अथ कन्यापिता विवाहात्पूर्व चन्द्रतारानुकूले शुभे दिने स्नात्वा नित्यकर्मं विधाय नवमहतं वासः परिधाय एकान्तविष्णुमन्दिरं गत्वा स्वासने प्राङ्मुख उपविश्य
स्वदक्षिणतः संस्कार्य कन्यां चोपवेश्य दीपं प्रज्वाल्य आचम्य स्वस्तिवाचनशान्ति
पाठादिकं कृत्वा सुमुखश्चेति गणेशादिस्मरणानन्तरं संकल्पं कुर्यात् ।
तद्यथा-अद्येह ममामुकगोत्रायाः अमुकराशेरस्याः कन्याया...
अर्क विवाह विधि
तीसरा मानुषी विवाह से ४, ५ दिन पहले रविवार या शनिवार हस्त नक्षत्र या अन्य किसी शुभ
दिन में गाँव से पूर्व या उत्तर दिशा की ओर एकान्त स्थान में फूल,
पत्ती, फल से परिपूर्ण मदार के पेड़ के नीचे गोबर से लीपकर वहां
मण्डल बना कर सभी सामग्री एकत्रित कर मदार वृक्ष के पश्चिम की ओर आसन बिछा कर
बैठे। आचमन प्राणायाम करके गुरु के बनाये ग्रहमण्डल में स्वस्त्ययन गणेश...