संस्कृत सर्जना त्रैमासिक ई-पत्रिका में प्रकाशित होने वाले लेखों के विषय वस्तु को इस लेख में स्पष्ट किया जा रहा हैं। इस पत्रिका का मुख्य उद्देश्य मौलिक लेखन को प्रोत्साहित करना हैं। इस पत्रिका में मुख्यतः अधोलिखित विषयों पर लेख प्रकाशित किये जाते हैं-
1- संस्मरण-
अपने प्रयोगधर्मी गतिविधियों द्वारा जन-जन तक संस्कृत को पहुँचाने के लिये जीवन अर्पित किये विद्वानों के प्रेरणादायी जीवन का संस्मरण।2- साक्षात्कार
ऐसे व्यक्ति जो अपने सार्वजनिक तथा बहुआयामी जीवन द्वारा संस्कृत का प्रचार-प्रसार कर रहें हो़ उनका समसामयिक, ज्वलंत तथा सर्वस्पर्शी विषयों पर साक्षात्कार।3- वैचारिक निबन्ध
संस्कृत के विकास एवं प्रसार के लिये चिन्तन तथा युगानुरूप अनुप्रयोग करने वाले बुद्धिजीवियों के वैचारिक निबन्ध।4- पर्व तथा उत्सव
संस्कृत भाषा में निरुपित सद्यः आने वाले पर्वों तथा उत्सवों का जन जीवन पर पडे प्रभाव का विश्लेषण।5- जनोपयोगी संस्कृत विषयक सामग्री
जन सामान्य के दैनन्दिन उपयोग में आने वाले ज्योतिष, धर्मशास्त्रीय निर्णय, आयुर्वेद आदि विषय।6- शिक्षा
छात्रों एवं संस्कृत सीखने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए संस्कृत शिक्षा से जुड़ी सामग्री और शोध कार्य में सहायक पुस्तकें, संस्कृत सीखने के लिए पाठ्यक्रम, प्रतियोगी परीक्षा के तैयारी के लिए सुझाव आदि।7- तकनीकि शिक्षा
आज के तकनीकि से परिचित नहीं होने के कारण संस्कृत क्षेत्र के बहुशः लोग जीवन में इसका प्रयोग नहीं कर पाते
हैं। फलतः अन्तर्जाल पर उपलब्ध सामग्री का उपयोग कर पाते है न ही अभिदान। संस्कृतज्ञ त्वरित सूचना के प्रवाह से अछूते न रहें एतदर्थ तकनीकि शिक्षा।
(संस्कृत विषयक सामग्री इण्टरनेट पर बहुतायत में उपलब्ध हैं, जिसकी जानकारी आम संस्कृतज्ञ को नहीं होती हैं। इस माध्यम से एकत्रित जानकारी यहां उपलब्ध करायी जाती हैं। )
(संस्कृत विषयक सामग्री इण्टरनेट पर बहुतायत में उपलब्ध हैं, जिसकी जानकारी आम संस्कृतज्ञ को नहीं होती हैं। इस माध्यम से एकत्रित जानकारी यहां उपलब्ध करायी जाती हैं। )
8-पुस्तक परिचय
कुछ लेखक अपने पुस्तक का स्वयं प्रकाशन करते हैं, उसका प्रचार नहीं हो पाता है। पुस्तक समीक्षा के माध्यम से पुस्तक का प्रचार किया जाता है।9- सर्जना-
नयी पीढी के संस्कृत लेखकों की कथा, कविता आदि मौलिक रचना।
10-वार्ता
सामान्यतः संस्कृत क्षेत्र की वार्तायें भी इसमें प्रकाशित होती हैं।11- पर्यटन
तीर्थस्थलों तथा अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में सचित्र संस्कृत भाषा में लेख प्रस्तुत करना। इसमें पर्यटन स्थल पर ठहरने, गमनागमन के साधन, आसपास के दर्शनीय स्थल तथा अन्य उपयोगी सुझाव ।
12- संस्था परिचय
संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, शोध केन्द्रों, पुस्तकालयों आदि में प्रवेश के नियम, उपलब्ध संसाधन आदि की जानकारी लेख के माध्यम से जनसामान्य को उपलब्ध कराना ताकि लोग वेहतर विकल्प का चयन कर सकें। उन संस्थाओं से लाभ ले सकें।
यह पत्रिका संस्कृत के प्रचार के लिये कटिबद्ध कुछ स्वयंसेवियों द्वारा आरम्भ किया गया, जिसका मूल उद्देश्य मात्र संस्कृत भाषा का प्रचार करना हैं।
यह पत्रिका संस्कृत के प्रचार के लिये कटिबद्ध कुछ स्वयंसेवियों द्वारा आरम्भ किया गया, जिसका मूल उद्देश्य मात्र संस्कृत भाषा का प्रचार करना हैं।
इस पत्रिका से सम्बन्धित कुछ प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं, जिसका समाधान यहां प्रस्तुत हैं-
प्रश्न- क्या मेरा लेख इसमें प्रकाशित हो
पाएगा ? क्या शुल्क लगेगा ?
उत्तर- इस पत्रिका में सभी लेख निःशुल्क
प्रकाशित किये जाते हैं वशर्ते कि आपने इस पत्रिका की सदस्यता ले ली हो, जो कि निःशुल्क हैं। सदस्यता के लिए यहाँ क्लिक करें।
प्रश्न- इस पत्रिका में प्रकाशित होने
वाले लेख का विषय वस्तु क्या होता हैं ?
उत्तर- शास्त्रीय शोध निबन्ध ( जो प्रायः पाठ्यक्रमों में निर्धारित हैं ) को छोड़कर सभी प्रकार
के लेख इसमें प्रकाशित होते है। लेखों की भाषा संस्कृत/हिन्दी होनी चाहिये और संयत होनी
चाहिए। आप अपनी कल्पना को संस्कृत भाषा में पिरोकर उपलब्ध करायें। यथा- गोरैया संरक्षण, जंगली एवं पालतू पशुओं का परिचय आदि प्रकाशित किया जायेगा। विषयवस्तु की कोई भी सीमा नहीं हैं।
प्रश्न- क्या कलात्मक अभिरूचियों को यदि
संस्कृत भाषा में लिखा जाये तो यहां प्रकाशित हो सकता हैं ?
उत्तर- अवश्य। मान लीजिये आपकी अभिरूचि
नेल पालिश, केश सज्जा, रंगोली, व्यंजन निर्माण, अचार निर्माण की विधि,
गृह सज्जा, पेंटिग, कढ़ाई आदि क्षेत्रों में हैं और आपके पास
इस प्रकार के चित्रों का संग्रह भी हैं। संस्कृत भाषा में उसके निर्माण की विधि, कलात्मकता, उसका सौन्दर्य वर्णन लिख कर चित्र के साथ
भेजे जाने पर प्रकाशित किये जाते हैं। इसमें कलाओं को भाषायी अभिव्यक्ति दिया जाना
मुख्य हैं। जैसे-आपने कहीं किसी के हाथों में मेंहदी सुसज्जित किया हो, बस उसका एक
चित्र खींचकर उसका पूरा वर्णन संस्कृत में लिख कर भेजें।
प्रश्न- क्या हम अपने पालतू पशुओं के रूप सौन्दर्य,संस्मरण का भी वर्णन यहां प्रकाशित करा सकते हैं ?
उत्तर- जी हाँ, यदि आपके घर में कोई पालतू पशु हो तो उसकी दिनचर्या, संस्मरण, व्यवहारों आदि का वर्णन संस्कृत भाषा में
लिखे होने पर सचित्र प्रकाशित किये जाते है।
प्रश्न- अपनी रचना या लेख के साथ और
क्या-क्या चीज भेजा जाना आवश्यक है ?
उत्तर- आपके अपने ई-मेल से लेख या रचना भेजा गया हो। 2. लेखक का फोटो, संक्षिप्त परिचय तथा विषयवस्तु से सम्बद्ध छाया चित्र साथ में भेजा जाना चाहिए। 3.
यह पत्रिका किसी के यशोगान या प्रचार का
माध्यम नहीं हैं। अतः इस प्रकार के लेखों/रचनाओं से बचना चाहिए।
प्रश्न- क्या हम अपने क्षेत्र के
विद्यालयों/संस्कृत प्रचार में संलग्न संस्थाओं का परिचय भेज सकते हैं ?
उत्तर- आप अपने क्षेत्र के उन सभी
विद्यालयों, संस्थाओं, व्यक्तियों के बारे में लेख दे सकते हैं। जिनकी जानकारी पाकर लोग उनसे
जुड़ सके। क्षेत्र विशेष में संस्कृत शिक्षा की स्थिति आदि पर भी आप लेखन कर सकते
हैं।
प्रश्न- क्या इसमें हास्य विनोद, चुटकुले, सुभाषित आदि भी प्रकाशित किये जाते हैं ?
उत्तर- जी इतना ही नहीं आप अपना संस्मरण, यात्रा वृतान्त,
आदतें भी संस्कृत में लिख कर भेजे इसमें
अवश्य प्रकाशित किया जायेगा। जैसे-आपने अपने कुछ मित्रों के साथ कोई सुखद यात्रा
की हो, उस सुखद संस्मरण को संस्कृत में लिख कर चित्र के साथ भेजे।
हास्य विनोद चुटकुले आदि तो प्रकाशित किये ही जाते हैं।
प्रश्न- मेरे क्षेत्र में स्थानीय मेला
लगता हैं। कभी वह धार्मिक उत्सव का मेला होता हैं तो कभी वाणिज्यिक। क्या मैं उन मेलों के बारे में अपना लेख आपके पत्रिका में प्रकाशनार्थ भेज सकता हूँ।
उत्तर- आप जो कुछ भी कल्पना कर सकते हों, जो कुछ भी घटित हो रहा हो उसका सचित्र वर्णन भेज सकते हैं।
शर्त यह हैं कि उसकी भाषा संस्कृत होनी चाहिये यदि आपके क्षेत्र में कोई मधुमक्खी
पालन, बकरी, मत्स्य आदि पालन का व्यवसाय किया हो उसके
बारे में भी आप पूरी जानकारी संस्कृत भाषा के माध्यम से भेज सकते हैं।
प्रश्न- क्या यह पत्रिका डाक द्वारा मेरे पते पर आ सकती है? इसे मंगवाने के लिए क्या करना होगा और क्या
चार्ज लगेगा? बहुश: शुभकामना: महोदय, एषा पत्रिका अस्माकं पार्श्वे कथम् आगमिष्यति ।।
उत्तर- यह एक ई- पत्रिका है। इसे आप अपने मोबाइल/लैपटाप/कम्प्यूटर पर ऑनलाइन पढ सकते हैं। इसे कागज पर प्रिंट नहीं किया जाता। इस
पत्रिका का कोई मान्य नियम नहीं हैं। न ही यह किसी भी सर्जनात्मक परिधि से बंधा है।
बस भाषा अश्लील न हो, किसी को ठेस न पहुंचाने वाली हो, इस प्रकार समस्त रचनाओं का
यहां स्वागत है।
संस्कृतसर्जना के वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री तथा इसके अनुप्रयोग की विधि पढने के लिए लिंक पर चटका लगायें।
प्रश्न- क्या यह पत्रिका डाक द्वारा मेरे पते पर आ सकती है? इसे मंगवाने के लिए क्या करना होगा और क्या
चार्ज लगेगा? बहुश: शुभकामना: महोदय, एषा पत्रिका अस्माकं पार्श्वे कथम् आगमिष्यति ।।
संस्कृतसर्जना के वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री तथा इसके अनुप्रयोग की विधि पढने के लिए लिंक पर चटका लगायें।
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