हरिवंश पुराण के अनुसार समुद्र मन्थन से ‘अब्ज’ देवता का आविर्भाव
हुआ। धन्व ने इस देवता की भक्तिपूर्वक आराधना की। प्रसन्न होकर यही देवता धन्व का पुत्र
धन्वन्तरि के रुप में अवतरित हुआ। यह अब्ज देवता सोम है। सोम के अधिष्ठातृ देवता इन्द्र हैं। इन्द्र और विष्णु दोनों सहोदर
भाई थे। महाभारत तथा अग्निपुराण में भी यही उल्लेख प्राप्त...
वैशेषिक दर्शन
वैशेषिक दर्शन में
पदार्थों का विश्लेषण किया गया है। यह दर्शन भौतिक शास्त्र का आद्य प्रवर्तक है,
जिसमें पदार्थों के विशिष्टतत्व एवं पार्थक्य को दर्शाया गया है।
कणाद द्वारा प्रणीत होने के कारण इसे कणाद दर्शन तथा प्रकाश का अभाव ‘तम’ को प्रतिपादित किया जाने से औलूक दर्शन से भी
अभिहित किया गया।...
बौद्ध स्तोत्र
ष्टुञ्
स्तुतौ धातु से ष्ट्रन् प्रत्यय कर स्तोत्र शब्द बना है। अमरकोश में
स्तवः स्तोत्रं स्तुतिर्नुतिः ये चार शब्द स्तोत्र के पर्यायवाची बताये गये है। स्तोत्र शब्द स्तुति का पर्यायवाची
है। स्तुति काव्यों में देवताओं के प्रति समर्पण, सख्यभाव, प्रशंसा या गुणगान प्राप्त होता है।
अलंकार...
पुराणःभाषिक साहित्य का अनन्यतम कोश
हम जब बात सरल संस्कृत का करते हैं तो मेरे
सामने उदाहरण के लिए रामायण, महाभारत और पुराण आते है।
पुराण एक ऐसा साहित्य है,
जिसमें एक प्रश्नकर्ता तथा दूसरा उत्तरदाता
है। पुराण भाषिक साहित्य का अनन्यतम कोश है। लोकवृत्त को कथानकों के माध्यम से इसमें ऐसा गूंथा गया है कि श्रोता मंत्र...
संस्कृत वाचन अभ्यास हेतु नूतन सामग्री
संस्कृत क्षेत्र में संस्कृत वाचन अभ्यास की परम्परा लगभग न के बराबर है।
यहां कण्ठस्थीकरण पर आज भी जोर है। आज भी पद्य के अपेक्षा गद्य में बहुत कम लेखन
होता है। समसामयिक विषयों पर कुछ स्फुट काव्य दिख जाते हैं। ये प्रौढ़ साहित्य हैं
तथा वाल्यावस्था में इनसे वाचन का अभ्यास नहीं कराया जा सकता। वाचन अभ्यास केवल
वाचन सीख लेने तक की ही...