्षय |
अपचयः, ह्रासः, नाशः |
क्षार |
सर्जिका, विडलवणम्, लवणम्, शोरा, सुहागा, (न.) भस्मन् |
क्षिति |
पृथ्वी, धरा |
क्षीण |
|
क्षुब्ध |
आकुल, आतुर, उद्विग्न, त्रस्त, क्षुभ्यति |
क्षुभित होना |
क्लेशते |
क्षेम |
कुशलम्, मङ्गलम् |
क्षोभ |
(स्त्री.) अशांतिः, (स्त्री.)अनिर्वृतिः,
चित्तचांचल्यम्, व्यग्रता, उद्वेगः, व्याकुलता, भयम्,
शोकः, क्रोधः |
खंखार |
कफः, सिंघाणकम् |
खंजर |
कटार |
खंड |
विभागः, अंशः, भिन्नम् |
खंड करना |
द्यति |
खंडर, खंडहर |
विनाशः, विध्वंस, क्षयः, लोपः, विघातः, जीर्णता,
ध्वंसावशेषः |
खंडित |
भग्न, त्रुटित, लून, छिन्न, असमग्र, अपूर्ण |
खंभ, खंभा |
स्तम्भः, स्थाणु, यूपः |
खग |
पक्षी, विहगः |
खगोल |
आकाश, गगन, मण्डलम्, गगनाभोगः |
खचखच |
पंके चलनध्वनिः |
खचाखच |
निबिडम्, गाढम्, अविरलम्, निरंतरम्, जनाकीर्ण, जनसंकुल |
खचित |
अङ्कित, चिह्नित |
खच्चर |
अश्वतरः, वेशरः, वेसरः, वेगसरः |
खजानची |
कोशाध्यक्षः |
खजाना |
कोषः, कोशः, निधिः |
खजानाघर |
कोषागारम्, भाण्डागारम्, कोशगृहम् |
खजान्ची |
कोषाध्यक्षः, धनाधीशः, अर्थाधिकारिन् |
खजूर |
खर्जूरः |
खञ्जन |
खञ्जनः |
खट से |
सपदि, झटिति, क्षणेन |
खटक |
भयम्, त्रासः, चिंता |
खटकना |
खटखटायते, खटखटा शब्दम्, मुहुः मुहुः
पीड् |
खटखटाना |
ध्वनिकरणम् |
खटपट |
विवादः, विरोधः, वैमनस्यम् |
खटमल |
मत्कुणः, उद्दंशः |
खटराग |
मेघदीपकादयः षड्रागाः, कलहः,
विस्वरता, विसंवादः, व्यर्थवस्तुजातम् |
खटाई |
अम्लता, शुक्तता, अम्लः, द्रावकम्, अम्लपदार्थः, शुक्तपदार्थः |
खटिक |
शाकविक्रेता |
खटिया |
खट्वा, मंचः, पर्यङ्कः |
खट्टा |
आम्लः, अम्लरस |
खड़खड़ाना |
ध्वनिः, विरावः, क्वणितम्, झणझणायते |
खड़ा होना |
उत्थानम् |
खड़ाऊँ |
पादुका |
खड़िया मिट्टी |
कठिनी |
खण्डन |
(स्त्री.)निराकृतिः |
खत |
पत्रम् |
खतना |
शिश्नत्वक्छेदः |
खतम करना |
समापनम् |
खतम, खत्म |
अन्तः, अवसानम्, क्षयः, परिणामः, सम्पूर्ण, संपन्न,
सिद्ध |
खतरा |
भयम्, त्रासः, संशयः |
खता |
अपराधः, दोषः, छलम्, वञ्चना, प्रमादः, स्खलितम् |
खदबदाना |
शनैः |
खनकना |
शिंज्, क्वण, झणझणायते, खणखणायते |
खनिज |
धातुः, आकरजः, पदार्थः |
खनित्र |
अवदारणम् |
खपड़ा |
खर्परः |
खपत |
विक्रयः, पणनम्, विक्रये
वस्तुनिस्तारः |
खपरैल का |
खर्परावृत्तम् |
खप्पर |
कपालः, कपालम्, कर्परः, अवधूतपात्रम् |
खबर |
सन्देशः, वृत्तान्तः, समाचारः,
संवादः, उदन्तः |
खम्भा |
स्तम्भः |
खर |
रासभः, गर्दभः |
खरगोश |
शशकः, शशः |
खरचा, खर्च |
व्ययः |
खरबूजा |
वृत्तकर्कटी,खर्बूजम्, कालिङ्गः, सेटुः |
खरा |
सरल, निष्कपट, स्पष्टवादिन्,
निर्व्याज |
खराब |
बुरा |
खराब करना |
दुष्यति |
खरारि |
विष्णुः |
खरी, खली |
खटिका, खडिका, शुक्लशिलाधातुः,
सितोपलः, कठिनी |
खरीद |
क्रयः |
खरीदना |
क्रयणम्, क्रीणाति, क्रीणीते |
खरीदने वाला |
क्रेता |
खरीदार |
क्रयिकः, क्रेतृ, ग्राहकः, इच्छुकः, अभिलाषिन् |
खरीदारी |
क्रयः, मूल्येनादानम् |
खरीफ |
शरत्कालीनं शस्यम् |
खरोंच |
ईषत्क्षतम्, त्वग्व्रणः |
खर्जूरम् |
खजूर |
खर्राटा |
घुर्घुरः |
खल |
क्रूर, नृशंस, अधम, नीच, दुष्ट, दुर्वृत्त,
पिशुन, निर्लज्ज, छलिन् |
खलल |
बाधा |
खलिहान |
खलम्, धान्यसंग्रहस्थानम् |
खली |
तैलकिट्टम्, तिलकल्कम् |
खसकना |
अपसरणम् |
खस्ता पूरी |
शष्कुली |
खाँसना |
कास् |
खाँसी |
कासः, काशः, उत्कासः, क्षवथुः |
खांड |
खण्डः, सिता, शर्करा |
खाई |
परिखा, खातम्, गर्तः |
खाज |
कण्डूः, खर्जूः |
खाजा |
मधुशीर्षः |
खाट |
खट्वा, पर्यङ्कः |
खाड़ी |
खातम्, समुद्रवम् |
खाता |
गणनापुस्तकम्, धान्यागारम् |
खातिर |
सम्मानः, आदरः, कृते, अर्थे, हेतोः |
खाद |
ऊर्वरकः, खाद्यम्, सारः, भूमिलेपः |
खादी |
स्वदेशीयं घनवस्त्रम्, हस्तनिर्मितवासम् |
खाद्य |
भक्ष्य, भोज्य, अदनीय, भोजनम्, भक्ष्यपदार्थः |
खान |
खानिः, आकरः, (स्त्री.) खनिः,
खनी, उत्पत्तिस्थानम् |
खानदानी |
कुलीनः |
खानपान |
अन्नजलम्, भक्ष्यपेयम्, खादनपानम्,
|
खाना |
भक्षणम्, खादनम्, अशनम्, आस्वादनम्, भोजनम्, खादति,
अत्ति, भक्षयति, भुङ्क्ते |
खाना खाना |
घसति |
खाने वाला |
भोक्ता |
खामोश |
मूक, निःशब्द, मौनिन् |
खामोशी |
मौनम्, तूष्णींभावः, मूकभावः |
खारा |
लवण, क्षार-युक्त, क्षारधर्मक |
खारा समुद्र |
लवणोदः |
खारी |
क्षारः |
खाल |
चर्म, अजिनम्, त्वच्, पशुचर्मन् |
खाल खींचना |
चर्माकर्षणम् |
खाली |
शून्य, रिक्त, निःसार, असार, फल्गु, निःसत्व |
खास |
विशिष्ट, सविशेष, व्यक्त |
खासियत |
प्रकृतिः, स्वभावः, गुणः, धर्मः |
खिंचाव |
आकर्षणम् |
खिंचावट |
दृढीकरणम् |
खिचड़ी |
कृशरा |
खिड़की |
गवाक्षः, वातायनम्, जालम् |
खिताब |
उपाधिः, मानपदम् |
खिन्न |
दुःखित, पीडित, सचिंत, चिंतित, विषण्ण, शोकमग्न,
दीन, निराश्रय, श्रांत,
क्लांत |
खिन्न होना |
ग्लायति |
खिलखिलाना |
अट्टहासः |
खिलना |
विकसनम्, फुल्लनम्, पुष्प्यति,
स्फोटते, स्फुटति |
खिलवाड़ |
विहारः, विलासः, क्रीडा |
खिलाई |
अन्नदानम्, पोषणम्, भक्षणम्, खादनम् |
खिलाड़ी |
क्रीडाशील, विहारप्रिय, क्रीडकः,
क्रीडाप्रियः, क्रीडापटुः |
खिलाना |
भक्षणम्, भोजनम् |
खिलाफ |
पराङ्मुख, विपरीत, प्रतिकूल, विरक्त |
खिलाफत |
विरोधः |
खिलौना |
क्रीडनकम् |
खिसकना |
खसकना |
खींच तान |
(स्त्री.) प्रतिस्पर्द्धा, विजिगीषा,
अर्थांतरकल्पना |
खींचना |
कर्षणम् |
खीर |
पायसम्, परमान्नम् |
खीरा/ककडी |
कर्कटी, चर्भटि:, उर्वारुः |
खील |
लाजः, लाजाः |
खुजलाना |
कण्डूयनम्, खर्जनम्, कण्डूयति-कण्डूयते |
खुजली |
कण्डुः, (स्त्री.) कण्डुः, खर्जूः,
कण्डूया, कच्छुः, कच्छूः,
(स्त्री.) कण्डूतिः |
खुड़खुड़ाहट |
मर्मर-शब्दः |
खुदा |
ईश्वरः, स्वामी |
खुर |
शफः, खुरः,क्षुरः |
खुरपा |
घासछेदनशस्त्रम्, चर्मकारोपकरणभेदः |
खुराक |
भोज्यम्, भक्ष्यम्, खाद्यम्, आहारः, भोजनम्, मात्रा,
भागः |
खुराफात |
उपद्रवः, कलहः |
खुर्दबीन |
सूक्ष्म-वीक्षण-यन्त्रम् |
खुर्राट |
धूर्त, कुटिल, शठ, वृद्ध, अनुभविन् |
खुलना |
उद्घटनम्, उन्मीलनम् |
खुला |
मुक्त, उद्दाम, शिथिल, व्यक्त, विस्तृत |
खुलासा |
सारांशः, संक्षेपः |
खुलेआम |
प्रत्यक्षम्, प्रकटम् |
खुश |
प्रसन्न, आनन्दित |
खुशकिस्मत |
सौभाग्यशालिन् |
खुशखबरी |
शुभ समाचारः, सुसमाचारः |
खुशनुमा |
सुदर्शन, मनोहर, सुन्दर |
खुशबू |
सुगन्धः, गन्धः, सुवासः |
खुशबूदार |
सुगन्धित, गन्धयुक्त |
खुशहाल |
समृद्ध, संपन्न |
खुशहाली |
अभ्युदयः, समृद्धिः |
खुशामद |
चाटु, चातूक्तिः, अतिप्रशंसा,
व्याजस्तुतिः, स्तुतिः, स्तवः, चाटुवचनैः |
खुशामदी |
चाटुकारः |
खुशी |
हर्षम्, प्रसन्नता, आनन्दः |
खुश्क |
रूक्ष, शुष्क |
खुश्की |
शुष्कता, निर्जलता, रूक्षता, स्थलम्, पलेथन |
खुसरफुसर |
कानाफूसी |
खूँट |
अंशः, भागः, अस्रः, कोणः, अन्तः, कर्णमलम् |
खूँटी |
नागदन्तः |
खूंखार |
हिंस्र, क्रूर |
खूंटा |
महाकीलः, शूलः |
खून |
रुधिरम्, रक्तम्, शोणितम्, लोहितम्, वधः, हत्या,
हिंसा, घातः, हननम् |
खूनी |
घातकः, मारकः |
खूबसूरत |
सून्दर, रम्य, कान्त, चारु, मञ्जुल |
खूबसूरती |
रूपम्, रमणीयता, सौन्दर्यम् |
खूबी |
विशिष्टता, वैचित्र्यम् |
खूसट |
जरठः, स्थविरः, रसिकताशून्य,
शुष्कहृदय, जड, कुदर्शन |
खेटक |
मृगया, आखेटः, कर्षकग्रामः, नक्षत्रम्, वलदेवगदा, यष्टिः,
ढालम्, फलकम् |
खेत |
क्षेत्रम् |
खेती |
कृषिः, कर्षणम्, (स्त्री.) कृषिः |
खेती का औजार |
कृषियन्त्रम् |
खेद |
खेदः, दुःखम्, कष्टम् |
खेदजनक |
अनुशोकप्रद, दुःखदायक, क्लेशकर, श्रांतिजनक |
खेप |
सकृद्वाह्यो भारः, पोतस्थं द्रव्यम्,
नौकादीनां सकृत् यात्रा |
खेल |
क्रीडा |
खेलना |
क्रीडति, खेलति |
खेलना-कूदना |
स्वार्थे |
खेवा |
तारिकम्, तार्यम् |
खेवैया |
केवट |
खैर |
खदिरम् |
ख़ैर |
भवतु, अस्तु |
खैरखाह |
हितकामः, हितैषी |
खैरात |
दानम्, त्यागः |
खैरियत |
मंगलम्, कुशलम् |
खोंडर |
कोटरः, कोटरम् |
खोंता |
नीडः, नीडम्, कुलायः, निलयः, पक्षिगृहम् |
खोंसना |
बलात्कर्षणम्, उल्लुञ्चनम् |
खोआ |
पयस्यम्, घनक्षीरम् |
खोखला |
रिक्त, शून्य, निस्सार, निरर्थक, निष्फल |
खोज |
अन्वेषणम्, अन्वेषणा,
सन्धानम्, अन्वीक्षणम्, गवेषणा |
खोजना |
गवेषयति, मार्गयति, मृगयति |
खोट |
दोषः, वैकल्यम्, वैगुण्यम्,
दूषणम्, मिश्रणम्, मिश्रधातुः,
कुप्यम्, अपद्रव्यम् |
खोटापन |
दुष्टता, क्षुद्रत्वं, छलम्, कपटम्, दोषः, वैगुण्यम्,
अपद्रव्यमिश्रणम् |
खोदना |
खननम्, खनते, खनति |
खोदने वाला |
खनिता |
खोना |
नाशनम्, वृथाव्ययः |
खोपड़ी |
कपालः, कपालम्, भगालम्, नृकरोटिका |
खोल |
पुटः, पिधानम्, आवेष्टनम् |
खोलना |
उद्घाटनम्, व्यक्तिकरणम् |
खोवा |
किलाटः |
खोह |
गुहा, गह्वरम्, कन्दरः, कन्दरा |
खौफ |
त्रासः |
खौफनाक |
भयंकर, भीतिजनक |
खौलना |
क्वथनम् |
ख्यात |
प्रसिद्ध, विश्रुत |
ख्याति |
प्रसिद्धिः, कीर्तिः |
ख्याल |
विचारः, भावना, भावनम्, कल्पना, कल्पनम्, संकल्पः |
ख्वाहिश |
इच्छा |
गँठकटा |
ग्रन्थिच्छेदकः, चौरः |
गँठजोड़ा, गठबंधन |
ग्रन्थिबन्धनम् |
गँड़ासा |
तोमरः, परशुः |
गँडेरी |
इक्षुग्रन्थिः |
गँवार |
असभ्य, अशिष्ट, अविनीत, प्राकृत, ग्राम्य, ग्रामीण,
ग्रामिक |
गंगा |
(स्त्री.) जाह्नवी, त्रिपथगा,
भागीरथी, मंदाकिनी, सुरसरित्,
विष्णुपदी, खापगा, हरशेखरा |
गंजा |
खल्वाट, विकेश |
गंड |
कपोलः |
गंड माला |
गलगंडः, कंठमाला, गलरोगभेदः |
गंड स्थल |
कनपटी |
गंडक |
कंठधार्यो, रक्षाकरंडः, ग्रंथिः,
स्फोटकरोगभेदः, खड्गिन्, चिह्नम्, देशविशेषः |
गंडा |
रक्षाकरंडः |
गंदगी |
दुर्गन्धः, मलः |
गंदला |
पंकिल, सपंक, मलिन, कलुष, अशुद्ध |
गंदा |
मलिनः, दूषितः |
गंध |
गन्धः, सुवासः |
गंध देना |
वासयति |
गंधक |
गन्धकः |
गंधी |
गान्धिकः |
गंभीर |
गम्भीर, गभीर, धीर, अचपल |
गज |
हस्ती, द्विपः, द्विरदः |
गज़ |
मानगजः, वस्त्रमापकयष्टिः |
गजक |
गजकः |
गजब |
कोपः, आश्चर्यम्, विपत् |
गजरा |
माला, हारः, सूत्रम्, पुष्पाभरणम्, कुसुमकङ्कणम्, हस्ताभरणम् |
गजल |
श्रृंगारकविता |
गट्ट |
निगरणध्वनिः |
गट्ठर, गठरी |
पोटलिका, भारः |
गठन |
घटना, रचना, विधानम्, निर्माणम् |
गठित |
गुंफित, बद्ध, रचित, निर्मित |
गठिया |
ग्रन्थिवातः, वातः, सन्धिवायुः, वातव्याधिः |
गठीला |
दृढदेह, दृढाङ्ग, वज्रदेह, सवीर्य |
गड़गड़ |
गर्जितम्, स्तनितम्, गडगडायितम्,
कर्दनम्, आन्त्रशब्दः, शूलशब्दः, धूम्रपानयंत्रशब्दः |
गड़गड़ाना |
गडगडायते |
गड़बड़ |
अक्रमः, अव्यवस्था, संक्षोभः,
संकरः, व्यतिक्रमः |
गड़रिया |
अजाजीवः, मेषपालः |
गड़हा, गड्ढा |
गर्तः, गर्तम्, अवटः |
गढ़ |
कोटः, दुर्गम् |
गढ़न |
रचना, निर्माणम् |
गणना |
गणनम्, संख्यानम्, संख्या, अलंकारभेदः |
गणनीय |
संख्येय, गण्य, प्रसिद्ध |
गणिका |
वेश्या, भोग्या, पण्यस्त्री |
गणेश |
विनायकः, गणेशः, शिवपुत्रः, गणपतिः |
गत |
अतीत, अतिक्रांत, व्यतीत, मृत, हीन, रहित, लब्ध, प्राप्त, दशा, अवस्था, रूपम्, आकृतिः,
उपयोगः, व्यवहारः, दुर्दशा,
नाशः, नृत्यभेदः, प्रेतक्रिया |
गति |
गमनम्, चलनम्, यानम् |
गतौ |
सर्पति |
गत्ता |
संसृष्टपत्रम्, गुरुपत्रम् |
गदका |
गदा, दण्डः |
गदगद |
गद्गद |
गदर |
विप्लवः |
गदहा, गधा |
गर्दभः, खरः, रासभः |
गदा |
गदा, दण्डः, यष्टि, मुसलः, मुद्गरः |
गदेला |
पिचुतल्पम् |
गद्गद |
अतिप्रसन्न, प्रफुल्ल |
गद्दा |
तूलसंतर: |
गद्दी |
कूर्चः, सुखायनः, सुखचारः, सिंहासनम् |
गद्य |
छन्दोहीनरचना, अपादः, पदसन्तानः |
गधा |
गर्दभः,खरः |
गधी |
गर्दभी |
गनीमत |
लोत्रम्, लोप्त्रम्, अपहृतधनम्,
अयत्नलब्धं धनम्, संतोषविषयः, धन्यत्वम् |
गन्धक |
गन्धकः |
गन्ना |
इक्षुः |
गन्ने से निर्मित मद्य |
(पु. न.) शीधु |
गप |
गल्पः |
गपशप |
वृथालापः, प्रलापः, मिथ्यावादः |
गप्पी |
वाचालः, वावदूकः |
गफलत |
प्रमादः, स्खलनम् |
गबन करना |
छलेन हरणम्, छलेन आत्मसात् |
गबरगंड |
मूर्खः, जडबुद्धिः |
गबरू |
युवन् |
गम |
शोकः, दुःखम्, खेदः |
गमछा |
मार्जनवस्त्रम् |
गमन |
यानम्, व्रजनम्, चलनम्, प्रस्थानम्, मैथुनम् |
गमबूट |
अनुपदीना |
गमला |
प्रसून पुष्प पात्रम्, पुरीष
पात्रम् |
गया |
यात, प्रस्थित |
गया हुआ परसों |
ह्यश्वः |
गरज |
इच्छा, प्रयोजनम् |
गरजना |
गर्जनम्, हुंकारः, गर्जति, गर्जयति |
गरम |
उष्णः |
गरम (थोड़ा) |
कोष्णम् |
गरमागरम |
अत्युष्ण, सुतप्त, अभिनव, प्रत्यग्र |
गरमी , सिफलिस |
उपदंशः |
गरल |
विषम् |
गरिमा |
गुरुत्वम्, भारवत्त्वम्, महिमन्,
गौरवम्, महत्त्वम्, अहंकारः,
आत्मश्लाघा, सिद्धिविशेषः |
गरिष्ठ |
गुरुतम, भारवत्तम, अतिभारवत्,
मलावरोधक, मलावष्टम्भक |
गरी |
नारिकेल |
गरीब |
दरिद्र, निर्धन, दीन |
गरीबी |
दारिद्र्यम्, निर्धनत्वम्,
दीनता |
गरुड़ |
गरुडः, वैनतेयः, खगेश्वरः, तार्क्ष्यः |
गरूर |
गर्वः |
गरेबान |
निचोलगलः |
गर्ग |
ऋषिविशेषः, वृषभः |
गर्ज |
गरज |
गर्दन |
ग्रीवा, गलः, कण्ठः, (स्त्री.) शिरोधिः |
गर्दन मरोड़ना |
गलहस्तयति, गलं निष्पीड् |
गर्भ |
भ्रूणः, पिंडः, कलनम्-लं, उदरस्थशिशुः, गर्भाशय, अभ्यन्तरम्,
अन्तर्भागः |
गर्भवती |
गर्भवती, अन्तर्वत्नी, सगर्भा,
ससत्त्वा, गर्भिणी |
गर्भित |
सगर्भ, गर्भयुक्त, पूर्ण, पूरित, व्याप्त |
गर्म |
उष्ण, तप्त, प्रखर, उग्र, चण्ड, तीव्र |
गर्म करना |
उष्णीकरणम् |
गर्मी |
तापः, उष्णता |
गर्मी का मौसम |
ग्रीष्मः, निदाघः, ग्रीष्मकालः |
गर्व |
अभिमानः, अहंकारः, गर्वः, दर्पः, मदः |
गर्व करना |
गर्वाति, दृप्यति, मन्दते |
गर्हा |
निंदा, गर्हणम्, आक्षेपः, निर्भर्त्सना |
गर्हित |
निंदित, आक्षिप्त |
गलकम्बल |
सास्ना |
गलत |
अशुद्ध |
गलतफहमी |
भ्रमः, भ्रान्तिः, मिथ्याबोधः |
गलती |
भ्रमः, अशुद्धिः, त्रुटिः, मोहः, दोषः, अपराधः, प्रमादः, न्यूनता |
गलना |
गलनम्, द्रवणम् |
गलफड़ा |
जलज तूनां श्वासेन्द्रियम् |
गलफूला |
स्थूलास्य, पीनवदन |
गलमुच्छें |
गल्लश्मश्रूणि, गंडलोमानि |
गला |
कण्ठ:, ग्रीवा |
गलावट |
द्रावणम्, विलयनम् |
गली |
रथ्या, वीथिः, वीथी, प्रतोली |
गली, गैलरी |
वीथिका, रथ्या |
गलीचा |
कुथः |
गलेबन्द |
गलबन्धनांशुकम् |
गवर्नर |
भोगपतिः, प्रान्ताध्यक्षः, राज्यपालः,
शासकः, शासितृ |
गवर्नर जनरल |
राष्ट्राध्यक्षः |
गवाह |
साक्षिन् |
गवाही |
साक्ष्यम्, प्रमाणम् |
गहन |
गम्भीर, अगाध, दुर्गम्, दुर्भेद्य |
गहना |
अलङ्कारः, भूषणम्, आभरणम्, मण्डनम् |
गहरा |
गम्भीर, गभीर, अगाध, गाढ, गहन, दुर्बोध, अगम्य |
गहराई |
गाम्भीर्य |
गाँठ |
ग्रन्थिः, बन्धनम्, ग्रन्थिका, बन्धः, गण्डः, सन्धिः,
(स्त्री.) गण्डुः |
गाँव |
ग्रामः |
गांठ गोभी |
कन्दशाकम् |
गाउन |
कञ्चुकः |
गाज |
वज्रपातध्वनिः, वज्रनिर्घोषः,
वज्रः, अशनिः, ह्रादिनी |
गाजर |
गृञ्जनम् |
गाड़ना |
निखननम्, निखाते क्षेपणम् |
गाड़ी |
शकटः, शकटम्, शकटिका, वाहनम्, यानम् |
गाढ़ |
अधिक, प्रचुर, बहु, दृढ, प्रबल, गम्भीर, अगाध, दुर्गम, विकट |
गाढ़ा |
गाढ, घन, स्थूल, महत्, विपुल |
गाथा |
स्तुतिः, नुतिः, श्लोकः, पद्यम्, पालिमिश्रितसंस्कृतभाषा, गीतम्, कथा, वृत्तान्तः,
पारसीकधर्मग्रन्थभेदः |
गाद |
मलम्, खलम्, कल्कम्, किट्टम् |
गाध |
सुखोत्तरणीय, गांभीर्यरहित,
उत्तान, न्यून, अल्प |
गान |
गीतम्, संगीतम्, (स्त्री.) गीतिः |
गानविद्या |
संगीतविद्या, वाद्य-विद्या,
संगीतशास्त्रम् |
गाना |
गीतम् , गायति |
गाभिन |
गर्भिणी, गर्भवती, सगर्भा |
गामिनी |
चलित्री, गंत्री |
गाय |
गो, धेनु: |
गायन आदि |
सङ्गीतम् |
गायब |
गूढ, प्रच्छन्न, निभृत, गुप्त, विलीन |
गारद |
रक्षकः, रक्षिन्, वारणम्, त्राणम्, त्रातम् |
गारा |
पङ्कः, कर्दम् |
गारी, गाली |
आक्रोशः, अपवादः, अपभाषणम्, अपशब्दः |
गार्हस्थ्य |
गृहस्थाश्रमः, गृहस्थकृत्यानि,
पञ्चमहायज्ञाः |
गाल |
कपोलम्, गण्डः, गल्लः, कपोलः |
गाल पिचकना |
कृशीभू |
गाल फुलाना |
कुप्, क्रुध् |
गाली देना |
कुत्सयति |
गावकुशी |
गोवधः, गोहत्या |
गावदुम |
गोपुच्छाकार, शुण्डाकृति |
गिट्टा |
चरणग्रन्थिः |
गिड़गिड़ाना |
कार्पण्यम्, अनुनयः |
गिड़गिड़ाहट |
अतिनम्रप्रार्थना, दीनवत् याचनम् |
गिद्ध |
गृध्रः |
गिनती |
गणना, गणनम् |
गिनना |
गणनम्, कलयते, गणयति |
गिनने वाला |
गणयिता |
गिरगिट |
कृकलास:, सरटः, सरटुः |
गिरजा |
खीष्टदेवालयः |
गिरना |
निपतति |
गिरना |
पतनम्, च्यावः, (स्त्री.) च्युतिः,
क्षरति, पतति, ध्वंसते,
भ्रंशते, स्रंसते |
गिरफ्तार |
बद्ध, धृत |
गिरफ्तारी |
ग्रहणम्, धरणम्, बन्धनम् |
गिरवी |
न्यासः, निक्षेपः, आधिः, उपनिधिः |
गिरह |
ग्रन्थिः, गठनम् |
गिरा |
वाणी, वाक् |
गिराना |
पातयति |
गिरि |
पर्वतः, नगः |
गिलटी |
मांसग्रन्थिः, स्फोटः, व्रणः, व्रणम् |
गिलहरी |
वृक्षशायिकाः,चिक्रोड:, काष्ठमार्जारः, चमरपुच्छः |
गिला |
उपालम्भः |
गिलास |
चषक:, पानपात्रम् |
गिलोय |
गुडूची |
गीदड़ (सियार) |
श्रृगाल:‚ गोमायुः, जम्बुकः |
गीध |
गृध्रः |
गीला |
आर्द्र, क्लिन्न, सिक्त, आर्द्रयति |
गुंजना |
गुंज्, मधुरं ध्वन्, अस्पष्टं
निस्वन् |
गुंजा |
रक्तिका, रक्ता, वन्या, गुंजाबीजम् |
गुंजाइश |
अवकाशः, स्थानम्, धारण-ग्रहण शक्तिः,
सामर्थ्य, लाभः, योग्यता |
गुंडा |
कामुक, दुर्वृत्त, लम्पट |
गुच्छा |
गुच्छः, स्तबकः, गुल्मः, संघः, गणः, समूहः, चयः |
गुजर |
भरणम्, पालनम्, निर्वाहः |
गुजारा |
जीविका |
गुजारिश |
निवेदनम्, प्रार्थना |
गुझिया |
संयावः |
गुटका |
लघुग्रन्थः |
गुटरगूँ |
कपोतकूजितम्, पारावतरुतम् |
गुठली |
बीजम्, गर्भः |
गुड़ |
गुडः, इक्षुसारः |
गुड़गुड़ |
गुडगुड ध्वनिः, धूमपानयंत्रशब्दः |
गुड़गुड़ाना |
गुडगुडायते, गुडगुड ध्वनिः |
गुड़िया |
गुडिका, पाञ्चालिका, पुत्रिका,
करुंटी |
गुड्डा |
गुडकः, पुत्रकः, पुत्तलः |
गुड्डी |
पतङ्गः |
गुण |
गुणः, विशेषः, गुणनम् |
गुण कारक |
हित, उपकर्तृ |
गुणकारी |
उपयुक्त, उपकारिन् |
गुणगान |
स्तुतिः, नुतिः, प्रशंसा |
गुणांक |
गुण्यः, गुण्यांकः |
गुणातीत |
सत्त्वादिगुणप्रभावशून्यः, निर्लिप्त,
शुद्ध, ईश्वरः |
गुणित |
गुणीकृत, आहत, पूरित |
गुणी |
गुणवत्, गुणसंपन्न, दक्ष, कुशल, पुण्य आत्मन्, शील
आत्मन् |
गुत्त |
(स्त्री.)वेणिः |
गुत्थमगुत्था |
संश्लिष्टता, संकुलता, द्वंद्वम्, बाहूबाहवि युद्धम् |
गुत्थी |
उलझन |
गुद |
अपानम्, पायुः, गुह्यम् |
गुदगुदाना |
कण्डूयनम्, कण्डूयति |
गुदा |
पायुः |
गुनगुना |
कोष्ण, कदुष्ण, कवोष्ण, नासावादिन् |
गुनगुनाना |
अस्पष्टशब्दनम् |
गुनाह |
अपराधः, पापम् |
गुपचुप |
मौनम्, मूकभावः |
गुप्त बात |
रहस्यम्, गुह्यम्, गोप्यम् |
गुप्तचर |
अपसर्पः, चरः, प्रणिधिः |
गुप्ती |
करबालिका |
गुफा |
गह्वरम्, गुहा, कन्दरा, कन्दरः |
गुफ्तगू |
वार्तालापः, आलापः, संलापः |
गुबार |
प्रच्छन्नवैरादिकम् |
गुब्बारा |
विमानम् |
गुम |
लुप्त, भ्रष्ट, नष्ट, च्युत, गुप्त, छन्न, अविख्यात |
गुमटी |
उच्छदिः |
गुमनाम |
अप्रसिद्ध, अविदित |
गुमराह |
विपथ, उन्मार्ग गामिन्, पथभ्रष्ट,
भ्रान्त |
गुर |
सूत्रम्, विधिः, नियमः |
गुरिया (माला का दाना) |
गुली, गुटिका |
गुरु |
आचार्यः, शिक्षकः, बृहस्पतिः |
गुरुत्व |
गौरवम् |
गुरुवाइन |
आचार्या, अध्यापिका |
गुर्राना |
घुर्घुरकरणम् |
गुलगुला होना |
नम्रीभवनम्, दयार्द्रीभवनम् |
गुलगुलाना |
मृदुकरणम् |
गुलदस्ता |
स्तबकः, कुसुमस्तबकः, पुष्पगुच्छः |
गुलाब |
स्थलपद्मम्, सेवती, शतपत्री, जपापुष्पम्, गुलाबः, भूमिकमलम् |
गुलाबजामुन |
दुग्धपूपिका |
गुलिस्ताँ |
पुष्पवाटिका, उद्यानम् |
गुलेल |
वटिकाधनुः, गुटिकाधनुः, गुलिकाधनुः |
गुसाईं |
गोस्वामी |
गुस्ताखी |
धाष्ट्रर्यम्, वैयात्यम् |
गुस्सा |
क्रोधः, कोपः, रोषः |
गुस्सैल |
क्रोधिन् |
गूँगा |
मूक, जड |
गूँज |
प्रतिशब्दः, ध्वनिः, स्वनः, रवः, नादः, गर्जनम् |
गूँथना |
ग्रन्थनम् |
गूंजना |
गुञ्जति |
गूगल |
गुग्गुलुः |
गूगूल |
गुग्गुलः |
गूढ़ |
अप्रसिद्ध, क्लिष्ट, गहन, अस्पष्ट, गुप्त |
गूढ़ता |
दुर्बोधता, गम्भीरता, प्रच्छन्नता |
गूदढ़ |
कर्पटः, जीर्णवसनम्, अवस्करः,
मलम्, तूला, तूलिका |
गूदा |
मज्जा, वसा, अस्थि, देह-सारः, सारः, सारम् |
गूलर |
उदुम्बरम् |
गूह |
विष्ठा, उच्चारः, शकृत, पुरीषम्, गूथम् |
गृह |
अगारम् |
गृहस्थ |
गृहमेधिन्, ज्येष्ठाश्रमिन्, गृहपति |
गृहिणी |
गृहस्वामिनी, पत्नी |
गेंद |
कन्दुकः |
गेरु |
गैरिकम् |
गेरुआ |
गवेरुकरंजित, गिरिजवर्ण |
गेहुँआ |
गोधूमवर्णः |
गेहूँ |
गोधूमः, सुमनः |
गैंडा |
गण्डकः, गण्डः |
गैंता |
टंकः, पाषाणदारणः |
गैर |
अन्य, इतर, पर, अपर, भिन्न, व्यतिरिक्त,
आगंतुकः, अभ्यागतः |
गैरत |
लज्जा, त्रपा |
गैरहाजिर |
अनुपस्थित, अविद्यमान |
गोंद |
निर्यासः, रसः |
गोंदी |
इङ्गुदी |
गोचर |
इन्द्रियग्राह्य, इन्द्रियगम्य |
गोजर |
शतपदी, कर्णजलौकस् |
गोजिह्वा |
फूलगोभी |
गोटा |
सूत्रजालम्, जालाभरणम् |
गोटी |
शीतलारोगः, वसंतरोगः, मसूरिका |
गोता |
निमज्जनम् |
गोत्र |
कुलम्, वंशः, अन्वयः, समूहः, संपत्तिः, बन्धुः,
जातिविभागः |
गोद |
अङ्कः, क्रोडः, क्रोडम्, अंकः, उत्संगः |
गोदड़ी |
कन्था |
गोदनशीन |
दत्तकः |
गोदना |
लक्षणम्, बिन्दुः |
गोदान |
केशान्तसंस्कारः, गोवृषभस्य वा
विधिवद्दानम् |
गोदाम |
कोषः, कोष्ठः, भाण्डारम् |
गोप्य |
रहस्यम् |
गोबर |
गोमयः, गोमयम्, शकृत् |
गोभी |
गोजिह्वा |
गोरा |
गौर, शुक्ल, श्वेत, धवल, शुभ्र |
गोरिल्ला |
वानरभेदः, वनमानुषप्रकारः |
गोरी |
गौरा, शुक्ला, श्वेता, सुरूपिणी, सुन्दरी |
गोल |
गोल, वृत्त, वृत्ताकार, मण्डलाकार, चक्राकृति, भूगोलः,
भूमण्डलम्, घटः, गणः |
गोलंदाज |
शतघ्नीचालकः, गोलक्षेपकः |
गोलगप्पा |
गोलगप्पः |
गोलमाल |
अस्तव्यस्तता, क्रमभंगः |
गोला |
गोलः, वर्तुलः, अग्न्यस्त्रम् |
गोलाई |
वृत्तता, गोलत्वं, वर्तुलता |
गोली |
गुलिका, गुटिका, वटिका, गुटी |
गोशाला |
गोष्ठम्, गोगृहम्, व्रजः |
गोश्त |
मांसम्, आमिषम्, पिशितम् |
गोसाई |
साधुः, मुनिः, सिद्धः, सिद्धजनः |
गोसार |
गोशालाः, गोष्ठः |
गोह |
गोधा |
गौना |
द्विरागमनम् |
गौर |
विचारः, चिन्तनम् |
गौरैया चिड़िया |
चटका |
ग्यारह |
एकादश |
ग्यारहवां |
एकादश:- शी- शम् |
ग्रसन |
भक्षणम्, निगलनम्, ग्रहणम्, धरणम्, सूर्यादेःग्रहणम्, उपरागः |
ग्रसित |
धृत, गृहीत, उपात्त, पीडित, भक्षित, निगीर्ण |
ग्रह |
नक्षत्रभेदः |
ग्रहण |
उपरागः, ग्रहः, ग्रासः, ग्रहपीडनम्, आदानम्, अंगीकरणम् |
ग्रहण करना |
गृहणीते |
ग्रहण करने वाला |
ग्रहीता |
ग्राफ |
बिन्दुरेखाचित्रम् |
ग्राम |
ग्रामः, जनपदः |
ग्रामीण |
ग्रामिकः, ग्रामिन्, ग्रामवासिन् |
ग्रामोफोन |
ध्वनिलेखनवाद्यम् |
ग्राम्य |
मूर्ख, असभ्य, ग्रामसम्बन्धिन् |
ग्रास |
कवलः, पिण्डः |
ग्राहक |
क्रेतृ, क्रयिन्, क्रयिकः |
ग्राह्य |
उपादेय, स्वीकार्य, ज्ञेय |
ग्रीष्म ऋतु |
निदाघः,ग्रीष्म ऋतुः |
ग्रेजुएट |
स्नातकः |
ग्लानि |
विषादः, ग्लानिः, खेदः |
ग्लूकोज |
द्राक्षौजम् |
ग्लेशियर (बर्फीला) |
हिमसरित् |
ग्लोब |
गोलम् |
ग्वाला |
गौपालक, गोपः, आभीरः, गोपालः |
ग्वालिन |
गोपी, गोपिका, आभीरी |
घंटा |
घण्टा |
घंटा घर |
घंटालयः, घंटागृहम् |
घंटी |
किंकिणी, क्षुद्रघण्टा, घण्टिका |
घट |
कुंभः, कलशः-शम्, पुटग्रीवः,
घटी, कलशी, निपः,
शरीरम्, हृदयम् |
घटक |
मध्यस्थः, माध्यमिकः, मध्यवर्तिन्,
कुलाचार्यः, योजकः, घटः,
परविवाहसाधकः |
घटती |
न्यूनता, अवनतिः, क्षीणता, अनादरः, मानहानिः |
घटना |
ह्रासः |
घटबढ़ |
न्यूनताधिकते, अपन्नयोपचयौ,
हानिलाभौ, न्यूनाधिक, हीनातिरिक्त |
घटा |
कादंबिनी, मेघमाला, घनपटली, समूहः, वृंदम् |
घटाना |
न्यूनीकरणम् |
घटाव |
न्यूनता, अल्पता, हीनता, अवनतिः, अपचयः |
घटित |
निर्मित, रचित, संपादित |
घटित होना |
घटते |
घटिया |
अवर, अधर, अपकृष्ट, जघन्य, सुलभ, अल्पमूल्य |
घटी |
ह्रासः, क्षयः, हानिः |
घड़ा |
घट:, कुम्भ:, घटी, कुम्भः, कलसः, कलशः |
घड़ियाल |
मकरः, ग्राहः, नक्रः, कुंभीरः, अवहारः |
घड़ी |
घटिका, घटी, यामनाली |
घण्टा |
होरा |
घन |
मेघः, जलदः, पयोदः, लोहमुद्गरः, अयोघनः, समूहः,
शरीरम्, सान्द्र, निविड,
कठिन, संहत, स्थूल,
अधिक, प्रचुर |
घनचक्कर |
चंचलबुद्धिः, अस्थिरबुद्धिः,
मूर्खः, परिभ्रमिन् |
घनता |
सांद्रता, निविडता |
घनत्व |
स्थूलता, संहतिः, पदार्थस्य
आयामविस्तारस्थूलत्वानि |
घनश्याम |
जलदनील, मेघमेचक, श्रीकृष्णः |
घना |
निविड, गाढ, अत्यधिक |
घना होना,छिपना |
निलति |
घनिष्ट |
प्रगाढ, अतिनिकटस्थ, अत्यधिक,
अतिशय |
घनेरा |
अत्यधिक, अतिशय |
घपला |
कपटम्, छलम्, माया |
घबड़ा देना |
आकुली |
घबड़ाना |
आकुली |
घबड़ाहट |
संभ्रमः, व्याकुलत्वम्, व्यग्रता,
आकुलता |
घमंड |
अभिमानः, अहंकारः, गर्वः, दर्पः, मदः |
घमंडी |
अभिमानिन्, अहंकारिन्, गर्वित, दृप्त |
घमघमाना |
घमघमायते, गंभीरं स्वन् |
घमाघम |
घमघमध्वनिः, घमघमायितम्, घमघमाशब्दः,
आडंबरः, श्रीः, शोभा |
घर |
आलयः, गृहम्, गेहम्, आगारम्, सदनम्, वेश्म,
सद्म, निकेतनम्, मन्दिरम्,
वासः, भवनम्, आयतनम् |
घर का आदमी |
विश्वसनीयमनुष्यः, सम्बन्धिन् |
घर के बाहर का चबूतरा |
अलिन्दः |
घरवाली |
गृहस्वामिनी |
घराऊ, घरेलू |
ग्राम्य, गृह्य |
घर्राटा |
घर्घरः, घर्घर-रावः, क्रथनम् |
घर्षण |
अभ्यंजनम्, संवाहनम्, संघट्टः, समाघातः |
घसना |
घर्षणम् |
घसियारा |
घासकर्तकः, घासविक्रेता |
घसीटना |
आकर्षणम् |
घसील |
तृणवत्, बहुतृण, तृणपूर्ण, सतृण |
घाट |
तीर्थम्, घट्टः, तटस्थानम् |
घाटा |
क्षतिः, हानिः |
घाटी |
अद्रिद्रोणी, दर्रा, उपत्यका |
घात |
आघातः, प्रहारः, वधः, सुयोगः, अवसरः, छलम् |
घातक |
वधकारिन्, मारकः, मारयितृ, शत्रुः, अरिः, वधकः, प्राणहर, अंतकर |
घाती |
विश्वासघातिन्, अविश्वास्य,
असत्यसन्ध, मिथ्यावभास, प्राणांतक |
घानरी |
मर्कटी |
घाम |
आतपः, घर्मः, सूर्यातपः, प्रकाशः, सूर्यालोकः |
घायल |
क्षत, व्रणित, भिन्न, विद्ध, भिन्नदेह, आहत,
प्रहरणम्, आघातः |
घाव |
व्रणः, क्षतम्, आघातः, प्रहारः, व्रणम् |
घास |
तृणम्, घासः, शष्पम्, यवसम् |
घिग्घी |
हिक्का, हिध्मा, गद्गद्वाच्, स्खलद्वाक्यम्, स्वरभंगः |
घिचपिच |
स्थानसंकीर्णता, अवकाशाल्पत्वम्,
संकुल, वैशद्यशून्य, अस्पष्ट |
घिन |
घृणा, निर्वेदः, बीभत्सा |
घिनौना |
बीभत्स, अरुचिकर, कुत्सित |
घिसना |
संघर्षणम्, मर्दनम् |
घी |
आज्यम्,घृतम् |
घुँइयाँ |
कचालू |
घुंघराले बाल |
चूर्णकुन्तलम् |
घुंघरू |
किंकिणी, क्षुद्रघंटिका, नूपुरः |
घुटना |
(पु. न.) जानुः |
घुटाई |
चूर्णनम्, पेषणम्, मर्दनम्, श्लक्ष्णीकरणम् |
घुड़की |
तर्जनम्, अनुबोधनम्, उपालम्भः |
घुड़दौड़ |
अश्वधावनक्रीडा |
घुड़सवार |
सादिन्, अश्वारोहः, अश्वारूढः,
तुरंगस्थः |
घुड़सवारी |
अश्वारोहिन्, तुरंगसादिन् |
घुड़साल |
मंदुरा, अश्वशाला |
घुमरी |
भ्रमरम्, भ्रामरम्, भ्रमः, भ्रमिः, घूर्णनम्, घूर्णिः |
घुमाना |
परिचालनम्, भ्रामणम्, भ्रामयति |
घुमाव |
परिभ्रमणम्, पर्यटनम् |
घुसना |
प्रवेशः |
घूँघर |
चूर्णकुन्तलः, अलकः |
घूँट |
निगरणम्, गण्डूषः |
घूँटी |
बालौषधम्, विरेचनम् |
घूँसा |
मुष्टिः, मुष्टी, बद्धमुष्टिः,
मुष्टिघातः, मुष्टिप्रहारः |
घूंघट |
अवगुण्ठनम्, आवरकः, आवरकम् |
घूमना |
भ्रमणम्, अटति |
घूरना |
नेत्रतर्जनम्, स्थिरदृष्ट्या
प्रेक्षणम् |
घूस |
उत्कोचः |
घूसखोर |
(पु.) उत्कोचग्राहिन् |
घृणा |
अरुचिः, जुगुप्सा, द्वेषः |
घेरना |
परिवेष्टनम् |
घेरने वाला |
परिवेष्टकः, उपरोधकः |
घेरा |
परिवेष्टनम्, संवलनम्, परिधिः, मण्डलम्, परिवेशः |
घेवर |
घृतपूरः |
घोंसला |
कुलायः, नीडः |
घोघा |
शम्बुकः, शम्बूकः, कोषस्थः, कवचस्थः |
घोटना |
पेषणम् |
घोड़ा |
अश्व:, सैन्धवम्‚ सप्तिः‚ वाजिन्‚हयः रथ्यः, घोटकः,
तुरंगः |
घोड़ी |
वडवा, अश्वा, तुरगी, वामी |
घोर |
भयंकर, भीषण, दुर्गम् |
घोलमेल |
मिश्रणम्, संसर्गः, सम्पर्कः |
घोष |
शब्दः, नादः,
रवः, स्वनः, ध्वनिः,
गर्जितम्, स्तनितम्, आभीर,
वसतिः, आभीरः, गोपः,
गोष्ठम्, गोशाला |
घोषणा |
प्रख्यापनम्, ज्ञापनम्,
प्रकाशनम्, घोषणम्, उत्कीर्तनम् |
घोषणा पत्र |
विज्ञप्तिः, सूचनापत्रम् |
घोषित करना |
घोषयति |
चँवर |
चामरः, चामरम् |
चंगा |
सुस्थ, स्वस्थ, नीरोग, निरामय, शोभन, सुन्दर,
निर्मल, शुद्ध |
चंगुल |
नखः, नखम्, नखरः, नखरम्, ग्रहः, हस्तग्राहः,
आक्रमः |
चंचरीक |
भ्रमरः, द्विरेफः |
चंचल |
चपल, अधीर, अस्थिर, चल |
चंचलता |
चापल्यम्, चांचल्यम्, लौल्यम्, चटुलता, तरलता, कुचेष्टा,
सलीलत्वम्, लीलापरता |
चंचला |
लक्ष्मीः, इन्दिरा, विद्युत, सौदामिनी, अशांता, चलचित्ता |
चंट |
चतुर, दक्ष, धूर्त |
चंड |
क्रूर, रौद्र, दारुण, भैरव, भीषण, उग्र, कोपिन्, क्रोधिन्, संरभिन्,
प्रखर, तीक्ष्ण, घोर,
बलवत्, दुर्दमनीय, कठिन,
कठोर |
चंडाल |
चांडालः, मातंगः, दिवाकीर्तिः,
निषादः, दुष्कुलीन, हीनजाति |
चंडाल चौकड़ी |
चंडालचतुष्कम्, दुष्टचतुष्टयम् |
चंडालिन, चंडालिनी, चंडाली |
चांडाली, मातंगी, निषादी, पापिनी, दुष्टा |
चंडी |
पार्वती, क्रोधिनी नारी, कलहप्रिया
कामिनी |
चंदन |
मलयजः, श्रीखण्डम्, गंधसारः,
सुगन्धम्, सर्पावासम्, शीतलम्, गंधाढ्यम्, शीतगंधः,
चंदनकाष्ठम्, चंदनलेपः |
चंदवा |
वितानम्, आच्छादनम् |
चंदा |
अंशदानम्, भागदानम्, स्वांशः, उद्धारः, दानांशः |
चंद्रमा |
चन्द्रः, शशी, इन्दुः, सोमः, विधुः, चन्द्रमाः,
निशाकरः |
चंद्रहास |
रावणखड्गः, खड्गः |
चंबेली |
भूपदी, मल्लिका, मालती |
चककीला |
भासुर, उज्ज्वल, अतिशोभन, सुप्रभ |
चकनाचूर |
सुचूर्णित |
चकमक |
अरणीः, अग्निप्रस्तरः |
चकमा |
प्रतारणम्, छलः |
चकरी |
पेषणी, पेषणचक्रम् |
चकला |
वेश्यावीथी, वेश्यालयः, चक्रकः |
चकवा |
चक्रवाकः |
चकवी |
चक्रवाकी, कोकी, चक्री, रथांगनाम्नी |
चकाचौंध |
चाकचक्येन नेत्रतेजःप्रतिघातः, अतिशयदीप्त्या
दृष्टेरस्थैर्यम् |
चकित |
विस्मित, आश्चर्यान्वित, विस्मयाकुल,
साश्चर्य, संभ्रांत, व्यामूढ,
व्याकुल, सशंक, त्रस्त |
चकोतरा |
मधुकर्कटी |
चकोर |
चकोरः |
चक्कर |
चक्रम्, परिवर्तनम् |
चक्कर लगाने वाला |
भ्रमिन्, भ्रमणशील, विभ्रान्त,
मत्त |
चक्का |
चक्रम्, रथांगम्, मण्डलम् |
चक्की |
पेषणी, चक्रम्, पेषणयन्त्रम्,
पेषणचक्रम् |
चक्रवर्ती |
राजाधिराजः, मंडलेश्वरः, अधिराजः |
चक्षु |
नेत्रम्, अक्षि |
चखना |
स्वादनम्, चषणम् |
चचेरा भाई |
पितृव्यपुत्र: |
चञ्चलता |
चाञ्चल्यम् |
चटकना |
दरणम्, चपेटिका, चपेटः |
चटकनी |
कीलः |
चटनी |
अवलेहः, तेमनम्, निष्ठानम्, व्यंजनम् |
चटपटा |
मधुरतिक्तः |
चटाई |
कटः, किलिञ्जम् |
चटाचट |
चटचटायितम् |
चटुल |
चञ्चल, अस्थिर |
चटोर |
औदरिक, अत्याहारिन्, आहारप्रिय,
जिह्वालोलुप |
चटोरपन |
घस्मरता, औदरिकता, स्वादलोलुपता,
जिह्वालौल्यम् |
चट्टान |
शिला |
चट्टी |
पादुका |
चढ़ना |
उच्चलनम्, आरोहः |
चढ़ाई |
उद्गमनम्, आक्रमणम्, आपातः |
चढ़ाना |
आरोहणम् |
चढ़ाव |
आरोहणम्, उद्गमः, उच्छ्रायः, अधिरोहणम् |
चढ़ावा |
उपहारः, उत्सर्गः |
चतुर |
निपुण, दक्ष, बुद्धिमत, प्रज्ञ, (पु. न.) पटुः |
चतुरंगिणी |
हस्त्यश्वरथपदातिरूपिणी सेना, अंगचतुष्टयवती |
चतुरता |
दाक्षिण्यम् |
चतुराई |
चातुर्यम् |
चतुर्भुज |
चतुर्बाहु, चतुर्हस्त, चतुष्कोण,
चतुरस्र, वर्गः |
चत्वारः - चार |
चत्वारः चतस्रः, चत्वारि |
चना |
चणकः |
चन्दन |
चन्दनः, चन्दनम्, मलयजः |
चन्द्र |
उडुपतिः, निशापतिः |
चन्द्रमा |
सुधांशुः, चन्द्रमा |
चपत लगाना |
चपेटेन ताडनम् |
चपरास |
चिह्नम्, लक्षणम् |
चपरासी |
प्रैस्यः, भृत्यः, पदातिः |
चपल |
क्षणिक, अचिरस्थायिन्, शीघ्रकारिन्,
अविलंबिन्, चतुर, अवसरज्ञ,
धृष्ट, निर्लज्ज |
चपला |
विद्युत् |
चपाती |
पोली, पोलिका, रोटिका |
चपेट |
करतलप्रहारः |
चप्पल |
पादुका |
चबाना |
चर्वणम्, चर्वति |
चबूतरा |
चत्वरम्, वेदिका, उन्नतस्थानम्,
स्थण्डिलम् |
चबेना |
चर्व्यम्, चणकः |
चमक |
प्रकाशः, प्रभा, शोभा. (स्त्री.)
द्युतिः |
चमकना |
चमत्करणम्, प्रकाशः, दीप्तिः, काशते, चकास्ति, दीपयते,
द्योतते, भाति, भ्राजते,
भासते |
चमकीला |
उज्ज्वल, भासुर, भास्वत् |
चमगादड़ |
जतुका, अजिनपत्रा |
चमचा, चम्मच |
चमसः |
चमड़ा |
चर्म , (स्त्री.) कृत्तिः |
चमत्कार |
विस्मयः, आश्चर्य, अद्भुतम्, चमत्कृतिः |
चमन |
कुसुमाकरः, पुष्पवाटिका |
चमरी |
गौः, गो |
चमार |
चर्मकार: |
चमेली |
मालती, चंबेली |
चमोटा |
क्षुरतेजनी, चर्मपट्टी |
चम्मच |
चमस: |
चयन |
संग्रहणम्, समाहरणम्, एकत्रकरणम् |
चरक |
मुनिविशेषः, तत्कृतवैद्यकग्रन्थः, अध्वगः,
यात्रिन्, भिक्षुकः |
चरखा |
तांतवचक्रम्, चक्रम्, आवापनम् |
चरखी |
लघुचक्रम्, चक्री, चक्रिका |
चरचर |
चरचरायितम् |
चरण |
अङ्घ्रिः |
चरना |
तृणादिभक्षणम् |
चरनी |
द्रोणिः, द्रोणी |
चरबी |
वसा, मेदस् |
चरवाहा |
चारकः, गोचारकः, पशुपालः |
चरागाह |
गोचरभूमिः |
चरितार्थ |
कृतार्थ, कृतकृत्य, पूर्णमनोरथ,
सफल, उचित, योग्य,
अनुरूप |
चरित्र |
वृत्तम् |
चर्चा |
चर्चः, अभिधानम्, आख्यानम्, कथनम्, कीर्तनम्, निर्देशः,
वर्णनम्, वार्तालापः, कथाप्रसंगः,
किंवदन्ती, जनप्रवादः, लेपनम्, अभ्यंजनम् |
चर्चित |
अभ्यक्त, लिप्त, विचारित |
चर्षणी |
कुलटा |
चलता-पुर्जा |
उद्यमी, व्यवहारपटु |
चलना |
चलनम्, सरणम्, अञ्चति, चरति, भ्राम्यति, वेलति,
वेल्लति, पद्यते |
चलनी |
चालनी, तितउः |
चलान |
प्रेषणम्, प्रस्थानम्, गमनाज्ञापत्रम् |
चलाना |
सञ्चालनम्, चारयति |
चलाना पालना |
चालयति |
चलायमान होना |
स्खलति |
चश्म |
नेत्रम्, अक्षि |
चश्मा |
उपनेत्रम्, उपनेत्रे, उत्सः, निर्झरः |
चश्मा (पानी का) |
स्रोतः |
चसका |
अभ्यासः, स्वभावः, लालसा, आस्वादः |
चहचहाना |
कूजनम् |
चहबच्चा |
जलकुण्डम्, जलाशयः |
चहलपहल |
हर्षः, प्रमोदः, उत्सवः |
चहुंदिस |
परितः, सर्वतः |
चहेता |
इष्ट, प्रिय, दयितः |
चहेती |
प्रियतमा |
चाँद |
चन्द्रः, सोमः, इन्दुः, शशिन् |
चाँद का |
चान्दर, सौम्य |
चाँद सा मुखड़ा |
रम्याननम् |
चाँदनी |
ज्योत्सना, कौमुदी, चन्द्रिका |
चाँदी |
रजतम् |
चांसलर |
कुलपतिः |
चाक |
चक्रम् |
चाकरी |
सेवा, परिचर्या |
चाकू |
छुरिका, छुरी, कर्तरिका, कृपाणी, कृपाणिका |
चाचा |
पितृव्य: |
चाची |
पितृव्या |
चाट |
अवदंशः, अत्यभिलाषः, अम्लपदार्थः |
चाटना |
अवलेहनम् |
चाटुकार |
मिथ्याप्रशंसकः, चाटुवादिन् |
चातक |
चातकः |
चादर |
शय्याच्छादनम्, प्रच्छद:,
आवरणम्, उत्तरच्छदः, प्रावारः,
आच्छादनम् |
चान्दनी |
चन्द्रिका |
चाप |
धनुः |
चाबी |
कुञ्चिका, ताली |
चाबुक |
तोत्त्रम्, कशा, अश्वताडनी |
चाम |
त्वचा, चर्म |
चाय |
चायम् |
चाय का बर्तन, टी पाट |
चायपात्रम् |
चार कोस |
योजनम् |
चारजामा |
पर्याणम् |
चारण |
कुशीलव: |
चारपाई |
खट्वा, पर्यङ्कः |
चारा |
घासः, पशुभोजनम् |
चारु |
प्रिय, मधुर, सुन्दर |
चारुनेत्र |
मृगः, हिरणः |
चारो ओर |
अभितः, परितः, सर्वतः |
चारों ओर मुड़ने वाली कुर्सी |
पर्पः |
चारों वर्ण |
चातुर्वर्ण्यम् |
चाल |
(स्त्री.) गतिः, चलनम्,
सरणम् |
चाल-चलन |
आचारः, चिरतम्, आचरणम्, चर्या, चरितम् |
चालना |
विशोधनम् |
चालाक |
चतुर, दक्ष, निपुण, कुशल, प्रवीण, चरिष्णुः |
चालीस |
चत्वारिंशत् |
चाव |
तीव्रेच्छा, स्पृहा |
चावल |
तण्डुलः, धान्यास्थि, व्रीहिः |
चावल (पके हुए) |
ओदनम् |
चाह |
इच्छा, अभिलाषः, कामः, आकांक्षा, इष्टम्, मनोरथः |
चाहना |
इष्टम्, अभिलाषः, ईहते, कामयते, कांक्षति, लषति,
वाञ्छति, इच्छति, ताम्यति,
लुभ्यति, वरयति, स्पृहयति |
चाहने योग्य |
अभिलषितव्य, एषणीय, दयित |
चाहने वाला |
इच्छुक, अभिलाषिन्, अनुरागिन्,
स्नेहिन्, इच्छुः |
चाहे |
यथाकामम्, वा, अथवा, यद्वा, चीत्कारः |
चिंतन |
चिंतना, ध्यानम्, स्मरणम्, विचारणम्, विवेचनम् |
चिंतनीय |
चिंताप्रद, उद्वेगकर, ध्येय, भावनीय, विचार्य, विवेचनीय |
चिंता |
उद्वेगः, औत्सुक्यम्, व्यग्रता,
रणरणकः, आकुलता, उत्कलिका,
मनस्तापः, ध्यानम्, चिंतनम् |
चिक |
यवनिका, प्रतिसीरा |
चिकना |
चिक्कण, स्निग्ध, मसृण, तैलमय |
चिकना-चुपड़ा |
रसिक |
चिट |
पत्रांशः, नक्तकम् |
चिटकनी |
विष्कम्भिका |
चिट्ठी |
पत्रम् |
चिड़चिड़ा |
कर्कशः, दुःस्वभावः |
चिड़िया |
चिक्षिकाः, चटका, पत्रिन्, विहंगः, पक्षिन्, खगः |
चिड़ियाखाना |
पक्षिशाला |
चिड़ीमार |
शाकुनिकः |
चिढ़ |
घृणा, अरूचिः, जुगुप्सा, विद्वेषः |
चिढ़ना |
उद्वेगः |
चिढ़ाना |
मुखविकारेण शब्दैर्वा प्रकोपनम्, उद्वेजनम् |
चितकबरा |
कर्बुरः, कल्माषः, चित्र, कर्बुरित |
चितेरा |
रंगाजीवः, रंजकः, चित्रकः |
चित्त |
अंतःकरणम्, चेतस्, हृदयम्, मानसम्, धीः, बुद्धिः,
मतिः, प्रज्ञा, अवधानम्,
मनोयोगः, अवेक्षा, स्मृतिः,
धारणा |
चित्तीदार घोड़ा |
चित्ररासभ: |
चित्रकार, पेण्टर |
चित्रकार: |
चित्रगुप्त |
यमलेखकः |
चिथड़ा |
कन्था, वस्त्रखण्डः, वस्त्रखण्डम्,
चीरम्, जर्जरवस्त्रम्, जीर्णवस्त्रम् |
चिनगारी |
स्फुलिंगः, अग्निकणः |
चिन्ह करना |
अंकयति |
चिपकना |
संश्लेषणम् |
चिपटना |
सजति |
चिमटा |
सन्दंश:, संदंशकः, कङ्कमुखः |
चिराग |
दीपः, दीपकः |
चिलमची |
हस्तधावनी, करक्षालनी |
चिल्लाना |
आक्रोशः, वाश्यते, क्रोशति |
चिह्न |
चिह्नम्, लक्षणम् |
चिह्नित करना |
अंकते |
चींटा |
पिपीलः |
चींटी |
पिपीलिका |
चीखना |
चीत्कारणम् |
चीज |
वस्तु, द्रव्यम् |
चीड़ |
भद्रदारुः |
चीता |
चित्रकः, व्याघ्रः, तरक्षुः |
चीनी |
सिता, शर्करा |
चीपड़ |
दूषिका, पिंचोडकम्, नेत्रमलम् |
चीरना |
विदारणम्, दालयति, दृणाति, दारयति |
चील |
चिल्लः, चिल्ला |
चुंगी आयात पर |
आयातशुल्कम् |
चुंगी का अध्यक्ष |
शौल्किकः |
चुंबन |
चुम्बः, निंसनम्, |
चुकता |
समाप्त, निःशेष |
चुकन्दर |
पालङ्गशाकः |
चुगना |
चञ्च्वा ग्रहणम् |
चुगलखोर |
पिशुनः, अपवादकः, परिवादकः, कर्णेजपः |
चुगलखोरी |
पैशुन्यम् |
चुगली |
पैशुन्यम्, सूचयति |
चुटकी |
अङ्गुलिपीडनम् |
चुटीला |
आहत, व्रणित, क्षत |
चुड़िहार |
काचकंकणविक्रेता |
चुड़ैल |
कुरूपिणी, पिशाचिनी |
चुनना |
चयनम्, चिनोति, चिनुते |
चुनाव |
निर्वाचनम् |
चुनौटी |
चूर्णपुटः |
चुनौती |
आह्वानम् |
चुन्नी |
माणिक्यम् |
चुप |
तूष्णीक, मूक |
चुपचाप |
तूष्णीम्, शान्त, स्थिर |
चुपड़ना |
श्लक्ष्णीकरणम्, स्निग्धीकरणम् |
चुप्पी |
निःशब्दता, नीरवता, मौनम्, तूष्णींभावः, निःस्तब्धता, निश्चलता,
निश्चेष्टता |
चुभोना |
विधति |
चुम्बा |
चुम्बनम्, अधरपानम् |
चुराना |
चोरणम्, चोरयते |
चुलचुल |
विलासः, कामचारः |
चुल्लू |
चुलुकः, गण्डूषः |
चुसकी |
गंडूषः, चुलुकः, चुल्लकः, तमाखुधूमकर्षः |
चुस्त |
उद्योगिन्, व्यायामशील |
चुस्ती |
क्षिप्रकारिता, स्फूर्तिः,
उद्यमः, उद्योगः, शैथिल्याभावः,
सुसंहतिः, दृढता, सबलता |
चूँचूँ |
चुंकारः, चुंकृतिः, चाटकेरशब्दः,
कलरवः, विरुतम्, चूँचूँ
शब्दः, क्रीडनकभेदः |
चूची |
स्तनाग्रभागः, चूचुकः, कुचः |
चूड़ी |
काचवलय:, काचवलयम् |
चूतड़ |
नितम्बः, घटिकम् |
चूना |
चूर्णः, चूर्णम्, कर्करम्, सुधा |
चूना |
स्रवणम् |
चूमना |
चुम्बनम् , चुबि |
चूर करना |
चूर्णनम् |
चूर चूर करना |
चूर्णयति |
चूर, चूल |
विवर्तनकीलः |
चूरन |
चूर्ण |
चूल्हा |
चुल्ली, चुल्लिः, चुल्लिका |
चूसना |
चूषणम्, चूषति |
चूसनी |
चोषणी, क्रीडनकभेदः, चूचुकवती
काचकूपी, चोषणयष्टिः |
चूसने योग्य |
चूष्य, चोष्य, उच्छोष्य |
चूहा |
मूषकः, आखुः, मूषिकः |
चूहादानी |
मूषिकजालः |
चें-चें करना |
कूजनम् |
चेचक |
शीतला, मसूरिका |
चेटी |
दासी, सेविका |
चेत |
धारणा, स्मरणम् |
चेत मास |
चैत्रः |
चेतना |
स्मरणम् |
चेला |
शिष्यः, छात्रः, विद्यार्थिन् |
चेष्टा |
ईहा |
चेष्टा करना |
चेष्टते |
चेहरा |
आननम्, मुखम्, वदनम्, पुरोभागः |
चैन |
सुखम्, सौख्यम्, विश्रामः |
चोंगा |
नाली, प्रणाली, प्रणालिका |
चोंच |
(स्त्री.) चञ्चुः, चञ्चूः,
तुण्डः, तुण्डम् |
चोकर |
कडंगरः, तुषः, धान्यत्वच् |
चोखा |
विशुद्ध, स्वच्छ, तीक्ष्ण |
चोचला |
विलासः, चाटूक्तिः, मधुर-भाषितम् |
चोट |
प्रहारः, आघातः |
चोट पंहुचाना |
यातयति, सूदयति |
चोटी |
शिखा, शिखरं, श्रृङ्गम्, अग्रम्, चूडा |
चोटी (स्त्रियों की) |
वेणी |
चोटीदार |
शिखावत्, सानुमत्, सूच्याकार, शंक्वाकृति |
चोर |
तस्करः |
चोरदरवाजा |
गुप्तद्वारः |
चोरी |
स्तेयम्, मोषः, चौर्यम् |
चोरी करना |
लुंठयति, स्तेनयति |
चोली |
कञ्चुकी, चोलः |
चौंकना |
ध्यानान्तरीभावः |
चौंतीस |
चतुस्त्रिंशत् |
चौंसठ |
चतुःषष्टिः |
चौक |
चतुष्पद्यम्, चतुष्पथः |
चौकन्ना |
जागरूक, दक्ष, सावधान |
चौकसी |
जागरूकता, सावधानता, दक्षता |
चौका |
पवित्रभूभागः, पाकभूमिः |
चौकी |
मञ्चः |
चौकीदार |
प्रहरिन्, गृहपालः |
चौकोना, चौकोर |
वर्गः, चतुरस्रः |
चौखट |
चतुष्काष्ठम्, देहली, द्वारम् |
चौगुना |
चतुर्गुण |
चौड़ा |
विस्तीर्ण, विशाल, विपुल, पृथु |
चौड़ाई |
विस्तारः, व्यासः, विशालता |
चौड़ी सड़क |
रथ्या |
चौथ |
चतुर्थांशः |
चौथा |
चतुर्थ, तुर्य, तुरीय |
चौथा |
चतुर्थः- र्थी- थम् |
चौदस |
चतुर्दशी |
चौदह |
चतुर्दश |
चौदहवां |
चतुर्दशः- शी- शम् |
चौधरी |
अग्रणीः, प्रधानः |
चौपट |
नष्ट, ध्वस्त, क्षीण, जर्जर |
चौपट करना |
ध्वंसनम् |
चौपड़, चौसर |
चतुरङ्गम्, चतुष्पटम्, अक्षक्रीडा,
अक्षद्यूतम् |
चौपहिया |
चतुश्चक्र, चतुश्चक्रम्, वाहनम् |
चौपाया |
चतुष्पदः, चतुष्पाद् |
चौबीस |
चतुर्विंशतिः |
चौमासा |
वर्षाकालः, चातुर्मास्यम् |
चौरानबे |
चतुर्नवतिः |
चौरासी |
चतुरशीतिः |
चौराहा |
चतुष्पथः |
चौवन |
चतुःपञ्चाशत् |
चौवालीस |
चतुश्चत्वारिँशत् |
चौहत्तर |
चतुःसप्ततिः |
छंद |
वृत्तम, छन्दः |
छः |
षट् |
छकड़ा |
शकटः |
छकाना |
तृप्तीकरणम् |
छछूंदर |
छुछुन्दर: |
छज्जा |
वलभी |
छटपटाना |
इतस्ततः छिप् |
छटा |
शोभा, कान्तिः |
छटांक |
चतुष्टङ्कमानम् |
छठा |
षष्ठः - ठी- ठम् |
छड़, छड़ी |
दण्डः, यष्टिः, वेत्रम्, वेत्रयष्टिः |
छड़ा |
अविवाहितः, अपत्नीकः, विधुरः |
छड़ी |
(स्त्री.)यष्टिः |
छत |
छदिः, पटलम्, अट्टः, चन्द्रशाला, शिरोगृहम्, उपरिकोष्ठः |
छत्ता |
मधुकोषः, करण्डः |
छत्तीस |
षट्त्रिंशत् |
छद्मी |
कपटी, वञ्चकः |
छन |
क्षणः, मुहूर्त्तः |
छपछपाना |
छपछपायते |
छपना |
मुद्रणम्, मुद्रित, प्रकाशित |
छपाई |
मुद्रणक्रिया |
छप्पन |
षट्पञ्चाशत् |
छप्पर |
पटलम् |
छबीला |
सुन्दर, चारु, शोभन |
छब्बीस |
(स्त्री.)षड्विंशतिः, उक्ता
संख्या, तदंकौ |
छमछम |
धारासारशब्दः, छमछम निनदः,
छमछमायितम्, छणत्कारः, झणत्कारः |
छमछमाना |
छमछमायते |
छरहरा |
कृश, तनु, कृशांग, उद्यमिन्, उद्योगिन् |
छल |
कपटम्, कैतवम्, वञ्चनम्, प्रतारणम्, उपधिः, (स्त्री.)
निकृतिः |
छलना |
छलनम् |
छलनी |
चालनी, तितउः |
छलांग |
प्लवनम्, (स्त्री.) प्लुतिः |
छलावा |
मिथ्या, अनलः, अग्निः, दीप्तिः, दीप्त्याभासः, मायादृश्यम्,
इंद्रजालम् |
छली |
वञ्चकः, धूर्तः |
छल्ला |
अंगुलीयकम्, ऊर्मिका, मुद्रा |
छल्लेदार |
सवलय, सचक्र, वर्तुल, चिह्नवत् |
छवि |
सौंदर्य, शोभा, लावण्यम्, रूपम्, चारूता, कान्तिः,
प्रभा |
छाँटन |
अवशिष्टम् |
छाँव |
छाया, निरातपस्थानम्, आश्रयः,
शरणम् |
छांटना |
चयनम् |
छाग |
अजः, छागलः |
छाछ |
तक्रम्, अम्लम् |
छाछठ/छियासठ
|
षट्षष्टिः |
छाज |
सूपः |
छाता |
छत्रम्, जलत्रम् |
छाती |
उरः, वक्षः |
छाती लगाना |
आलिङ्गनम् |
छात्र |
अध्येता |
छात्रा |
अध्येत्री |
छान |
वुधः, तुषः |
छानना |
वस्त्रेण पवनम्, पूतीकरणम् |
छानबीन |
अन्वेषणम्, अनुसन्धानम् |
छाना |
आच्छादनम् |
छाप |
मुद्रा, चिह्नम्, अङ्कः |
छापना |
मुद्रणम् |
छापा |
मुद्रणयन्त्रम् |
छाया |
(स्त्री.)प्रतिकृतिः |
छाल |
वल्कलः |
छाला |
चर्मोद्भरणम्, स्फोटः, शिविरम् |
छि |
धिक् |
छिछला |
गाध, उत्तान, गाधजल, अल्पजल |
छिटकी डालना |
इतस्ततः |
छिड़कना |
सिंचनम् |
छिड़काव |
प्रोक्षणम्, आसेकः, अवसेकः |
छितराना |
विकिरणम्, विक्षेपः |
छिद्र |
विवरम् |
छिद्रान्वेषी |
परदोषदृष्टा |
छिनाल |
कुलटा, बन्धकी, व्यभिचारिणी,
पुञ्श्चली |
छिपकली |
गृहगोधिका, सरटः, कृकलासः, सरटा |
छिपना |
तिरोभवनम् |
छिपा हुआ |
गूढ, प्रच्छन्न
|
छिपाना |
गोपनम्, गूहनम्, अन्तर्धानम्,
(स्त्री.) गुप्तिः, गूहते |
छियानबे |
षण्णवतिः |
छियालीस |
षट्चत्वारिँशत् |
छियासी |
षडशीतिः |
छिलका |
वल्कलम्, वल्कम्, शल्कम्, त्वच् |
छिहत्तर |
(स्त्री.) षट्सप्ततिः |
छींक |
क्षुतम्, क्षवः, क्षिक्का |
छींकना |
छिक्काकरणम् |
छींका |
शिक्यम् |
छींट |
अङ्कितवसनम्, जलबिन्दुः |
छीनना |
अपहरणम्, मुष्णाति |
छीलना |
त्वग्घरणम्, निस्त्वचीकरणम् |
छुआछूत |
अस्पृश्यस्पर्शः, अशुचिसंसर्गः,
स्पृश्यास्पृश्यविचारः |
छुछुन्दर |
गंधमुखी |
छुटकारा |
मोक्षः, मोचनम् |
छुटपन |
शैशवम्, बाल्यम्, अधमता, निकृष्टता |
छुट्टी |
अवकाशः, अनुज्ञा, अनुज्ञानम् |
छुड़ाना |
मोचयति |
छुरा |
असिपुत्रकः, क्षुरम् |
छुरी |
छुरिका, क्षुरी, कृपाणिका, असिधेनुका |
छुहारा |
खर्जूरभेदः, छोहारा, पिंडखर्जूरफलम् |
छू मंतर होना |
झटिति तिरोभू |
छूछा |
निःसार, असार, रिक्त, शून्य, तुच्छ, शून्यगर्भ,
निर्धन |
छूट |
मुक्तिः, मोचनम्, अवकाशः, उद्धृतभागः |
छूत |
संस्पर्शः, संस्पर्शनम्, संसर्गः,
सम्पर्कः |
छूना |
हस्तेन आलभ्, संपर्कः, संसर्गः, स्पृष्टिः, आलंभनम्,
स्पृशति |
छूने योग्य |
स्पृश्य, छोपनीय, परामर्शार्ह |
छूने वाला |
स्पर्शकः |
छेकना |
निरोधः |
छेड़खानी, छेड़छाड़ |
अर्दनम्, परिहासः, हावः |
छेड़ना |
बाधनम्, अवक्षोभनम् |
छेद |
छिद्रम्, विलम् |
छेदना |
छेदनम्, कृतन्ति, लुम्पति, लुनीते |
छेदने योग्य |
छेत्तव्य, छेदनीय, वेध्य |
छेना |
मिष्टान्नभेदः, छिन्ना |
छेनी |
व्रश्चनः, तक्षणी, टंकः, वेधनिका |
छोकरापन |
बाल्यम्, कौमारम्, चंचलता, मौर्ख्यम् |
छोकरी |
कुमारी, कन्या, दारिका, माणविका |
छोटा |
(पु. न.) लघुः, तनु, अणु, क्षुद्र, हीन, अप्रधान, कनीयस् |
छोटा गाँव |
ग्रामटिका |
छोटा तालाब |
कासारः |
छोटा बड़ा |
विविध, बहुविध, उच्चावच, लघुगुरु, अणुमहत्, कनिष्ठज्येष्ठ |
छोटा भाई |
अनुज:, निष्ठसहोदर: |
छोटी इलायची |
निष्कुटिः |
छोड़ना |
त्यजनम्, त्यागः, त्यजति, उज्झति, मुंचति, मुंचते,
सृज्यते, सर्जयति, जहाति |
छोड़ाना |
मोक्षणम्, मोचनम् |
छोर |
उपांतः, प्रांतः, समंतः, परिसरः, सीमन्, सीमा,
तटः, तटी, तटम् |
छोह |
स्नेहः, प्रणयः, वात्सल्यम् |
छौंकना |
उपस्करणम् |
छ्नकना |
छणछणायते,झणझणायते, सीत्कारं कृ |
जँगला |
काष्ठलोहशलाकावृत्तिः, काष्ठलोहमोघोलिः,
काष्ठअयोजालम्, गवाक्षजालम् |
जँचना |
बुद्धसात् भवनम्, रोचनम् |
जंग |
युद्धम्, संग्रामः, अयोरसः, मंडूरम्, विष्ठम्, सिंहाणम् |
जंगम |
चर, चल, चरिष्णु, चलनशील, गमनशील, चेतन,
प्राणिन्, सजीव |
जंगल |
अटवी, अरण्यम्, काननम्, वनम्, विपिनम्, कांतारः,
गहनम्, मरुस्थलम्, मरुः |
जंगल |
काननम् ,वनम्, अरण्यम्, विपिनम् |
जंगली |
आरण्यक, अरण्यज, वन्य, वनोद्भव, जांगल, अरण्य,
क्रूर, जांगल, वनवासिन्,
वनेचरः, वनौकस्, आटविकः,
आरण्यकः, हिंस्र, असभ्य |
जंघा |
उरु |
जंघिया |
जंघात्राणम्, ऊरुत्राणम् |
जंजाल |
कष्टम्, दुःखम्, कृच्छ्रम् |
जंजीर |
श्रृंखला, लोहरज्जुः, बन्धनम् |
जंतु |
(पु.) प्राणिन्, जीवः, जन्युः, भूतम्, पशुः,
चरिः, मोकः |
जंभाई |
जृम्भणम्, जृम्भिका, जृम्भितम् |
जकड़ना |
द्रढयति, दृढीकृ |
जकात |
दानम्, त्यागः, करः |
जग |
संसारः, विश्वः |
जगना |
जागर्ति , बोधते |
जगमग |
प्रकाशित, दीप्तिमत् |
जगह |
स्थानम्, स्थलम् |
जगाना |
उद्बोधनम्, प्रबोधनम् |
जघन |
स्त्रीकट्याः, पुरोभागः,
नितंबः |
जघन्य |
अन्त्य, अन्तिम, चरम, गर्ह्य, त्याज्य, क्षुद्र,
निकृष्ट, अधम |
जच्चा |
प्रसूता, जातापत्या, प्रजाता |
जच्चा खाना |
अरिष्टम्, सूतिका गृहम् |
जज |
न्यायाधीशः, धर्माधिकारी |
जटा |
शटा, जटी, जूटः, जूटकम्, जटामांसी, जटिला,
लोमशा, जटाला |
जटा जूट |
जटासमूहः, शिवजटा |
जठर |
उदरम्, जठरः, गर्भाशयः |
जठराग्नि |
औदर्याग्निः, पाचकाग्निः |
जड़ |
मूर्खः, अचेतन, मूर्खबुद्धिः |
जड़ |
मूलम्, आधारः |
जड़ना |
उत्खननम्, सज्जीकरणम् |
जड़ाऊ |
रत्नखचित |
जड़िया |
सन्धानकः, मणिसंयोजकः |
जड़ीबूटी |
औषधम्, भेषजम्, (स्त्री.) औषधिः |
जताना |
ज्ञपयति |
जत्था |
यूथम्, संघः, समूहः, गणः |
जत्था बांधना |
संघशः-गणशः |
जनाधिप |
राजा, स्वामी |
जनाब |
श्रीमान्, महोदयः, अत्रभवान् |
जनार्दन |
विष्णु, हरिः |
जनून |
उन्मादः |
जनेऊ |
यज्ञोपवीतम्, ब्रह्मसूत्रम् |
जन्नत |
उद्यानम्, स्वर्गः |
जन्म |
जन्म, उत्पत्तिः, जनिः |
जपना |
जापः, जपति |
जब |
यदा |
जब कभी |
यदा कदाचित् |
जब तक |
यावत् (पु.) |
जबड़ा |
मुखम्, वक्त्रम् |
जबरदस्ती |
प्रसह्य, साहसम् |
जबानी |
मौखिक |
जब्त |
(पु.) स्वायत्तीकरण |
जमघट |
संकुलम्, समूहः |
जमा |
संगृहीत, संचित, समाहृत, निक्षिप्त, न्यस्त, निहित,
धनम्, (स्त्री.) संपद्, भूमिकरः, योगः, पिंडः,
|
जमा करना |
सञ्चयः |
जमा होना |
सम्मेलः |
जमाई |
जामातृ, दुहितृपतिः |
जमात |
कक्षा, श्रेणी, जनौघः, जनसंमर्दः, गणः, संघः |
जमानत |
लग्नकः, प्रतिभूः, निक्षेपः |
जमानत नामा |
प्रातिभाव्यपत्रम् |
जमाना |
मूलयति |
जमालगोटा |
जयपालः, सारकः, रेचकः, बीजरेचनम् |
जमीन |
भूमिः, मही |
जम्हाई लेना |
जृम्भते |
जयन्ती |
केतनम्, केतुः, ध्वजः, दुर्गा, जन्मोत्सवः, स्थापना
दिवसोत्सवः |
जयफल |
जातिफलम् |
जरठ |
कर्कश, वृद्ध |
जरा |
वार्द्धक्यम्, जीर्णता |
ज़रा |
अल्प, न्यून, किञ्चित् |
जरायु |
उल्बम्, कललः, गर्भाशयः |
जरिया |
उपायः, साधनम्, कारणम् |
जरूर |
ध्रुवम्, असंशयम्, अवश्यम् |
जरूरत |
आवश्यकता, प्रयोजनम् |
जरूरी |
आवश्यक, अपेक्षित |
जर्जर |
शैवाल, जीर्ण |
जर्दी |
पीतिमन्, अंडपीतिमन् |
जर्मन सिल्वर |
चन्द्रलौहम् |
जर्रा |
परमाणुः |
जर्राह |
व्रणचिकित्सकः |
जल |
तोयम्. जलम्, वारि, नीरम्, सलिलम्, अमृतम्,
उदकम् |
जल- कण |
शीकरः |
जल भंवर |
जलावर्तः, भ्रमिः |
जलचक्की |
जलचाल्यचक्रम्, जलयन्त्रम् |
जलजन्तु |
यादः, जलचर, जलजन्तु |
जलजहाज |
पोतः |
जलतरङ्ग |
जलतरङ्गः |
जलन |
ज्वलनम्, दाहः, ईर्ष्या, तापः |
जलना |
ज्वलनम्, दहनम्, ज्वलति |
जलपान |
जलपानम्, अल्पाहारः |
जलवा |
श्रीः, प्रभा, शोभा |
जलसा |
उत्सवः, महोत्सवः |
जलसेनापति |
नौसेनाध्यक्षः |
जलाधिप |
वरुणः |
जलाना |
दहति , दीप्यते |
जलाने योग्य |
ज्वलयितव्य, दग्धव्य, दीपनीय, तपनीय |
जलावन |
इन्धनम्, इध्मम् |
जलील |
नीच, क्षुद्र, जघन्य, अपमानित, तिरस्कृत |
जलूस |
उत्सवयात्रा, संप्रचलनम् |
जलेबी |
कुण्डली, अमृती, माधुरी, चक्रिका |
जलोदर |
जठरामयः |
जल्दी |
शीघ्रम्, झटिति, त्वरा, वेगः, क्षिप्रता |
जल्दी करना |
त्वरते , त्वरयति |
जल्दी से |
शीघ्रम्, क्षिप्रम्, सत्वरम्, सरभसम्, वेगेन |
जल्लाद |
घातकः |
जव |
यवः |
जवाकुसुम |
जपापुष्पम् |
जवान |
सैनिकः, वीरः, यौवनम्, कौमारम् |
जवानी |
कौमारम्, तारुण्यम्, यौवनम् |
जवानी |
तारुण्यम्, यौवनम् |
जवाब |
उत्तरम्, प्रत्युत्तरम्, प्रतिवचनम् |
जवाबदेही |
उत्तरदायित्वम्, प्रष्टव्यता,
भारः |
जवाहर |
मणिः, रत्नम् |
जस्ता |
यशदम् |
जहर |
गरलम्, विषम्, घातक, प्राणहर, अतिहानिकर |
जहरीला |
विषमय, विषाक्त |
जहाँ |
यत्र |
जहाँ कहीं भी |
यत्र-कुत्रापि |
जहाँ तहाँ |
सर्वत्र, इतस्ततः, यत्रतत्र |
जहाँ से |
यतः |
जहांपनाह |
शासक, विश्वरक्षक, सम्राट्,
नृपः |
जहाज |
पोतः, जलयानम् |
जहान |
संसारः |
जाँघ |
जंघा, ऊरुः |
जांघिया |
अर्धोरुकम्, कटिवस्त्रम् |
जांच |
परीक्षा, परीक्षणम्, अनुसन्धानम् |
जांचना |
परीक्षणम् |
जाकेट |
अंगरक्षक: |
जागना |
जागरणम् |
जागने वाला |
जागरकः, जागरितृ, अवहितः, जागरूकः |
जागरुक |
सावधान, निद्राविमुख, जागरूक,
दक्ष |
जागीर |
अग्रहारः, (स्त्री.) भूसंपद् |
जाज्वल्य |
प्रकाशयुक्त, प्रज्वलित,
दीप्तिमत् |
जाड़ा |
शिशिरः, तुषारकालः, हिमागमः |
जात भाई |
सनाभिः |
जाति |
कुलम्, वंशः, गोत्रम्, जातिः, वर्गः, जनः |
जादू |
माया, इन्द्रजालम्, दृष्टि-मोहः,
हस्तलाघवम् |
जादूगर |
मायाकारः, ऐन्द्रजालिकः |
जान |
जीवनम्, जीवितम्, प्राणाः, बलम्, प्रियः |
जानकार |
परिचित, अभिज्ञ |
जानकारी |
परिचयः, अभिज्ञानम् |
जानना |
ज्ञानम्, अवगमनम्, चेतति, जानाति, जानीते, वेत्ति,
ज्ञपयति, ज्ञाता |
जानने वाला |
ज्ञाता |
जानवर |
जन्तुः, पशुः |
जाना |
गमनम्, अयते, गछति, रुण्ठति, वजति, व्रजति,
सेधति, एति, ईर्ते,
ऋच्छति, याति, जिहीते |
जाने अनजाने |
ज्ञानतोऽज्ञानतो वा, कामतोऽकामते
वा, बुद्धिपूर्वमबुद्धिपूर्वं वा |
जाने वाला |
गन्ता |
जामन |
(पु.) द्रप्सम्, द्राप्सम्,
त्रप्स्यम्, द्रप्स्यम् |
जामाता (जमाई) |
जामातृ |
जामिन |
प्रतिभूः |
जामुन |
जम्बू |
जामुन |
जम्बूफलम् |
जायज |
उचित, युक्त, संगत |
जायदाद |
(स्त्री.) सम्पत्तिः |
जायफल |
जातिफलम् |
जाया |
पत्नी, भार्या, पाणिगृहाती, नष्ट, निरर्थक |
जार |
उपपतिः |
जार (कांच का) |
काचघटी |
जारी रखना |
सततकार्यसञ्चरणम् |
जाल |
जालकम्, पाशः, आनायः, वागुरा, समूहः, निकरः,
लूतिका, जालम् |
जाला |
लूता, जालदृष्टिः, नेत्ररोगभेदः |
जाली |
छिद्रप्रायं वस्त्रम्, जालिका,
काष्ठादिपट्टेषु छिद्रसमूहः, सूचीकर्मभेदः |
जासूस |
गुप्तचरः |
जासूसी |
स्पशता, चरकर्मन्, प्राणिध्यम् |
जाहिर |
प्रकट, प्रत्यक्ष, विदित |
जिक्र |
चर्चा, वर्णनम् |
जिगर |
यकृत् |
जिज्ञासा |
ज्ञानेच्छा, कौतूहलम्, पिप्रच्छिषा,
अनुयोगः, पृच्छा, निरूपणा |
जिज्ञासु |
ज्ञानेच्छु, कौतूहलिन्, पिप्रच्छिषु |
जिठानी |
(स्त्री.) ज्येष्ठस्य जाया, ज्येष्ठयातृ |
जितना |
यावत्, यावन्मात्र |
जितेन्द्रिय |
हृषीकेश, वशिन्, दान्त, शान्त, इन्द्रियजित् |
जिद्द |
हठः, आग्रहः |
जिद्दी |
हठिन्, आग्रहिन् |
जिधर |
यत्र |
जिन |
विष्णुः, सूर्यः, बुद्धः, जैनतीर्थकरः, भूतः, प्रेतः |
जिम्मेवार |
प्रष्टव्य, अनुयोज्य, उत्तरदायी |
जिम्मेवारी |
भारः, प्रष्टव्यता, उत्तरदायित्वम् |
जिराफ |
चित्रोष्ट्रः |
जिला |
प्रान्तः, प्रदेशः, मण्डलम् |
जिल्द |
प्रावरणम्, खण्डः, खण्डम्, भागः, पुस्तावरणम् |
जिसका |
यदीयः |
जीजी |
भगिनी, स्वसृ |
जीत |
जयः, विजयः |
जीत हार |
जयाजयौ, जयपराजयौ |
जीतना |
जयनम्, जयति |
जीतने का इत्छुक |
जिगीषुः |
जीतने वाला |
जेतृ, विजयिन्, जेता |
जीता |
सजीव, सचेतन |
जीतेने का इच्छुक |
(पु. न.) विजिगीषु |
जीना |
जीवनधारणम्, जीवति |
जीभ |
जिह्वा, रसना, रसज्ञा |
जीरा |
जीरः, जीरकम्, जीरकः |
जीर्ण |
शीर्ण, गलित, परिपक्व, परिणमित |
जीर्णोद्धार |
नवीकरणम्, संधानम्, उद्धारः |
जीव |
आत्मन्, जीवः, प्राणाः |
जीवन |
प्राणधारणम्, चैतन्यम्,
सप्राणता |
जीवन औषध |
(पु. न.) जीवातुः |
जीवनचरित्र |
चिरतम्, जीवनवृत्तान्तः |
जीविका |
(स्त्री.)वृत्तिः |
जीवितभर्तृका |
सधवा |
जुआ |
द्यूतम्, अक्षक्रीडा, पणः |
जुआ खेलना |
अक्षैः, अक्षान् वा दिव्, दीव्यति |
जुआरी |
द्यूतकारः, देविता |
जुकाम |
प्रतिश्यायः |
जुगनू |
खद्योतः, प्रभाकीटः |
जुगालना |
रोमन्थं कृ, रोमन्थायते |
जुगाली |
रोमन्थः, पुनश्चर्वणम् |
जुड़े दोनों हाथ |
अञ्जलिः |
जुती हुई भूमि |
सीता |
जुदाई |
वियोगः, पार्थक्यम् |
जुर्माना |
अर्थदण्डः, धनदण्डः |
जुलाब |
रेचनम्, विरेचनम् |
जुलाहा |
तन्तुवाय:, वस्त्रकारः, कुविन्दः |
जुलूस |
उत्सवः, समारोहः, उपगमनम् |
जुल्फ |
दीर्घकेशाः |
जुल्म |
अत्याचारः, पीडनम् |
जुल्मी |
अत्याचारी |
जूँ |
युका, लिक्षा |
जूआ |
युगः, युगम्, धूः |
जूझना |
रणे योगः |
जूठ, जूठन |
शेषान्नम्, भुक्तम्, उच्छिष्टम् |
जूठा |
उच्छिष्ट, भुक्तशेष |
जूड़ा |
जूटः, केशबन्धः |
जूता |
उपानह, पादत्राणम् |
जूता सीने की सूई |
चर्मप्रभेदिका |
जूरी |
सभ्याः, प्रमाणपुरुषगणः |
जूही |
यूथिका, यूथी, वासन्ती |
जेठ |
ज्येष्ठः |
जेठ मास |
ज्येष्ठः |
जेठा |
ज्येष्ठः, वरिष्ठः, ज्यायस् |
जेठानी |
ज्येष्ठस्नुषा |
जेब |
वस्तु-आधारः |
जेल |
कारागारम्, कारागृहम् |
जेलखाना |
कारावासः |
जेवर |
आभूषणम्, आभरणम्, अलंकारः, अलंकरणम् |
जैबरा |
चित्ररासभः |
जैसा |
यादृश् |
जैसा का तैसा |
पूर्ववत्, यथापूर्वम् |
जैसा चाहिये |
यथोचित |
जैसे |
यथा, तथाहि |
जैसे-तैसे |
येन केन प्रकारेण, यथा तथा |
जो |
यद् |
जो कुछ |
यत्किञ्चित् |
जोंक |
जलौकाः, जलाका, रक्तपा |
जोखिम |
भयम्, संकटम् |
जोड़ |
योगः, समूहः, राशिः, संग्रहः, सन्धिः, संयोगः,
समकक्षः, तुल्यबलः |
जोड़तोड़ |
उपायः, प्रयुक्तिः |
जोड़ना |
परिगणनम्, परिसंख्यानम् |
जोड़ना |
संग्रहणम्, एकत्रकरणम्, योजनम्, श्लेषणम्, घटयति, योजयति |
जोड़वां |
यमज |
जोड़ा |
युगम्, युगलम्, युग्मम् |
जोड़ी |
दम्पती |
जोतना |
कर्षणम्, कर्षति |
जोर की वर्षा |
आसारः |
जोर से |
ऊच्चैः, तारस्वरेण, उच्चस्वरेण |
जोरदार |
प्रबल, बलवत्, अकाट्य, अखण्ड्य |
जोरू |
भार्या, पत्नी |
जोश |
उत्साहः, औत्सुक्यम्, अत्युत्कण्ठा,
उद्वेगः, अत्यनुरागः |
जोशाँदा |
क्वाथः |
जोशीला |
सोत्साह, उत्साहवत्, व्यग्र |
जोष |
सुखम्, मौनम् |
जोहना |
प्रतीक्षणम् |
जौ |
यवः |
जौहरी |
मणिकारः, रत्नकारः, रत्नपरीक्षकः |
ज्ञातव्य |
ज्ञेय, अवगन्तव्य, बोद्धव्य |
ज्ञाता |
वेत्तृ, ज्ञानिन्, बोद्धृ |
ज्ञान |
बोधः, प्रतीतिः, (स्त्री.)
प्रतिपत्तिः |
ज्ञानेच्छा |
जिज्ञासा |
ज्ञानेच्छुक |
जिज्ञासुः |
ज्या |
प्रत्यञ्चा |
ज्यादती |
आधिक्यम्, प्राचुर्यम्, अत्याचारः |
ज्यादा |
अधिक, अधिकतर, अतिरिक्त |
ज्यों |
यथा |
ज्यों का त्यों |
यथापूर्वम् |
ज्योतिष |
ज्योतिषम्, दैवज्ञविद्या, नक्षत्रविद्या |
ज्योतिषी |
गणकः, दैवज्ञः, ज्योतिषिकः |
ज्योत्स्ना |
चन्द्रिका, कौमुदी |
ज्वर |
ज्वरिः, ज्वरा, (स्त्री.) जूर्तिः,
महागदः, तापकः |
ज्वार |
यवनालः |
ज्वारभाटा |
वेला, समुद्रक्षोभः |
ज्वाला |
अर्चिः, शिखा |
ज्वालामुखी |
ज्वालामुखी, आग्नेयगिरिः |
झंकार |
झणत्कारः, झणझणध्वनिः, शिञ्जितम् |
झंझट |
संशयः, क्लेशः, व्याकुलता |
झंझनाना |
शिञ्जनम्, झणझणायते |
झंझरी |
जालमार्गः, गवाक्षः, जालम् |
झंडा |
ध्वजः, ध्वजा, केतुः, पताका |
झक्की |
अनवस्थित, उन्मत्त, वाचालः, जल्पकः |
झगड़ा |
विवादः, कलहः, कलिः |
झगड़ालू |
कलहप्रिय, कलिप्रिय |
झज्जर |
ग्रीवाघटी |
झट |
त्वरितम्, शीघ्रम्, झटिति |
झटका |
चालनम्, लघु-प्रहारः |
झटपट |
झटिति, अञ्जसा |
झड़ी |
धारासारः, धारासंपातः, आसारः |
झण्डी |
पताका |
झरना |
प्रपातः, स्रोतः, निर्झरः, स्यन्दते |
झरोखा |
गवाक्षः, वातायनम् |
झलक |
आभा, द्युतिः, प्रकाशः, प्रतिबिम्बः, प्रतिच्छाया, प्रतिफलम् |
झाँझर |
किङ्किणी |
झांकना |
प्रच्छन्न-वीरणम्, जालमार्गेण
अवलोकनम् |
झांकी |
ईषद् अभिव्यक्तिः, ईक्षणम्, निरूपणम्, दृश्यम्, गवाक्षः |
झांझ |
झल्लकम्, झल्लरी |
झांसा |
छलम्, कपटम्, प्रतारणा |
झाग |
फेनम् |
झाड़ना |
मार्जनम् |
झाड़ी |
निकुञ्जः, गुल्मः, जंगलम् |
झाड़ू |
मार्जनी, सम्मार्जनी, शोधनी |
झालर |
अञ्चलः, अञ्चलम्, दशाः |
झिझक |
आशंका, सन्देहः |
झिड़कना |
तर्जनम् |
झिनझिनी |
सशूलस्फुरणम् |
झिपकली |
सरटः/ गृहगोधिकाः |
झिलमिल |
प्रकम्पमानः, प्रकाशः |
झिल्ली |
तनुत्वच्, सूक्ष्मचर्म, पटलम्, पुटः, पुटम् |
झींगुर |
झिल्लिका |
झील |
सरसी, कासारः, ह्रदः |
झुंझलाना |
कोपः, क्रोधः |
झुंड |
वर्गः |
झुकना |
नमनम्, नमति |
झुकाना |
नामनम् |
झुकाव |
प्रवणता, नतिः, वक्रता, प्रवृत्तिः |
झुठलाना |
मिथ्यावादित्वं प्रमाणयति |
झुनझुना |
शिञ्जनी |
झुरमुट |
समुदायः, समूहः, स्तम्बः, गुल्मः |
झुर्री |
वली, चर्मसंकोचः, पुटः, भंगः |
झूठ |
असत्यम्, अनृतम् |
झूठ बोलना |
हर्षति |
झूठा |
मिथ्याशीलः, असत्यवादिन् |
झूमना |
इतस्ततः चल् |
झूल (हाथी का) |
आदानम् |
झूलना |
दोलायते |
झूला |
दोला, दोलिका, प्रेंखोलनम्,
काचम्, हिन्दोलः, शिक्यम् |
झेलना |
सहनम् |
झोंका |
प्रहारः, पातनम्, निर्घातः |
झोपड़ी |
उटजः, पर्णशाला, कुटीरः, कुटी |
झोला |
प्रसेवः, स्योतः, कोषः |
टंकार |
मौर्वी, घोषः, शब्दः, टणत्कारः, रणितिः |
टंकी |
तोयाधारः, वापिका, द्रोणी |
टंटा |
प्रपञ्चः, उपद्रवः |
टकटकी |
बद्धदृष्टिः, स्थिरदृष्टिः,
अनिमेषदृष्टः |
टकराना |
आकस्मिकापतनम् |
टकसाल |
टङ्कशाला, मुद्राङ्कणशाला |
टकसालाध्यक्ष |
नैष्किकः |
टक्कर |
संघट्टः, संमर्दः, समाघातः, विग्रहः, संग्रामः, संप्रहारः,
हानिः |
टखना, पैर के जोड़ की हड्डी |
गुल्फः |
टटोलना |
अंगैरन्वेषणम् |
टन |
घंटाध्वनिः, टणत्कारः, टणिति |
टनाटन |
निरन्तरः टणटणत्कारः |
टप |
बिंदुपातध्वनिः |
टब (पानी का ) |
द्रोणि:, द्रोणी |
टमटम |
अश्वयानभेदः |
टमाटर |
रक्त वृन्तकम्, हिण्डीरः |
टसर मसर |
विलंबः, व्याक्षेपः |
टहनी |
शाखा |
टहल |
सेवा, शुश्रूषा, परिचर्या |
टहलना |
विहरणम् |
टांकना |
संयोजनम्, टंकयति |
टांका |
सीवनम्, स्यूतिः |
टांग |
जंघा, प्रसृता |
टांगना |
नागदन्तेऽवलम्बनम् |
टाइफाइड |
संनिपातज्वरः |
टाइम टेबिल |
समयसारिणी |
टाइम लाइन |
समयरेखा |
टाट |
स्थूलशाटकः, शाणम् |
टाप |
मृदुचपेटः, लघु-चपेटः, लघ्वाघातः,
लघुप्रहारः, अश्वगतिः |
टापू |
द्वीपः, द्वीपम् |
टार्च |
विद्युज्झिङ्गिनी |
टाल |
इन्धनापणः, काष्ठशाला |
टिंडा |
टिंडिशः |
टिकट |
अभिज्ञानपत्रम्, अनुफलकम् |
टिकना |
निवसनम् |
टिकाऊ |
अक्षय, स्थिर, नित्य |
टिकाना |
स्थापनम् |
टिकिया |
चक्रिका, वटी, वटिका, अपूपः, पूपः, पिष्टकः |
टिकुली |
ललाटाभरणम् |
टिटिहरी |
टिट्टिभिः |
टिड्डी, पतंगा |
शलभः |
टीका |
ललाटिका, निवेशनम्, सञ्चारणम्,
टीका, व्याख्या, भाष्यम् |
टीन |
त्रपुः |
टीन की चद्दर |
त्रपुफलम् |
टी-पार्टी |
सपीतिः |
टीम |
क्रीडकसंघः, गणः, वर्गः |
टीयर गैस |
धूमास्रम् |
टीला, टील्हा |
वप्रः, उन्नतभूभागः |
टीसना |
मुहुर्मुहुः व्यथ |
टुंडा |
अहस्त, छिन्नहस्त, शाखाहीन, एकश्रृंग |
टुअर |
अनाथः, मातृपितृरहितः |
टुकड़ा |
खण्डः, खण्डम्, विभागः, अंशः, लवः |
टुच्चा |
क्षुद्र, नीच, हीनजाति |
टूटना |
भञ्जनम् |
टूटने वाला |
भिदुर, भंगुर, सुभंग |
टूटा |
भग्न, दीर्ण, त्रुटित, स्फुटितः, विच्छिन्न, निवृत्त |
टूटा फूटा |
खंडित, विदीर्ण |
टूथपेष्ट |
दन्तपिष्टकम् |
टेक |
आश्रयः, शरणम्, आधारः, अवलम्बः, आलम्बनम् |
टेढ़ा |
वक्र, कुटिल |
टेढ़ा चलना |
अकति |
टेढ़ा होना |
ग्रथते, वंकते |
टेढापन |
कुटिलता, जिह्वता, वक्रता, अरालता |
टेढ़े घुटनों वाला |
(पु. न.) प्रज्ञुः |
टेण्ट |
पटकुटी |
टेनिस का खेल |
प्रक्षिप्त- कन्दुक-क्रीडा |
टेर |
रागः, तालः |
टेरना |
स्वरसंमेलनम् |
टेवना, टेना |
तीक्ष्णीकरणम् |
टेवा |
जन्मकुण्डली, लग्नपत्रम् |
टेसू |
किंशुकः, पलाशः, रक्तपुष्पकः, किंशुककुसुमम् |
टैक्स |
करः |
टैग |
चिह्नम् |
टॉफी, मीठी गोली |
गुल्यः |
टोंटी |
नाली, नालिका |
टोकना |
वार्तामध्येऽवरोधनम् |
टोकरा |
करण्डः, मञ्जूषा, पेटकः, करण्डः, कण्डोलः |
टोटका |
रक्षा-करण्डः, मन्त्रौषधम्,
वशीकरणचूर्णम् |
टोना |
मन्त्रः, अभिचारः, माया, मन्त्रप्रयोगः |
टोपी |
शिरस्त्राणम्, शिरोवेष्टनम्,
शिरस्कम् |
टोस्ट |
भ्रष्टापूपः |
टोह |
अन्वेषणम् |
ट्टटू |
अश्वशावकः, क्षुद्रघोटकः |
ट्रंक |
मञ्जूषा |
ट्रेन |
वाष्पशकटी |
ट्रैक्टर |
खनियन्त्रम् |
ठंड |
शीतम् |
ठंडा |
शीतलः, शीत, शिशिर, हिम, शीतल |
ठंडा होना |
शीतली |
ठंडाई |
शीतपेयम्, तापहरपानम्, भंगापेयम् |
ठकठकाना |
ठकठकायते |
ठग |
वंचक:, लुण्ठकः, धूर्तः |
ठगना |
वञ्चनम्, विचति |
ठगबाजी |
वञ्चनम्, कपटम्, प्रतारणम्, कैतवम्, माया |
ठट्ठा |
परिहासः, क्रीडा, प्रहसनम् |
ठट्ठेबाज |
उपहासकः |
ठठरी |
कंकालः, अस्थिपञ्जरः |
ठप्पा |
मुद्रा, मुद्रिका, मुद्रायन्त्रम् |
ठरक |
व्यसनम् |
ठहरना |
विरामः, निवसनम्, (स्त्री.) स्थितिः |
ठहरने वाला |
स्थाता |
ठहराना |
अवस्थापनम् |
ठहराव |
अवस्थानम्, स्थितिः |
ठहाका |
अट्टहासः |
ठाकुरबाड़ी |
देवालयः |
ठाठ, ठाट |
ऐश्वर्यम्, प्रतापः, वैभवम् |
ठानना |
निश्चयः, दृढसंकल्पः, निर्णयः |
ठिकाना |
निवासः, गृहम्, आश्रयः, अवधिः, मर्यादा, सीमा,
अन्तः, अवसानभूमिः |
ठिठरना, ठिठुरना |
कम्पनम् |
ठीक |
यथार्थ, ऋत, सत्य, शुद्ध, निर्दोष |
ठीक आना |
उचितप्रतीतिः |
ठीक रूप से |
अञ्जसा |
ठीकरा |
मृत्पात्रखण्डः |
ठुड्डी, ठोढ़ी |
चिबुकम्, हनुः |
ठुमकना |
सगर्वचलनम् |
ठूंठ |
कन्दः, कन्दम्, स्थाणुः |
ठेका |
समयः, पणः, संश्रयः, निवासस्थानम् |
ठेकेदार |
कृतसंविद्, नियमकृत्, पणकर्ता |
ठेपी |
कूपीछिद्रपिधानम् |
ठेलना |
करादिना अग्रेकरणम्, हस्तादिना |
ठेस |
आघातः, प्रहारः |
ठोकना |
ताडनम् |
ठोकर |
अभिघातः, पादप्रहारः, पादाघातः,
ताडनम्, पातः |
ठोड्डी |
(स्त्री.)हनुः, चिबुकम् |
ठोस |
घन, संहत |
डंक |
दंशः, कण्टकः |
डंका |
ढक्का, दुन्दुभिः |
डंठल |
वृन्तम् |
डंडा |
दण्डः, लगुडः, यष्टिः |
डंडा (बाँस का) |
वेत्रयष्टिः |
डंस, डांस |
मशकः |
डकार |
उद्गारः |
डग |
पादम्, पादन्यासः |
डगमगाहट |
प्रकंपः, वेपथुः, प्रस्खलनम्, विचलनम्, विक्षोभः, चित्तवैकल्यम्,
धृतिनाशः |
डपट |
निर्भर्त्सना, वाग्दंडः |
डपटना |
तर्जनम्, निर्भर्त्सनम् |
डबलरोटी |
अभ्यूषः |
डब्बा |
दृढकर्गल-पेटकः, सम्पुटः, काष्ठपेटकः |
डर |
भयम्, त्रासः, सन्त्रासः, आशंका, (स्त्री.) भीतिः, साघ्वसम् |
डरना |
बिभेति, विजते |
डरपोक |
भीरुः, अशूरः, कातरः |
डरा हुआ |
भीत, संत्रस्त |
डराना |
त्रासनम् |
डरावना |
भयङ्कर, भीम, भीषण, भयानक |
डसना |
दंशनम्, ग्रसते |
डस्टर |
मार्जकः |
डाँट |
तर्जनम्, तर्जितम्, वाग्दंडः |
डांटना |
तर्जयति, भर्त्सयति |
डांठ |
काण्डः, काण्डम्, नालः, नालम्, वृन्तम् |
डांड़ |
दण्डः, नौकादण्डः, प्राकारः |
डांवांडोल |
स्खलितगति, अस्थिर |
डांस |
दंशः |
डाइंगरूम |
भोजन गृहम् |
डाइरेक्टर |
संचालकः,निदेशकः |
डाक |
पत्र-वाहनम् |
डाक-घर |
पत्र-स्थानम्, पत्रालयः |
डाका |
लुण्ठकाक्रमणम् |
डाकिया |
पत्रवाहकः |
डाकू |
पाटच्चरः, दस्युः, लुण्ठकः, बलाद्धनापहारकः, पाटच्चरः |
डाटा |
टंकितांश: |
डाढ़ |
दंष्ट्रा |
डायन |
डाकिनी |
डायरी |
दैनन्दिनी, दिनपत्रिका, स्मरणपुस्तकम् |
डायविटीज |
मधुमेहः |
डाली |
शाखा |
डाह |
ईर्ष्या, मत्सरम्, द्वेषः |
डाही |
मत्सारी, परसुखद्वेषी |
डिक्शनरी |
कोषः, शब्दसंग्रहः, अभिधानम् |
डिग्री |
राजाज्ञा, आदेशः, विधिः, व्यवस्था, व्यवस्थापत्रम्, उपाधिः |
डिनरपार्टी |
सहभोजः |
डिप्टी डायरेक्टर |
उपशिक्षासंचालकः |
डिफाल्ट |
पूर्वनिविष्ठम् |
डिब्बा |
डब्बा |
डिब्बा (रेलगाड़ी का) |
शकटः |
डिस्प्ले |
प्रदर्शनम् / विन्यास: |
डींग |
आत्मश्लाघा, दर्पः, गर्वः |
डील |
आकारः, उच्चता, परिमाणम् |
डुगडुगी |
डिंडिमः, लघुपटहः |
डुबकी |
निमज्जनम्, अवगाहः, प्रवेशः |
डुलाना |
चालनम् |
डूबना |
निमज्जनम् , मज्जति |
डेढ़ |
सार्द्धैक |
डेरा |
निवासः, आवासः, आलयः |
डेस्क |
लेखनपीठम् |
डोर, डोरी |
रज्जुः, गुणः, तन्त्रम्, तन्त्री |
डोरा |
सूत्रम्, तन्तुः, गुणः, तन्त्रम् |
डोल |
उदञ्चनम् |
डोली |
दोला, शिविका |
ड्राइंग रूम |
उपवेशगृहम् |
ड्राइवर |
वाहकः, चालकः |
ड्राई क्लीनर |
निर्णेजक: |
ड्रेसिंग टेबल |
श्रृंगारफलकम् |
ढंग |
प्रकारः, विधिः, रूपम्, मार्गः, पर्यायः, क्रमः |
ढंढोरा |
घोषणा |
ढकना |
आवरणम्, आच्छादनम्, छादयति, जालयति, निवासयति |
ढ़कना |
अपदधाति |
ढकोसला |
व्यर्थाडम्बरम्,पाखण्डः |
ढनमनाना |
लुठनम् |
ढमढम |
पटहनादः, ढमढमध्वनिः, ढमढमायितम् |
ढलमलाना |
प्रस्खलनम्, विचलनम् |
ढांचा |
निर्माणम् |
ढांपना |
प्रावरणम् |
ढाई |
सार्द्धद्वय |
ढाक |
पलाशः |
ढाल |
ढालम्, फलकः, फलकम्, निम्नता, प्रावण्यम् |
ढालना |
प्रक्षेपणम् |
ढिंढोरा |
डिण्डिमः, ढंढोरा, घोषणा |
ढिठाई |
धृष्टता |
ढीठ |
धृष्ट, निर्लज्ज, प्रगल्भ, अविनीत |
ढीला |
शिथिल, अदृढ |
ढूंढना |
अन्वेषणम् |
ढेर |
राशिः, चितिः, सञ्चयः, पुञ्जः, गणः, ओघः, पर्याप्त, विपुल, राशिः |
ढेलवांस |
पोलः, गोफणा, सृगः |
ढेला |
लोष्टम्, लोष्ठः, मृत्खंडः |
ढोंग |
पाखण्डः, प्रपञ्चः |
ढोंगी |
वञ्चक, छाद्मिक, कपटिन् |
ढोना |
वहनम् |
ढोल |
पटहः, दुन्दुभिः |
ढोलक |
ढौलकः, ढोलः, मृदङ्गः, डिंडिमः |
ढोलकिया |
ढोलकवादकः, पटहताडकः |
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