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यूनिकोड हिंदी फ़ॉन्ट के विशेष वर्ण टाइप करने की शिक्षा

हमलोग जैसे जेल पेन, वॉल पेन,नीब के पेन, पेंसिल, स्केच आदि कई माध्यम से कागज पर लिखते हैं वैसे ही अनेक तरह के कीबोर्ड के माध्यम से कम्प्यूटर पर देवनागरी लिपि में हिन्दी, संस्कृत,मराठी या अन्य भाषाओं को लिख सकते हैं। अन्तर वही है, जो एक कलम, पेंसिल या स्केच में है। आप इस भ्रम में मत आ जायें कि कम्प्यूटर के इस कीबोर्ड के आकार-प्रकार में कोई अंतर होता है। बल्कि इसे कम्प्यूटर में इन्सटाल किया जाता है। प्रचलित भाषा में इसे हिन्दी लेआउट कीबोर्ड कहते हैं। राज्य या केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों, निगमों और एजेंसियों के डाटा एन्ट्री आपरेटर/ आई.टी. आपरेटर/सहायक ग्रेड-3/ शीघ्र लेखन/स्टेनो टायपिस्ट तथा इसी प्रकार के अन्य पदों की परीक्षा में हमें कीबोर्ड चयन का विकल्प उपलब्ध कराया जाता है। इसमें रेमिंगटन टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड, रेमिंगटन (गेल) लेआउट कीबोर्ड , इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड मुख्य है। टाइपिंग सिखाने वाले संस्थान भी इन्हीं कीबोर्ड पर टाइप करना सिखाते हैं।
       रेमिंगटन टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड के माध्यम से कंप्‍यूटर पर हम कृतिदेव, अमर, चान्दनी आदि अनेक फान्ट के माध्यम से टाइप करते रहे हैं। ये फॉन्ट इन्टरनेट समर्थित नहीं हैं। अर्थात् जब हम कृतिदेव जैसे फॉन्ट को इन्टरनेट पर टाइप करते हैं तो इसके अक्षर में परिवर्तन हो जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए रेमिंगटन टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड से मिलता जुलता एक लेआउट बनाया गया,जिसमें टाइप करने में अक्षरों के स्थान में अन्तर नहीं होता है। इसे रेमिंगटन (गेल) लेआउट कीबोर्ड कहते हैं। यह कीबोर्ड इन्टरनेट द्वारा समर्थित है। इसपर आप मंगल जैसे अनेक इन्टरनेट समर्थित फॉन्ट का प्रयोग करते हुए टाइप कर सकते हैं। यूनीकोड फॉन्ट में टाइप किया मैटर को किसी भी कम्प्यूटर या इंटरनेट से जुड़े फोन आदि संसाधन पर देखा जा सकता है। अर्थात् इसमें फॉन्ट की वैसी आवश्यकता नहीं होती जैसे कि कृतिदेव आदि की हो जाती है। इस कीबोर्ड को आप इंडिया टाइपिंग के वेबसाइट से डाउनलोड कर अपने कम्प्यूटर में इंस्टाल कर लें। यह सुनिश्चित कर लें कि आपके कम्प्यूटर में कौन सा विंडो इंस्टाल है और वह कितने विट का है। कम्प्यूटर में इंस्टाल हो जाने के बाद विंडो के टास्कबार के लैंग्वेज बार पर जाकर इंडिक इनपुट 2 का चयन कर लें। सेटिंग में जाकर इस कीबोर्ड का चयन कर लें। टाइप करके देख लें। अधिक जानकारी के लिए इंडिया टाइपिंग से सहायता लें।
   मेरा सुझाव है कि आप यदि टाइपिंग सीखने जा रहे हैं तो इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड पर अभ्यास करें। इसके लिए आपको अलग से कोई भी साफ्टवेयर डाउनलोड करने की आवश्कता नहीं है। रेमिंगटन टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड या अन्य इस प्रकार के कीबोर्ड का उपयोग करना आसान नहीं है। इन्स्क्रिप्ट लेआउट को छोड़कर अन्य लेआउट उन लोगों के लिए थोड़ा सा आसान दिखता है,जो पहले से अंग्रेजी फॉन्ट या कृतिदेव पर टाइप करते रहे हैं। भारतीय भाषाओं में यूनीकोड में टाइपिंग के लिए सबसे अच्छा और अपने आप में पूर्ण लेआउट देवनागरी इन्स्क्रिप्ट है।
इन्स्क्रिप्ट लेआउट को 1986 में सीडैक द्वारा मानकीकृत किया गया। निश्चित नियम पर आधारित होने के कारण इसे याद करना भी आसान है। यदि किसी ने हिन्दी वर्णमाला का ठीक से अभ्यास किया है, वह इसे आसानी पूर्वक समझ सकता है। संस्कृत की जानकारी रखने वालों के लिए और भी आसान है।  मैं स्वयं देवनागरी इन्स्क्रिप्ट लेआउट पर टाइप करता हूँ। 
इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड और फॉन्ट के बारे में मैंने इसी ब्लॉग पर विस्तार पूर्वक लेख लिख दिया है। अपने कम्प्यूटर में इस कीबोर्ड को लगाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया को करें-
1. Control panel में जायें।
2. यहाँ Region and Language पर क्लिक करें।
3. यहाँ keyboards and Language पर क्लिक करें।
4. change keyboards पर क्लिक करें।
5. Add पर क्लिक करें। क्लिक करते ही आपके सामने कई भाषाओं की लिपियाँ सामने है। इसमें से आप
6.  + Hindi (india) के + पर क्लिक करें।
7. +  keyboard के + पर क्लिक करें।
8. यहाँ Devanagari –INSCRIPT का चयन करें।
9. ok, Apply,ok बटन दबायें। विंडो के चास्कबार को देखें यहाँ आपको HI लिखा मिलेगा। अह आप देवनागरी में हिन्दी, संस्कृत आदि भाषा टाइप कर सकेंगें।
          इस लेख में हम इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड पर विशेष वर्ण या अक्षर टाइप करने की शिक्षा प्राप्त करेंगें। संस्कृत व्याकरण का पाठ लिखते समय मुझे विशेष आकृति के अंकन में असुविधा हुई, जिसके कारण मैंने यह लेख लिखने का निश्चय किया ताकि देवनागरी लिपि में लिखने वाले, विशेषकर संस्कृत के लोगों को असुविधा नहीं हो। पिछले पोस्ट में मैंने अब बहुत सारे यूनिकोड फॉन्ट से परिचय कराया था। इस पोस्ट में मैं आपको रेमिंग्टन गेल कीबोर्ड लेआउट से बनने वाले उन देवनागरी यूनीकोड (हिन्दी अक्षरों) की जानकारी दूँगा, जो अक्षर, कीबोर्ड पर उपलब्ध नहीं होते हैं। ऐसे अक्षरों को बनाने या टाइप करने के दो तरीके हैं। कुछ अक्षर 2 अक्षरों को मिलाकर बनाया जाता है। इसे संयुक्ताक्षर कहा जाता है। यूनिकोड फॉन्ट यह सुविधा देता है कि हम एक से अधिक अक्षरों को मिलाकर एक संयुक्त अक्षर बना सकते हैं। ये संयुक्ताक्षर व्यंजन वर्ण होते हैं। संस्कृत पढ़े लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि संयुक्त स्वर और संयुक्त व्यंजन वर्ण का निर्माण कैसे होता है। दूसरा विकल्प हमें आल्ट बटन और कोड (Alt + codeको जोड़कर बनाने की सुविधा देता है। ऐसे अक्षर जिसे जोड़ कर नहीं बनाया जा सकता है उसे हम आल्ट बटन के साथ कोई कोड संख्या दबाकर बनाते हैं। 
      आगे हम देखते हैं कि किस प्रकार संयुक्त वर्ण बनाए जाते हैं और किस प्रकार आल्ट बटन (Alt key) की सहायता से कुछ अक्षर बनाए जा सकते हैं। यूनिकोड फॉन्ट के अक्षर को बनाते समय हमें संस्कृत व्याकरण की सामान्य जानकारी होनी चाहिए। उसके अनुसार हम आसानी से समझ सकते हैं कि इन अक्षरों को कैसे बनाया जाता है। यह बिल्कुल ही आसान है।
हलंत के प्रयोग से संयुक्त अक्षर बनाना
      हम जब दो संयुक्त व्यंजन वर्णों या कभी कभी दो से भी अधिक संयुक्त व्यंजन वर्णों को एक साथ जोड़ते हैं तो एक संयुक्ताक्षर का निर्माण होता है। संस्कृत भाषा में अधिकाधिक संयुक्त वर्णों का प्रयोग होता है। यही सिद्धांत मंगल फॉन्ट या यूनिकोड फॉन्ट पर लागू होता है। इनमें से कुछ अक्षर इंस्क्रिप्ट और रेमिंग्टन गेल कीबोर्ड पर उपलब्ध भी हैं। जैसे -
क् + ष = क्ष,    त् + र  = त्र,    ज् + ञ = ज्ञ
इस प्रकार के संयुक्त अक्षरों की संख्या सीमित है।
कुछ ऐसे अक्षर जिन्हें हम हलंत वर्ण से अथवा अन्य तरीके से नहीं बना सकते, उसके लिए हम Alt बटन दबाकर एक कोड अंकित करते हैं, जिससे एक आकृति (सिंबल)  बनती है। हम इनमें से जिन आकृतियों का बार- बार प्रयोग करते हैं, उसका कोड दिया जा रहा है। टंकक इसे याद कर लें। उदाहरण के लिए Alt बटन दबाकर जब हम 0147 अंक दबाते हैं तो इससे घुमावदार इनवर्टेड कॉमा (“)बनता है। आप स्वयं करके देख लें।  नीचे आल्ट के साथ कोड दिया गया है। इससे बनने वाले सिंबल भी दिए गए हैं। इसकी सहायता से आप टाइपिंग स्पीड बढ़ा सकते हैं। आज अनेक यूनीकोड फॉण्ट प्रचलन में है। यूनीकोड फॉण्ट की बनावट यद्यपि एक ही होती है फिर भी मंगल और अन्य फान्ट के अक्षर कभी - कभी दिखने में अलग प्रतीत होता है। जैसे- द्वितीय और द्वितीय ।
इनमें से अवग्रह जैसे कुछ आकृतियों का ऑनलाइन टाइप करने पर सफलता नहीं मिलती। इसके लिए इन आकृतियों को वर्ड पर टाइप कर पुनः ऑनलाइन पेस्ट किया जा सकता है। संस्कृत में उदात्त, अनुदात्त तथा दण्ड लेखन में भी लिपियों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार के विशेष चिह्न अंकित करने के लिए सिंबलकोड दिये जा रहे हैं। इस सिंबल का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकता अतः क अक्षर के बाद सिंबल का प्रयोग किया गया है। विंडो 10 के साथ sanskrit text नामक फान्ट आया है। इस फान्ट की सहायता से वेद मंत्रों में प्रयुक्त होने वाले कुछ अतिरिक्त सिंवल को जोड़ा गया है। जैसे-  ᳬ ᳪ ᳫ ᳯ

Alt + code     आकृति


Alt + 033         !            Alt + 0145   ‘
Alt + 034                         Alt + 0146      ’
Alt + 042      *                  Alt + 0147      “
Alt + 043     +                 Alt + 0148      ”
                                       Alt + 0149        •
Alt + 044          ,             Alt + 0150        –
Alt + 045          -                Alt + 0185      ¹      
Alt + 046          .                Alt + 2365       
Alt + 047          /                    
Alt + 059          ;
Alt + 061          =
Alt + 063          ?
Alt + 02400        ॠ 
Alt + 2372         कॄ
Alt + 2384          
Alt + 2385       क॑    (उदात्त)
Alt + 2386       क॒    (अनुदात्त)
Alt + 2386       क।   (दण्ड)
Alt + 2386       क॥   (डबल दण्ड)
Alt + 2402          कॢ
Alt + 2403          कॣ


अक्षर का नाम
अक्षर
Win XP ALT Code
DEVANAGARI SIGN CANDRABINDU
कँ
ALT+2305
DEVANAGARI SIGN ANUSVARA
कं
ALT+2306
DEVANAGARI SIGN VISARGA
कः
ALT+2307
DEVANAGARI SIGN NUKTA
क़
ALT+2364
DEVANAGARI SIGN AVAGRAHA
कऽ
ALT+2365
DEVANAGARI VOWEL SIGN AA
का
ALT+2366
DEVANAGARI VOWEL SIGN I
कि
ALT+2367
DEVANAGARI VOWEL SIGN II
की
ALT+2368
DEVANAGARI VOWEL SIGN U
कु
ALT+2369
DEVANAGARI VOWEL SIGN UU
कू
ALT+2370
DEVANAGARI VOWEL SIGN VOCALIC R
कृ
ALT+2371
DEVANAGARI VOWEL SIGN VOCALIC RR
कॄ
ALT+2372
DEVANAGARI VOWEL SIGN VOCALIC L
कॢ
ALT+2402
DEVANAGARI VOWEL SIGN VOCALIC LL
कॣ
ALT+2403
DEVANAGARI VOWEL SIGN CANDRA E
कॅ
ALT+2373
DEVANAGARI VOWEL SIGN SHORT E
कॆ
ALT+2374
DEVANAGARI VOWEL SIGN E
के
ALT+2375
DEVANAGARI VOWEL SIGN AI
कै
ALT+2376
DEVANAGARI VOWEL SIGN CANDRA O
कॉ
ALT+2377
DEVANAGARI VOWEL SIGN SHORT O
कॊ
ALT+2378
DEVANAGARI VOWEL SIGN O
को
ALT+2379
DEVANAGARI VOWEL SIGN AU
कौ
ALT+2380
DEVANAGARI SIGN VIRAMA
क्
ALT+2381
DEVANAGARI STRESS SIGN UDATTA
क॑
ALT+2385
DEVANAGARI STRESS SIGN ANUDATTA
क॒
ALT+2386
DEVANAGARI GRAVE ACCENT
क॓
ALT+2387
DEVANAGARI ACUTE ACCENT
क॔
ALT+2388
DEVANAGARI DANDA
क।
ALT+2404
DEVANAGARI DOUBLE DANDA
क॥
ALT+2405
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यूनिकोड हिन्दी फॉन्ट

    प्रौद्योगिकी ज्ञान आज की आवश्यकता है। इंटरनेट का जाल विस्तृत हो रहा है। कई योजनाओं के संचालन करते समय युवाओं में ई- साक्षरता का अभाव मुझे काफी चिंतित और परेशान भी किया। जिस कार्य को हम सहजता से कम समय में पूरा कर सकते हैं ,वही कार्य मैनुअल करने पर काफी समय लगता है और अधिक मानव श्रम भी। अतः आज के समय में डिजिटल साक्षर होना अति आवश्यक है। आज के समय में किसान, व्यापारी, छात्र आदि सभी समूह को कम्प्यूटर और मोबाइल के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान करना पड़ता है। छोटे- छोटे काम के लिए लोगों को भारी मूल्य चुकाना पड़ता है। अतः कम्प्यूटर और मोबाइल के बारे में सामान्य जानकारी रखने में ही भलाई है।

फॉन्ट की भूमिका

    स्कूल के बच्चे भी ऐसा प्रोजेक्ट बनाना चाहते हैं, जो अन्य छात्र के प्रोजेक्ट से अधिक आकर्षक हो। स्कूल के अध्यापक, शोधार्थी तथा अन्य क्षेत्र के लोग अपनी बात पावर प्वाइंट पर प्रोजेक्ट बनाकर प्रस्तुत करते हैं। इसमें फॉन्ट की महती भूमिका होती है। यह आपके स्लाइड, पुस्तक, पत्रिका आदि में चार चांद लगाने का काम करते हैं।
डिजिटल विषयों को डिजिटल माध्यम से शिक्षित करना आसान तरीका है। सूचनाओं के आदान- प्रदान में अक्षर, चित्र तथा ध्वनि का उपयोग किया जाता है। कम्प्यूटर में अक्षर को फॉन्ट के माध्यम से लिखा जाता हैं। कई बार हम फॉन्ट की समस्या से जूझते हैं। खासकर तब जब कोई आकर्षक ग्राफिक्स बनाना हो तथा उस डाटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ले जाना हो। दूसरे कंप्यूटर में वहीं फॉन्ट नहीं होने के कारण हमारी फाइलें अनुपयोगी हो जाती है। यूनिकोड फॉन्ट में यह समस्या नहीं रहती। आज प्रत्येक के लिए यूनिकोड फॉन्ट के बारे में जानना अत्यंत उपयोगी है। फॉन्ट आपके पुस्तकों, ग्राफिक्स आदि को आकर्षक बनाता है। मैंने अपने ब्लॉग पर भी अलग- अलग फॉन्ट का उपयोग करना आरंभ कर दिया है, जो देखने में बहुत ही आकर्षक है।

संस्कृत लिखने के लिए अधिक उपयोगी है यूनीकोड फॉन्ट

संस्कृत भाषा पर काम करने वालों के लिए यूनिकोड फॉन्ट बहुत ही सहायक सिद्ध होता है। मंगल, उत्साह, एरियल एम एस, सरला, संस्कृत सहित लगभग सभी फाॅन्ट में अवग्रह ऽ के चिह्न मिल जाते हैं। यूनीकोड संस्कृत 2003 तथा संस्कृत टेक्स्ट सहित अन्य यूनीकोड फॉन्ट में ह्रस्व तथा दीर्घ  ॢ ॣ  मिल जाते हैं। यहाँ    चिह्न भी मिलता है। संयुक्ताक्षर की बात करें तो सैंकड़ों प्रकार के जटित संयुक्ताक्षर भी मिलेंगें , जो वेद मंत्र लिखने से लेकर संस्कृत के लिए उपयोगी है। जैसे- ,          आदि । इसके लिए आपको कैरेक्टर मैप मैं जाकर इसे ढूंढना होगा। वेद मंत्रों में प्रयुक्त होने वाले चिह्न जिह्वामूलीय, उपध्मानीय सभी प्रकार के  आदि के चिन्ह यहां नहीं मिलते। अवग्रह ऽ चिह्न सहित अन्य सुविधा आपको मोबाइल में भी मिल सकती है। 

फॉन्ट किसे कहते हैं?

        अक्षरों की बनावट तथा आकार विशेष को फॉन्ट कहते हैं। इसे आप मुद्रलिपि भी कह सकते हैं। जैसे प्रत्येक व्यक्ति जैसे प्रत्येक व्यक्ति का हस्तलेख अलग-अलग होता है वैसे ही प्रत्येक फॉन्ट की आकृति अलग- अलग होती है। कम्प्यूटर में फॉन्ट कलम का स्थान ले लिया है। 
    कुछ फॉन्ट अत्यन्त आकर्षक होते हैं। अलग – अलग प्रयोजन के लिए अलग- अलग फॉन्ट का उपयोग किया जाता है। पुस्तक प्रकाशन के लिए कुछ फॉन्ट महत्वपूर्ण होते हैं तो कुछ फॉन्ट ग्राफिक्स डिजायन के लिए। बैनर, होर्डिंग में मोटे अक्षर के फॉन्ट का प्रयोग किया जाता है। पुस्तक के मूल भाग में किये गये फॉन्ट प्रयोग से अलग फॉन्ट का प्रयोग मुख्य पृष्ठ, शीर्षक आदि में किया जाता है। फॉन्ट को हम कीबोर्ड पर टाइप करते हैं। पारम्परिक कीबोर्ड की तरह ही रेमिंग्टन टाइपराइटर हिंदी कीबोर्ड तथा रेमिंग्टन गेल हिंदी कीबोर्ड का लेआउट होता है। इसपर कृतिदेव टाइप करते हैं। कृतिदेव या ऐसे फॉन्ट जिसका प्रयोग इन्टरनेट पर नहीं होता उसे हम इन्स्क्रिप्ट-की बोर्ड ले आउट पर टाइप नहीं करते। कृतिदेव जैसा फॉन्ट देखने में तो हिन्दी का अक्षर दिखता है, परन्तु इसका बैकगाउन्ड अंग्रेजी होता है। (कृतिदेव पर टाइप किया इन्टरनेट पर पोस्ट कर देखें) कृतिदेव पर टाइप किये आलेख को किसी टूल्स (परावर्तक) की सहायता से यूनीकोड में परिवर्तन करते हैं। इसके लिए कई ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध हैं। यूनीकोड फॉन्ट का प्रयोग इन्टरनेट के साथ अन्य प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है। अब अनेक आकृतियों वाला यूनीकोड फॉन्ट उपलब्ध होने लगा है। इसके बारे में आगे जानकारी दी जा रही है। टाइपिंग की परीक्षा देते समय कीबोर्ड चयन का विकल्प मिलता है। आपको परीक्षा का ध्यान रखते हुए कीबोर्ड पर टाइपिंग का अभ्यास करना चाहिए। पत्रिका, पुस्तक, पम्पलेट, फोटो आदि में कोरल, फोटोशाप, पेजमेकर का प्रयोग किया जाता है। ये साफ्टवेयर यूनिकोड समर्थित नहीं होते। इन्स्क्रिप्ट-की बोर्ड भारतीय भाषाओं को लिखने में बहुत उपयोगी है। इसपर भी टाइप करने का अभ्यास करना चाहिए।

Inscript Hindi Keyboard- इन्स्क्रिप्ट-की बोर्ड ले आउट –


इनस्क्रिप्ट का अर्थ है इण्डियन स्क्रिप्ट। भारतीय शब्द प्रारूप । भारतीय भाषाओं को कंप्यूटर पर टाइप करने के लिए सीडेक ने इसे विकसित किया गया है। भारत सरकार द्वारा भारतीय लिपियों के लिये मानक के रूप में स्वीकार किया गया है। इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड विंडोज,लिनक्स आदि आपरेटिंग सिस्टम में संलग्न रहता है। अब मोबाइल में भी यह सेवा उपलब्ध है अतः इसे इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होती है। मोबाइल में हिन्दी फॉन्ट बदलने की जानकारी भी आगे दी जा रही है। मोबाइल में लिखा जाने वाला हिन्दी फॉन्ट यूनिकोड पर आधारित होते है। कृतिदेव टंकण में दो चीजों की आवश्यकता होती है। 1. हिन्दी कीबोर्ड लेआउट और 2. हिन्दी टाइपिंग शार्टकट की कोड को याद रखना। इन्स्क्रिप्ट-की बोर्ड ले आउट में शार्टकट की कोड याद रखने की आवश्यकता नहीं रहती, क्योंकि यहाँ हलन्त व्यंजन वर्ण लिखने के लिए उस वर्ण के बाद d बटन दबाना पड़ता है। हलंत वर्ण का उपयोग कर संयुक्ताक्षर बना लेते हैं। 
यही कारण है कि यह संस्कृत लेखन के लिए अत्यंत उपयोगी है। अपने कम्प्यूटर में इन्स्क्रिप्ट-की बोर्ड चालू करने के लिए निम्न चरणों को अपनायें।
1. स्टार्ट बटन दबाकर कन्ट्रोल पैनल में जायें।
2. रीजन एण्ड लैंग्वेज का चयन कर उसपर क्लिक करें।
3. कीबोर्ड्स एण्ड लैंग्वेज का चयन कर चेंज कीबोर्ड पर क्लिक करें।
4. एड बटन दबायें। सूची में से हिन्दी (इंडिया को चुनें)
5. इस पर क्लिक कर की बोर्ड पर क्लिक कर देवनागरी इन्स्क्रिप्ट को चुनें।
6. ओके, अप्लाय, ओके बटन दबायें। तो अब देर किस लिए अपने कंप्यूटर पर सीधे यूनिकोड टाइप करें। यूनिकोड में किया गया टाइप सामग्री को किसी भी भाषा में आसानी से अनुवाद किया जा सकता है, जबकि कृति देव, चाणक्य, अमर जैसे फॉन्ट इंटरनेट समर्थित नहीं है अतः इसमें टाइप की सामग्री को हम किसी दूसरी भाषा में अनुवाद नहीं कर सकते हैं। 
आपके कम्प्यूटर में इन्स्क्रिप्ट-की बोर्ड चालू हो गया। आल्ट+ शिप्ट बटन एक साथ दबाकर आप कीबोर्ड बदल सकते हैं। कुछ यूनीकोड फॉन्ट आपके कम्प्यूटर में विंडोज के साथ ही लगा है। इसकी जानकारी नीचे दी गयी है। अब आप अधोलिखित शेष फान्ट में से मनचाहा फॉन्ट को अपने कम्प्यूटर में डाउनलोड कर लें। इस लेख में 100 से अधिक यूनिकोड फॉन्ट और उसे डाउनलोड करने  के लिए लिंक दिया गया है। 

माइक्रोसाफ्ट विंडोज में उपलब्ध यूनीकोड फॉन्ट

फान्ट का नाम

मंगल, कोकिला, अपराजिता , उत्साह ,एरियल यूनीकोड एम एस

अन्य उपयोगी फान्ट
छान्दस् ,कालीमाटी,गार्गी, लोहित देवनागरी। इस फाॅन्ट को आप इस लिंक पर जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। 
उपर्युक्त लिंक पर कुल 10 हिन्दी यूनीकोड फॉन्ट उपलब्ध हैं। इसमें से लोहित देवनागरी, sarai, सम्यक् देवनागरी, समानता, सहदेव एवं नकुल फॉन्ट इन्डिया टाइपिंग के साइट पर भी उपलब्ध है। यह साइट भारतीय भाषा तथा लिपि पर काम करने वाले के लिए उपयोगी है।
    हिन्दी यूनीकोड के लिए गूगल ने भी कुछ फॉन्ट जारी किये हैं। इसमें हिन्द, Noto sans, poppins, Rajadhani, khand, yantra manav, sumana, Glegoo, Martel, Pragati, Narrow, Khula आदि मुख्य हैं। यहाँ फॉन्ट का पूर्वावलोकन भी दिया गया गया है। कौन – कौन फॉन्ट कितने स्टाइल में हैं, इसका भी उल्लेख यहाँ किया गया है। फॉन्ट डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। यहाँ से फॉन्ट डाउनलोड करना निःशुल्क है।

    इन्डिया टाइपिंग अपने साइट पर 50 से अधिक हिन्दी यूनीकोड फॉन्ट को उपलब्ध कराया है। यहाँ अच्छे फॉन्ट का संकलन है, जो आपके समय को बचाता है। कुछ फॉन्ट के नाम से ही असके आकृति के बारे में पूर्वानुमान हो जाता है। जैसे- कलम

निःशुल्क फॉन्ट डाउनलोड करने हेतु इस लिंक पर क्लिक करें-
यह वेबसाइट भारतीय भाषाओं में विशेषकर हिन्दी में काम करने वाले के लिए अधिक उपयोगी है।

मोबाइल में फॉन्ट स्टाइल बदलना

मोबाइल की सेटिंग में जायें। मीनू में से डिस्प्ले पर क्लिक करें। यहाँ फान्ट की सूची आएगी। इसमें से कोई भी फॉन्ट का चुनाव कर सेट कर लें। यदि इनमें से कोई भी फॉन्ट अच्छा नहीं लग रहा हो तो प्ले स्टोर में जाकर ifont (Expert of fonts) एप को डाउनलोड कर लें। इसमें भाषा का चयन करें, इच्छित फॉन्ट डाउनलोड कर सेट कर लें। आप देखेंगें कि आपके मोबाइल के फॉन्ट की सूची में डाउनलोड किये फॉन्ट की सूची भी जुड़ चुकी है।

फान्ट से जुडा मेरा  एक अन्य लेख  पढ़ने के लिए ‘यूनीकोड हिन्दी फॉन्ट के विशेष वर्ण टाइप करने की शिक्षा’ पर क्लिक करें।

भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी विकास का वेबसाइट
http://tdil.meity.gov.in/
http://tdil.meity.gov.in/Related_Links/Related_Links.aspx
http://www.hindietools.com/2016/11/Hindi-and-Indian-Languages-Tools-and-Technics.html

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