गीति काव्य परम्परा
गीति काव्य परम्परा एवं
नीति शतक खण्ड काव्य का अपर नाम गीति काव्य है। इसमें काव्यतत्व के साथ-साथ
अन्तरात्मा की ध्वनि वर्णित होता है।
हम अपने ब्लाग में बौद्ध स्तोत्र, एवं कवि विल्हण के चौरपंचाशिका पर चर्चा कर चुके हैं।
भर्तृहरि की एक अज्ञात सी कृति पुरूषार्थोपदेश को मूल श्लोक...