छठी शताब्दी
से लेकर आज तक कालिदास के ऊपर बहुत कुछ कहा, सुना और लिखा जा चुका है फिर भी कालिदास के बारे में बहुत
कुछ कहना और सुनना शेष रह जाता है। संस्कृत साहित्य में वाल्मीकि के बाद कालिदास
एक ऐसे कवि हैं, जिनके काव्यों का अनेक भाषाओं में अनुवाद है और समालोचकों के द्वारा प्रशंसित
भी हुआ ।
आप सब कालिदास
की जीवनी तथा उनकी रचनाओं से लगभग परिचित होंगे।...