इस
आयोजन में विभिन्न शैक्षिक संगोष्ठियों, विद्वद गोष्ठियों, छात्र
प्रतियोगिताओं तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पंच दिवसीय अखिल
भारतीय व्यास महोत्सव के इस भव्य समारोह में निम्न कार्यक्रम आयोजित किये गये।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का विवरण आपके समक्ष प्रस्तुत है-
व्यास पूजन समारोह
अखिल
भारतीय महर्षि व्यास महोत्सव की पूर्वसंध्या दिनांक 05 दिसम्बर को
अपराहण 4.00 बजे से
व्यास मंदिर, चांदी तारा, साहूपुरी,
जिला
चन्दौली में व्यास पूजन का आयोजन कर समारोह का शुभारभ किया गया, व्यास
पूजन समारोह में वाराणसी मण्डलायुक्त, श्री अजय कुमार
उपाध्याय, चंदौली के जिलाधिकारी श्री विजय कुमार त्रिपाठी, सम्पूर्णानन्द
संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के वेद विभागाध्यक्ष प्रो0
युगल किशोर मिश्र, व्यास महोत्सव की नोडल अधिकारी प्रो0
मंजुला चतुर्वेदी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक अधिकारी डा0
लवकुश द्विवेदी, उ0प्र0 संस्कृत
संस्थान के निदेशक श्री सत्येन्द्र सिंह तथा संस्थान कर्मचारियों के साथ अन्य
गणमान्य विद्वानों ने उपसिथत होकर व्यास पूजन सम्पन्न किया। साथ ही मंदिर परिसर
में आयोजित भजन संध्या में सुश्री मंगला विश्वकर्मा, वाराणसी द्वारा
भजन प्रस्तुत किये गये और समस्त जनता में प्रसाद वितरण किया गया।
उदघाटन समारोह
दिनांक 06 दिसम्बर 2011 को
अस्सी घाट पर व्यास महोत्सव के उदघाटन समारोह का शुभारम्भ सायं 5.00
बजे से मुख्य अतिथि श्री सुभाष पाण्डेय, माननीय संस्कृति मंत्री जी उत्तर
प्रदेश शासन द्वारा दीपप्रज्वलित कर किया गया। उदघाटन समारोह में श्री श्री 1008
श्री शीतलानन्द नाथ जी महाराज पीठाधीश्वर श्री ललिताश्रम, कानपुर, मण्डलायुक्त
श्री अजय कुमार उपाध्याय, वाराणसी के जिलाधिकारी श्री रविन्द्र
एवं उ0प्र0 संस्कृत संस्थान के निदेशक श्री सत्येन्द्र
सिंह तथा प्रो0 कमलेश दत्त त्रिपाठी, समन्वयक इनि्दरा
गाधी कला केन्द्र, वाराणसी, प्रो0
युगल किशोर मिश्र, वेद विभागाध्यक्ष, सं0 सं0 वि0वि0,वाराणसी
उपसिथत थे। संस्थान के निदेशक श्री सत्येन्द्र सिंह द्वारा अतिथियों को पुष्प
गुच्छ, अंग वस्त्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया, तथा
महोत्सव की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। संस्थान की अध्यक्ष डा0
रेखा बाजपेर्इ द्वारा स्वागत उदबोधन कर अतिथियों का वाचिक स्वागत किया गया। आयोजन
के सम्बन्ध में बीज वक्तव्य प्रो0 कमलेश दत्त त्रिपाठी जी द्वारा किया
गया। श्री श्री 108 श्री शीतलानन्द नाथ जी महाराज कान्यकुब्ज
पीठाधीश्वर श्री ललिताश्रम, कानपुर द्वारा मंगलाशीष किया गया।
मुख्य अतिथि श्री सुभाष पाण्डेय, मा0 संस्कृति मंत्री
जी द्वारा भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र, मुंगरा बादशाहपुर की ओर से महर्षि वेद
व्यास पीठ की स्थापना हेतु रूपये 2.00 लाख का चेक मण्डलयायुक्त, वाराणसी
को भेंट दिया गया। उदघाटन समारोह के अन्त में श्री अजय कुमार उपाध्याय, मण्डलायुक्त,
वाराणसी
मण्डल द्वारा आभार प्रकट किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ
रात्रि 6.35 बजे हुआ जिसमें शहनार्इ वादन श्री मुमताज
हुसैन, वाराणसी, गीत गोविन्दम नृत्य वाटिका श्री आलोक पाण्डेय,
वाराणसी,
भजन
श्री सुशील बावेजा, धनबाद द्वारा प्रस्तुत अस्सी घाट, वाराणसी
पर किया गया।
वेद की समस्त उपलब्ध शाखाओं के मूर्धन्य विद्वानों द्वारा वेद पाठ
द्वितीय दिवस दिनांक 07 दिसम्बर 2011 को
विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिनमें पहले दिन उदघाटन के बाद अस्सी घाट पर वेद
की समस्त उपलब्ध शाखाओं के मूर्धन्य विद्वानों द्वारा वेद पाठ (समस्त विकृतियों
सहित) जिनमें श्री चिन्तामणि दीक्षित महाड़कर (वाराणसी), श्री मणिकान्त
मिश्र (वाराणसी), श्री अनन्तेश्वर मिश्र (वाराणसी), श्री
वेद प्रकाश चतुर्वेदी (वाराणसी), श्री रामचन्द्र देव (वाराणसी), श्री
निवास लक्ष्मीकान्त पुराणिक (वाराणसी), श्री लक्ष्मीकान्त रामाचार्य पुराणिक
(वाराणसी), श्री पाण्डुरंग लक्ष्मीकान्त पुराणिक (वाराणसी),
श्री
दीपेश कुमार दूबे (वाराणसी), श्री चेतन शर्मा (वाराणसी), श्री
अनिरूद्ध पेठकर (वाराणसी), श्री के0वेंकटरमन शर्मा
(वाराणसी), श्री महादेव घन पाठी (वाराणसी), श्री
गणेश भटट (वाराणसी), श्री रामाघनपाठी (वाराणसी), श्री
डि0वि0 राघव घनपाठी (वाराणसी), डा0 राममूर्ति
चतुर्वेदी(वाराणसी), पं0 ओम प्रकाश मिश्र (वाराणसी), डा0
नीरज कुमार पाण्डेय (वाराणसी), श्री टेकनारायण उपाध्याय (वाराणसी),
श्री
प्रवीण कुमार पाण्डेय (वाराणसी), श्री विवके चन्द्र झा (वाराणसी),
डा0
नारायण उपाध्याय (वाराणसी), श्री भाखचन्द्र विनायक बादल (वाराणसी),
श्री
वे0मू0 विनायक मंगलेचरण बादल (वाराणसी), श्री
विवके नारायण राव औढेंकर (वाराणसी), श्री पशुपति नाथ मिश्र (वाराणसी),
श्री
कृष्ण कुमार चौलागार्इ (वाराणसी), श्री दीपक कुमार शर्मा (वाराणसी),
श्री
मणि कुमार झा (वाराणसी), डा0 शत्रुघन शरण
व्यास (वाराणसी), श्री कैलाशचन्द्र दूबे (वाराणसी), श्री
उमाशंकर (वाराणसी), श्री अनिल गोपाल घोडे़कर (वाराणसी), डा0
राजेन्द्र पाण्डेय (वाराणसी), श्री चन्द्र किशोर चतुर्वेदी (वाराणसी),
डा0
नरंिसंह द्विवेदी (वाराणसी), पं0 काशी नाथ
त्रिपाठी (वाराणसी), डा0 रामलला बाजपेर्इ (वाराणसी), श्री
लक्ष्मीकान्त बाजपेर्इ (वाराणसी), डा0 गंगाधर मिश्र
(वाराणसी), श्री ओम प्रकाश शर्मा (वाराणसी), डा0
चूड़ामणि त्रिवेदी (वाराणसी), श्री शालिग्राम शर्मा (वाराणसी),
श्री
गगन कुमार चêोपाध्याय (वाराणसी), श्री बालेन्दु
नाथ मिश्र (वाराणसी), श्री शिवशंकर शर्मा (वाराणसी), श्री
देवदत्त त्रिपाठी (वाराणसी), श्री शरद कुमार नागर (वाराणसी),
श्री
दिलीप राम नागर (वाराणसी), श्री श्यामसुन्दर तिवारी (वाराणसी),
श्री
पुण्डलिक कृष्ण भागवत (वाराणसी), श्री श्रवणयों बापट (वाराणसी), पं0
प्रभाकर बापट (वाराणसी), श्री धनंजय (वाराणसी), पं0
श्री विजय कुमार शर्मा (वाराणसी), श्री मनीष कुमार शर्मा (वाराणसी),
श्री
शम्भु लाल शर्मा (वाराणसी), श्री कृष्ण रामचन्द्र रटाटे (वाराणसी),
श्री
गोपाल रटाटे (वाराणसी), श्री मिथलेश कुमार पाण्डेय (वाराणसी), श्री
ज्योति स्वरूप तिवारी (वाराणसी), श्री जयन्तपति त्रिपाठी (वाराणसी),
श्री
कृष्ण कुमार शर्मा (वाराणसी), श्री नीरज कुमार शर्मा (वाराणसी),
श्री
आलोक मिश्र (वाराणसी), श्री सर्वेश रमण तिवारी (वाराणसी) आदि
विद्वानों ने भाग लिया। प्रथम सत्र वेद संगोष्ठी-वेदार्थ के सम्प्रेषण में महर्षि
व्यास का योगदान पर का आयोजन गांधी अध्ययन पीठ, महात्मा गाधी
काशी विद्यापीठ, वाराणसी में हुआ जिसमें श्री सुकुमार चौधरी,
(वाराणसी),
प्रो0 ओम
प्रकाश पाण्डेय, (लखनऊ), डा0 रेखा शुक्ला,
(लखनऊ),
डा0
महेन्द्र पाठक (वाराणसी), डा0 शैलेन्द्र नाथ
दीक्षित (वाराणसी), डा0 कृष्ण कान्त (वाराणसी), डा0
चन्द्रकान्ता राय (वाराणसी), डा0 विजय कर्ण
(लखनऊ), डा0 केशव मिश्र, (वाराणसी),
डा0
दीपक (वाराणसी) आदि विद्वानाें ने भाग लिया। पूर्वाहन 1.00 बजे ललित कला
विभाग, महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में
चित्रकला प्रदर्शनी का उदघाटन उ0प्र0 संस्कृत
संस्थान की अध्यक्ष डा0 रेखा बाजपेर्इ जी द्वारा किया गया। इस अवसर मा0गा0का0विद्यापीठ
के कुलपति प्रो0 पृथ्वीश नाग उपसिथत थे। द्वितीय सत्र में
समिति कक्ष, महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी
में वेदान्त संगोष्ठी-वादरायण व्यास एवं वेदान्त प्रस्थान-व्याख्या वैविध्य पर डा0
हरि राम मिश्र (दिल्ली), डा0 धनन्जय पाण्डेय
(वाराणसी), डा0 शीतला प्रसाद पाण्डेय (वाराणसी),
डा0
भकित पुत्र रोहतम (वाराणसी), प्रो0 गयाराम पाण्डेय
(वाराणसी), डा0 रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी (गोरखपुर),
प्रो0
उमारानी त्रिपाठी (वाराणसी), प्रो0 राजाराम शुक्ल
(वाराणसी), प्रो0 कमलेश झा (वाराणसी) आदि विद्वानों ने
भाग लिया। प्रतिदिन अपराहन 5.00 बजे से 6.00 बजे तक व्यास
कथा का वाचन प्रो0 इच्छाराम द्विवेदी, अध्यक्ष
पुराणेतिहास विभाग, श्री लाल बहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ
नर्इ दिल्ली द्वारा अस्सी घाट पर किया गया।
सायं
सांस्कृतिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय कथक संस्थान, लखनऊ द्वारा
वसुन्धरा नृत्य नाटिका, श्री मेवा सपेरा, जयपुर द्वारा
लंगा गायन, कालबेलिया, घूमर चरी एवं
भवर्इ लोक नृत्य तथा उपशास्त्रीय गायन श्रीमती ममता शर्मा, वाराणसी द्वारा
किया गया।
विद्वदगोष्ठी (पुराण, धर्मशास्त्र)
तृतीय दिवस दिनांक 08 दिसम्बर 2011 को
विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिनमें विद्वदगोष्ठी (पुराण, धर्मशास्त्र)
का आयोजन समिति कक्ष, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी
में हुआ। जिसमेें भारतीय शास्त्र परम्परा के सातत्य संरक्षण में अगि्नपुराण की
भूमिका विषय पर प्रो0
दीपित त्रिपाठी (दिल्ली), प्रो0 सत्यप्रकाश
सिंह (दिल्ली), प्रो0 मुरलीमनोहर पाठक (गोरखपुर), प्रो0
रमेश चन्द्र पण्डा (वाराणसी), डा0 सरोज कुमार
पाढी (वाराणसी), डा0 श्रीकृष्ण त्रिपाठी (वाराणसी),
प्रो0
गयाराम पाण्डेय (वाराणसी), प्रो0 उमारानी
त्रिपाठी (वाराणसी), डा0 राममूर्ति चतुर्वेदी (वाराणसी),
डा0
कृष्णदत्त मिश्र (वाराणसी), श्रीनिवास (वाराणसी), श्री
श्यामानन्द मिश्र (वाराणसी), डा0 रामतीर्थ मिश्र
(वाराणसी), प्रो0 रमानाथ शर्मा (वाराणसी) ने व्याखान
दिया।
चित्रकला प्रतियोगिता
शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिनमें बाल एवं युवा वर्ग की
चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन ललित कला विभाग, महात्मा गाधी
काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया। जिनमें विभिन्न विधालयों
के लगभग तीन सौं छात्रों ने भाग लिया। जिसमें कनिष्ठ वर्ग- चित्रकला प्रतियोगिता
में पारस कुमार (सेन्ट्रल हिन्दू ब्वायज स्कूल, वाराणसी) ने
प्रथम तथा पृथ्वी मिश्रा (डब्लू0एच0सिमथ मैमोरियल
स्कूल ,वाराणसी) ने द्वितीय व अभिषेक वसाक(सनबीम एकेडेमी ब्वायज स्कूल
वाराणसी) ने तृतीय और आशीष आनन्द (सेन्ट्रल हिन्दू ब्वायज स्कूल वाराणसी), अविनाश
कुमार उपाध्याय(डी0पी0एस0,बी0एच0यू0),
प्रोनिता
पाल (डी0पी0एस0 वाराणसी), सुषिमता (सनबीम
एकडेमी, सरायनन्दन वाराणसी), अजय कुमार गौंड (सेंट्रल हिन्दू ब्वायज
स्कूल वाराणसी) ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। वरिष्ठ वर्ग-चित्रकला
प्रतियोगिता में दीपाली देवी (खैरागढ़ विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़) ने
प्रथम व अविनेश कुमार मिश्र (म0गां0काशी विद्यापीठ,
वाराणसी)
ने द्वितीय तथा सुश्री पारूल गोलछा (हमीदिया कालेज भोपाल) ने तृतीय और आशीष रावत
(ललित कला विभाग दीनदयाल उपाध्याय कालेज, गोरखपुर विश्वविधालय) , शाहिद
कौसर अन्सारी (सन्त लाल इनिसटीटयूट आफ मैनेजमेंट), धीरज यादव
(दृश्य कला विभाग, इलाहाबाद विश्वविधलाय), रमेश चन्द्र
(आर्इ0एफ0ए0वाराणसी), सदानन्द
(वाराणसी काशी विद्यापीठ), ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
अपराहन
में छन्दोगान प्रतियोगिता का आयोजन प्रेक्षागृह, महात्मा गाधी
काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया। जिसमें विभिन्न महाविधालयों
के छात्रों ने भाग लिया और मत्स्य पुराण पर आधारित छन्दोगान का गायन किया। जिसमें वरिष्ठ वर्ग में प्रियंका
पाठक-प्रथम, वेद प्रकाश-द्वितीय तथा श्रीयंका ने तृतीय
स्थान प्राप्त किया। तथा कनिष्ठ वर्ग में अर्पिता मिश्रा-प्रथम, भरत
हर्डीकर,(राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान)-प्रथम, नूपूर
दास-द्वितीय, शिवानी शुक्ला(भगवान दीन आर्य कन्या
स्नातकोत्तर महाविधालय)-तृतीय तथा अर्चना व सुरूचि मिश्रा ने सान्त्वना पुरस्कार
प्राप्त किया।
सायं
सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रीमती बीना सिंह, इलाहाबाद द्वारा
अवधी लोक नृत्य, श्री विशाल कृष्णा एवं साथी, वाराणसी
द्वारा रास रंग, श्री गणेश मिश्र, वाराणसी द्वारा
उपशास्त्रीय गायन तथा ब्रज लोक संस्कृति एवं सेवा संस्थान, मथुरा द्वारा
महारास किया गया।
महाभारत गोष्ठी
चतुर्थ
दिवस दिनांक 09 दिसम्बर 2011 को विभिन्न
कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिनमें विद्वदगोष्ठी का आयोजन समिति कक्ष, महात्मा
गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया। जिसमें महाभारत- भारतीय
आख्यान परम्परा में महाभारत की व्यापित विषय पर प्रो0 कमलेश दत्त
त्रिपाठी(वाराणसी), प्रो0 हरेराम त्रिपाठी (वाराणसी), प्रो0
कृष्ण मोहन पाण्डेय(वाराणसी), प्रो0श्रीनिवास ओझा
(वाराणसी), प्रो0 कृष्ण मोहन पाण्डेय (वाराणसी),
डा0
पवन कुमार शास्त्री (वाराणसी), प्रो0 गंगाधर पण्डा
(वाराणसी), डा0 रमाकान्त पाण्डेय (वाराणसी), डा0
ब्रजबिहारी त्रिपाठी (वाराणसी), प्रो0 जयशंकर लाल
त्रिपाठी (वाराणसी), डा0 राजकुमारी त्रिखा (दिल्ली), डा0 राममूर्ति
चतुर्वेदी (वाराणसी), सीमा यादव (वाराणसी) ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत
किये।
शोध छात्र संगोष्ठी
इसके साथ ही शोध छात्र संगोष्ठी का आयोजन प्रेक्षागृह, महात्मा
गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया। जिसमें व्यास वाडमय के
अनुशीलन की दिशायें-अतीत एवं वर्तमान विषय पर विभिन्न विधालयों के छात्रों शोध
पत्र पढ़े। जिसमें श्री मधुसूदन मिश्र-प्रथम, सुश्री दीपिका
राय-द्वितीय, श्री प्रमोद भटट-तृतीय तथा श्री नवनीत भटट व
श्री वृहस्पति भटटाचार्य को सान्त्वनां पुरस्कार प्राप्त किया। पूर्वाहन में
सम्पूर्ण गीता कण्ठस्थ्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन प्रेक्षागृह, महात्मा
गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी मंें किया गया। जिसमें विभिन्न
विधालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जिसमें धीरू कुमार चौब, राहुल
पाण्डेय, अक्षय आदित्य, प्राज्जल मिश्र, सरयू, सुरेश
शर्मा, संजय कुमार शर्मा, पंकज शर्मा, शेबर मिश्र,
दीपक
मिश्र ने सम्पूर्ण गीता कठस्थ प्रतियोगिता में प्रथम दस स्थान पाकर प्रति 5000.00
रूपये का पुरस्कार प्राप्त किया। अन्य प्रतिभागियों में अरविन्द कुमार तिवारी,
पुरातन
शर्मा, मनीष शर्मा, शिवचरित द्विवेदी, विवके
चन्द्र झा, वद्री नारायण गौतम, आदेश मिश्र,
मनीष
शर्मा, दुर्गादत्त मिश्र, रजीत दूबे, वेदव्रत शर्मा,
शुभम
पाण्डेय, संस्कृति चतुर्वेदी, वेद प्रकाश, अर्चा मिश्र ने
रूपये एक-एक हजार का पुरस्कार प्राप्त किया। आदि छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
सायं
सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के सौजन्य से
श्री शीशपाल चौहान, रोहतक द्वारा हरियाणवी लोकनृत्य, श्री
सुधीर तिवारी, सागर द्वारा बधार्इ-नौरता गायन, श्री
मदन लाल शर्मा, मथुरा द्वारा बज्र के लोक नृत्य तथा श्री विमल
शाहाबादी, आरा द्वारा बिहार के लोक गीतो को प्रस्तुत किया गया।
संस्कृत संगोष्ठी
अन्तिम
समापन दिवस दिनांक 10 दिसम्बर 2011 को विभिन्न
कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिनमें संस्कृत संगोष्ठी का आयोजन समिति कक्ष, महात्मा
गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया। जिसमें संस्कृत वाडमय के
अनुशीलन सम्वर्धन एवं लोकप्रचार का दिशायें
विषय पर प्रो0 रमानाथ शर्मा आचार्य हवार्इ विश्वविधालय
(हवार्इ), प्रो0 श्री किशोर मिश्र (वाराणसी), प्रो0
कौशलेन्द्र पाण्डेय (वाराणसी), प्रो0 यदुनाथ प्रसाद
दूबे (वाराणसी), डा0 रजनीश कुमार शुक्ल (वाराणसी), प्रो0
हरिशंकर पाण्डेय (वाराणसी), प्रो0 हरिप्रसाद
अधिकारी (वाराणसी), डा0 दिनेश कुमार गर्ग (वाराणसी), प्रो0
श्रीनिवास ओझा (वाराणसी), डा0 सुरेश चन्द्र
चौबे (वाराणसी), डा0 अविमुक्त नाथ पाण्डेय (वाराणसी),
डा0
शैलेश कुमार मिश्र (वाराणसी), डा0 रमेश चन्द्र
पाण्डेय (वाराणसी), डा0 उपेन्द्र देव पाण्डेय (वाराणसी),
प्रो0
गया राम पाण्डेय (वाराणसी) आदि विद्वानों
ने व्याख्यान दिया।
संस्कृत वाद स्पर्धा
साथ ही संस्कृत वाद स्पर्धा का आयोजन प्रेक्षागृह, महात्मा
गाधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी में किया गया, जिसमें -
श्रेयोमार्गोपदेष्टा
तु लोककल्याणहेतवे।
व्यासं
विहाय क: शक्त: दृश्यते जगतीतले।।
विषय
पर विभिन्न विश्वविधालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जिसमें कु0
प्रतिभा शास्त्री-प्रथम, र्इश्वर मूर्ति-द्वितीय, गणेश
हेगडें-तृतीय तथा कु0 मुदिता-सान्त्वना पुरस्कार प्राप्त किया। सायं
सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रीराम भारतीय कला केन्द्र, दिल्ली ,
अयोध्या
शोध संस्थान द्वारा नाटक कर्ण तथा कज्जलिका गीत तथा प्रति दिन व्यास कथा के
साथ-साथ पुस्तक मेला का आयोजन किया गया है। साथ ही संस्कृत-हिन्दी कवि सम्मेलन का
आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से आये निम्न कवियों ने
भाग लिया। प्रो0 रमाकान्त शुक्ल,(दिल्ली),
प्रो0
हरिराम आचार्य,(जयपुर), डा0
राम सुमेर यादव,(लखनऊ), डा0 कमला पाण्डेय,
(वाराणसी),
प्रो0
उमारानी त्रिपाठी(वाराणसी), डा0 सदाशिव कुमार
द्विवेदी,(वाराणसी), प्रो0 रेवा प्रसाद द्विवेदी(वाराणसी),
डा0
ब्रजेश कुमार शुक्ल(लखनऊ), डा0 कौशलेन्द्र
पाण्डेय (वाराणसी),डा0 सदाशिव कुमार द्विवेदी(वाराणसी)आचार्य
मनुदेव भटटाचार्य(वाराणसी), प्रो0 उपेन्द्र
पाण्डेय (वाराणसी), डा0 शिवराम शर्मा, डा0
भगवत शरण, डा0 धर्मदत्त चतुर्वेदी, डा0
मनुलता शर्मा, प्रो0 इच्छाराम द्विवेदी, डा0
श्रीकृष्ण तिवारी, डा0 अशोक राय अज्ञान, डा0
रंजना राय, डा0 रविकान्त, डा0
मनमोहन मिश्र आदि कवियों ने भाग लिया।
समापन
समारोह का शुभारम्भ मुख्यातिथि श्री सुखदेव राजभर मा0अध्यक्ष विधान
सभा द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। मण्डलायुक्त महोदय द्वारा मा0
विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह
द्वारा किया गया। स्वागत उदबोधन श्री सत्येन्द्र सिंह निदेशक द्वारा किया गया तथा
व्यास महोत्सव पर सम्पूर्ण रिर्पोट प्रतुस्त की गयी। मुख्यातिथि श्री सुखदेव राजभर
मा0अध्यक्ष विधान सभा द्वारा समस्त विजेता प्रतिभागी छात्रों को
पुरस्कार वितरण किया गया। अध्यक्षीय सम्बोधन डा0 रेखा बाजपेर्इ
अध्यक्ष उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा किया गया। आभार तथा
धन्यवाद ज्ञापन प्रो0 कमलेश दत्त त्रिपाठी द्वारा किया गया। समारोह
के अन्त में श्रीराम भारतीय कला केन्द्र, दिल्ली तथा अयोध्या शोध संस्थान के
सौजन्य से नाटक कर्ण की प्रस्तुति दी गयी।