SWAYAM भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक कार्यक्रम है । यह शिक्षा नीति के तीन प्रमुख सिद्धांतों, पहुंच, इक्विटी और गुणवत्ता को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य सबसे अधिक वंचितों सहित सर्वोत्तम शिक्षण अधिगम संसाधनों को सभी तक पहुँचाना है। SWAYAM उन छात्रों के लिए डिजिटल डिवाइड को पाटना चाहता है जो अब तक डिजिटल क्रांति से अछूते रहे हैं और ज्ञान अर्थव्यवस्था की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो पाए हैं।
यह एक ऐसे मंच के माध्यम से किया जाता है जो कक्षा 9 से स्नातकोत्तर तक की कक्षाओं में पढ़ाए जाने वाले सभी पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करता है, जिसे कोई भी, कहीं भी, कभी भी एक्सेस कर सकता है। सभी पाठ्यक्रम इंटरैक्टिव हैं। यहाँ पर उपलब्ध पाठ्यक्रम देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए हैं और किसी भी शिक्षार्थी के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं। इन पाठ्यक्रमों को तैयार करने में देश भर से विशेष रूप से चुने गए 1,000 से अधिक शिक्षकों और शिक्षकों ने भाग लिया है।
SWAYAM
पर होस्ट किए गए पाठ्यक्रम 4 तरह की सामग्री
हैं –
(1)
वीडियो व्याख्यान,
(2)
विशेष रूप से तैयार की गई पठन सामग्री जिसे डाउनलोड / मुद्रित किया
जा सकता है
(3)
परीक्षण और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से स्व-मूल्यांकन परीक्षण और
(4)
समाशोधन के लिए एक ऑनलाइन चर्चा मंच संदेह।
ऑडियो-वीडियो
और मल्टी-मीडिया और अत्याधुनिक शिक्षाशास्त्र/प्रौद्योगिकी का उपयोग करके सीखने के
अनुभव को समृद्ध करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
यह
सुनिश्चित करने के लिए कि सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री का उत्पादन और वितरण
किया जाता है, नौ राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त
किए गए हैं। उनके नाम इस प्रकार हैं-
1.स्व-पुस्तक और अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों के
लिए एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद)
2.इंजीनियरिंग के लिए एनपीटीईएल (नेशनल
प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एन्हांस्ड लर्निंग)
3. गैर तकनीकी स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए यूजीसी
(विश्वविद्यालय अनुदान आयोग)
4.स्नातक शिक्षा के लिए सीईसी (शैक्षणिक संचार
के लिए संघ)
5. स्कूली शिक्षा के लिए NCERT
(राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद)
6.स्कूली शिक्षा के लिए एनआईओएस (राष्ट्रीय
मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान)
7. स्कूल से बाहर के छात्रों के लिए इग्नू
(इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय)
8.प्रबंधन अध्ययन के लिए IIMB
(भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर)
9.शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए NITTTR
(राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान)
SWAYAM
के माध्यम से दिए गए पाठ्यक्रम शिक्षार्थियों के लिए निःशुल्क
उपलब्ध हैं। SWAYAM का प्रमाणपत्र चाहने वाले शिक्षार्थियों
को अंतिम प्रोक्टेड परीक्षाओं के लिए पंजीकरण करना होता है। इसके लिए शुल्क निर्धारित
हैं । प्रत्येक कोर्स आरम्भ होने की तिथि स्वयं के पोर्टल पर दी जाती है।
पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद निर्दिष्ट तिथियों पर निर्दिष्ट केंद्रों पर
व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर परीक्षा देनी होती हैं। प्रमाणपत्र के लिए पात्रता
की घोषणा इसी पोर्टल के पृष्ठ पर की जाती है। SWAYAM के मानदंड
को पूरा करने वाले शिक्षार्थियों को प्रमाणपत्र दिया जाता है। इन पाठ्यक्रमों के
लिए क्रेडिट ट्रांसफर को मंजूरी देने वाले विश्वविद्यालय / कॉलेज इन पाठ्यक्रमों
में प्राप्त अंकों / प्रमाण पत्र का उपयोग कर सकते हैं।
आपने
जाना कि सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सामग्री का उत्पादन और वितरण के लिए स्वयं से
अधोलिखित संस्थायें के जुड़ी हुई हैं। इनके पाठ्यक्रम भी स्वयं के पोर्टल पर
उपलब्ध है।
एआईसीटीई
(AICTE), सीईसी (CEC), इग्नू (IGNOU), आईआईएमबी (IIMB), एनसीईआरटी (NCERT), एनआईओएस, (NIOS), एनआईटीटीटीआर (NITTTR), एनपीटीईएल (NPTEL), यूजीसी UGC
SWAYAM पर क्लिक कर वेबसाइट पर जायें।
स्वयं
के पाठ्यक्रम से कैसे जुड़ें?
स्वयं की पाठ्यक्रम की तालिका (COURSE CATALOG) पर इग्नू (IGNOU), एनआईओएस, (NIOS), एनपीटीईएल (NPTEL) द्वारा संचालित संस्कृत विषयक कोर्स उपलब्ध है, जो कि 4 सप्ताह से लेकर 24 सप्ताह तक का है। सभी विषय (All Courses) मीनू पर क्लिक करने पर FILTERS खुलकर सामने आता है, जो कि इस तरह का है-
संस्कृत
विषयक पाठ्यक्रम को FILTERS द्वारा
खोजने का तरीका-
FILTERS के All पर
क्लिक करने पर सभी 9 राष्ट्रीय समन्वयक का नाम प्रदर्शित होता है। सभी 9 राष्ट्रीय
समन्वयकों के बारे में जानकारी होने पर खोज करना अधिक आसान हो जाता है । जैसे –
इग्नू
(IGNOU) स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम को उपलब्ध कराता है।
आईआईएमबी
(IIMB) प्रबंधन विषयक पाठ्यक्रम को
उपलब्ध कराता है।
एनसीईआरटी
(NCERT),
एनआईओएस, (NIOS) कक्षा स्नातक तक के पाठ्यक्रम
को उपलब्ध कराता है।
संस्कृत
विषयक पाठ्यक्रम सीईसी (CEC), इग्नू (IGNOU), एनसीईआरटी (NCERT), एनआईओएस, (NIOS) तथा यूजीसी UGC द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इन सभी 9 संस्थाओं के नाम तथा सम्बन्धित विषय की जानकारी पूर्व में दी जा चुकी है।
इसके
बाद Course
Mode द्वारा FILTERS करने की सुविधा है।
इसमें
दो व्यवस्थायें हैं। self paced का चयन
करने पर इसमें कोर्स की समय सीमा निर्धारित नहीं होती। Regular का चयन करने पर निर्धारित समय सीमा वाले पाठ्यक्रमों को खोजा जा सकता है।
इस
फिल्टर में Course Credits के चयन का विकल्प
भी दिया गया है। यदि आप स्वयं के कोर्स को अपने Credits में
जोड़ना चाहते हैं तो yes विकल्प का चयन करें।
सबसे
अंत में श्रेणी (CATEGORY) द्वारा फिल्टर करने की सुविधा दी
गयी है। यह महत्वपूर्ण फिल्टर है। इसपर क्लिक कर Humanities
& Arts का चयन करें। संस्कृत विषय इसी के अन्तर्गत आता है।
Humanities
& Arts पर क्लिक करने पर SUB-CATEGORIES खुलकर
आता है। संस्कृत विषय के लिए इसमें से Language विकल्प का चयन
करना चाहिए। कभी-कभी इस फिल्टर में Course Duration आदि
विकल्प चयन में तत्समय नियमित कोर्स निकट में आरम्भ नहीं होने के कारण कोर्स का
नाम नहीं दिखता। अतः Course
Duration आदि में All विकल्प भरकर देखना
चाहिए।
स्वयं
का कोर्स ज्वाइन करने के लिए Sign in / Register करना पड़ता है।
MOOC
MOOC पर क्लिक कर वेबसाइट पर जायें।
MOOC का पूरा नाम मैसिव ओपन
ऑनलाइन कोर्सेज़ (Massive Open Online Courses- MOOCs) है। यह
मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है।
MOOC का परिचय
MOOC वेब आधारित मुफ्त दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम है । मैसिव
ओपन ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) में नामांकन के लिए मुफ्त ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध हैं।
एमओओसी नए कौशल सीखने, अपने करियर को आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर
गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक अनुभव प्रदान करने का एक किफायती और लचीला तरीका प्रदान
करता है।
MOOC कोर्स करने का लाभ
MOOC पर वेब आधारित 3,000 से अधिक ऑनलाइन पाठ्यक्रम
मौजूद है, जिसमें अनेक शॉर्ट-टर्म कोर्सेज हैं। आप ऑनलाइन माध्यम से किसी भी विषय
या कोर्स को ज्वाइन कर सकते हैं। यहाँ के कोर्स में नामांकन लेने के लेने के लिए
कोई टेस्ट नहीं देना पड़ता है। आप अपनी पसंद का कोई भी सब्जेक्ट ले सकते हैं। एक
विषय पर अनेक स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। यदि आप किसी विषय की कुछ भी जानकारी
नहीं रखते और उसे पढ़ना चाहते हैं तो आपके लिए यहाँ प्रारंभिक स्तर का पाठ्यक्रम
मौजूद है। यदि आप किसी सब्जेक्ट पर आरम्भिक जानकारी रखते हैं तो आप उन्नत स्तर के पाठ्यक्रम
को ज्वाइन कर सकते हैं। यह अनेक तरह की शिक्षा उपलब्ध कराता है, जिससे करियर विकास,
करियर बदलना, कॉलेज की तैयारी, पूरक शिक्षा, आजीवन सीखना, कॉर्पोरेट
ई-लर्निंग और प्रशिक्षण आदि शामिल है। कुछ कुल मिलाकर यह आपको विषय चयन से लेकर
उसकी अवधि चयन तक की आजादी देता है।
MOOC पर उपलब्ध लोकप्रिय पाठ्यक्रम और विषय:
यहाँ
कंप्यूटर विज्ञान, भाषा, इंजीनियरिंग, मनोविज्ञान, लेखन, इलेक्ट्रॉनिक्स, जीव विज्ञान, व्यापार और प्रबंधन, विपणन, रचनात्मक कला, शिक्षा,
अभियांत्रिकी, स्वास्थ्य और कल्याण, मानविकी, गणित, साफ्टवेयर डपलपमेंट आदि
के कोर्स उपलब्ध हैं।
MOOC के कोर्स को करने के लिए दुनिया भर के छात्र यहाँ जुड़ते
हैं। यहाँ इनके साथ इंटरनेशनल लेवल पर परस्पर परिचय और चर्चा करने के अवसर मिलते
हैं।
जहाँ तक संस्कृत अध्ययन का प्रश्न है, यहाँ पर संस्कृत विषयों को लेकर कोई खास पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं है। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली इस दिशा में प्रयत्नशील है।
ई-पीजी पाठशाला
e-PG Pathshala पर क्लिक कर वेबसाइट पर जायें।
ई-पीजी पाठशाला यूजीसी द्वारा निष्पादित आईसीटी (एनएमई-आईसीटी) के माध्यम से शिक्षा पर अपने राष्ट्रीय मिशन के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) की एक पहल है। इसमें ई का अर्थ इलेक्ट्रॉनिक है तथा स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएट) के लिए पीजी शब्द है। इसी से ज्ञात होता है कि यहाँ स्नातकोत्तर स्तर के लिए ई-कंटेंट (विषय सामग्री) उपलब्ध है। इसकी वेबसाइट पर सामाजिक विज्ञान, कला, ललित कला और मानविकी, प्राकृतिक और गणितीय विज्ञान, भाषा विज्ञान और भाषाओं के 70 विषयों में सामग्री उपलब्ध है। ई-सामग्री के प्रमुख घटकों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रणाली तथा पाठ्यक्रम-आधारित, इंटरैक्टिव है। यहाँ पर उपलब्ध सामग्री भारतीय विश्वविद्यालयों और देश भर के अन्य अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में काम कर रहे विषय विशेषज्ञों द्वारा विकसित किया गया है। प्रत्येक विषय में प्रमुख अन्वेषक, पेपर समन्वयकों, सामग्री लेखकों, सामग्री समीक्षकों, भाषा संपादकों और मल्टीमीडिया टीम की एक टीम रहती है।
ई- पीजी पाठशाला
वेबसाइट पर निम्नलिखित सुविधायें भी हैं:
1.
e-Adhyayan
(ई-पुस्तकें): स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए 700+ ई-पुस्तकें
प्रदान करने के लिए एक मंच है। सभी ई-पुस्तकें ई-पीजी पाठशाला पाठ्यक्रम से ली गई
हैं। यह वीडियो सामग्री की प्ले-लिस्ट की सुविधा भी प्रदान करता है।
2. यूजीसी एमओओसी: SWAYAM (ऑनलाइन पाठ्यक्रम, एक एमएचआरडी पहल) में पोस्ट ग्रेजुएट विषयों पर पाठ्यक्रम का निर्माण है।
3.
ई-पाठ्य (ऑफलाइन एक्सेस): ऊर्ध्वाधर है जो एक सॉफ्टवेयर-संचालित पाठ्यक्रम /
सामग्री पैकेज प्रदान करता है जो दूरस्थ शिक्षा के साथ-साथ एक कैंपस लर्निंग मोड
में उच्च शिक्षा (पीजी स्तर) का पीछा करने वाले छात्रों को सुविधा प्रदान करता है।
यह ऑफ़लाइन पहुँच की सुविधा भी देता है।
e-PG
Pathshala पर संस्कृत विषयक सामग्री-
e-PG Pathshala के वेबसाइट पर संस्कृत विषय की सामग्री ढ़ूढ़ना बहुत सरल है। वेबसाइट के होम पेज पर अपलोड किये गये विषयों तथा कोर्स की सूची दी गयी है। यहाँ आचार्य व्याकरण के छात्रों के लिए कुल 16 पेपर पर Module उपलब्ध हैं, जिसकी कुल संख्या 534 है। संस्कृत (M.A) के लिए कुल 16 पेपर पर Module उपलब्ध हैं, जिसकी कुल संख्या 640 है।
पेपर के नाम निम्नानुसार हैं-
पेपर Module
01. वैदिकभाषा तथा वाङ्मयं च (40)
02. व्याकरणम् एवं भाषाविज्ञानं च (40)
03. दर्शनम् (40)
04. साहित्यशास्त्र॑ सौन्दर्यशास्त्रं च (40)
05. काव्यम् (40)
06. भाषा, संस्कृति:
इतिहासश्च (40)
07. वैदिकसाहित्यम् इतिहासश्च (40)
08. वैदिकग्रन्था: व्याकरणं च (40)
09. व्याकरणम् (40)
10. नव्यव्याकरणम्- प्रक्रिया दर्शन च (40)
11. भारतीयदर्शनम् एक: परिचय: (40)
12. न्याय-वैशेषिक-मीमांसा- प्रमाणं प्रमेयश्च (40)
P-13.Poetics
& aesthetics (40)
14. रस-ध्वनि-सिद्धान्तः (40)
15. ज्योतिषम् (40)
16. वास्तुशास्त्रस्योत्पत्तिः विकासश्च (40)
Sanskrit (Acharya in Vyakrana) के लिए 534 माड्यूल हैं। ई- पीजी पाठशाला का चित्र देखें
इडं केट (IndCat)
इडं केट (IndCat) अर्थात्
ऑनलाइन यूनियन केटालॉग ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ (भारतीय विश्वविद्यालयों के ऑनलाइन
संघीय प्रसूची) एकीकृत ऑनलाइन पुस्तकालय प्रसूची है । इस वेबसाइट पर आप भारत के प्रमुख विश्वविद्यालय पुस्तकालयों में
उपलब्ध पुस्तकों, शोध प्रबंध और पत्रिकाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते
हैं। इसके डेटाबेस में देश भर में 179 से अधिक
विश्वविद्यालय पुस्तकालयों में उपलब्ध सभी विषय क्षेत्रों में पुस्तकों, पत्रिकाओं और विषयों के लिए ग्रन्थसूची, स्थान और होल्डिंग आदि के बारे में जानकारी दी गयी है।
शोधगंगोत्री
शोधगंगोत्री (ShodhGangotri@INFLIBNET) में देशभर के विश्वविद्यालयों में वर्तमान में चल रहे
शोधों के प्रस्ताव (Synopsis)
की डिजिटल प्रति को जमा कराया जाता है। मुझे नहीं पता कि
विश्वविद्यालयों में इसकी क्या स्थिति है? शोधार्थी शोध विषयों को लेकर आशंकित रहते हैं कि मेरे द्वारा तैयार किया
गया विषय (शोध प्रस्ताव) पर कहीं पहले से शोध तो नहीं हो चुका है?
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