1. संस्कृत को उत्पाद की तरह बेचें।
2. इन्टनेट पर संस्कृत परक नामों की सूची उपलब्ध करायें।
3. समाज में आपका आचार व्यवहार कैसा हो? इस विषय पर धर्मशास्त्र द्वारा अनुमोदित टिप्स लेख के माध्यम से बतायें। इसके हितलाभ की भी चर्चा करें।
4. संस्कृत सूक्तियों को लिखें। भाषण में अपने वक्तव्य की पुष्टि संस्कृत सूक्तियों से करें।
5. उपहार में संस्कृत की रोचक पुस्तकें दें।
6. लोगों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रेरित करें।
7. संस्कृत पढकर किन- किन लोगों ने उच्च पद को प्राप्त किया, इसकी जानकारी प्राप्त कर प्रसारित करें। संस्कृत क्षेत्र से सम्बन्धित सूचनाओं से स्वयं को अद्यतन रखें।
8. संस्कृत अध्येताओं / विद्वानों/संघर्ष किये महापुरूषों की सूची बनायें। उन्हें अपना प्रेरणास्रोत बनायें।
9. आप स्वयं को ऐसे प्रस्तुत करें,जिनसे लोग जान तकें कि आपने संस्कृत पढी है।
10. स्वयं को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करें। संस्कृत सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
11. संस्कृत के विविध स्वरूप से परिचित हों।
12. कम से कम अपने जनपद की संस्कृत की परम्परा एवं वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
13. कम्प्यूटर में संस्कृत का अनुप्रयोग करना सीखें। सोशल मीडिया पर संस्कृत के पक्ष में माहौल बनायें।
1- शास्त्रीय
2- प्रयोजनपरक
1- शास्त्रीय
( क) पाण्डुलिपियाँ
(ख) शास्त्रीय ग्रन्थ
(ख) शास्त्रीय ग्रन्थ
दर्शन, तंत्र, वेदांग आदि
2- प्रयोजनपरक
आयुर्वेद
कर्मकाण्ड
ज्योतिष
वास्तु
योग
प्रयुक्त कला
प्रयुक्त कला
दृश्य
संगीत
अभिनय
दृश्य
काष्ठ, तक्षण, चित्र, नाट्य
2. इन्टनेट पर संस्कृत परक नामों की सूची उपलब्ध करायें।
3. समाज में आपका आचार व्यवहार कैसा हो? इस विषय पर धर्मशास्त्र द्वारा अनुमोदित टिप्स लेख के माध्यम से बतायें। इसके हितलाभ की भी चर्चा करें।
4. संस्कृत सूक्तियों को लिखें। भाषण में अपने वक्तव्य की पुष्टि संस्कृत सूक्तियों से करें।
5. उपहार में संस्कृत की रोचक पुस्तकें दें।
6. लोगों को संस्कृत अध्ययन के लिए प्रेरित करें।
7. संस्कृत पढकर किन- किन लोगों ने उच्च पद को प्राप्त किया, इसकी जानकारी प्राप्त कर प्रसारित करें। संस्कृत क्षेत्र से सम्बन्धित सूचनाओं से स्वयं को अद्यतन रखें।
8. संस्कृत अध्येताओं / विद्वानों/संघर्ष किये महापुरूषों की सूची बनायें। उन्हें अपना प्रेरणास्रोत बनायें।
9. आप स्वयं को ऐसे प्रस्तुत करें,जिनसे लोग जान तकें कि आपने संस्कृत पढी है।
10. स्वयं को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करें। संस्कृत सर्वश्रेष्ठ बनाता है।
11. संस्कृत के विविध स्वरूप से परिचित हों।
12. कम से कम अपने जनपद की संस्कृत की परम्परा एवं वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
13. कम्प्यूटर में संस्कृत का अनुप्रयोग करना सीखें। सोशल मीडिया पर संस्कृत के पक्ष में माहौल बनायें।
संस्कृत के विविध स्वरूप
2- प्रयोजनपरक
1- शास्त्रीय
( क) पाण्डुलिपियाँ
(ख) शास्त्रीय ग्रन्थ
(ख) शास्त्रीय ग्रन्थ
दर्शन, तंत्र, वेदांग आदि
2- प्रयोजनपरक
आयुर्वेद
कर्मकाण्ड
ज्योतिष
वास्तु
योग
प्रयुक्त कला
प्रयुक्त कला
दृश्य
संगीत
अभिनय
दृश्य
काष्ठ, तक्षण, चित्र, नाट्य
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें