पाठ्यक्रम की कार्ययोजना
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सामान्य अध्ययन
1. इतिहास
2. भूगोल
3. राजव्यवस्था
4. अर्थव्यवस्था
5. सामान्य विाज्ञन
6. विज्ञान प्रौद्योगिकी
7. समसामयिकी
8. अंतर्राष्ट्रीय संबंध
9. आंतरिक सुरक्षा
10. कला एवं संस्कृति
11. पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय
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संस्कृत
1. संस्कृत व्याकरण
2. संस्कृति सामान्य ज्ञान
3. महाकाव्य
4. संस्कृत सार
5. भारतीय दर्शन की प्रवृत्तियां
6. संक्षिप्त निबन्ध
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2. (क) वैदिक संस्कृत भाषा की मुख्य विशेषताएं ।
(ख) शास्त्रीय संस्कृत भाषा के प्रमुख लक्षण ।
(ग) भाषा वैज्ञानिक अध्ययन में संस्कृत का योगदान ।
3. सामान्य ज्ञान:
(क) संस्कृत का साहित्यिक इतिहास ।
(ख) साहित्यिक आलोचना की प्रमुख प्रवृत्तियां ।
(ग) रामायण । (घ) महाभारत । (ङ) साहित्यिक विधाओं का उद्भव और विकास ।
महाकाव्य
रूपक (नाटक), कथा, आख्यायिका, चम्पू, खण्ड काव्य, मुक्तक काव्य
(क) पुरुषार्थ (ख) संस्कार (ग) वर्णाश्रम व्यवस्था (घ) कला और ललित कला
(ड.) तकनीकी विज्ञान
5. भारतीय दर्शन की प्रवृत्तियां
(क) मीमांसा (ख) वेदांत (ग) न्याय (घ) वैशेषिक (ङ) सांख्य (च) योग (छ) बुद्ध (ज) जैन
6. संक्षिप्त निबंध (संस्कृत में)
7. अनदेखा पाठांश और प्रश्न (इसका उत्तर संस्कृत में देना होगा) ।
(क) रघुवंशम्-कालिदास (ख) कुमारसंभवम्-कालिदास (ग) किरातार्जुनीयम्-भारवि
(घ) शिशुपालवधम्-माघ (ङ) नैषधीयचरितम्-श्रीहर्ष
(च) कादम्बरी-बाणभट्ट (छ) दशकुमार चरितम्-दण्डी
(ज) शिवराज्योद्यम्-एस. बी. वारनेकर
वर्ग-2
(क) ईशावास्योपनिषद (ख) भगवद्गीता
(ग) बाल्मीकि रामायण का सुंदरकांड (घ) कौटिल्य का अर्थशास्त्र
वर्ग-3
(क) स्वप्नवासवदत्तम्-भास (ख) अभिज्ञान शाकुन्तलम्-कालिदास (ग) मृच्छकटिकम्-शूद्रक (घ) मुद्राराक्षसम्-विशाखदत्त (ङ) उत्तररामचरितम्-भवभूति (च) रत्नावली-श्रीहर्षवर्धन
(छ) वेणीसंहारम्-भट्टनारायण
वर्ग-4
निम्नलिखित पर संस्कृत में संक्षिप्त टिप्पणियां:
(क) मेघदूतम्-कालिदास (ख) नीतिशतकम्-भर्तृहरि (ग) पंचतंत्र (घ) राजतरंगिणी-कल्हण
(ङ) हर्षचरितम्-बाणभट्ट (च) अमरुकशतकम्-अमरूक (छ) गीत गोविंदम्-जयदेव
(वर्ग 1 और 2 से प्रश्नों के उत्तर केवल संस्कृत में देने होंगे । वर्ग 3 एवं 4 के प्रश्नों का उत्तर संस्कृत में अथवा उम्मीदवार द्वारा चुने गये भाषा माध्यम में देने होंगे)
(क) रघुवंशम्-सर्ग 1, श्लोक 1 से 10 (ख) कुमारसंभवम्-सर्ग 1, श्लोक 1 से 10
(ग) किरातार्जुनीयम्-सर्ग 1, श्लोक 1 से 10
(क) ईशावास्योपनिषद्-श्लोक 1, 2, 4, 6, 7, 15 और 18
(ख) भगवद्गीता
(ग) वाल्मीकि का सुंदरकांड सर्ग 15, श्लोक 15 से 30 (गीता प्रेस संस्करण)
(क) मेघदूतम्-श्लोक 1 से 10 (ख) नीतिशतकम्-श्लोक 1 से 10
(डी. डी. कौशाम्बी द्वारा सम्पादित, भारतीय विद्या भवन प्रकाशन) (ग) कादम्बरी-शुकनासोपदेश (केवल)
(क) स्वप्नवासवदत्तम्-अंक VI
(ख) अभिज्ञानशाकुन्तलम्-अंक IV श्लोक 15 से 30 (एम. आर. काले संस्करण)
(ग) उत्तररामचरितम्-अंक 1, श्लोक 31 से 47 (एम.आर. काले संस्करण) ।
इस प्रतियोगिता की तैयारी के लिए कक्षाओं की विवरण दिया जा रहा है। यदि आप अधोलिखित विषयों के लिए निम्नानुसार समय देना होगा।
क्र.सं.
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विषयवस्तु
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कुल कक्षायें
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1
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इतिहास
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35
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2
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भारत एवं विश्व का भूगोल
|
35
|
3
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भारतीय अर्थव्यवस्था
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30
|
4
|
भारतीय राजव्यवस्था
|
35
|
5
|
सामान्य विज्ञान
|
30
|
6
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
|
20
|
7
|
समसामयिकी
|
30
|
8
|
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
|
20
|
9
|
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि
|
30
|
10
|
भारतीय समाज और सामाजिक समस्याएँ
|
20
|
11
|
आन्तरिक सुरक्षा
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10
|
12
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पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय तथा जैव विविधता
|
20
|
13
|
उ0प्र0 विशेष
|
10
|
कुल योग
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325
|
क्र.सं.
|
विषयवस्तु
|
कुल कक्षायें
|
1
|
भाषा विज्ञान
|
10
|
2
|
संस्कृत व्याकरण
|
20
|
3
|
भारतीय दर्शन की प्रवृत्तियाँ
|
15
|
4
|
संस्कृत काव्य शास्त्र
|
15
|
5
|
संस्कृत में निबन्ध
|
10
|
6
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विभिन्न समुच्चयों का सामान्य अध्ययन
|
15
|
7
|
संस्कृत साहित्य का इतिहास
|
10
|
8
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प्रमुख महाकाव्य में श्लोक
|
20
|
9
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नाट्य साहित्य
|
20
|
10
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हिन्दी से संस्कृत मंे अनुवाद
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10
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11
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अनिवार्य प्रश्न पत्र सामान्य हिन्दी एवं निबन्ध
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30
|
कुल योग
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175
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संस्कृत
को UPSC
सिविल सेवा परीक्षा के वैकल्पिक विषय के रूप में चुनना एक रणनीतिक
और स्कोरिंग निर्णय हो सकता है, विशेषकर उन उम्मीदवारों के
लिए जो इस प्राचीन भाषा और उसके साहित्य से परिचित हैं। हालाँकि, इसके साथ-साथ सामान्य अध्ययन (GS) और अन्य चरणों की
तैयारी भी आवश्यक है। यह लेख आपको संस्कृत के माध्यम से IAS बनने
के लिए एक संपूर्ण मार्गदर्शिका प्रदान करता है, जिसमें
संसाधन, रणनीतियाँ, सफलता के उदाहरण,
और अतिरिक्त लाभ शामिल हैं।
सिलेबस
का अवलोकन
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सामान्य अध्ययन (GS): 325 कक्षाओं के बराबर,
जिसमें इतिहास, भूगोल, अर्थव्यवस्था,
और करंट अफेयर्स शामिल हैं।
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संस्कृत साहित्य (वैकल्पिक): 175 कक्षाओं के बराबर।
- पेपर 1: व्याकरण, दर्शन, संस्कृति, और साहित्यिक
परंपरा।
- पेपर 2: रघुवंश, भगवद्गीता, कौटिल्य का अर्थशास्त्र, और अन्य काव्य/नाटक।
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सुझाव: पिछले 5-10 वर्षों के प्रश्नपत्र डाउनलोड करें और नोट्स तैयार करें।
1.
विशिष्ट संसाधन
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पुस्तकें:
- मल्लिनाथ की रघुवंश टीका।
- गीता प्रेस से प्रकाशित रामायण और महाभारत।
- पाणिनि की अष्टाध्यायी (संस्कृत व्याकरण के
लिए)।
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डिजिटल संसाधन: संस्कृतभाषी ब्लॉग (https://sanskritbhasi.blogspot.com)
2.
परीक्षा रणनीतियाँ
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समय प्रबंधन: दैनिक 3-4 घंटे संस्कृत और 6 घंटे GS के
लिए।
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उत्तर लेखन: संस्कृत में 250-300 शब्दों के उत्तर लिखने का अभ्यास, जिसमें श्लोक उद्धरण शामिल हों।
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मॉक टेस्ट: मासिक मॉक टेस्ट दें, विशेषकर पेपर 2 के लिए।
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संतुलन: GS
के साथ संस्कृत को जोड़ें, जैसे इतिहास में
वेदों का संदर्भ।
-
संस्कृत अभ्यास: दैनिक 10 धातु रूप और 5 श्लोक का अनुवाद।
3.
सफलता उदाहरण
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अंजलि अग्रवाल (IAS 2018, रैंक 2): संस्कृत वैकल्पिक से 310/500 स्कोर, दिल्ली
विश्वविद्यालय से संस्कृत स्नातक।
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राहुल शर्मा (IAS 2020, रैंक 45):
संस्कृत से 298/500, नियमित मॉक टेस्ट और कोचिंग (ALS
IAS)।
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रणनीति: दोनों ने GS और संस्कृत के लिए अलग-अलग
नोट्स बनाए और पिछले पेपर का विश्लेषण किया।
4.
संस्कृत के लाभ
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स्कोरिंग: कम प्रतिस्पर्धा (2021 जनगणना में 24,821 संस्कृत बोलने वाले) और उच्च
अंक।
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सहायता: दर्शन (शंकराचार्य), साहित्य (कालिदास),
और इतिहास में वेदों से GS को मजबूती।
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आत्मविश्वास: प्राचीन ज्ञान से प्रेरणा।
5.
तैयारी टिप्स
-
दैनिक अभ्यास: 2 घंटे व्याकरण, 1 घंटा साहित्य पढ़ें।
-
साक्षात्कार: संस्कृत ज्ञान से प्रभावशाली व्यक्तित्व दिखाएँ।
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