Jayesh |
पुस्तकालय की स्थापना 1978 में विधिवत् की गई। रायल होटल, लखनऊ के एक छोटे से कक्ष से प्रारम्भ होकर आज यह बहुत ही विशालकाय हो चुका है। न्यू हैदराबाद में यह पुस्तकालय सन् 1983 से संचालित हुआ। अनेक पुस्तकदाताओं के सहयोग, क्रय, पुरस्कार द्वारा प्राप्त तथा विभिन्न संस्थाओं से निःशुल्क प्राप्त पुस्तकों से समृद्ध इस पुस्तकालय में सम्प्रति लगभग 21,000 पुस्तकें हैं। पुस्तकालय के सुलभ संचालन हेतु इसे तीन भागों में विभक्त किया गया है।
1 संस्कृत, पाली तथा प्राकृत भाषा की पुस्तकें।
2. राजा राम मोहनराय पुस्तकालय प्रतिष्ठान द्वारा पुस्तकीय सहायता प्राप्त बाल पुस्तकालय
3. शोध पत्रिका
4. पाण्डुलिपि विभाग
इस पुस्तकालय में पाण्डुलिपियों का एक अलग विभाग है, जिसमें लगभग 8000 दुर्लभ पाण्डुलिपियाँ संरक्षित है। इनमें से लगभग 5,000 पाण्डुलिपियों की विवरणिका तैयार कर 'पाण्डुलिपि विवरणिका' नाम से प्रकाशित किया गया है।
यह पुस्तकालय शोधार्थियों के लिए अद्यतन सामग्री उपलब्ध कराता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता अधुनान्त प्रकाशित मौलिक साहित्यों का संकलन तथा संस्कृत भाषा पर आधारित कम्प्यूटर द्वारा पुस्तक खोज प्रणाली का साफ्टवेयर है। इस पुस्तकालय में देश के विभिन्न भाग से शोधार्थी जन आते रहते हैं। विशेषतः लखनऊ के आस-पास स्थित विश्वविद्यालयों के शोधार्थी, प्रबुद्ध नागरिक, विशिष्ट विद्वान् लाभान्वित होते हैं। इस पुस्तकालय में दो कर्मचारी कार्यरत हैं। 1. सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष -श्री जगदानन्द झा तथा 2. जेनीटर -
2. उद्देश्य
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय, न्यू हैदराबाद, राय बिहारी लाल रोड, लखनऊ.226007 में अवस्थित है। यह पुस्तकालय संस्कृत, पाली तथा प्राकृत भाषा के प्रचार-प्रसार, सरंक्षरण एवं सम्वर्द्धन हेतु निरन्तर प्रयत्नशील है।
यह पुस्तकालय सामान्य जिज्ञासुओं से लेकर बुद्धिजीवियों तक के लिए अध्ययन सामग्री प्रचूर मात्रा में उपलब्ध करता है । संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहॅुचाने हेतु संस्थान द्वारा पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जाता है। इन पुस्तकों के निर्माण हेतु संस्थान को एवं प्रकाशन से जुडे़ हुए विद्वानों को संदर्भ सेवा पुस्तकालय द्वारा प्राप्त कराया जाता है।
यह पुस्तकालय संस्कृत, पालि एवं प्राकृत भाषा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है। आपमें यदि 5000 वर्षों तक के चिन्तन परम्परा के समृद्ध रूप को एकत्र देखने और पढने की ललक हो, भारत के प्राचीन साहित्य, धर्म, संस्कृति, रंगकर्म, शिल्प, गणित, आयुर्विज्ञान, भाषायी तथा साहित्यिक इतिहास के प्रति जिज्ञासा हो तो ये पुस्तकालय आपके लिए उपयुक्त होगें। यहां बैठकर संस्कृत भाषा सीख सकते हैं तथा इसके द्वारा तमाम ग्रन्थों को मूल रूप में पढ भी सकते हैं
3-पुस्तकालय के नियम
सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर प्रत्येक कार्य दिवस में पाठकों के लिए प्रातः 10.30 से सायं 4.00 तक पुस्तकालय खुला रहता है।
ग्रन्थालय में प्रवेश के पूर्व पाठक व्यक्तिगत सामान द्वारपाल के पास रखेंगें। पुस्तकालय में कापी और कलम के अतिरिक्त अन्य कोई सामग्री नहीं ले जायेंगें।
प्रत्येक आगन्तुक, आगन्तुक पंजिका पर अपना नाम व पता सहित वांछित विवरण देते हुए अपना हस्ताक्षर अवद्रय कर देंगें।
सदस्यता के नियम-
एक सप्ताह से अधिक समय तक पुस्तकालय में पढ़ने के इच्छुक व्यक्ति को पुस्तकालय की सदस्यता ग्रहण करना अनिवार्य है।
पुस्तकालय की सदस्यता हेतु संस्थान के निदेशक के नाम आवदेन पत्र तथा परिचय पत्र प्रपूरित कर प्रतिभूति स्वरूप किसी प्रतिष्ठत व्यक्ति की अनुप्रशंसा आवश्क है, जबकि शोधार्थियों को अपने निर्देशक से अनुशंसा प्राप्त करनी होगी। सदस्यता प्राप्त करने हेतु संस्थान के निदेशक का निर्णय अंतिम और सभी को मान्य होगा।
पुस्तक निर्गमन के नियम -
पाठकों के लिये निर्गत प्रति पुस्तक की प्रतिभूति धनराशि रू0 500.़00 है। 15 दिन के पश्चात् विलम्ब शुल्क प्रति दिन रू0 1 देय होगा। एक पाठक को 2 से अधिक पुस्तकें निर्गत नहीं की जायेगी।
प्रतिभूति धनराशि वर्ष में एक बार ही जमा व आहरित किया जा सकेगा।
सन्दर्भ ग्रन्थ, पत्रिकाऍ, 30 वर्ष पूर्व प्रकाशत ग्रन्थ, अनेक भाग वाले ग्रन्थ, एक प्रति ग्रन्थ तथा अन्य निषिद्ध सामग्री निर्गत नहीं की जाएगी।
लौटाई गई पुस्तक पुनः निर्गत कराने हेतु प्रथम बार सहायक निदेशक तथा द्वितीय बार अति आवश्यक होने पर निदेशक की स्वीकृति से निर्गत की जाएगी।
पालनीय नियम -
किसी पुस्तक की चोरी करने, चित्र एवं पृष्ठ फाड़ने, मोड़ने, निशान लगाने, लिखने तथा पुस्तकालय सम्पत्ति को क्षति पहॅुचाने पर पाठक को पुस्तक की नवीन प्रति या उसका मूल्य देना होगा तथा अर्थ दण्ड आरोपित करने के अतिरिक्त ऐसे पाठक को स्थाई रूप से पुस्तकालय में आने से रोका जा सकता है।
पुस्तकालय में शोरगुल करना अवांछनीय है तथा अन्य आपत्तिजनक कार्य करना आपराधिक कृत्य माना जायेगा।
किसी भी पुस्तक का प्रतिलिपिकरण कराने या न कराने के आदेश देने का अधिकार निदेशक को होगा।
नियमों की अवज्ञा करने पर सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष बिना कारण बताये निदेशक की अनुमति से पाठकों को पुस्तकालय में आने से रोक सकाता है।
अन्य किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में निदेशक का निर्णय अन्तिम व मान्य होगा। विषम परिस्थिति में नियम 6, 7, व 9 को शथिल करने का अधिकार निदेशक को होगा।
आवश्यकतावश पाठक पुस्तकालय में सन्दर्भ सेवा प्राप्त कर सकते है।
4. विशिष्ट वाङ्मय संग्रह
पुस्तकालय में संस्कृत विषय पर विभिन्न भाषाओं में अनुदित तथा हिन्दी व अंग्रजी भाषाओं में 21,0000 पुस्तकें उपलब्ध है। पाठकों की सुविधा को देखते हुए प्राचीन इतिहास, मानविकी, पुस्तकालय विज्ञान, हिन्दी साहित्य सहित अनेक विषयों की पुस्तकें भी अध्ययनार्थ रखी गई है।
उ0प्र0 संस्कृत संस्थान के पुस्तकालय की मुखयतः दो विशिष्टताएं हैं
(क) संस्कृत वाङ्मय के अद्यतन प्रकाशित ग्रन्थ
(ख) मूल साहित्य पर प्रचूर मात्रा में उपलब्ध द्वितीयक स्रोत।
राद्गट्रीय खयातिप्राप्त प्रकाशकों द्वारा प्रकशित विच्च्वकोशों एवं शब्दकोशों के संस्कृत हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषाओं में उत्कृष्ट सन्दर्भ ग्रन्थों तथा कुछ महत्वपूर्ण कृतियों का विशाल संग्रह है।
सूची यहाँ दी जा रही है -
शब्द कोश :-
अभिधान राजेन्द्रकोश, हलायुध कोष, अमरकोश, पालि हिन्दी कोश, आदर्श हिन्दी संस्कृत कोश, संस्कृत हिन्दी कोश, बृहत् परिभाषिक शब्द संग्रह, मङ्खकोशः, मेदनीकोशः, तेलगु हिन्दी शब्द कोश, कन्नड हिन्दी शब्द कोश, मानक हिन्दी कोश, मानक अंग्रेजी हिन्दी कोश, उर्दू - हिन्दी शब्द कोश, चैम्बर्स अंग्रेजी हिन्दी कोश, अंग्रेजी हिन्दी कोश, , पंजाबी संस्कृत शब्दकोश, प्रमाणिक हिन्दी कोश, हिन्दी अंग्रेजी थेरारस समानान्तर कोश,
विश्वकोश :-
हिन्दी विश्वकोश, इनसाइकलोपीडिया ऑफ ब्रिटानिका, वाचस्पत्यम्, हिन्दू धर्मकोश, सामान्य विज्ञान विश्व कोश, संस्कृत वाङ्मय कोश, राजनीति विचारक विश्वकोश, सचित्र विश्वकोश, संस्कृत साहित्य कोश, शब्दकल्पद्रुम आदि
जीवनी कोश-
भारतीय प्राचीन चरित्र कोश, चरित्र कोश, अन्तरराष्ट्रीय व्यक्ति कोश,
विषयगत वाङ्मय कोश-
पुस्तकालय विज्ञान कोश, भारतीय दर्शन परिभाषा कोश, उपनिषद् वाक्यकोश, सर्व धर्म कोश, शाङ्करवेदान्त कोश, विशिष्टाद्वैत कोश, मनोविज्ञान परिभाषा कोश, हस्तरेखा विज्ञान विश्वकोश, वैदिक कोश, महाभारत कोशः, पौराणिक आखयान कोश, पौराणिक कोश, पुराण गाथा एवं प्रतीक कोश, , वामनपुराण विषयानुक्रमकोश, , अभिधर्म कोश, धम्मपदं कोश, शिक्षा परिभाषा कोश, समाज कार्य परिभाषा कोश, प्राचीन भारतीय संस्कृृति कोश, मुहावरा एवं लोकोक्ति कोश, बृहत मुहावरा कोश, , भारतीय संस्कृति कथा कोश, हिन्दुस्तानी कहावत कोश, कहावत कोश, साहित्यिक मुहावरा लोकोक्ति कोश, व्हद विश्व सूक्ति कोश, सुभाषितरत्नभाण्डागारम्, अंग्रेजी हिन्दी पारिभाषिक कोश, भाषा शास्त्र का पारिभाषिक शब्द कोश, क्रिया कोश, भौतिकी परिभाषा कोश, प्राणि विज्ञान परिभाषा कोश, रसायन परिभाषिक शब्द कोश, भूविज्ञान परिभाषा कोश, सचित्र पर्यावरण संचय कोश,, भूगोल परिभाषा कोश, आयुर्वेदीय विश्व कोश, चिकित्सा विज्ञान कोश, बेदी वनस्पति कोश, , वस्तुरत्नकोश,कलातत्व कोश, भारतीय साहित्य कोश, कालिदास कोश,कालिदास क्रियापद कोश, संस्कृत साहित्य कोश,नाटक लक्षणरत्नकोश, संस्कृत नाट्यकोश, भरत कोश, अलंकार कोश,साहित्यदर्पण कोश, हिन्दी साहित्य अन्तर्कथा कोश, हिन्दी साहित्य कोश, भारतीय शिखर कथा कोश, हिन्दी उच्चारण कोश,भारतीय इतिहास कोश, राजरंगिणी कोश ,आदि।
विभिन्न विषयों के महत्वपूर्ण इतिहास ग्रन्थः-
लेखक | पुस्तक नाम | विषय |
बलदेवउपाध्याय | भारतीय दर्शन | दर्शन |
एस0एन0दासगुप्ता | भारतीय दर्शन का इतिहास | |
राधाकृष्णन् | भारतीय दर्शन | |
जदुनाथसिन्हा | भारतीय दर्शन | |
जयदेववेदालंकार | भारतीय दर्शन | |
उमेशमिश्रा | भारतीय दर्शन | |
नन्दकिशोरदेवराज | भारतीय दर्शन | |
शशिवालागौड | दर्शनशास्त्रेतिहासः | |
चक्रधरबिजल्वान | भारतीय न्यायशास्त्र | न्याय |
गजानन शास्त्री | मीमांसा दर्शन का विवेचनात्मक इतिहास | मीमांसा |
उदयवीर शास्त्री | वेदान्त दर्शन का इतिहास | वेदान्त |
नेमिचन्द्र शास्त्री | भारतीय ज्योतिष | ज्योतिष |
शिवनाथझारखण्डी | भारतीय ज्योतिष | |
जयदेववेदालंकार | वैदिक साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास | वेद |
जयदेववेदालंकार | वैदिकदर्शन | |
कुन्दनलाल शर्मा | वेदांग, वैदिक वाङ्मय का इतिहास | |
गिरिधर शर्माचतुर्वेदी | पुराण परिशीलन | पुराण |
बलदेवउपाध्याय | पुराणविमर्श | |
पी0 वी0 काणे | धर्मशास्त्र का इतिहास | धर्मशास्त्र |
व्रजवल्लभ द्विवेदी | भारतीय तंत्र शास्त्र | तंत्र |
युधिष्ठिरमीमांसक | संस्कृत व्याकरण शास्त्र का इतिहास | व्याकरण |
सत्यकामवर्मा | संस्कृत व्याकरण का उद्भव और विकास | |
रमाकान्तमिश्र | व्याकरण शास्त्र का संक्षिप्त इतिहास | |
रामाज्ञापाण्डेय | व्याकरण दर्शन भूमिका | |
ब्रह्मानन्द त्रिपाठी | व्याकरणशास्त्रेतिहासः | |
विद्याधर शुक्ल | आयुर्वेद का इतिहास एवं परिचय | आयुर्वेद |
अत्रिदेवविद्यालंकार | आयुर्वेद का वृहत् इतिहास | |
जोगेन्द्र सिंह वावरा | भारतीय संगीत की उत्पत्ति एवंविकास | संगीत |
ए0 बी0 कीथ | संस्कृत साहित्य का इतिहास | संस्कृतसाहित्य |
राधावल्लभ त्रिपाठी | संस्कृत साहित्य का अभिनव इतिहास | |
रामजीउपाध्याय | संस्कृत साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास | |
पी0 वी0 काणे | संस्कृतकाव्यशास्त्र का इतिहास | |
राधावल्लभ त्रिपाठी | संस्कृतसाहित्य बीसवीं शताब्दी | |
दयानन्दभार्गव | आधुनिक संस्कृत साहित्य | |
हीरालाल शुक्ल | आधुनिक संस्कृत साहित्य | |
ए0 बी0 कीथ | संस्कृत नाटक | |
श्रीकिशोरमिश्र | छन्दश्शास्त्र का उद्भव एवं विस्तार | |
रमेशचन्द्र घुसींगा | अलंकार शास्त्र का बृहद् इतिहास | |
रामजीउपाध्याय | मध्यकालीन संस्कृत नाटक | |
रामजीउपाध्याय | आधुनिक संस्कृत नाटक | |
पारसनाथ द्विवेदी | नाट्यशास्त्र का इतिहास | |
भरत सिंह उपाध्याय | पालि साहित्य काइतिहास | |
जगदीशचन्द्रजैन | प्राकृत साहित्य का इतिहास |
संस्कृत वाङ्मय का वृहद इतिहास ग्रन्थ विषयानुसार अनेक खण्डों में प्रकाशित है ।
विशिष्ट लेखकों के ग्रन्थः-(प्राचीन)
वाल्मीकि, व्यास, कालिदास, अश्वघोष, बाणभट्ट, भारवि, कुमारदास, भट्टि, माघ, भरत, भामह, दण्डी, रुय्यक, वामन, आनन्दवर्धन, सुश्रुत, पाणिनी, पतंजलि, मनु, याज्ञवल्क्य, पाराशर, वात्स्यायन, कौटिल्य, मय, अमर सिंह,
विशिष्ट लेखकों के ग्रन्थः-(आधुनिक) :
गोपीनाथ कविराज, वासुदेव द्विवेदी, बलदेव उपाध्याय, अभिराज राजेन्द्र मिश्र, करपात्री, राधावल्लभ त्रिपाठी, रामकरण शर्मा, जयमन्तमिश्र, नवलता,आदि
इस पुस्तकालय में विभिन्न विषयों के विशिष्ट ग्रन्थ, ग्रन्थावली, तथा ग्रन्थों की टीकायें उपलब्ध हैं। शोध कार्य हेतु विभिन्न विषयों के सन्दर्भ तथा इतिहास ग्रन्थ,प्रकाशकों की सीरीज सम्पूर्ण पुराण तथा श्रीराम शर्मा, निराला, विवेकानन्द, हजारी प्रसाद द्विवेदी आदि की ग्रन्थावली पूर्ण रूप से उपलब्ध हैं।
5. विषय
विषय एवं वर्गाक के अनुसार उपलब्ध पुस्तकों की संख्या का विवरण -
कृत्रिम सं0 (वर्गांक) | विषयों के नाम | संस्कृत संस्थान में उपलब्ध पुस्तकों की संख्या |
10 | हस्तलिखित ग्रन्थसूची | 28 |
20 | पुस्तकालय विज्ञान | 24 |
40 | अभिनन्दन ग्रन्थ | 29 |
52-55 | संस्कृत पत्रिका | 80 |
55 | हिन्दी पत्रिका (कल्याण विशेषांक) | 25 |
122 | उपनिषद् | 172 |
129 | गीता | 163 |
131 | सांख्य | 56 |
132 | योग | 92 |
133 | न्याय | 191 |
134 | वैशेषिक | 41 |
135 | मीमांसा | 121 |
136 | वेदान्त | 565 |
140-149 | वैष्णव दर्शन | 144 |
150-155 | बौद्ध दर्शन, बौद्ध न्याय | 155 |
158-159 | जैनदर्शन, जैनन्याय | 53 |
160-164 | शैव शाक्त दर्शन | 162 |
165 | प्रत्यभिज्ञा दर्शन | 165 |
183 | ज्योतिष | 516 |
221 | वैदिक धर्म | 324 |
221.1 | ऋग्वेद | 60 |
221.2 | यजुर्वेद | 50 |
221.3 | सामवेद | 71 |
221.4 | अथर्ववेद | 55 |
221.5 | ब्राह्मण ग्रन्थ | 57 |
221.7 | कल्पसूत्र (श्रौत, गृह्य, धर्म, शुल्व) | 100 |
221.8 | प्रातिशाख्य, निरुक्त, शिक्षा | 183 |
222 | रामायण | 166 |
223 | महाभारत | 117 |
224 | भक्ति साहित्य, भागवत | 182 |
225 | पुराण | 630 |
226 | तन्त्र | 545 |
227 | स्तोत्र | 215 |
228 | कर्मकाण्ड | 211 |
229 | स्मृति, धर्मशास्त्र | 275 |
230.39 | हिन्दू धर्म, मध्यकालीन | 176 |
240-249 | हि0 ध0 वर्तमान | 172 |
250-259 | बौद्ध धर्म, साहित्य | 264 |
260-269 | जैन धर्म, साहित्य | 58 |
300 | सामाजिक शास्त्र | 500 |
410 | भाषाविज्ञान | 50 |
423 | कोश | 109 |
425 | संस्कृत व्याकरण | 675 |
430 | पालि भाषा | 32 |
440 | प्राकृत भाषा | 31 |
520 | गणित ज्योतिष | 200 |
600 | व्यावहारिक विज्ञान (आयुर्वेद) | 500 |
700 | ललित कला | 85 |
821 | संस्कृत काव्य | 1258 |
821.1 | संस्कृत आधुनिक काव्य | 1000 |
822 | संस्कृत नाटक | 635 |
822.01 | नाट्यशास्त्र | 232 |
823 | संस्कृत कथा साहित्य | 440 |
828 | काव्यशास्त्र | 654 |
829.1 | सुभाषित/नीति | 108 |
829.2 | चम्पूकाव्य | 60 |
830-49 | पालि प्राकृत साहित्य | 34 |
850 | हिन्दी साहित्य | 730 |
900 | प्राचीन इतिहास भूगोल | 140 |
अन्य | भाषा कोश आदि अन्य | 3400 |
6. पत्रिका
ᅠपुस्तकालय में संस्कृत तथा हिन्दी भाषा के 11 पत्रिकायें क्रय के द्वारा तथा 30 पत्र-पत्रिकायें विनिमय के माध्यम से आती है। क्रय द्वारा आने वाली पत्र-पत्रिकाओं के विवरण निम्नलिखित है- दैनिक समाचार पत्र भाषा 1. दैनिक जागरण (लखनऊ संस्करण) हिन्दी 2. हिन्दुस्तान (लखनऊ संस्करण) हिन्दी साप्ताहिक पत्र-पत्रिकायें भाषा 1. रोजगार समाचार हिन्दी 2. इण्डिया टुडे हिन्दी पाक्षिक पत्रिकायें भाषा 1. गृहशोभा हिन्दी 2. सरिता हिन्दी मासिक पत्रिकायें भाषा |
1. प्रतियोगिता दर्पण हिन्दी 2. आउट लुक हिन्दी 3. सम्भाषण सन्देश संस्कृत 4. कादम्बिनी हिन्दी विनिमय/निःशुल्क आने वाली पत्र-पत्रिकायें साप्ताहिक पत्र-पत्रिकायें भाषा 1. संस्कृत भवितव्यम् संस्कृत 2. गाण्डीवम् संस्कृत पाक्षिक पत्रिकायें भाषा 2. वाक् संस्कृत मासिक पत्रिकायें भाषा 1. सत्यानन्दनम् संस्कृत-बंगाली 2. लोकभाषा सुश्रीः संस्कृत 3. गीर्वाण सुधा संस्कृत 4. दिव्य ज्योति संस्कृत 5. भारतोदय संस्कृत द्वैमासिक पत्रिकायें भाषा 1. भारत मुद्रा संस्कृत त्रैमासिक पत्रिकायें भाषा 1.स्वर मड्रला संस्कृत 2. संस्कृत मंजरी संस्कृत 3. संगमनी संस्कृत 4. गुज्जारवः संस्कृत षाण्मासिक पत्रिकायें भाषा 1. आरण्यकम् संस्कृत 2. छन्दस्वती संस्कृत 3. परिशीलनम् संस्कृत वार्षिक पत्रिका स्मारिका भाषा 1. नन्दन वन कल्पतरू संस्कृत |
7- पुस्तकालय में पुस्तकों का व्यवस्थापन -
पुस्तकालय में पुस्तकों का वर्गीकरण दशमलव वर्गीकरण पद्धति (21वां संस्करण) में आंशिक संशोधन करते हुए किया गया।
8. पुस्तकालय के उपयोग की विधि
पुस्तकों के विशिष्ट विषय को एक कृत्रिम भाषा में अनुवाद करने से समान पुस्तकें एक स्थान पर एकत्रित हो जाती है। इसे वर्गीकरण कहते हैं। पुस्तकालयों में अनेक प्रकार की वर्गीकरण पद्धतियाँ ज्ञान जगत को विभाजित करने हेतु प्रयुक्त की जाती है । लखनऊ के अधिकांश पुस्तकालय में डी.डी.सी. पद्धति को अपनाया गया है तथा उसका विभाग बनाकर सामान्य कृति, दर्शन, धर्म, समाजशास्त्र, भाषाशास्त्र, शुद्ध विज्ञान, व्यावहारिक विज्ञान, ललित कलाएँ, साहित्य तथा इतिहास के विषयों को कृत्रिम अंक 000 से 900 तक प्रदान किये जाते हैं। इन्हीं अंकन (विषय) के आधार पर दोनों पुस्तकालय के आलमारियों में क्रमबद्ध पुस्तकें रखी गयी है।
अक्सर यह देखा गया है कि अधिकांश पाठक शिक्षकों द्वारा बतायी गयी पुस्तकों को ही पुस्तकालय में ढूढ़ता हैं। निर्दिष्ट अध्ययन सामग्री के न मिलने पर आपका बहुमूल्य समय नष्ट हो जाता है। अतः सलाह दी जाती है कि प्रामाणिक, सटीक एवं आवश्यक प्रलेख प्राप्त करने हेतु उन्हें पुस्तकालय के कर्मचारी से सम्पर्क करना चाहिए। पुस्तकालय के कर्मचारी उनकी आवश्यकता को समझकर अन्य लेखकों की पुस्तकें दे सकता है तथा यह भी सूचना प्राप्त की जा सकती है कि इस विषय पर अन्य कौन-कौन सी पुस्तकें प्राप्त हो सकती है। अध्येताओं की समस्या खोज की होती है अतः इन पुस्तकालयों में उपयोग में ली जाने वाली वर्गीकरण प्रणाली तथा सूचीकरण से परिचित कराया जा रहा है। इससे पुस्तकों के व्यवस्थापन की जानकारी प्राप्त हो जाएगी। सूचीपत्रक तथा कम्प्यूटर से पाठ्यसामग्री का खोज आसान हो जाएगा।
संस्कृत संस्थान के सूची पत्रक (कैबिनेट कार्ड) पुस्तकों को ढूढ़ने के लिए आपको हिन्दी शब्दकोश का अभ्यास आवश्यक है जिसमें वर्णक्रम से शब्दों का संयोजन होता है। यहाँ के कैबिनेट में मुख्यतः चार प्रकार से पुस्तकों की सूचना दी हुई है -
(क) पुस्तक नाम (वर्णानुक्रम) (ख) लेखक के (उपाधि) नाम से (वर्णानुक्रम)
(ग) कृत्रिम संखया द्वारा (वर्गानुक्रम) (घ) विषयानुक्रम (वर्णानुक्रम)
Sir may I get the collection of books written by pandit Govind Shastri chomu Rajasthan on mantra vigyan tantra Sadhana and other
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