संस्कृत-ज्ञान
परम्परा श्रुति-परक रही है। आदिकाल से ही मूलग्रन्थ को गुरुमुख से सुनकर
विद्यार्थी उसके शुद्ध मानक उच्चारण को सीख जाता था और फिर वही शुद्ध उचारण अपनी
अगली पीढ़ी में संक्रांत कर देता था, जिससे एकरूपता अखंड रूप से बनी रहती थी किन्तु
कालांतर में यह परम्परा भंग हो गयी, जिसके फलस्वरूप संस्कृत के मानक उच्चारण और
मूल ग्रन्थ की आवृत्ति की...
त्रैमासिक पौरोहित्य प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
1. पौरोहित्य का सामान्य परिचय2. कर्मकाण्डीय मंत्रों तथा श्लोकों का कण्ठस्थीकरण3. कर्मकाण्डीय ज्योतिष4. कर्मकाण्ड का प्रायोगिक प्रशिक्षण एवं प्रबंधन5. शिक्षार्थी पाठयोजना, अभ्यास तथा प्रयोग
1.पौरोहित्य का सामान्य
परिचय
(क)
पौरोहित्य...
त्रैमासिक योग प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
Ø समयावधि- तीन
माह (75 कक्षायें) प्रतिदिन कक्षा 1.00 घंटा 15 मिनट
Ø Øप्रवेश की अर्हता – 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण
Ø Øआयु- 16 वर्ष
से 50 वर्ष आयु के लोग
पाठ्यक्रम-
1. 1. योग का सामान्य परिचय
2. 2. योगासन, प्राणायाम, मुद्रा-बन्ध, षट्कर्म, ध्यान आदि की
अभ्यास विधि, लाभ और सावधानियां
3. ...