द्योदिवौ द्वे स्त्रियामभ्रं व्योम पुष्करमम्बरम् ।
नभोऽन्तरिक्षं
गगनमनन्तं सुरवर्त्म खम् ।। १ ।।
वियद् विष्णुपदं
वा तु पुंस्याकाशविहायसी ।
विहासयोऽपि
नाकोऽपि द्युरपि स्यात्तदव्ययम् ।
(१)
द्योः
(स्त्री.) – आकाश, द्युलोक
दिवौ
(स्त्री.) – आकाश
अभ्रं
(नपुं.) – बादल, नभः
व्योम
(नपुं.) – आकाश
पुष्करम्
(नपुं.) – आकाश (कमल सदृश विस्तृत स्थान)
अम्बरम्
(नपुं.) – आकाश, वस्त्र भी
नभः
(नपुं.) – आकाश
अन्तरिक्षम्
(नपुं.) – मध्य आकाश, अन्तरिक्ष
गगनम्
(नपुं.) – आकाश
अनन्तम्
(नपुं.) – असीम आकाश
सुरवर्त्म
(नपुं.) – देवताओं का मार्ग, आकाश
खम्
(नपुं.) – शून्य, आकाश
(२)
वियत्
(नपुं.) – आकाश
विष्णुपदम्
(नपुं.) – आकाश, विष्णु का स्थान
आकाशः
(पुं.) – व्योम
विहायसी
(स्त्री.) – आकाश, गगन
विहासयः
(पुं.) – नभः, गगन
नाकः
(पुं.) – स्वर्ग, आकाश
द्युः
(स्त्री./पुं.) – आकाश, दिवस भी
तत्
(अव्ययम्) – यहाँ निरपेक्ष रूप से आकाश का सूचक
(३)
तारापथः
(पुं.) – ताराओं का मार्ग, आकाशगंगा
अन्तरिक्षम्
(नपुं.) – मध्याकाश
मेघाध्वा
(पुं.) – मेघों का मार्ग
महाबिलम्
(नपुं.) – आकाश (विशाल गुफा सदृश)
मुख्य बिन्दु (संक्षेप में)
आकाश/नभः
के विविध नाम – द्यौ, दिवा, अभ्र, व्योम, अम्बर, गगन, ख, आकाश, वियत् आदि।
देवलोक
से सम्बद्ध नाम – सुरवर्त्म, विष्णुपद, नाक, द्युः।
आकाश
की विशेषता/रूपक – पुष्कर (कमल सदृश), महाबिल
(विशाल गुफा), अनन्त (असीम), तारापथ (तारामार्ग)।
भाषा
की दृष्टि से – अधिकांश नाम नपुंसकलिङ्ग, कुछ
पुंलिङ्ग (आकाशः, नाकः, तारापथः, मेघाध्वा, विहासयः), और कुछ स्त्रीलिङ्ग (द्यौः, दिवा, विहायसी, द्युः)।
आकाश के ये २४ नाम हैं।
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