आश्विन
शुक्ल पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसी दिन कोजागर व्रत भी
धूमधाम से मनाया जाता है। कोजागर का ही अपभ्रंश नाम कोजगरा है। आश्विन मास की पूर्णिमा को कौमुदी भी कहा जाता
है।
यह पूर्णिमा पहले दिन आधी रात तक हो तो
पहले ही दिन व्रत करें। यदि दूसरे दिन पूर्णिमा...
करक चतुर्थी / करवा चौथ
चार्वाक दर्शन 2
सायण माधव (14 वीं शती ई.) रचित ‘सर्वदर्शनसंग्रह’ के प्रारम्भ में ही चार्वाक दर्शन वर्णित है । उन्होंने
सम्पूर्ण चार्वाक दर्शन को क्रमबद्ध कर प्रस्तुत किया है-
http://www.sanskrit.nic.in/DigitalBook/S/Sarvadarsana.pdf
अथ कथं परमेश्वरस्य निःश्रेयसप्रदत्वभिधीयते । बृहस्पतिमतानुसारिणा
नास्तिकशिरोमणिना चार्वाकेण तस्य दूरोत्सारितत्वात् । दुरुच्छेदं हि...