नित्यमानन्दमयं
शान्तं निर्विकल्पं निराकारम् ।
शिवतत्त्वमनाद्यन्तं
ये विदुस्ते परं गताः ।।यतो वाचो
निवर्तन्ते अप्राप्य मनसा सह ।
तदेवं परमं
प्रोक्तं ब्रह्मैव शिवसंज्ञकम् ।।
जिस
पर शिव कृपा करते हैं, वही शिव तत्व को जान पाता है।सूचना- यह लेख व्याख्यान के रूप में वैश्विक संस्कृत मंच पर दिया गया था, जिसे लेख के रूप में यहाँ उपस्थित किया जा रहा है।
वैदिक
सिद्धान्त...