कवि
बल्लाल के जिस भोज प्रबन्ध के कथानकों की चर्चा मैं यहाँ कर रहा हूँ,
वह ऐतिहासिक न होकर एक गप्प का पुलिंदा भी हो सकता है। बल्लाल ने कई
कवियों के सुभाषितों को एक कथा सूत्र में पिरोकर कथानक को रुचिकर एवं शिक्षाप्रद
बना दिया है। बल्लाल की यह रचना आधुनिक तथा कथित प्रगतिशील रचनाकारों को...