व्यापार
करने वाला वणिक् होता है। व्यापार वस्तु का हो या ज्ञान का फर्क विल्कुल नहीं है।
दोनों अपने लाभ के लिए कार्य करते है। संस्कृत क्षेत्र में ज्ञानपण्यों की कमी
नहीं। मैंने संस्कृत से जुडे कार्यक्रमों
में इनसे सहयोग की अपेक्षा की। आशा थी जिस प्रकार इन्होनें अपने गुरु से निःशुल्क
शिक्षा प्राप्त की वैसे ही निःशुल्क...