संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तर (खंड 3) विषय ज्ञान

(खण्ड 3)

विषय

व्याकरण 

संज्ञा सूत्र-

प्रश्न - पाणिनि ने व्याकरण सूत्र के लिए किस ग्रन्थ को लिखा ?

उत्तर - अष्टाध्यायी

प्रश्न - माहेश्वर सूत्रों की संख्या कितनी है ?

उत्तर - 14

प्रश्न - माहेश्वर सूत्र में इत्संज्ञक वर्ण कितने हैं ?

उत्तर 15

प्रश्न - यण् संधि विधायक सूत्र बताइये ?

उत्तर - इको यणचि

प्रश्न - टुनादि में ट् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - आदिर्ञिटुडवः

प्रश्न - शप् में श् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - लशक्वतद्धिते

प्रश्न - डाप् के ड् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होगी ?

उत्तर - चुटू

प्रश्न - यण् संधि का सूत्र बताइये ।

उत्तर - इको यणचि

प्रश्न - अंतिम हल् की इत् संज्ञा किस सूत्र से होती है ?

उत्तर - हलन्‍त्‍यम्

प्रश्न - किस सूत्र से इत्संज्ञक वर्ण की लोप संज्ञा होती है ?

उत्तर - अदर्शनं लोपः

प्रश्न - किस प्रत्यय की निष्ठा संज्ञा होती है ?

उत्तर - क्त तथा क्तवतु प्रत्यय की निष्ठा संज्ञा होती है ।

प्रश्न – आम्रेडित संज्ञा किसकी होती है ? एक उदाहरण दीजिए ।

उत्तर - जो हो बार कहा गया हो, उसके पर (बाद) वाले रूप की आम्रेडित संज्ञा होती है। जैसे- कान् कान् ।

प्रश्न  अव्यय संज्ञा करने वाले 5 सूत्रों में से निपात को अव्यय संज्ञा करने वाला सूत्र बोलिये ?

उत्तर - स्वरादिनिपातमव्ययम् ।

प्रश्न  अव्यय प्रातिपदिक होता है अथवा धातु ?

उत्तर - अव्यय प्रातिपदिक होता है ।

प्रश्न – अव्यय से होने वाले सुप्-प्रत्ययों का लुक् होता है अथवा लोप होता है ?

उत्तर  सुप् प्रत्ययों का लुक् होता है ।

प्रश्न - लघु संज्ञा किन वर्णों की होती है ?

उत्तर - ह्रस्व वर्णों की लघु संज्ञा होती है।

प्रश्न - संयुक्त अक्षरों की अन्य कौन संज्ञा है ?

उत्तर - गुरु संज्ञा होती है।

प्रश्न - किस वर्ण को सम्प्रसारण कहा जाता है ?

उत्तर - यण्  (य्व्र्ल्) वर्ण के स्थान पर होने वाले इक्  (इऌ ) वर्ण को सम्प्रसारण कहा जाता है।

प्रश्न - य् वर्ण के स्थान पर होने वाले इ सम्प्रसारण का एक उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - यज् = इज्इज्यते ।

प्रश्न - व् वर्ण के स्थान पर होने वाले इ सम्प्रसारण का एक उदाहरण दीजिए ?

उत्तर - व् = उउच्यते । त्र् = तृतृतीय ।

प्रश्न - प्रगृह्यसंज्ञा किसे होती है ?

उत्तर - ऐसा द्विवचन जिसके अंत में ईऊ तथा ए हो उसकी प्रगृह्यसंज्ञा होती है।

प्रश्न – मूर्धा और दन्त वर्ण की सवर्ण संज्ञा विधायक वार्तिक का नाम बोलिये।

उत्तर  ऋऌवर्णयोर्मिथः सावर्ण्यं वाच्यम् ।

प्रश्न – रामः श्यामश्च गच्छतः में आये हुए च एक पद है, इसे सिद्ध कीजिए ?

उत्तर च सुबन्त अव्यय है। सुप्तिङन्तं पदम् से इसकी पद संज्ञा होती है। अव्यय से स्वादि की उत्पत्ति तथा लुक् हो जाता है।

प्रश्न – टित् का आगम किसका अवयव होता है ?

उत्तर आदि का अवयव होता है

प्रश्न – पद संज्ञा करने वाला कोई दो सूत्र बोलिये ?

उत्तर – सुप्तिङन्तं पदम्, नः क्ये, सिति पदम् ।

प्रश्न - आपकी संस्कृत पुस्तक किस लिपि में मुद्रित है ?

उत्तर - देवनागरी लिपि

प्रश्न - वेदाङ्ग में व्याकरण को शरीर का कौन सा अंग कहा गया है ?

उत्तर – मुख

प्रश्न - हल् सन्धि में स्वर वर्णों की संधि होती है अथवा व्यंजन वर्णों की  ?

उत्तर – व्यंजन वर्णों की  सन्धि होती है।

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

सवर्ण संज्ञा - तुल्‍यास्‍यप्रयत्‍नं सवर्णम्

संहिता संज्ञा - परः संन्निकर्षः संहिता

संयोग संज्ञा - हलोऽनन्‍तराः संयोगः

पद संज्ञा - सुप्‍तिङन्‍तं पदम्

गुण संज्ञा - अदेङ् गुणः

अनुनासिक अच् की इत् संज्ञा - उपदेशेऽजनुनासिक इत्

वृद्धि संज्ञा  वृद्धिरादैच्

टि संज्ञा -  अचोन्त्यादि टि

आम्रेडित संज्ञा  तस्य परमाम्रेडितम्

सर्वनामस्थान संज्ञा  सुडनपुंसकस्यशि सर्वनामस्थानम् ।

अवसान संज्ञा - विरामोऽवसानम्

अभ्यास संज्ञा- पूर्वोभ्यासः

अपृक्त संज्ञा - अपृक्त एकाल्प्रत्ययः

निष्ठा - क्तक्तवतू निष्ठा

सम्प्रसारण संज्ञा- इग्यणः सम्प्रसारणम्

अधोलिखित पारिभाषिक शब्दों की व्याख्या कीजिए-

अध्याहार, अनुबन्ध, अनुवृत्ति, प्रातिपदिक, बहुलम्, महाप्राण, लघु, लुप्, प्रत्याहार, विभाषा, समानाधिकरण, व्यधिकरण, सुबन्त, तिङन्त, सार्वधातुक, उभयपद, उपधा, सर्वापहार लोप।

प्रत्याहार

प्रश्न- अक् प्रत्याहार में कौन-कौन वर्ण आते हैं ?

1. अक् = अ इ उ ऋ लृ

2. अच् =अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ

3. अट् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र

4. अश् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ड ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड द

5. अम् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ङ ण न

6. अल् = अ इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल ञ म ङ ण न झ भ घ ढ ध ज ब ग ड द ख फ छ ठ थ च ट त क प य श ष स ह

7. इक् = इ उ ऋ लृ

8. इच् = इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ

9. इण् = इ उ ऋ लृ ए ओ ऐ औ ह य व र ल

10. उक् = उ ऋ लृ

11. एङ् = ए ओ

12. एच् = ए ओ ऐ औ

13. ऐच् = ऐ औ

इसी प्रकार हश्, हल्, यण्, यम्, यञ्, यय्, यर्, वश्, वल्, रल्, मय्, ङम्, झष्, शय्, झय्, झर्, झल्, भष्, जश्, बश्, खय्, खर्, छव्, चय्, चर्, शर्, शल् प्रत्याहरों के बारे में पूछें।

पारिभाषिक शब्द


सन्धि

प्रश्न- भानूदयः में कौन सन्धि है ?

उत्तर - दीर्घ सन्धि

प्रश्न- बुधश्च में कौन सन्धि है ?

उत्तर - श्चुत्व सन्धि ।

प्रश्न - नदी+ उदकम् में संधि करिए

उत्तर - नद्युदकम्

प्रश्न - मध्वरि में कौन सी संधि है

उत्तर - यण्

प्रश्न - हरये में कौन सी संधि हैविच्छेद करिए

अयादिहरे+ए

स्वर सन्धि – दीर्घ सन्धि

हिम+आलय = हिमालय

धन + अर्थः  = धनार्थ 

देव + आलयः = देवालयः

विद्या + अभ्यासः = विद्याभ्यासः     

विद्या + आलयः = विद्यालयः

कवि + इन्द्रः = कवीन्द्रः

रवि + इन्द्र = रवीन्द्र:

लक्ष्मी + ईश्वरः = लक्ष्मीश्वरः

नदी + ईश = नदीश

सु + उक्तिः = सूक्तिः

लघु + ऊर्मि = लघूर्मि

हिन्दू + उदयः = हिन्दूदयः

भू + ऊर्ध्व = भूर्ध्व

पितृ + ऋणम् = पितॄणम्

नारी + इन्दु = नारीन्दु

भानु + उदय = भानूदय

वधू + उत्सव = वधूत्सव

स्वर सन्धि – यण् सन्धि

पठतु + अत्र = पठत्वत्र

कुरु + इदम् = कुर्विदम्

अति + आचार: = अत्याचार:

यदि + अपि = यद्यपि

इति + आदि = इत्यादि

नदी + अर्पण = नद्यर्पण

देवी + आगमन = देव्यागमन

सु + आगतम् = स्वागतम्

अनु + अय = अन्वय

अनु + एषण = अन्वेषण

पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा

स्वर सन्धि – अयादि सन्धि

तौ + एकता = तावेकता।

इन्द्रौ + उदिते = इन्द्रावुदिते।

ने + अन = नयन

गै + अक = गायक

पो + अन = पवन

पौ + अक = पावक

नौ + इक = नाविक

स्वर सन्धि – गुण सन्धि

उप + इन्द्र: = उपेन्द्र:।

नर + इन्द्र = नरेन्द्र

नर + ईश = नरेश

माता + इव = मातेव

महा + ईश = महेश

ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश

महा + उत्सव = महोत्सव

जल + ऊर्मि = जलोर्मि

महा + ऊर्मि = महोर्मि

देव + ऋषि = देवर्षि

महा + ऋषि = महर्षि

स्वर सन्धि – वृद्धि सन्धि

एक + एक = एकैक

मत + ऐक्य = मतैक्य

सदा + एव = सदैव

वन + ओषधि = वनौषधि

महा + ओषधि = महौषधि

परम + ओषध = परमौषध

स्वर सन्धि – पूर्वरूप सन्धि

ते + अपि = तेSपि

ततो + अगर्जद्धरिवरः  =  ततोऽगर्जद्धरिवरः

लोको + अयम् = लोकोSयम्

साधो + अत्र  = साधोऽत्र

स्वर सन्धि – पररूप सन्धि

प्र + एजते =  प्रेजते

उप + ओषति = उपोषति

स्वर सन्धि  प्रकृति भाव सन्धि

हरी + एतौ = हरी एतौ

विष्णू + इमौ = विष्णू इमौ

लते + एते = लते एते

अमी + ईशा = अमी ईशा

कमले + ईर्ष्यतः = कमले  ईर्ष्यतः

सन्धि विच्छेद

प्रश्न- पद्मासन का सन्धि विच्छेद कीजिए ।

उत्तर - पद्म + आसन

संकेत-

नदीस्तीर्त्वा = नदीः + तीर्त्वा (विसर्ग०) ।

राम-पादावुपस्पृशन् = राम-पादौ + उपस्पृशन् (अयादि०) ।

नन्दिग्रामेऽकरोत् = नन्दिग्रामे + अकरोत् (पूर्वरूप ० ) ।

व्यञ्जन सन्धि

वाक् + विद् = वाग्विद् (जश्त्व सन्धि)

कृतज्ञश्च = कृतज्ञः + च (विसर्ग सन्धिश्चुत्व सन्धि ) । विसर्जनीयस्य सःस्‍तोः श्‍चुना श्‍चुः

सत्यवाक्यो दृढव्रतः = सत्यवाक्यः + दृढव्रतः (विसर्ग सन्धिउत्व ) । विसर्जनीयस्य सःहशि च

एतदिच्छाम्यहम् = एतत् + इच्छामि= एतदिच्छामि ( जश्त्व)

तद्वाक्यम् = तत् + वाक्यम् (जश्त्व) ।

सत्यवचनात् + राजा = सत्यवचनाद्राजा (जश्त्व सन्धि)

अगर्जद्धरिवरः = अगर्जत् + हरिवरः, (जश्त्वपूर्वसवर्णव्यञ्जन० ) ।

श्रीमाञ्छत्रुनिवर्हणः = श्रीमान् + शत्रुनिवर्हणः (श्चुत्व सन्धिव्यञ्जन-सन्धि ) ।

लक्ष्मीवाञ्छुभलक्षणः = लक्ष्मीवान् + शुभलक्षणः (श्चुत्व सन्धिव्यञ्जन-सन्धि ) ।

अनुनासिक सन्धि

एतत् + मुरारिः = एतन्मुरारिःएतद्मुरारिः

सत् + मनोहरम् = सन्मनोहरम्सद्मनोहरम्

ऋक् + मन्त्रः = ऋङ्मन्त्रः

षट् + मासाः = षण्मासाःषड्मासाः

सत् + मित्रम् = सन्मित्रम्

जगत् + नाथ = जगन्नाथः

दिक् + नागः = दिङ्नागः

कारक

प्रश्न - विभक्ति कितने प्रकार की होती है ?            उत्तर - दो

प्रश्न - सम्प्रदान कारक में कौन सी विभक्ति होगी ?     उत्तर - चतुर्थी

प्रश्न - कर्म कारक में कौन सी विभक्ति होगी ?         उत्तर - द्वितीया

प्रश्न - अधिकरण में कौन सी विभक्ति होगी ?          उत्तर - सप्तमी

प्रश्न - तृतीया विभक्ति का सूत्र ?                    उत्तर - कर्तृकरणयोस्तृतीया

प्रश्न - कारक कितने हैं ?                           उत्तर - छः

प्रश्न - संस्कृत के 6 कारकों का नाम बताईये

उत्तर - कर्त्ताकर्मकरणसम्प्रदानअपादान और अधिकरण

प्रश्न - ओदनं भुंजानो विषं भुंक्ते में कौन सा सूत्र लगा है ?

उत्तर - तथायुक्तं चानीप्सितम्

प्रश्न - बालकः प्रश्नं पृच्छति यहां प्रश्नं में किस सूत्र से द्वितीया है ?

उत्तर - अकथितं च

प्रश्न - मासमास्ते में किस सूत्र से द्वितीया है ?

उत्तर - अकर्मकधातुभिर्योगे देशः कालो भावोगन्तव्योध्वा च कर्मसंज्ञक इति वाच्यम्

प्रश्न - क्रोशं कुटिला नदी में क्रोशं में किस सूत्र से कर्म कारक हुई ?

उत्तर - कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे

प्रश्न - 'परितःके योग में विभक्ति होती है            उत्तर - द्वितीया

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

'सर्वत: ' के योग में कारक होता है ?                उत्तर - कर्म

'सहके योग में विभक्ति होती है ?                 उत्तर – तृतीया

"सहयुक्तेऽप्रधानेसूत्र किस विभक्ति का है ?          उत्तर - तृतीया

'रुचअर्थ की धातु के साथ किस विभक्ति का प्रयोग होता है ? उत्तर - चतुर्थी

'अहं रामेण सह गच्छामियहाँ रामेण में कौन विभक्ति है ? उत्तर - तृतीया

प्रश्न - प्रातिपादिकार्थलिंग-परिमाण-वचन-मात्रे " सूत्र किस कारक से सम्बन्धित है ?

उत्तर - कर्ता कारक से ।

प्रश्न - आत्मनि इत्यत्र का विभक्तिः?                 उत्तर - सप्तमी

प्रश्न - रामाय स्वस्ति इत्यत्र रामाय पदे का विभक्तिः?   उत्तर - चतुर्थी

प्रश्न - कृष्णं भजति इत्यत्र कृष्णं पदे का विभक्तिः?     उत्तर - द्वितीया

प्रश्न - सः अक्ष्णा काणः अस्ति इत्यत्र अक्ष्णा पदे का विभक्तिः?       उत्तर - तृतीया

प्रश्न - ग्रामं निकषा मन्दिरमस्ति इत्यस्मिन् वाक्ये ग्रामं पदे द्वितीया केन कारणेन भवति?  

उत्तर - निकषा

प्रश्न - मोहनः अश्वात् निपतति इत्यत्र अश्वात् पदे किं कारकम्

उत्तर - अपादानम्

प्रश्न - बाणेन रावणः हतः इत्यत्र बाणेन पदे किं कारकम्?             उत्तर - करणम्

प्रश्न - वानरः वृक्षे कूर्दते इत्यत्र वृक्षे पदे किं कारकम्?          उत्तर - अधिकरणम्

प्रश्न - रघुवंशमहाकाव्यस्य रचयिता कालिदासः अस्ति इत्यत्र महाकाव्यस्य पदे का विभक्तिः

उत्तर – षष्ठी

अधोलिखित द्विकर्मक धातुओं के साथ एक वाक्य बनायें-

1) दुह् ( दुहना) , 2) याच् ( मांगना) 3) पच् ( रसोई करना) , 4) दण्ड् ( दण्ड करना) , 5) रूधि ( रोकना)6) प्रच्छि ( पूछना) , 7) चि ( एकत्र करना)8) ब्रू ( बोलना)9) शास् ( शासन करना)10) जि ( जितना)11) मथ ( मंथन करना)12) मुष् (चोरी करना)13) नी ( ले जाना)14) हृ ( ले लेना) , 15) कृष् ( खींचना) और 16) वह् ( वहन करना)

उदाहरण-

गोपाल: गां दुग्धं दोग्धि।

1) वामन: बलिं वसुधां याचते।

2) सीता तण्डूलान् ओदनं पचति।

3) नृप: तस्करान् शतं दण्डयति।

4) पथिक: बालकं मार्गं पृच्छति।

5) रमा वृक्षं फलानि अवचिनोति ।

6) गुरू: शिष्यं धर्मं ब्रूते।

7) रमेश: महेशं शतं जयति।

8) इन्द्र: सुधां क्षीरनिधिं मथ्नाति।

9) चौर: देवदत्तं शतं मृष्णाति।

10) गोपाल: अजां नगरं नयति।

11) कपिल: अजां व्रजं कर्षति।

12) राम: सीतां अयोध्यां वहति।

13) गौतमी शकुन्तलां पतिकुलं नयति।

अधोलिखित पदों के साथ एक वाक्य बनायें

ददाति , यच्छति , कथयतिसूचयति , निवेदयतिप्रेषयतिक्रुद्धयतिकुप्यतिद्रुहयतिरोचतेस्पृहयतिअलम्नमःस्वस्ति:स्वाहास्वधा । 

उदाहरण

माता पुत्राय भोजनं ददाति ।

धनिक: बटुकाय धनं यच्छति ।

शिक्षक: छात्राय कथयति ।

अधिकारी कर्मकराय सूचयति ।

पुत्र: पित्रे निवेदयति ।

मम भगिनी मह्यं रक्षासूत्रम् प्रेषयति ।

रावण: विभीषणाय क्रुद्धयति ।

आतंकवादी राष्ट्राय द्रुह्यति ।

बालकाय मोदकं रोचते ।

देवकी श्रीकृष्णाय स्पृहयति ।

कृष्णः कंसाय अलम् ।

धातु / धातुरूप का गण

प्रश्न-  अस्ति रूप किस गण के धातु से बना है?

उत्तर - अस् धातु अदादिगण

प्रश्न-  'करोतिरूप किस गण की धातु से बना है?

डुकृञ् धातुतनादि गण।

प्रश्न - वर्तमान काल की क्रिया के बाद किस अव्यय के प्रयोग करने पर वह भूतकाल की क्रिया हो जाती है?

उत्तर  स्म अव्यय ।

लकार

प्रश्न - लट् लकार किस काल का बोधक है

उत्तर - वर्तमान काल

प्रश्न - भूतकाल को बताने के लिए किस लकार का प्रयोग होता है

उत्तर - लङ् लकार

प्रश्न - प्रार्थना या आज्ञा के लिए प्रयुक्त लकार

उत्तर - लोट् लकार

प्रश्न - खेलिष्यन्ति पद किस लकार का रूप है

उत्तर - लृट् लकार का रूप है।

संकेत

लिखसि, पिबावः, खादामः, पश्यामिनयावः, वाञ्छामि, गच्छ, कुरुतः, ज्ञापयिष्यन्ति, करिष्येइच्छामि, चलसि, वसामि, जानामि, पृच्छामि, पचामि, उपविशानि, ददासि, कथयामि, हसथः, दृश्यते, आसीः, अकथयत्, उपविशति, उद्धरति, भवतु, भव, कुरु, स्मरसि, प्रतीयसे, नृत्यतः, गायामि, तिष्ठन्ति, क्षिपति, अटन्ति, भ्रमामः, नमति, आनयानिजीवामि, यच्छामि, धावमःरोदथ, क्रीड़ामि, क्रीणामि, तरामि, धारयामि, बिभेमि, अस्मि । श्रोष्यामः । प्रयामि। करोमि । भवन्ति । जानाति । अस्ति । अर्हति । क्रीडितुम् । तर्तुम् । प्राप्तः । अपश्यत् । अपृच्छत् । अवदत् । गतः । दुःखितः । आनयत् । अवदत् । अभवत् । अगच्छत् । जानासि । अकम्पत । अपृच्छत् । अवदत् । प्राचलत् । रचितवान् । अवरुद्धवान् । अभवत् । भवेत् । करवाम । दर्शयेम । वदसि । कुर्वन्ति । शृणुत । भवितुम् ।

वाच्य

प्रश्न - कर्तृवाच्य में कर्ता में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - प्रथमा विभक्ति

प्रश्न - कर्मवाच्य में कर्ता में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - तृतीया विभक्ति

प्रश्न - कर्मवाच्य में कर्म में कौन विभक्ति होती है ?

उत्तर - प्रथमा विभक्ति

प्रश्न - तेन प्रतिपादितम् यह वाक्य किस वाच्य में है

उत्तर - कर्म वाच्य में ।

प्रश्न - मोहनः ग्रन्थं पठति इसे कर्मवाच्य में बनायें ।

उत्तर - मोहनेन ग्रन्थः पठ्यते 

समास

प्रश्न - द्वियमुनयम् में कौन सा समास है ?

उत्तर - अव्ययीभाव

प्रश्न - चक्रपाणिः का विग्रह करिए ।

उत्तर - चक्रं पाणौ यस्य सः

प्रश्न - चन्द्रमौलिः का विग्रह करिए।

उत्तर - चन्द्रं मौलौ यस्य सः

प्रश्न - यथाशक्तिः का विग्रह करिए ।

उत्तर - शक्तिम् अनतिक्रम्य

प्रश्न - कृष्णातीतः में कौन सा समास है ।

उत्तर - तत्पुरूष द्वितीया

प्रश्न - चन्द्रमौलिः इत्यत्र कः समासःउत्तर -  बहुव्रीहिः

प्रश्न - रामलक्ष्मणौ इत्यत्र कः प्रत्ययःउत्तर -  द्वन्द्वः

प्रश्न - कृष्णसर्पः इत्यत्र कः समासःउत्तर -  कर्मधारयः

प्रश्न - प्रतिदिनम् इत्यत्र कः समासःउत्तर -  अव्ययीभावः

प्रश्न - राजपुरुषः इत्यत्र कः समासः?  उत्तर -  तत्पुरुषः

अव्ययीभाव समास

शक्तिम् अनतिक्रम्य   यथाशक्ति

मक्षिकाणाम् अभाव: निर्मक्षिकम्

रूपस्य योग्यम्      अनुरूपम्

विघ्नानाम् अभावः       निर्विघ्नम्

अक्ष्णोः प्रति               प्रत्यक्षम्

अक्ष्णोः परम्               परोक्षम्

एकम् एकम् इति    प्रत्येकम्

गृहं गृहम् इति      प्रतिगृहम्

गङ्गाया: समीपम्    उपगङ्गम्

नद्या: समीपम्      उपनदम्

तत्पुरूष समास

द्वितीया तत्पुरूष

शरणम् आगत:           

शरणं आगतः       शरणागतः

सुखं प्राप्त:         सुखप्राप्तः

तृतीया तत्पुरुष

शरेण विद्धः       शरविद्ध:

अग्निना दग्धः       अग्निदग्ध:

धनेन हीन:         धनहीन:

विद्यया हीन:       विद्याहीन:

 

चतुर्थी तत्पुरुष

भूताय बलि:        भूतबलिः

दानाय पात्रम्        दानपात्रम्

यूपाय दारु          यूपदारु

स्नानाय इदम्       स्नानार्थम्

तस्मै इदम्         तदर्थम्

पञ्चमी तत्पुरूष

चौरात् भयम्       चौरभयम्

सिहात् भीतः        सिंहभीतः

रोगात् मुक्त:        रोगमुक्त:

षष्ठी तत्पुरूष

देवानां पतिः                देवपति:

नराणां पतिः                नरपति:

देवस्य पूजा                 देवपूजा

सुखस्य भोग:             सुखभोग:

सप्तमी तत्पुरूष

युद्धे निपुणः               युद्धनिपुणः

शास्त्रे प्रवीण:               शास्त्रप्रवीणः

जले मग्न:                   जलमग्न:

कार्ये कुशल:        कार्यकुशल:      

सभायां पण्डितः           सभापण्डितः

नञ् तत्पुरुष

न धार्मिकः         अधार्मिकः

न आदिः                     अनादि:

न सुखम्           असुखम्

कर्मधारय (विशेषण- विशेष्य)

नीलम् उत्पलम्                        नीलोत्पलम्

विशाल: वृक्ष:             विशालवृक्ष:

मधुरं फलम्                 मधुरफलम्

ज्येष्ठः पुत्रः                 ज्येष्ठपुत्रः

सुन्दर: पुरुष:             सुपुरुष:

महान् च असौ राजा    महाराज:

कर्मधारय (उपमान- उपमेय)

 घन इव श्यामः            घनश्यामः

कमलम् इव मुखम्     कमलमुखम्

चन्द्र इव मुखम्          चन्द्रमुखम्

नरः सिंह इव               नरसिंह:

कर्मधारय (उभयपद-विशेषण)

रक्तश्च पीतः       रक्तपीत:

शीतं च उष्णम्      शीतोष्णम्

आदौ सुप्त: पश्चादुत्थितः सुप्तोत्थितः

कृत् प्रत्यय

प्रश्न- करणम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?

उत्तरम् - ल्युट्

प्रश्न- दानीय इत्यत्र कः प्रत्ययः?

उत्तरम् - अनीयर्

प्रश्न- बालकः पठित्वा गृहं गमिष्यति इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ?

उत्तर - पठित्वा

प्रश्न- सः गुरुं प्रणम्य उपविशति इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ?

उत्तर - प्रणम्य

प्रश्न- हस्तौ प्रक्षाल्य भोजनं कुर्यात् इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ? 

उत्तर - प्रक्षाल्य

प्रश्न- अहं कार्यम् अकृत्वा गृहं न गमिष्यामि इस वाक्य के किस पद में कृत् प्रत्यय है ?

उत्तर - प्रक्षाल्य

प्रश्न- प्रक्षाल्य शब्द के प्रथमा बहुवचन का रूप बताइये ?

उत्तर - प्रक्षाल्य

प्रश्न- लिख् धातु में तुमुन् प्रत्यय जोड़कर शब्द बनायें।

उत्तर - लिखितुम्/ लेखितुम्

संकेत

कृ + तुमुन् = कर्तुम्

क्री + तुमुन् = क्रेतुम्

गम् + तुमुन् = गन्तुम्

ज्ञा + तुमुन् = ज्ञातुम्

दा + तुमुन् = दातुम्

श्रु + तुमुन् = श्रोतुम्

दृश् + तुमुन् = द्रष्टुम्

क्रीड् + तुमुन् = क्रीडितुम्

पा + तुमुन् = पातुम्

खाद् + तुमुन् = खादितुम्

अधोलिखित धातु से शतृ प्रत्यय लगने के बाद निष्पन्न पुंलिंग रूप पूछें- 

धातु   प्रत्यय पुंलिंग रूप

क्रुध् + शतृ = क्रुध्यन्

गम् + शतृ = गच्छन्

गण् + शतृ = गणयन्

चल् + शतृ = चलन्

कथ् + शतृ = कथयन्

दृश् + शतृ = पश्यन्

धाव् + शतृ = धावन्

पा + शतृ = पिबन्

पत् + शतृ = पतन्

प्रच्छ् + शतृ = पृच्छन्

चुर् + शतृ = चोरयन्

भू + शतृ = भवन्

जि + शतृ = जयन्

अधोलिखित धातु से शतृ प्रत्यय लगने के बाद निष्पन्न तीनों लिंग का रूप पूछें

धातु प्रत्यय         पुल्लिंग  स्त्रीलिंग       नपुंसकलिंग

पठ+शतृ            पठन्     पठन्ती               पठत्

लिख्+शतृ          लिखन्   लिखन्ती           लिखत्

पच्+शतृ            पचन्     पचन्ती              पचत्

दृश्+शतृ            पश्यन्   पश्यन्ती             पश्यत्

गम्+शतृ            गच्छन्   गच्छन्ती            गच्छत्

भू+शतृ              भवन्     भवन्ती              भवत्

मिल्+शतृ          मिलन्   मिलन्ती             मिलत्

नी+शतृ             नयन्     नयन्ती               नयत्

गण्+शतृ            गणयन्  गणयन्ती            गणयत्

चिन्त्+शतृ         चिन्तयन् चिन्तयन्ती        चिन्तयत्

नृत्+शतृ            नृत्यन्    नृत्यन्ती             नृत्यत्

पा+शतृ             पिबन्    पिबन्ती             पिबत्

प्रच्छ्+शतृ          पृच्छन्   पृच्छन्ती          पृच्छत्

अस्+शतृ            सन्       सती                  सत्

घ्रा+शतृ             जिघ्रन्   जिघ्रन्ती             जिघ्रत्

दा+शतृ             यच्छन्   यच्छन्ती            यच्छत्

संकेत

इच्छन् में कौन सा प्रत्यय है ? शतृ

दधानः में कौन सा प्रत्यय है ? शानच्

पठनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

आदाय में कौन सा प्रत्यय है ? ल्यप्

देयः में कौन सा प्रत्यय है ? यत्

समागतः में कौन सा प्रत्यय हैक्त

करणम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ल्युट्

पाचकः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ण्वुल्

दानीयः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  अनीयर्

पठितुम् इत्यत्र कः प्रत्ययः?  तुमुन्

विहस्य इत्यत्र कः प्रत्ययः?  ल्यप्

गन्तव्यः इत्यत्र कः प्रत्ययः?  तव्यत्

पीत्वा इत्यत्र कः प्रत्ययः?    क्त्वा

पठत् इत्यत्र कः प्रत्ययः?   शतृ

गतिः इत्यत्र कः प्रत्ययः?   क्तिन्

लभमानः इत्यत्र कः प्रत्ययःशानच्

पेयः इत्यत्र कः प्रत्ययःयत्

कार्यम् इत्यत्र कः प्रत्ययःण्यत्

बालकः धनं याचन् अस्ति इत्यत्र याचन् पदे कः प्रत्ययःशतृ

प्रियवादिनी इत्यत्र कः प्रत्ययःणिनि

वन्दनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

पूजनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

कथनीय में कौन सा प्रत्यय हैअनीयर्

सम् + क्तिन् = समिति:

प्रति + स्था + क्त = प्रतिष्ठा

दृश् + क्तिन् = दृष्टि

भू + क्त्वा = भूत्वा

ग्रह् + ल्यप् = ग्राह्यम्

श्रु + क्त्वा = श्रुत्वा

नि + धा + ल्यप् = निधाय

कृ + तुमुन् = कर्तुम्

कृ + तव्यत् = कर्तव्यः

कृ + क्त्वा = कृत्वा

उष्णभुज्  + णिनि = उष्णभोजी

सत्यवद्  + णिनि = सत्यवादी

तद्धित प्रत्यय

शब्द    प्रत्यय रूप               पुंलिङ्ग        

भाग + इनि =   भागिन्               भागी

दण्ड                  दण्डिन्              दण्डी

दुःख                  दु:खिन्              दुःखी

क्रोध                  क्रोधिन्              क्रोधी

प्राण                  प्राणिन्              प्राणी

धन                   धनिन्                धनी

दोष                  दोषिन्               दोषी

बल                   बलिन्               बली

कुटुम्ब               कुटुम्बिन्            कुटुम्बी

मन्त्र                  मन्त्रिन्              मन्त्री

प्रश्न -दण्ड से इनि, ठन् तथा मतुप् प्रत्यय करने पर क्या रूप बनेगा ?

उत्तर- इनि =  दण्डिन्ठन्  = दण्डिकःमतुप् =  दण्डवान्        

स्त्री प्रत्यय

प्रश्न - वीरभोग्या में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - टाप् प्रत्यय ।

प्रश्न - गतिशीला में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - टाप् प्रत्यय ।

प्रश्न - चन्द्रमुखीकुमारीराज्ञीगार्गी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - ङीप् प्रत्यय ।

प्रश्न - गौरी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर - ङीष् प्रत्यय ।

प्रश्न - ब्राह्मणीनारी में कौन सा स्त्रीप्रत्यय है ?

उत्तर – ङीन् ।

नर्तकी इत्यत्र कः प्रत्ययः?   ङीष्

अजा इत्यत्र कः प्रत्ययः?   टाप्

प्रश्न - चतुर से टाप् प्रत्यय करने पर किस प्रकार का पद बनेगा ?

उत्तर -  चतुरा

प्रश्न पूछने हेतु संकेत-

कुशल + टाप् - कुशला

दातृ + डीप् = दात्री

युवन् + ति = युवतिः

गामिन् + ङीप् = गामिनी

गन्तृ + ङीप् = गन्त्री

दातृ + ङीप् = दात्री

कामिन् + ङीप् = कामिनी

गुणिन् + ङीप् = गुणिनी

मनोहारिन् + ङीप्  = मनोहारिणी

मेधाविन् + ङीप्  = मेधाविनी

विधातृ + ङीप्  = विधात्री

हन्तृ + ङीप्  = हन्त्री

जीवनी

प्रश्न - पतंजलि के अनुसार पाणिनि का जन्म किस ग्राम में हुआ था ?

उत्तर - शलातुर नामक गाँव में पाणिनि का जन्म हुआ था ।

प्रश्न - वर्तमान में शलातुर नामक गाँव किस देश में है ?

उत्तर - वर्तमान में शलातुर नामक गाँव पाकिस्तान में है ।

संकेत -

पाणिनि के गुरु का नाम - उपवर्ष

पिता का नाम -पणिन

माता का नाम - दाक्षी

प्रश्न - कथानक के अनुसार पाणिनि की मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर - सिंह ने पाणिनि का प्राण ले लिया ।

प्रश्न - संस्कृत व्याकरण में कात्यायन का क्या योगदान है ?

उत्तर - कात्यायन ने अष्टाध्यायी के सूत्रों के आधार पर वर्तिकों की रचना की ।

प्रश्न - पतंजलि को किसका अवतार माना जाता है ?

उत्तर - “शेषनाग” का अवतार माना जाता है

प्रश्न - जन्म स्थान के आधार पर पतंजलि का क्या नाम है ?

उत्तर – गोनर्दीय

प्रश्न - महर्षि पतंजलि ने वाराणसी में कहाँ रहकर महाभाष्य की रचना की ?

उत्तर – वाराणसी के नागकूप पर रहकर ( वर्तमान जैतपुरा मुहल्ला में स्थित नागकूप)

प्रश्न - संस्कृत व्याकरण में पतंजलि का क्या योगदान है ?

उत्तर - पतंजलि पाणिनी के सूत्रों व कात्यायन के वर्तिकों पर महाभाष्य लिखा।

प्रश्न- ब्रह्मा से आरम्भ करते हुए व्याकरण शास्त्र के किन्हीं 5 आचार्यों का नाम बताइये ।

उत्तर - ब्रह्मावृहस्पतिइन्द्रभरद्वाजपाणिनिकात्यायनपतंजलिवामन जयादित्यनागेश भट्ट

प्रश्न - महाभाष्य का लक्षण वाला श्लोक बोलिए ?

उत्तर - सूत्रार्थो वर्ण्यते यत्र पदै: सूत्रानुसारिभि: ।

स्वपदानि च वर्ण्यन्ते भाष्यं भाष्यविदो विदु: ।।

प्रश्न - रक्षा आदि व्याकरण के पाँच प्रयोजन का नाम बताइये 

उत्तर - रक्षाऊहआगमलघु और असंदेह।

प्रश्न - किस भाषा को भाषाओं की जननी कहा जाता है ?

उत्तर - संस्कृत

प्रश्न -भाषा की सबसे छोटी इकाई को क्या कहते हैं ?

उत्तर - वर्ण

प्रश्न -वर्ण के साथ मित्रवत् बैठने वाले वर्ण को आगम कहा जाता है या आदेश ?

उत्तर - आगम

प्रश्न -आदेश मित्र के समान होता है या शत्रु के समान ?

उत्तर - शत्रु के समान

प्रश्न – नद्युदकम् में इ के स्थान पर यकार आगम का उदाहरण है या आदेश का ?

उत्तर - नद्युदकम् आदेश का उदाहरण है ।

प्रश्न - उपधा किसे कहते हैं ?

उत्तर - किसी शब्द के अंतिम वर्ण के पूर्व वर्ण को उपधा कहते हैं।

प्रश्न - हल् प्रत्याहार से स्वर वर्णों का बोध होता है या व्यंजन वर्णों का ?

उत्तर - व्यंजन वर्णों का बोध होता है।

प्रश्न - किस शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ?

उत्तर - व्याकरण शास्त्र का नाम शब्दानुशासन है ।

व्याकरण का ग्रन्थ         ग्रन्थकार

      रूपावतार           धर्मकीर्ति

      रूपमाला            विमल सरस्वती

      प्रक्रिया कौमुदी      रामचन्द्र

      सिद्धान्तकौमुदी     भट्टोजिदीक्षित

      वाक्यपदीयम्        भर्तृहरि

      लघुसिद्धान्तकौमुदी  वरदराज

प्रथमः से लेकर विंशः तक संख्यावाची शब्द का पुंलिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग रूप पूछें।

संकेत

द्वितीय: द्वितीया द्वितीयम्

तृतीय: तृतीया तृतीयम्

षष्ठः षष्ठी षष्ठम्

सप्तमः सप्तमी सप्तमम्

एकादश: एकादशी एकादशम्

चतुर्दश: चतुर्दशी चतुर्दशम्

अधोलिखित का  वर्तमान काल में रूप बताइये

गमिष्यथआगमिष्यामिश्रोष्यानिवदिष्यसिपठिष्यतिलेखिष्यतःपास्यसिखादिष्यन्ति,  द्रक्ष्यावःनेष्यामिचलिष्यामःवसिष्यानिज्ञास्याति प्रक्ष्यतःउपवेक्ष्यासिदास्यथकथयिष्यामिहसिष्यतिस्मरिष्यामिनर्तिष्यतिगास्यानिस्थास्यामिक्षिप्स्यन्तिअटिष्यावः भ्रमिष्यामिकरिष्यति। 

अधोलिखित का लङ् लकार (भूतकाल) तथा लृट् लकार (भविष्यत् काल) में रूप बताइये

धातु (अर्थ)                लृट्               लङ्

 दा-ददाति (देता है)-        अददात् दास्यति

 क्री- क्रीणाति (खरीदता है)- अक्रीणात् क्रेष्यति

चुर् - चोरयति (चुराता है)-   अचोरयत् चोरयिष्यति     

रुद – रोदिति (रोता है)-      अरोदत्अरोदीत्  रोदिष्यति 

ब्रू-ब्रवीति (बोलता है)-       अब्रवीत्    वक्ष्यति 

दुह् - दोग्धि (दुहता है)-     अधोक् अधोग्    धोक्ष्यति

इष्- इच्छति (चाहता है)-    ऐच्छत्   एषिष्यति 

हन् - हन्ति ( मारता है)-   अहन्  हनिष्यति 

प्रच्छ – पृच्छति (पूछता है)-   अपृच्छत्   प्रक्ष्यति 

हस्- हसति (हँसता है)-     अहसत्   हसिष्यति 

पच्– पचति (पकाता है)-     अपचत्     पक्ष्यति 

नृत्– नृत्यति (नाचता है)-    अनृत्यत्    नृत्स्यतिनर्तिष्यति 

अस्-अस्यति (फेंकता है)असिष्यति           आस्यत्

आप्-आप्नोति (पाता है)आप्स्यति             आप्नोत्

आप्- आपयति (पहुँचाता है)आपयिष्यति आपयत्

ईर्ष्य – ईर्ष्यति (ईर्ष्या करता है)ईर्ष्यिष्यति ऐर्ष्यत्

कुप्- कुप्यति (क्रोध करता है)कोपिष्यति अकुप्यत्

कृष्-कर्षति (खींचता है)कर्क्ष्यति/क्रक्ष्यति अकर्षत्

क्रन्द- क्रन्दति (रोता है)क्रन्दिष्यति           अक्रन्दत्

क्रीड्- क्रीडति (खेलता है)क्रीडिष्यति         अक्रीडत्

क्लिश्-क्लिश्नाति (दुःख देता है)क्लेशिष्यति/क्लेक्ष्यति अक्लिश्नात्

क्षल्-क्षालयति (धोता है)क्षालयिष्यति       अक्षालयत्

क्षिप्-क्षिपति (फेंकता है)क्षेप्स्यति             अक्षिपत्

अधोलिखित वाक्य को वर्तमान कालभूत काल तथा भविष्यत् काल में परिवर्तित करें।

इदं चित्रं पाठशालायाः वर्तते ।

सावित्री मुखरं विरोधं अकरोत् ।

सा प्रथमा महिला शिक्षिका आसीत् ।

उभयतः गुलिकावृष्टिः अभवत् ।

भगतसिंहःशिवरामःराजगुरुः गौराङ्गं सैन्डर्स नामानम् अमारयन्।

स्वमित्रं हमीदमपि तत्र नेष्यामि।

ततः शिक्षकाः सर्वेभ्यः मोदकं वितरिष्यन्ति।

किं त्वमपि तत्र चलिष्यसि?

अधोलिखित क्रियापद से उपसर्गयुक्त वाक्य का निर्माण करें

आगच्छतिप्रक्षालयामिक्रीडन्तिगुञ्जन्तिनयन्तिपतन्तिधावन्तिगच्छामःगच्छथभवन्तिकूजतिसिञ्चतिविकसतः

उदाहरण - अत्र बालिकाः उत्साहेन परिक्रीडन्ति । ताः अध्ययनाय एव अनुगच्छन्ति ।

अधोलिखित तिङन्त पद से वाक्य निर्माण करें

गच्छति,  श्रृणोमिवदामिपठामिलिखसिपिबावःखादामःपश्यामि,  नयावःइच्छामिचलसिवसामिजानामिपृच्छामिपचामिउपविशानिददासिकथयामिहसथः स्मरसि,नृत्यतःगायामितिष्ठन्तिक्षिपतिअटन्तिभ्रमामःनमतिजीवामियच्छामिधावामः,  रोदथक्रीड़ामिक्रीणामितरामिधारयामिबिभेमिअस्मि ।

अधोलिखित पद से एक - एक वाक्य बनायें-

वक्तुम्गन्तुम्कर्तुम्खादितुम्पातुम्पठितुम्श्रोतुम्पठितुम्दातुम्मेलितुम्द्रष्टुम्। सतीशम् । क्रीडाक्षेत्रात् । गृहम् । तदा । यावत् । तदा । हे मित्र! एषा । जननी । ज्वरपीडिता । त्वया । अस्याः सेवा । कर्तव्या । तव । किं । त्वम् । न ।  प्राध्यापकः । तर्हि । तव । जीवनस्य । त्रयः । लहरीणाम् । वेगेन । नौः । तयोः । जलेन । नाविकः । सम्भ्रमेण महाशय ! । भवान् । प्राध्यापकः । नौकां बाहुभ्याम् । महाभारतस्य । कति । दिनानि । त्रयोदशे । भारतस्य विजयाय । तस्मिन् । सः । सा । काले । सतीशस्य । मित्र । मुकुलः । जननीं । ज्वरेण । ताम् । मित्रैः । नियन्त्रणरेखायाः समीपे । चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् । भारतीयसेनायाः पाकिस्तानसेनया । विमानं दृष्टमासीत् । शान्तिप्रियाः भारतीयाः । दानं व्यर्थम् । सैनिकानाम् आत्मबलिदानम् । मञ्जूषातः पदानि चित्वा । काठिन्यं दूरम् । वयं किम् ? तपः कृत्वा । भ्रान्तिसमूहं दूरं कृत्वा । एकः छात्रः । परिचयम् । गृहे प्रवेशः । भोः संगणक ! । पूर्णः परिचयः । छात्राः कोलाहलम् । सर्वे छात्राः । अलं कोलाहलेन यूयं ध्यानं दत्वा तूष्णीं च भूत्वा श्रोतुम् इच्छथ । श्रीमन् । वयं ध्यानेन । पुनः क्षिप्रमेव । अतः सर्वत्र । अहम् । परीक्षाकार्ये । अन्तर्जालमाध्यमेन ।

उदाहरण-

ते किमपि वक्तुम् इच्छन्ति ।

श्यामः हरिद्वारं गन्तुम् इच्छति ।

अव्यय

प्रश्न - अधोलिखित अव्यय युक्त पदों से वर्तमान कालभूत काल तथा भविष्यत् काल का वाक्य बनायें।

सहसा । तत्र । एव । विना । नाना । अलम् । अन्‍यत् । मृषा । मिथ्‍या । पुरा । प्रायः । सह । साकम् । सार्धम् । नमः । धिक् । अथ । आम् । च । वा । एवम् । नूनम् । चेत् । चण् ।  हे । भोः । अये ।

उत्तर- तौ सहसा कार्यं न कुरुतः। सः सहसा अब्रवीत् आदि।

प्रश्न - अधोलिखित अव्यय के साथ प्रश्नवाचक वाक्य बनायें ।

सहसा । विना । नाना । अलम् । अन्‍यत् । मृषा । मिथ्‍या । प्रायः । साकम् । सार्धम् । च । वा । एव । एवम् । नूनम् । हे । भोः । अये ।

उदाहरण- भोः किं इयं पाठशाला अस्ति ?

तिङन्त पद से 1 से 5 पद युक्त वाक्य का निर्माण करें ।

उदाहरण-

प्रश्न- अचिन्तयत् से दो पद वाला वाक्य बनायें ।

उत्तर -  सः अचिन्तयत् ।

प्रश्न- मोचयिष्यति से दो पद वाला वाक्य बनायें ।

उत्तर -  धाता मोचयिष्यति ।

प्रश्न- इच्छसि क्रिया पद के साथ अव्यययुक्त तीन पद वाला वाक्य बनायें ।

उत्तर -  त्वं किं इच्छसि ।

संकेत

श्रोष्यामः । अस्मि । प्रयामि। करोमि । भवन्ति । जानाति । अस्ति । अर्हति । क्रीडितुम् । तर्तुम् । प्राप्तः । अपश्यत् । अपृच्छत् । अवदत् । गतः । दुःखितः । आनयत् । अवदत् । अभवत् । अगच्छत् । जानासि । अकम्पत । अपृच्छत् । अवदत् । प्राचलत् । रचितवान् । अवरुद्धवान् । अभवत् । भवेत् । करवाम । दर्शयेम । वदसि । कुर्वन्ति । शृणुत । भवितुम् ।

अधोलिखित किसी एक प्रश्नवाचक पद से युक्त एक वाक्य बनायें

कःकिम्कदाकथम्किमर्थम्केनकुत्र ।

साहित्य

सूक्तिं पूरयतु

प्रश्न-  प्रियवाक्यप्रदानेन ..... वचने का दरिद्रता ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति मानवाः।

तस्मात् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता। 

प्रश्न-  यस्मिन् देशे न सम्मानो... न कारयेत्

यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।

न च विद्यागमः कश्चित् वासं तत्र न कारयेत्।।

प्रश्न-  आतुरे व्यसने .... स बान्धवः

आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसंकटे।

राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।

प्रश्न-  षड् दोषाः पुरुषेणेह .... दीर्घसूत्रता ।।

षड् दोषाः पुरुषेणेह हातव्या भूतिमिच्छता ।

निद्रा तद्रा भयं क्रोध आलस्यं दीर्घसूत्रता ।।

माता भूमिः पुत्रोहं ...

पृथिव्याः

नीति /सुभाषित

कः पापस्य कारणम्

लोभः

दन्तैर्हीनः शिलाभक्षी परपादेन गच्छति कः

उपानह

प्रश्न - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति....पाद पूर्ण करें ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः ।

प्रश्न - सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् .... का पाद पूर्ण करें ।

उत्तर - सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियम् । प्रियं च नानृतम् ब्रूयात् एष धर्मः सनातन: ॥

प्रश्न - ...... वचने का दरिद्रता श्लोक पूर्ण करें ।

उत्तर - प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। तस्माद् तदेव वक्तव्यं वचने का दरिद्रता ।।

प्रश्न - उदारचरितानां तु वसुधैव......पूर्ण करें ।

उत्तर - उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्

भूमेः गुरुतरा का

माता

कः खात् उच्चतरः

पिता

गृहे मित्रं का

भार्या

उदारचरितानां तु वसुधैव......पूर्ण करें

कुटुम्बकम्

कृष्णः काकः पिकः काकः को भेदः.....पूर्ण करें

पिककाकयोः

विद्या विवादाय धनं .....पूर्ण करें

मदाय

सत्येन रक्ष्यते धर्मं का अर्थ

कुलं केन रक्ष्यते

वृत्येन

अयं निजः परो वेति गणना....पूर्ण करें

लघुचेतसाम्

काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति......पूर्ण करें

उत्तर- धीमताम्

विद्वान् कुत्र पूज्यते

उत्तर- सर्वत्र/लोके

यदा यदा हि  .....पाद पूर्ण करें

धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत

परित्राणाय साधूनां  ......पूर्ण करें

विनाशाय च दुष्कृताम्

कर्मण्येवाधिकारस्ते ..... पूर्ण करें

मा फलेषु कदाचन

वासांसि जीर्णानि..... पूर्ण करें

यथा विहाय

नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि .....पूर्ण करें

नैनं दहति पावकः

सुखदुखसमे कृत्वा ...... पूर्ण करें

लाभालाभौ जयाजयौ

क्षणे तुष्टा क्षणे रुष्टा .....पाद पूर्ण करें

तुष्टारुष्टा क्षणे क्षणे

सम्पूर्णकुम्भो न करोति .....पूर्ण करें

शब्दम्

क्रोधात् भवति सम्मोहः ....पूर्ण करें

सम्मोहात् स्मृतिविभ्रमः

शैले शैले न मणिक्यं  ....पूर्ण करें

मौक्तिक्यं न गजे गजे

पापान्निवारयति योजयते हिताय.... प्रकटीकरोति । पूर्ण करें

गुह्यं निगूहति गुणान् 

अर्थो हि कन्या.....पूर्ण करें।

परकीय एव

संकेत-

आपत्सु मित्रं जानीयाद् ...च बान्धवान् ॥ उत्सवे व्यसने चैव ... स बान्धवः।। उद्यमेनैव हि सिध्यन्ति ...मुखे मृगाः॥ क्षणशः कणशश्चैव ...कुतो धनम्॥ त्यजेदेकं कुलस्यार्थे .....पृथिवीं त्यजेत् ।। न कश्चित् कस्यचिन्मित्रं .... रिपवस्तथा।। पुस्तकस्था तु या विद्या ....न तद् धनम् ।। पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि ... रत्नसंज्ञा प्रदीयते ।। प्रथमे नार्जिता विद्या ...चतुर्थे किं करिष्यति ।। प्रारभ्यते न खलु विघ्नभयेन ....न परित्यजन्ति ।। मनसा चिन्तितं कार्यं ...सिद्धिर्न जायते॥

सूक्तियाँ पूर्ण करें

विचित्ररूपा खलु....।

चित्तवृत्तयः

हितं मनोहारि च ....।

दुर्लभं वचः।

एको रसः करुण.....। एव निमित्तभेदात् ।

अलंकार (अनुप्रासयमकउपमाउत्प्रेक्षा)

प्रश्न- अलंकार शब्द किस धातु से बना है ?

उत्तर - डुकृञ् धातु

प्रश्न- अलंकार शब्द में कौन प्रत्यय हुआ हैं ?

उत्तर - घञ्

प्रश्न- अलंकार कितने प्रकार के होते हैं ?

उत्तर - तीन

प्रश्न- अलंकार के मुख्य तीन भेद कौन कौन है ?

उत्तर - शब्दालंकारअर्थालंकारउभयालंकार

प्रश्न- शब्दालंकार किसे कहते है ?

प्रश्न- अनुप्रास शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार है ?

उत्तर - शब्दालंकार

प्रश्न- उत्प्रेक्षा शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - अर्थालंकार

प्रश्न- उपमा शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - अर्थालंकार

प्रश्न- यमक शब्दालंकार है अथवा अर्थालंकार ?

उत्तर - शब्दालंकार

प्रश्न-.....शब्दसाम्यं वैषम्यपि स्वरस्य यत् किस अलंकार परिभाषा है ?

उत्तर - अनुप्रास

प्रश्न- साम्यं वाच्यं वैधर्म्यं वाक्यैक्य....किस अलंकार की परिभाषा है ?

उत्तर - उपमा

प्रश्न- सत्‍यर्थे पृथगर्थाया: स्‍वरव्‍यंजनसंहते: । क्रमेण तेनैवावृत्तिः किस अलंकार की परिभाषा है ?

उत्तर - यमक

प्रश्न- नवपलाशपलाशवनं पुरः स्फुटपरागपरागगतपंकजम् में कौन अलंकार है ?

उत्तर - यमक

प्रश्न- अथ प्रजानामधिपः प्रभाते में कौन अलंकार है ?

उत्तर - अनुप्रास

ततो मृगेन्द्रस्य मृगेन्द्रगामी में कौन अलंकार है ?

उत्तर - अनुप्रास

प्रश्न- लताकुञ्जं गुञ्जं मदवदलिपुञ्जं चपलयन् में कौन अलंकार है ?

उत्तर - अनुप्रास

प्रश्न- छायेव तां भूपतिरन्वगच्छत् में अलंकार बताईए ?

उत्तर - उपमा

प्रश्न- श्रुतेरिवार्थम् स्मृतिरन्वगच्छत् में कौन अलंकार है ?

उत्तर - उपमा

प्रश्न- कथां प्रमत्तः प्रथमं कृतामिव में कौन अलंकार है ?

उत्तर - अनुप्रास

प्रश्न- रघुवंशम् में कितने सर्ग है ?

उत्तर - 19

प्रश्न- रघुवंश में अन्तिम राजा कौन है ?

उत्तर- अग्निवर्ण

प्रश्न- दिलीप की पत्नी का क्या नाम है ?

उत्तर - सुदक्षिणा

प्रश्न- नन्दनी किसकी परीक्षा लेती है ?

उत्तर - राजा दिलीप

प्रश्न- रघुवंश में प्रमुख रस कौन है ?

उत्तर - शृंगार

प्रश्न- रघुवंशम् का उपजीव्य ग्रन्थ कौन है ?

उत्तर - रामायण

प्रश्न- कालिदास की पत्नी का नाम क्या था ?

उत्तर - विद्योत्तमा

प्रश्न- कालिदास को आश्रयदाता कौन थे ?

उत्तर - चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य

प्रश्न- न प्रभातरलं ज्योतिरुदेति वसुधातलात् ।। यह सूक्ति किस ग्रन्थ के किस अंक में है ?

उत्तर - अभिज्ञानशाकुन्तलम् के प्रथम अंक में ।

प्रश्न - कालिदास को किस उपाधि से विभूषित किया गया ?

उत्तर - दीपशिखा

प्रश्न - कालिदास के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - कालिदास किस काव्यगुण के कारण प्रसिद्ध हैं ?

उत्तर - उपमा कालिदासस्य

प्रश्न - गीत गोविन्दकार जयदेव ने प्रसन्नराघवम् में नाटक में महाकवि भास को क्या कहा है ?

उत्तर - भासो हासः (हंसीप्रफुल्लता) कहा है।

प्रश्न - भारवि के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - भारवेरर्थगौरवम्

प्रश्न - दण्डि के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - दण्डिनः पदलालित्यम्

प्रश्न - माघ के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - माघे सन्ति त्रयो गुणाः । माघे मेघे गतं वयः।

प्रश्न - नैषधीयचरितम् के विषय में प्रसिद्ध प्रशस्ति (प्रशंसा) वाक्य को बोलिए

उत्तर - उदिते नैषधे काव्ये क्व माघः क्व च भारविः । नैषधं विद्वदौषधम् ।

प्रश्न - नैषधीयचरितम् का प्रतिपाद्य विषय क्या है

उत्तर - नल दमयन्ती की परिणय कथा

घण्टाकवि - माघ

सनातनकवि- रेवाप्रसाद द्विवेदी

           ज्योतिष

कालगणना

भारतीय कालगणना 

 60 पल = 1 घड़ी (24 मिनट ) ,

 2.5 घड़ी = 1 होरा (घन्टा )

 3 होरा = 1 प्रहर 

 8 प्रहर 1 दिवस (वार)

 24 होरा = 1 दिवस (दिन या वार) ,

 7 दिवस = 1 सप्ताह

 2 पक्ष = 1 माह

 4 सप्ताह = 1 माह

 2 माह = 1 ऋतु

 6 ऋतु = 1 वर्ष या संवत्सर

 2 अयन = 1 वर्ष या संवत्सर

 100 वर्ष = 1 शताब्दी

 10 शताब्दी = 1 सहस्राब्दी ,

 432 सहस्राब्दी = 1 युग

 2 युग = 1 द्वापर युग ,

 3 युग = 1 त्रैता युग ,

 4 युग = सतयुग

 सतयुग + त्रेतायुग + द्वापरयुग + कलियुग = 1 महायुग

 72 महायुग = मन्वन्तर ,

 1000 महायुग = 1 कल्प

 1 नित्य प्रलय = 1 महायुग (धरती पर जीवन अन्त और फिर आरम्भ 

तिथि

प्रश्न- तिथियां कितनी होती होती हैं ?

उत्तर- 15

वार

प्रश्न- वार कितने होते हैं ?

उत्तर- 7

प्रश्न- प्रथम वार कौन सा है ?

उत्तर- रविवार ।

वार

प्रश्न- सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय का क्या नाम है ?

उत्तर- दिन/ दिवस

प्रश्न- दिन के समय को विभाजित करने के लिए किन-किन नामों का प्रयोग है ?

उत्तर- पूर्वाह्ण, मध्याह्न, अपराह्ण। प्रातः, सङ्गव, मध्याह्न, अपराह्न, सायाह्न

नक्षत्र

प्रश्न- नक्षत्र कितने होते हैं ?

उत्तर- 27

प्रश्न- प्रथम नक्षत्र का नाम बताइए ?

उत्तर- अश्विनी ।

राशि

प्रश्न- राशियां कितनी होती है ?

उत्तर- 12

प्रश्न- राशियों का नाम बोलिए।

उत्तर- मेषवृषमिथुनकर्कसिंहकन्यातुलावृश्चिकधनुमकरकुम्भ और मीन।

प्रश्न- प्रथम राशि कौन सा है ?

उत्तर- मेष ।

पक्ष

प्रश्न- पक्ष कितने होते हैं ?

उत्तर- दो ।

प्रश्न- अमावस्या किस पक्ष में पड़ता है ?

उत्तर- कृष्ण पक्ष में ।

मास

प्रश्न-  भारतीय पंचांग के अनुसार मास की संख्या कितनी है ?

उत्तर- 12 

प्रश्न- ज्योतिष के अनुसार कितने तरह का मास होता है ?

उत्तर- 4

प्रश्न-  ज्योतिष के अनुसार 4 तरह के मास का नाम बोलिए।

उत्तर- सौर, सावन, चान्द्र, नाक्षत्र

प्रश्नचार युग कौन कौन हैं ?

उत्तर- सतयुग,त्रेतायुगद्वापरयुग और कलियुग 

प्रश्न- अयन कितने हैं ?

उत्तर- दो 

प्रश्न-  उत्तरायन कब होता है ?

उत्तरसूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर 

प्रश्न- दक्षिणायन कब होता है ?

उत्तर- सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने पर 

प्रश्न- ऋतुएँ कितनी होती हैं ?

उत्तर- छह 

प्रश्न- छह ऋतु के नाम बताइए ?

उत्तर- शिशिरबसन्तग्रीष्म ,वर्षाशरद् और हेमन्त 

प्रश्न- हिंदू नव वर्ष कब से प्रारंभ होता है ?

उत्तर- चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से 

प्रश्नमेष राशि के स्वामी कौन हैं ?

उत्तर- मंगल 

प्रश्न- सूर्य किस राशि के स्वामी है ?

उत्तर- सिंह राशि के 

प्रश्नजन्म कुंडली में भाव कितने होते हैं ?

उत्तर- 12

प्रश्न- प्रथम भाव को क्या कहते हैं ?

उत्तर- लग्न 

प्रश्न- जन्म कुंडली में सभी ग्रह किस भाव को पूर्ण दृष्टि से देखते हैं ?

उत्तर- सप्तम भाव को 

प्रश्न- पांच अङ्ग के समूह वाले ग्रन्थ को क्या कहते हैं ?

उत्तर- पंचांग 

प्रश्न- पञ्चांग के कितने अंग होते हैं

उत्तर- पांच

प्रश्नपंचांग में पांच अङ्ग कौन-कौन से हैं ?

उत्तरतिथि ,वारनक्षत्रयोग एवं करण 

प्रश्न- सौर मास में कितने दिन होते हैं ?

उत्तर- 30 दिन 

प्रश्न- कर्क राशि का स्वामी कौन है ?

उत्तर- चंद्रमा 

प्रश्न - किन्हीं दो संवत् का नाम बताएँ

उत्तर - विक्रम तथा शालिवाहन (शक)

प्रश्न - उत्तरायण कब से आरम्भ होता है?

उत्तर - मकर संक्रांति से

प्रश्न - भौम किस ग्रह का दूसरा नाम है?

उत्तर-मंगल

प्रश्न - प्रथम नक्षत्र का नाम क्या है

उत्तर- अश्विनी

प्रश्न - अन्तिम नक्षत्र का नाम क्या है?

उत्तर- रेवती

प्रश्न - किसी नक्षत्र में कितने चरण होते हैं?

उत्तर- चार

प्रश्न - किस वृत्त/रेखा  के द्वारा उत्तर गोल तथा दक्षिण गोल को विभाजित किया जाता है?

उत्तर- विषुवत वृत्त / विषुवत रेखा

प्रश्न - कर्क राशि में सूर्य द्वारा संक्रान्ति करने पर कौन सी ऋतु प्रारम्भ होती हैं?

उत्तर- वर्षा ऋतु

प्रश्न - प्रथम चान्द्र मास का नाम क्या है?

उत्तर- चैत्र

प्रश्न - पौष मास का नाम किस नक्षत्र के नाम पर रखा गया है?

उत्तर- पुष्य

प्रश्न - चान्द्रमास में कितने पक्ष होते हैं?

उत्तर- दो

प्रश्न - किसी मास की पूर्णिमा तिथि में सूर्य तथा चन्द्रमा के मध्य कितने अंश का अन्तर होता है?

उत्तर- 180 अंश

प्रश्न - मास की गणना ज्योतिष के अन्तर्गत किस मान में की जाती है?

उत्तर- चांद्र मास

प्रश्न - भूकेन्द्रिक कक्षाक्रम में सबसे ऊपर किस ग्रह की कक्षा होती है?

उत्तर- शनि

प्रश्न - दिनमान किसे कहते हैं?

उत्तर- सूर्योदय से सूर्यास्त तक

प्रश्न - कितने दिनमान और रात्रिमान जोड़ने पर एक अहोरात्र होता है

उत्तर- 1 दिनमान + 1 रात्रिमान

प्रश्न - एक अहोरात्र में कितनी घटी होती हैं?

उत्तर- साठ

प्रश्न - ज्योतिष के अन्तर्गत दिनों की गणना किस मान में की जाती है?

उत्तर- सावन दिन

प्रश्न - ज्योतिष में वर्ष की गणना किस मान में की जाती है?

उत्तर- सौर मान

प्रश्न - 06 घन्टे में कितनी घटी होती हैं?

उत्तर- 15 घटी

प्रश्न - किस वृत्त पर अक्षांश शून्य होता है?

उत्तर- विषुवत वृत्त

प्रश्न - भूकेन्द्र से पूर्व तथा पश्चिम का अन्तर कौन-सी रेखाएँ बतलाती हैं?

उत्तर- देशान्तर

प्रश्न - देशान्तर रेखाओं से किसका ज्ञान किया जाता है?

उत्तर- समय

प्रश्न - व्यास x 22/7 =?

उत्तर- परिधि

प्रश्न - किसी गोल में कितने केन्द्र होते हैं ?

उत्तर- तीन

प्रश्न - ध्रुव से 90 अंश पर कौन-सा वृत्त होता है?

उत्तर- विषुवत वृत्त

प्रश्न - उत्तरी ध्रुव का अक्षांश मान कितना है?

उत्तर- 90 अंश

प्रश्न - तीन राशि की ज्या को क्या कहते हैं?

उत्तर- त्रिज्या

प्रश्न - त्रिज्या X 2 =कितना

उत्तर- व्यास

प्रश्न-  नवान्नभक्षण क्या है तथा सूर्य के किस राशि में प्रवेश के पहले इसे मनाया जाता है ?

उत्तर- नयी फसल आने पर नवीन अनाज को खाना नवान्नभक्षण कहलाता है। सूर्य के वृश्चिक राशि के 14 अंश में प्रवेश करने से पूर्व इसका अनुष्ठान होता है ।

प्रश्न - वेद शब्द से किस संख्या को कहा जाता है ?

प्रश्न - चार (सामवेदॠग्वेदयजुर्वेदअथर्ववेद)।

प्रश्न - आदित्य शब्द से किस संख्या को कहा जाता है ?

प्रश्न - द्वादश (12)

प्रश्न - किस संख्या का पर्याय पुरी शब्द है ?

प्रश्न - सप्त (7)

पुराणइतिहास

प्रश्न- पुराण कितने हैं ?

उत्तर-  अठ्ठारह

प्रश्न-  मद्वयं भद्वयं चैव ब्रत्रयं  चतुष्टयम् 

       अनापलिंग कूस्कानि पुराणानि प्रचक्षते ।।

इस श्लोक में मद्वयं से किस पुराण का बोध होता है ?

उत्तरमत्स्य एवं मार्कण्डेय पुराण का 

प्रश्नपुराण के कितने लक्षण होतें हैं ?

उत्तरपांच 

प्रश्नपुराण के 5 लक्षण कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- सर्ग,प्रतिसर्ग,वंश,मन्वन्तर तथा वंशानुचरित 

प्रश्न- पुराणों में सबसे बड़ा पुराण कौन सा है ?

उत्तरस्कन्द पुराण 

प्रश्न- स्कंद पुराण में कितने श्लोक हैं ?

उत्तर81100 श्लोक 

प्रश्न- सबसे छोटा पुराण कौन सा है ?

उत्तरमार्कण्डेय पुराण 

प्रश्न- मार्कण्डेय पुराण में कितने श्लोक हैं ?

उत्तर9000 श्लोक 

प्रश्नवायु पुराण को और किस नाम से जानते हैं ?

उत्तरशिव पुराण 

प्रश्न- कृष्ण और सुदामा चरित्र किस पुराण में वर्णित है ?

उत्तरभागवत 

प्रश्न- दुर्गा सप्तशती किस पुराण से लिया गया है ?

उत्तरमार्कण्डेय पुराण से 

प्रश्न- सत्यनारायण व्रत कथा किस पुराण से लिया गया है ?

उत्तरस्कन्द पुराण से 

प्रश्न- पुराणों की संख्या कितनी है ?

उत्तर- अट्ठारह 

प्रश्न-  अक्षर से कौन सा पुराण है ?

उत्तरअग्नि पुराण 

प्रश्न - गीता कितने अध्याय में है ?

उत्तरअट्ठारह (18) अध्याय

प्रश्न- भागवत पुराण में श्री कृष्ण का जन्म कहां बताया गया है ?

उत्तरमथुरा 

संस्कृत और विज्ञान

प्रश्न- संस्कृत भाषा में वैज्ञानिक तथ्यों को उद्घाटित करने वाले किसी 2 भारतीय लेखकों का नाम बताइये ।

उत्तरकणाद, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, बोधायन, चरक, सुश्रुत, भरद्वाज, पराशर ।

प्रश्न- किस ऋषि ने प्रकाश व उष्मा को एक ही तत्व का विभिन्न रूप बताया?

उत्तरऋषि कणाद ।

प्रश्न- अपने खगोलीय व बीजगणितीय सि़द्धांतों के आधार पर छठी शताब्दी में किस भारतीय विचारक ने तय किया कि पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है?

उत्तरआर्यभट्ट ।

प्रश्न- किस भारतीय चिंतक ने सबसे पहले पृथ्वी का व्यास निर्धारित किया ?

उत्तरआर्यभट्ट ।

प्रश्न- 600 ई.पूर्व शुल्वसूत्र में किसने वृत्त एवं त्रिभुज के फल का सिद्धान्त प्रतिपादित किया ?

उत्तरबोधायन ने ।

प्रश्न- आर्यभट्ट प्रथम ने पाँचवीं सदी ईसवी में अपने किस ग्रंथ में परिधि-व्यास अनुपात का मूल्य निर्धारित किया ?

उत्तरआर्यभट्टीयम् ।

प्रश्न- वराहमिहिर (505 ई.) ने अपने किस ग्रन्थ में भूगोलउल्काविज्ञानवनस्पतिविज्ञानकृषि अभियांत्रिकीजन्तुविज्ञान विषयों का प्रतिपादन किया है ?

उत्तरबृहत्संहिता में ।

प्रश्न- भास्कराचार्य प्रथम 600 ई. कृत किन ग्रंथों में ग्रह-नक्षत्रों की गणनाज्यामितीय एवं त्रिकोणमितीय सिद्धांतों का वर्णन है ?

उत्तरमहाभास्करीयम् एवं लघुभास्करीयम् ।

प्रश्न- 15 शताब्दी के पूर्व गणित विषय पर ग्रन्थ लिखने वाले किसी दो भारतीय लेखकों का नाम बताइये।

उत्तरब्रह्मगुप्त (591 ई.)वटेश्वर (880 ई.)मुंजाल (932 ई.)आर्यभट्ट द्वितीय (950 ई.)भास्कर द्वितीय (1114 ई.) एवं नीलकंठ (1465 ई.)

प्रश्न- गणित शास्त्र की आचार्य परम्परा में कालक्रमानुसार 5 आचार्यों का नाम बताइये ।

उत्तरआर्यभट्ट प्रथम; ब्रह्मगुप्त; - श्रीधर; महावीराचार्य; श्रीपति; भास्कराचार्य द्वितीय; नारायण पंडित; माधव; परमेश्वर; नीलकंठ सोमयाजी; ज्ञानराज; चित्रभानुः शंकरवारियर; ज्येष्ठदेव; कमलाकर; पंडितराज जगन्नाथ; बापूदेव शास्त्री; नीलांबर शर्मा; केतकर, सुधाकर द्विवेदी ।

प्रश्न- चरक की चरकसंहिता किस विषय से संबंधित पुस्तक है ?

उत्तरऔषधि शास्त्र ।

प्रश्न- सुश्रुतसंहिता में चिकित्सा विज्ञान के किस शाखा का विवेचन किया गया है ?

उत्तरशल्यचिकित्सा ।

प्रश्न- वाग्भट कृत अष्टांगहृदय एवं रसरत्नसमुच्चय किस विषय की पुस्तक है ?

उत्तरशरीर रचना विज्ञान ।

प्रश्न- किस दार्शनिक ग्रन्थ में किस ऋषि ने परमाणुवाद के सिद्धांत का प्रतिपादन किया ?

उत्तरकणाद ने वैशेषिक दर्शन में (600 ई.पू.) ।

प्रश्न- यथा शिखा मयूराणां नागानां मणयो यथा।

तद्वद् वेदांगशास्त्राणां गणितं मूर्ध्नि संस्थितम् ॥ यह श्लोक किस ग्रन्थ का है ?

उत्तर- वेदांग ज्योतिष 5

प्रश्न- बहुत प्रलाप करने से क्या लाभ है ? इस चराचर जगत में जो कोई भी वस्तु है वह गणित के बिना नहीं है । यह कथन किसका है ?

उत्तर- महावीराचार्यगणितसारसंग्रह में ।

प्रश्न- योजनानं सहस्रे द्वे द्वे शते द्वे च योजने ।

एकेन निमिषार्धेन क्रममाण नमोऽस्तुते ॥ इस श्लोक में किसके वेग को कहा गया है ?

उत्तर- सायणाचार्य ने प्रकाश का वेग को बताया है ।

प्रश्न- पृथ्वी गतिशील है इसके लिए जैसे एक नाव में बैठा आदमी आगे बढ़ते हुए स्थिर वस्तुओं को पीछे की दिशा में जाते देखता हैबिल्कुल उसी  तरह श्रीलंका में लोगों द्वारा स्थिर तारों को ठीक पश्चिम में जाते हुए देखा जाता है।यह वाक्य उदाहरण के रूप में किसने किस पुस्तक में दिया है ?

उत्तर- आर्यभटीय गोलपाद ।

प्रश्न- किसने किस पुस्तक में विश्व को सर्वप्रथम पाई का मान बताया ?

उत्तर- आर्यभट्ट ने आर्यभटीय (गणितपाद) में सर्वप्रथम पाई का मान बताया ।

संस्कृत के ग्रन्थ और ग्रन्थकार

प्रश्न- विश्व का सबसे प्राचीनतम पुस्तक कौन है ?

उत्तरविश्व का सबसे प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है ।

प्रश्न- ऋग्वेद किस भाषा में लिखा है ?

उत्तरसंस्कृत भाषा में लिखा है ।

प्रश्न- रसायनशास्त्र का प्रसिद्ध ग्रन्थ रस रत्नात्कर के लेखक का नाम बताइये

उत्तरनागार्जुन

प्रश्नबुद्धचरितम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरअश्वघोष 

प्रश्न- सौंदर्यनन्द महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरअश्वघोष 

प्रश्न- कुमारसंभवम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास 

प्रश्न- नैषधीयचरितम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरश्रीहर्ष 

प्रश्न- शिशुपाल वध महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरमाघ 

प्रश्न- जानकीहरणम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकुमार दास 

प्रश्न- नाट्य शास्त्र के लेखक कौन है ?

उत्तरआचार्य भरत मुनि 

प्रश्न- काव्यालंकार के लेखक कौन है ?

उत्तरभामह 

प्रश्न- काव्यादर्श के लेखक कौन है ?

उत्तरदण्डी 

प्रश्न- ध्वन्यालोक के लेखक कौन है ?

उत्तरआनन्दवर्धन 

प्रश्न- काव्यमीमांसा के लेखक कौन है ?

उत्तरराजशेखर 

प्रश्न- सरस्वती कण्ठाभरणम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभोजराज 

प्रश्न- साहित्य दर्पण के लेखक कौन है ?

उत्तरविश्वनाथ 

प्रश्न- रसगंगाधर के लेखक कौन है ?

उत्तरपण्डितराज जगन्नाथ 

 प्रश्न- स्वप्नवासवादात्तमके लेखक कौन है ?

उत्तरभास 

प्रश्नप्रतिमानाटकम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभास।

प्रश्न- मृच्छकटीकम् के लेखक कौन है ?

उत्तरशूद्रक।

प्रश्न- अभिज्ञान शाकुन्तलम् के लेखक कौन है ?

उत्तरमहाकवि कालिदास।

प्रश्न- मालविकाग्निमित्रम् के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास।

प्रश्न- विक्रमोर्वशीयम् के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास।

प्रश्न- मुद्राराक्षस  के लेखक कौन है ?

उत्तरविशाखदत्त।

प्रश्न- रत्नावली के लेखक कौन है ?

उत्तरहर्षवर्धन 

प्रश्न- मालती माधव के लेखक कौन है ?

उत्तरभवभूति 

प्रश्न- महावीर चरितम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभवभूति 

प्रश्न- उत्तरामचरितम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभवभूति 

प्रश्न- कर्पूरमंजरी के लेखक कौन है ?

उत्तरराजशेखर

प्रश्न- बालरामायणम् के लेखक कौन है ?

उत्तरराजशेखर 

प्रश्न- वेणीसंहार के लेखक कौन है ?

उत्तरभट्टनारायण 

प्रश्न- ऋतुसंहार के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास 

प्रश्न- मेघदूतम् के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास 

प्रश्न- नीतिशतकम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभर्तृहरि 

प्रश्नश्रृंगारशतकम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभर्तृहरि 

प्रश्न- वैराग्यशतकम् के लेखक कौन है ?

उत्तरभर्तृहरि 

प्रश्नगीतगोविंद के लेखक कौन है ?

उत्तरजयदेव 

प्रश्न- सूर्यशतकम् के लेखक कौन है ?

उत्तरमयूर भट्ट 

प्रश्न- पंचतंत्र के लेखक कौन है ?

उत्तरविष्णु शर्मा

प्रश्न- कथासरित्सागर के लेखक कौन है ?

उत्तरसोमदेव 

प्रश्न- रघुवंशमहाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरकालिदास 

प्रश्न- किरातार्जुनीयम् महाकाव्य के लेखक कौन है ?

उत्तरभारवि 

प्रश्नरामायण के लेखक कौन है ?

उत्तरमहर्षि वाल्मीकि   

प्रश्न-महाभारत के लेखक कौन है ?

उत्तर महर्षि वेदव्यास 

प्रश्न - महाभारत में कितने पर्व हैं ?

उत्तर - अठ्ठारह

प्रश्न - पुराणों के रचयिता कौन है ?

उत्तर वेदव्यास 

प्रश्न - आदिकवि के नाम से किसे जाना जाता है ?

उत्तरवाल्मीकि

प्रश्न - कृष्णद्वैपायन किसे कहा जाता है ?

उत्तरवेद व्यास

प्रश्न - नामलिङ्गानुशासन किस ग्रन्थ का नाम है ?

उत्तरअमरकोष

प्रश्न - रावणवधमहाकाव्यम् किस ग्रन्थ का नाम है ?

उत्तरभट्टिकाव्यम्

प्रश्न - ऋग्वेद में कितने मण्डल होतें हैं ?

उत्तरदस 

प्रश्न - रामायण में कितने श्लोक हैं ?

उत्तरचतुर्विंशतिश्लोक

प्रश्न - किस काव्य को आदिकाव्य कहा जाता है ?

उत्तररामायण

प्रश्न - रामायण की विधा क्या है ?

उत्तरमहाकाव्य

प्रश्न - रामायण में कितने काण्ड है ?

उत्तरसात

प्रश्न - रामायण में मुख्य रस कौन सा है ?

उत्तरकरुण

प्रश्न - श्लोकः श्लोकत्वमागतः किसके लिए कहा गया है ?

उत्तरवाल्मीकि

प्रश्न - रामायण कथा के लिए वाल्मीकि को किसने उपदेश दिया ?

उत्तरनारद

प्रश्न - रामायण के सातों काण्डों को क्रम से बताईये ?

उत्तरबाल, अयोध्याअरण्यकिष्किंधासुन्दर,  युद्ध और उत्तर काण्ड

प्रश्न - रामायण में कितने सर्ग है ?

उत्तर500

संकेत-

अन्नं भट्ट - तर्कसंग्रह- 

वरदराज - लघुसिद्धान्तकौमुदी

केशव मिश्र - तर्कभाषा

ग्रन्थ परिचय

प्रश्न -'चतुर्विंशतिसाहस्रीसंहिताके नाम से कौन ग्रन्थ कहा जाता है?

उत्तररामायण

प्रश्न - 'श्रीमद्भगवद्गीतामें कुल कितने अध्याय हैं?

उत्तर18 (अठारह)

वैदिक साहित्य

प्रश्न - वेद कितने होतें हैं ?

उत्तरचार 

प्रश्न - चार वेद कौन-कौन से हैं ?

उत्तरऋग्वेद,सामवेद,यजुर्वेदअथर्ववेद 

प्रश्न - वेदत्रयी में कौन कौन से वेद आते हैं

उत्तर - ऋग्, यजुष् तथा साम

प्रश्न यजुर्वेद के कितने भाग होतें हैं ?

उत्तर - यजुर्वेद के दो भाग होतें हैं  

प्रश्न यजुर्वेद के दोनों भागों का नाम क्या है ?

उत्तर- कृष्ण यजुर्वेदशुक्ल यजुर्वेद 

प्रश्न- वेदाङ्ग (शास्त्रकितने होतें हैं ?

उत्तरवेदाङ्ग छह होते हैं 

प्रश्न- छह वेदाङ्ग कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- छन्दकल्पज्योतिषनिरुक्तशिक्षा, व्याकरण   

छन्दः पादौ तु वेदस्य हस्तौ कल्पोऽथ पठ्यते ।

ज्योतिषामयनं चक्षुर्निरुक्तं श्रोत्रमुच्यते ।।

शिक्षा घ्राणं तु वेदस्य मुखं व्याकरणं स्मृतम् ।।

तस्मात्साङ्गमधीत्यैव ब्रह्मलोके महीयते ।।

अर्थ:- वेदरुपी पुरुष के छन्द पैर हैं,कल्प उसके दो हाथ हैं,ज्योतिष दो नेत्र हैं,निरुक्त दो कान हैं,शिक्षा नासिका है और व्याकरण मुख है।अतः अंगों सहित वेद का अध्ययन करके ही मनुष्य ब्रह्मलोक को प्राप्त होता है।

प्रश्न - प्रमुख उपनिषदों की संख्या  कितनी है ?

उत्तर-  ग्यारह।

प्रश्न - उपनिषदों के नाम बताएँ ?

उत्तर- 01- ईश (ईशावास्य)  02- केन  03- कठ 04- प्रश्न  05- मुंडक  06- मांडूक्य  07- ऐतरेय 08- तैत्तिरीय 09- छान्दोग्य 10- वृहदारण्यक 11- श्वेताश्वतर ।

प्रश्न- सबसे छोटी उपनिषद् कौन है ?

उत्तर- ईशावास्योपनिषद्

प्रश्न- सबसे बड़ी उपनिषद् कौन सी है ?

उत्तर- बृहदारण्यकोपनिषद् 

प्रश्न - वेदों के ब्राह्मण का नाम बताएँ ?

        वेद              ब्राह्मण

1 - ऋग्वेद      -     ऐतरेय

2 - यजुर्वेद      -     शतपथ

3 - सामवेद     -    ताण्ड्य

4 - अथर्ववेद   -   गोपथ

प्रश्न - वेदों के उपवेद का नाम बताएँ ?

      वेद                     उपवेद

    1- ऋग्वेद       -     आयुर्वेद

    2- यजुर्वेद       -    धनुर्वेद

    3 -सामवेद      -     गंधर्ववेद

    4- अथर्ववेद    -     शिल्प (स्थापत्य) शास्त्र

दर्शन आधारित प्रश्न -

प्रश्न - वैदिक दर्शन कितने हैं ?

उत्तरषड्दर्शन (:दर्शनहैं 

प्रश्न - षड्दर्शनों के नाम बताइये 

उत्तरसांख्यदर्शन,योगदर्शन, न्यायदर्शन,वैशेषिकदर्शन, पूर्व मीमांसा एवं उत्तर मीमांसा (वेदान्तदर्शन)

प्रश्न - सांख्यदर्शन के अनुसार कितने तत्त्व होते हैं ?

उत्तर25

प्रश्न - सांख्यदर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरतीन 

प्रश्न - सांख्यदर्शन के तीन प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण ,अनुमान प्रमाण तथा शब्द प्रमाण 

प्रश्न - योगदर्शन में कितने पाद हैं ?

उत्तर-  चार पाद 

प्रश्न - योगदर्शन का प्रथम सूत्र क्या है ?

उत्तरअथ योगानुशासनम् 

प्रश्न - योग दर्शन में कितने योगों का वर्णन है?

उत्तरअष्टाङ्ग योग

प्रश्न - अष्टाङ्ग योग कौन कौन सा है ?

उत्तरयमनियम,आसान,प्राणायाम,प्रत्याहार,धारणाध्यान और समाधि 

प्रश्न - योगदर्शन के अनुसार कितने तत्त्व होते हैं ?

उत्तर26

प्रश्नयोग दर्शन को और किस नाम से जानते हैं ?

उत्तरसेश्वर सांख्य के नाम से 

प्रश्न - न्यायदर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  सोलह 

प्रश्न - न्यायदर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरचार 

प्रश्न - न्यायदर्शन के चार प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण ,अनुमान प्रमाण ,उपमान प्रमाण,तथा शब्द प्रमाण 

प्रश्न - न्यायदर्शन में गुणों की संख्या कितनी  हैं ?

उत्तरचतुर्विंशति गुणाः 24 

प्रश्न - अनुमान प्रमाण के कितने भेद हैं ?

उत्तरदो भेद 

प्रश्न - वैशेषिकदर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  पदार्थ 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन में कितने पदार्थों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  पदार्थ 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के अनुसार कितने प्रमाण होते हैं ?

उत्तरछह प्रमाण।

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के छह प्रमाण कौनकौन हैं ?

उत्तरप्रत्यक्ष प्रमाण, अनुमान प्रमाण, उपमान प्रमाण,शब्द प्रमाण तथा अर्थापत्ति और अनुपलब्धि ।

प्रश्न -  उत्तर मीमांसा दर्शन में कितने कोषों का उल्लेख हैं ?

उत्तर-  कोष 

प्रश्न - उत्तरमीमांसा दर्शन के अनुसार 5 कोष कौन-कौन हैं ?

उत्तरअन्नमय कोषमनोमय कोष,प्राणमय कोष,विज्ञानमय कोष और आनन्दमय कोष 

विषय के प्रवर्तक आचार्य

1-  न्याय दर्शन  - गौतम ।

2- वैशेषिक दर्शन  - कणाद ।

3- योगदर्शन  - पतंजलि ।

4- मीमांसा दर्शन  - जैमिनी ।

5- सांख्य दर्शन  - कपिल ।

6- वेदांत दर्शन  - व्यास ।

7-  नव्यन्याय दर्शन  - गंगेशोपाध्याय ।

प्रश्न - वैशेषिकदर्शन के प्रवर्तक आचार्य हैं ?

उत्तरकणाद 

प्रश्न - न्यायदर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर-  महर्षि गौतम।

प्रश्न - योगदर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर-  महर्षि पतञ्जलि 

प्रश्न - सांख्यदर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर-  महर्षि कपिल 

प्रश्न - मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक आचार्य हैं ?

उत्तरजैमिनि 

प्रश्न - उत्तर मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक आचार्य कौन हैं ?

उत्तर- वादरायण व्यास ।

न्याय दर्शन में कर्म की संख्या-  5

यथार्थानुभव का प्रकार - चतुर्विध



 

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