संस्कृत-साहित्य
प्रथम प्रश्नपत्र
खण्ड-क-
भाषा विज्ञान- भाषा का उद्भव और विकास,
भाषाओं का वर्गीकरण,
भारोपीय एवं मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषाएं,
अर्थपरिवर्तन की दिशाएं तथा कारण,
ध्वनिनियम, ध्वनिपरिवर्तन के कारण,
संस्कृत -ध्वनियों के विशेष सन्दर्भ में मानवीय वाग्यन्त्र,
संस्कृत-ध्वनियों के उच्चारण स्थान एवं प्रयत्न,
वैदिक एवं लौकिक संस्कृत की तुलना ।
खण्ड-ख-
संस्कृत व्याकरण- सन्धि,
समास, कृदन्त, तद्धित, स्त्रीप्रत्यय एवं कारक (लघुसिद्धान्तकौमुदी से)।
खण्ड-ग-
भारतीय दर्शन- निम्नलिखित पाठ्यग्रन्थों के आधार पर भारतीय
दर्शन का सामान्य अध्ययन
तर्कभाषा –केशव मिश्र (अनुमानपर्यन्त),
सांख्यकारिका –ईश्वरकृष्ण, वेदान्तसार-सदानन्द,
कठोपनिषद्-प्रथम अध्याय- द्वितीया वल्ली,
श्रीमद्भगवद्गीता-द्वितीय अध्याय।
खण्ड-घ-
संस्कृत-काव्यशास्त्र –
(क) आनन्दवर्धनकृत ध्वन्यालोक,
प्रथम उद्योत के आधार पर ध्वनि और उसके भेदों का सामान्य
अध्ययन ।
(ख) मम्मटकृत काव्यप्रकाश से निम्नलिखित विषयः काव्यप्रयोजन,
काव्यलक्षण, काव्यहेतु, काव्यभेद, शब्दशक्तियां, रससिद्धान्त, गुण तथा अनुप्रास, श्लेष, यमक, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अपह्नुति, अतिशयोक्ति व्यतिरेक,
अर्थान्तरन्यास, विभावना, विशेषोक्ति, स्वभावोक्ति, समासोक्ति, अप्रस्तुतप्रंशसा, दृष्टान्त, दीपक एवं परिसंख्या अलंकार ।
खण्ड-ङ-
संस्कृत में निबन्ध- संस्कृत में निबन्ध 250 शब्दों से कम
का नहीं होना चाहिए।
संस्कृत-साहित्य
:
द्वितीय प्रश्नपत्र
खण्ड क- गद्य एवं पद्य- निम्नलिखित ग्रन्थों का अध्ययनः
1 कादम्बरी (शुकनासोपदेश),
2. शिवराजविजयम् (प्रथम निःश्वास )
3 नलचम्पू (प्रथम उच्छ्वास)
4 मेघदूतम् (पूर्वमेघ),
5 किरातार्जुनीयम् (प्रथम सर्ग)
6. नीतिशतकम्। (25 अंको के एक प्रश्न का उत्तर संस्कृत में
लिखना होगा)।
खण्ड-ख-
नाट्यसाहित्य-नाट्य-साहित्य की निम्नलिखित रचनाओं की
पाठयसामग्री का अध्ययनः
1. अभिज्ञानशाकुन्तलम् (चतुर्थ अंक)
2. उत्तररामचरितम् (तृतीय अंक)
3. प्रतिमानाटकम् (प्रथम एवं द्वितीय अंक),
4. मृच्छकटिकम् (प्रथम अंक) ।
खण्ड- ग-
पारिभाषिक शब्द-
संस्कृत के निम्नलिखित पारिभाषिक शब्दों का ज्ञानः महाकाव्य,
खण्डकाव्य, कथा, आख्यायिका, चम्पू, प्रस्तावना, विष्कम्भक, प्रवेशक, सूत्रधार, वस्तुभेद, नायकभेद, विदूषक, पताकास्थानक, अर्थप्रकृतियाँ, कार्यावस्थाएं,
पंचसन्धियां, नियतश्राव्य, स्वगत, जनान्तिक, आकाशभाषित, नेपथ्य, नाटक, प्रकरण एवं नाटिका ।
खण्ड-घ-
संस्कृत साहित्य का इतिहास - वेद एवं वेदांगों का सामान्य
परिचय,
निम्नलिखित साहित्यिक विधाओं का उद्भव,
विकास और उनकी विशेषताएं: आर्षमहाकाव्य,
महाकाव्य, गद्य काव्य, गीतिकाव्य, नाटक एवं कथा- साहित्य ।
टिप्पणीः (इस खण्ड में 25 अंको का एक प्रश्न विशिष्ट रचना
रचनाकार के विषय में टिप्पणी के रूप में प्रष्टव्य होगा)।
खण्ड ङ-
हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद।
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