मैं सन् 26 जनवरी 1983 को संस्कृत अध्ययन के लिये हुलासगंज आया था, तब हुलासगंज में रामानुज सम्प्रदाय के अनेक संत
विद्यमान थे। उस समय वहाँ मुख्य मन्दिर,विद्यालय को छोडकर बाकी भवन कच्चे थे. हालांकि श्रद्धालु उन दिनों भी आते हैं।
हमने अपने मित्रों से हुलासगंज के बारे मे पूछा तो उन्होंने हमें तमाम जानकारियाँ और कई कथाएँ
सुनाईं।...