Ø समयावधि- तीन माह (75 कक्षायें) प्रतिदिन कक्षा 1.00 घंटा 15 मिनट
Ø Øप्रवेश की अर्हता – 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण
Ø Øआयु- 16 वर्ष से 50 वर्ष आयु के लोग
पाठ्यक्रम-
1. 1. योग का सामान्य परिचय
2. 2. योगासन, प्राणायाम, मुद्रा-बन्ध, षट्कर्म, ध्यान आदि की अभ्यास विधि, लाभ और सावधानियां
3. 3. योगासन, प्राणायाम, मुद्रा-बन्ध, षट्कर्म, ध्यान का प्रायोगिक प्रशिक्षण
4. 4. संस्कृत व्याकरण
5. 5. शिक्षार्थी पोर्टफोलियो पाठयोजना , प्रोजेक्ट, मौखिक परीक्षा
1.योग का
सामान्य परिचय
क)
योग का अर्थ, योग की परिभाषा तथा उद्देश्य
ख)
योग का संक्षिप्त इतिहास तथा मुख्य सम्प्रदाय (राजयोग,
हठयोग, ध्यानयोग तथा कर्म योग)
ग)
योग सूत्र, हठयोग प्रदीपिका, घेरण्ड संहिता का सामान्य
परिचय
घ)
अष्टांग योग का सामान्य परिचय
ङ)
आसन की परिभाषा, संख्या, वर्गीकरण (वर्गाकरण-
प्रारम्भिक अवस्था, प्रभाव और प्रकृति के अनुसार)
च)
प्राणायाम की परिभाषा, संख्या तथा प्रकार
छ)
चक्र, पञ्चकोश, नाड़ी तथा योगनिद्रा का सामान्य परिचय
ज)
स्वास्थ्य प्रबन्धन में योग तथा योगिक आहार का महत्व
2.योगासन, प्राणायाम, मुद्रा-बन्ध, षट्कर्म, ध्यान आदि की
अभ्यास विधि, लाभ और सावधानियां
3.योगासन, प्राणायाम, मुद्रा-बन्ध, षट्कर्म, ध्यान का
प्रायोगिक प्रशिक्षण
अ) प्रार्थना- योगेन चित्तस्य पदेन वाचां मलं शरीरस्य च वैद्यकेन।
योऽपाकरोत् तं प्रवरं मुनीनां, पतंजलि प्रांजलिरानतोऽस्मि।।
समदोषः समाग्निश्च समधातुमलक्रियः ।
प्रसन्नात्मेन्द्रियमनाः स्वस्थ इत्यभिधीयते ॥
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः ।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु ॥
आ) शरीर को गर्म करने वाले अभ्यास (शिथिलीकरण, सूक्ष्म
व्यायाम)
ग्रीवा,
कुहनी, स्कन्ध, कटि, जानु, बुल्फ, अंगुल (कुल 15 व्यायाम)
इ) खड़े होकर किये जाने वाले आसन
ताड़ासन,
तिर्यक् ताड़ासन, कटिचक्रासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रसान, वृक्षासन,
पादहस्तासन,
कोणासन, त्रिकोणासन, पारम्परिक सूर्यनमस्कार।
ई) बैठकर किये जाने वाले आसन
वज्रासन,
सुप्तवज्रासन, सिंहासन, पद्मासन, सिद्धासन, गोमुखासन, भद्रासन,
पश्चिमोत्तानपादासन, वक्रासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, मण्डूकासन, उत्तान मण्डूक आसन,
जानुशीर्षासन, शार्षासन, पर्वतासन, उष्ट्रासन।
उ) पीठ के बल लेटकर किये जाने वाले आसन
उत्तानपादासन, पवनमुक्तासन, सेतुबंध आसन,
मेरूदण्ड आसन, अर्धहलासन, सर्वांगासन, हलासन,
कर्णपीडासन,
मत्स्यासन, शवासन।
ऊ) षट्कर्म
नेति और कपालभाति
ए) मुद्रा-बन्ध
ज्ञान मुद्रा,
प्रणव मुद्रा, जालन्धर बन्ध , उड्डीयान बन्ध, मूल बन्ध और महाबन्ध।
ऐ) श्वसन क्रियायें और प्राणायाम
·
उदरीय श्वसन, वक्षीय श्वसन, क्लैविकुलर श्वसन और योगिक
श्वसन।
·
अनुलोम विलोम (नाडीशोधन) भस्त्रिका, सूर्यभेदी, चन्द्रभेदी,
शीतली, सीत्कारी, उज्जयी, भ्रामरी
ओ) ध्यान
श्वास पर
ध्यान तथा योग निद्रा
4. संस्कृत व्याकरण
क) सन्धि (ख) सुबन्त पद परिचय (ग) तिङन्त पद परिचय (घ) उपसर्ग
(ङ) अव्यय (च) प्रत्यय
5. शिक्षार्थी पाठयोजना, प्रोजेक्ट, मौखिक परीक्षा
सर्वे
भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे
भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।।
योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनञ्जय ।
सिद्धयसिद्धयोः
समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते ॥
अतीव सुन्दर संकलन और अत्यन्त ही सुन्दर उपक्रम जिसका अनुशरण समाज व राष्ट्र को गौरव प्रदान करने वाला है।
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