डिजिटल लाइब्रेरी (Digital Library)

डिजिटल लाइब्रेरी में पुस्तकों, पत्रिकाओं, ऑडियो, विडियो, चित्र आदि का भंडार होता है। जब एक या एक से अधिक पुस्तकालय या निजी संग्रह अपने डिजिटल संग्रह को किसी नेटवर्क पर स्थापित करता है तो उसे ऑनलाइन पुस्तकालय कहा जाता है। इस प्रकार के ऑनलाइन पुस्तकालय से लोग अपने घरों अथवा पुस्तकालय में बैठकर कंप्यूटर, मोबाइल आदि द्वारा हर प्रकार की पुस्तक को आसानी से पढ़ पाते हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 के भाषण में घोषणा की है कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल लाइब्रेरी खोलेगी। बच्चों और किशोरों को लाभ मिलेगा। इस डिजिटल लाइब्रेरी से सभी स्कूलों और लाइब्रेरी को जोड़ा जाएगा। डिजिटल लाइब्रेरियों को गांव की पंचायतों तक खोला जायेगा, जिससे देश के प्रत्येक छात्र तक इसकी पहुंच हो सके।

डिजिटल पुस्तकालय की अवधारणा

    कीमती पुस्तकों को खरीदने में अक्षम लोगों तथा प्रतियोगी छात्रों के लिए डिजिटल पुस्तकालय वरदान है। डिजिटल पुस्तकालय में आभासी पुस्तकें होती है। इस पुस्तकालय में मुद्रित पुस्तकों, पत्रिकाओं, चित्रों, मानचित्रों तथा अन्य अध्ययन सामग्री को स्कैन कर डिजिटल स्वरूप में परिवर्तित किया जाता है। फिर इसे हाई स्पीड नेटवर्क, रिलेशनल डेटाबेस, सर्वर और डॉक्यूंमेंट मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दिया जाता है। इस तरह के पुस्तकालय में ज्ञान सामग्री टेक्स्ट, ध्वनि, चलचित्र में भी उपलब्ध होते हैं। जैसे- एक छात्र अपने मुद्रित पाठ्यपुस्तक की कविता, कहानी को पढ़ता है। उसी कविता तथा कहानी को डिजिटल कर देने पर वह उसे ध्वनि तथा चलचित्र के माध्यम से देख सुन तथा पढ़ सकता है। आपने अनेक कवियों के कविता पाठ का विडियो सुना होगा। किसी-किसी संस्कृत पुस्तकालय में दुर्लभ पांडुलिपियाँ भी होती होती है। यह बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसकी अतिरिक्त प्रतियाँ दुर्लभ होती है। आग, बाढ आदि प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य कारणों से इसके नष्ट होने पर इसकी दूसरी प्रति नहीं मिल सकती। अतः इन पाण्डुलिपियों का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। 

    किसी भी सामग्री को मुद्रित कराने में आने वाले व्यय से बहुत कम मूल्य पर उसका डिजिटलाइजेशन किया जा सकता है।  डिजिटलाइज की गयी सामग्री को बहुत कम समय में इसकी अनन्त प्रतियाँ बनायी जा सकती है। मुद्रित सामग्री की अपेक्षा इसका हस्तान्तरण तथा वितरण आसान होता है। अतः सरकारें अब पुस्तकालयों के डिजिटलाइजेशन पर ध्यान दे रही है। अबतक प्राथमिक शिक्षा में सरकारें निःशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित करती रही है। इसके मुद्रण तथा वितरण पर भारी खर्च आता है। पाठ्यपुस्तकों में निरंतर परिवर्तन भी होता है। इन पुस्तकों की मात्र एक डिजिटल प्रति निर्मित कर डिजिटल पुस्तकालय पर रख देने से उसतक लाखों छात्रों की पहुँच हो जाती है। पाठ्यक्रम में आंशिक परिवर्तन होने पर इसमें आसानी से परिवर्तन कर त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकती है। आप इस लेख को पढ़ रहे हैं। यह आपके सम्मुख डिजिटल रूप में उपलब्ध है। इस सामग्री में भी समय समय पर परिवर्तन परिवर्धन होता रहता है। डिजिटल सामग्री तक पहुँच के लिए सरकारें छात्रों को निःशुल्क टैबलेट दे रही है। आने वाला युग डिजिटल युग है। डिजिटल पुस्तकालय का भविष्य सुनहरा है।

डिजिटल लाइब्रेरी में मुद्रित पुस्तक, पत्रिका के स्थान पर डिजिटल पुस्तक, पत्रिका आदि उपलब्ध होता है। पुस्तकों के टेक्स्ट, फोटो, वीडियो या ऑडियो इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल फॉर्मेट को संग्रहीत कर एक हाई स्पीड नेटवर्क, रिलेशनल डेटाबेस, सर्वर और डॉक्यूंमेंट मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ दिया जाता है। इस  डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ कोई भी व्यक्ति कहीं भी अपनी इंटरनेट की डिवाइस पर लॉगइन करके पढ़ सकता है।

डिजिटल लाइब्रेरी का लाभ

डिजिटल लाइब्रेरी बहुत उपयोगी है। कोई भी छात्र अपने फोन, लैपटॉप या टैब में लाखों पुस्तकों को समाहित कर सकता है। अर्थात् उसे पढ़ सकता है। वह कहीं भी बैठकर एक्सेस कर सकता है। इसके लिए उसके पास केवल इंटरनेट से युक्त डिवाइस होनी चाहिए। इस लाइब्रेरी का स्‍टोरेज स्‍पेस असीमित होगा जिससे दुनियाभर की पुस्‍तकों तक बच्‍चों की पहुंच बढ़ेगी। 

इस लेख में संस्कृत के ई- पुस्तकालयों का संक्षिप्त परिचय तथा उसका लिंक दिया जा रहा है। उपयोगकर्ता इस लिंक पर क्लिक कर उस पुस्तकालय पर उपलब्ध सामग्री की जानकारी प्राप्त करें।

1. Government Sanskrit Libraries Network

भारत सरकार संस्कृत पुस्तकालय नेटवर्क

https://eg4.nic.in/SANSKRIT/OPAC/Default.aspx

2. संस्कृत पुस्तकालयः The Sanskrit Library

https://sanskritlibrary.org/textsList.html

3. National Digital Library of India(NDLI)

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया (एनडीएलआई) शिक्षा विभाग, भारत सरकार के अन्तर्गत संचालित एक वर्चुअल पुस्तकालय है। यह हिन्दी, अंग्रेजी तथा बंगला में अनेक पुस्तकालयों में उपलब्ध डाटा तक खोज/ब्राउज़ सुविधाओं के साथ पहुँच प्रदान करता है।

https://ndl.iitkgp.ac.in/

4. Internet Archive

https://archive.org/details/millionbooks

मिलियन बुक्स प्रोजेक्ट- यूनिवर्सल लाइब्रेरी प्रोजेक्ट के भारतीय स्कैनिंग केंद्रों से पुस्तकों का प्रारंभिक संग्रह, जिसे कभी-कभी मिलियन बुक्स प्रोजेक्ट कहा जाता है। इसे 16 दिसम्बर 2004 को आरम्भ किया गया।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, भोपाल परिसर 


इस चित्र में आप पुस्तक खोज सुविधा तथा सदस्यों द्वारा लॉगिन करने की सुविधा के फील्ड को देख पा रहे होंगें।

    केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयभोपाल परिसर में आधुनिक सुविधाओं के साथ एक बहु विकसित सेंट्रल लाइब्रेरी है। यह केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के ऑनलाइन पुस्तकालय से जुड़ा हुआ है और एनआईसी के ई-ग्रन्थालय कार्यक्रम की मदद से पुस्तकों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया चल रही है। नवनिर्मित पुस्तकालय में पढ़ने के उद्देश्य के लिए अलग व्यवस्था होती है । रीडिंग ब्लॉक को भी दो भागों में विभाजित किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में पत्रिकाओं और पत्रिकाओं के अलावा 15000 से अधिक पुस्तकें शामिल हैं, जो इसे शोध गतिविधि और सीखने के लिए एक हब बनाती हैं। परिसर प्रशासन इसे उन लोगों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनाने का प्रयास करता है जो संस्कृत विषयों में अपने ज्ञान को बढ़ाना चाहते हैं जैसे व्याकरण, साहित्य, शिक्षा-शास्त्र और ज्योतिष, कर्म कांड, वास्तु आदि जैसे समाज-समर्थक विषय।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालयभोपाल परिसर 

https://eg4.nic.in/SANSKRIT/OPAC/Default.aspx?LIB_CODE=RSKSBHOPAL

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय

उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय के कैटलॉग को डजिटल कर दिया गया है। इस पुस्तकालय में पाण्डुलिपियों का एक अलग विभाग है, जिसमें लगभग 8000 दुर्लभ पाण्डुलिपियाँ संरक्षित है। इनमें से लगभग 5,000 पाण्डुलिपियों की विवरणिका तैयार कर 'पाण्डुलिपि विवरणिका' नाम से प्रकाशित किया गया है। पाण्डुलिपियों को स्कैन कराकर डजिटल किया जा रहा है। नीचे पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों की खोज सुविधा का चित्र दिया गया है-




Share:

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अनुवाद सुविधा

ब्लॉग की सामग्री यहाँ खोजें।

लोकप्रिय पोस्ट

जगदानन्द झा. Blogger द्वारा संचालित.

मास्तु प्रतिलिपिः

इस ब्लॉग के बारे में

संस्कृतभाषी ब्लॉग में मुख्यतः मेरा
वैचारिक लेख, कर्मकाण्ड,ज्योतिष, आयुर्वेद, विधि, विद्वानों की जीवनी, 15 हजार संस्कृत पुस्तकों, 4 हजार पाण्डुलिपियों के नाम, उ.प्र. के संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों आदि के नाम व पता, संस्कृत गीत
आदि विषयों पर सामग्री उपलब्ध हैं। आप लेवल में जाकर इच्छित विषय का चयन करें। ब्लॉग की सामग्री खोजने के लिए खोज सुविधा का उपयोग करें

समर्थक एवं मित्र

सर्वाधिकार सुरक्षित

विषय श्रेणियाँ

ब्लॉग आर्काइव

संस्कृतसर्जना वर्ष 1 अंक 1

संस्कृतसर्जना वर्ष 1 अंक 2

संस्कृतसर्जना वर्ष 1 अंक 3

Sanskritsarjana वर्ष 2 अंक-1

Recent Posts

लेखानुक्रमणी

लेख सूचक पर क्लिक कर सामग्री खोजें

अभिनवगुप्त (1) अलंकार (3) आधुनिक संस्कृत गीत (16) आधुनिक संस्कृत साहित्य (5) उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान (1) उत्तराखंड (1) ऋग्वेद (1) ऋषिका (1) कणाद (1) करवा चौथ (1) कर्मकाण्ड (47) कहानी (1) कामशास्त्र (1) कारक (1) काल (2) काव्य (18) काव्यशास्त्र (27) काव्यशास्त्रकार (1) कुमाऊँ (1) कूर्मांचल (1) कृदन्त (3) कोजगरा (1) कोश (12) गंगा (1) गया (1) गाय (1) गीति काव्य (1) गृह कीट (1) गोविन्दराज (1) ग्रह (1) छन्द (6) छात्रवृत्ति (1) जगत् (1) जगदानन्द झा (3) जगन्नाथ (1) जीवनी (6) ज्योतिष (20) तकनीकि शिक्षा (21) तद्धित (11) तिङन्त (11) तिथि (1) तीर्थ (3) दर्शन (19) धन्वन्तरि (1) धर्म (1) धर्मशास्त्र (14) नक्षत्र (2) नाटक (4) नाट्यशास्त्र (2) नायिका (2) नीति (3) पतञ्जलि (3) पत्रकारिता (4) पत्रिका (6) पराङ्कुशाचार्य (2) पर्व (2) पाण्डुलिपि (2) पालि (3) पुरस्कार (13) पुराण (3) पुस्तक (1) पुस्तक संदर्शिका (1) पुस्तक सूची (14) पुस्तकालय (5) पूजा (1) प्रतियोगिता (1) प्रत्यभिज्ञा शास्त्र (1) प्रशस्तपाद (1) प्रहसन (1) प्रौद्योगिकी (1) बिल्हण (1) बौद्ध (6) बौद्ध दर्शन (2) ब्रह्मसूत्र (1) भरत (1) भर्तृहरि (2) भामह (1) भाषा (1) भाष्य (1) भोज प्रबन्ध (1) मगध (3) मनु (1) मनोरोग (1) महाविद्यालय (1) महोत्सव (2) मुहूर्त (1) योग (5) योग दिवस (2) रचनाकार (3) रस (1) रामसेतु (1) रामानुजाचार्य (4) रामायण (4) रोजगार (2) रोमशा (1) लघुसिद्धान्तकौमुदी (46) लिपि (1) वर्गीकरण (1) वल्लभ (1) वाल्मीकि (1) विद्यालय (1) विधि (1) विश्वनाथ (1) विश्वविद्यालय (1) वृष्टि (1) वेद (6) वैचारिक निबन्ध (26) वैशेषिक (1) व्याकरण (46) व्यास (2) व्रत (2) शंकाराचार्य (2) शरद् (1) शैव दर्शन (2) संख्या (1) संचार (1) संस्कार (19) संस्कृत (15) संस्कृत आयोग (1) संस्कृत कथा (11) संस्कृत गीतम्‌ (50) संस्कृत पत्रकारिता (2) संस्कृत प्रचार (1) संस्कृत लेखक (1) संस्कृत वाचन (1) संस्कृत विद्यालय (3) संस्कृत शिक्षा (6) संस्कृत सामान्य ज्ञान (1) संस्कृतसर्जना (5) सन्धि (3) समास (6) सम्मान (1) सामुद्रिक शास्त्र (1) साहित्य (7) साहित्यदर्पण (1) सुबन्त (6) सुभाषित (3) सूक्त (3) सूक्ति (1) सूचना (1) सोलर सिस्टम (1) सोशल मीडिया (2) स्तुति (2) स्तोत्र (11) स्मृति (12) स्वामि रङ्गरामानुजाचार्य (2) हास्य (1) हास्य काव्य (2) हुलासगंज (2) Devnagari script (2) Dharma (1) epic (1) jagdanand jha (1) JRF in Sanskrit (Code- 25) (3) Library (1) magazine (1) Mahabharata (1) Manuscriptology (2) Pustak Sangdarshika (1) Sanskrit (2) Sanskrit language (1) sanskrit saptaha (1) sanskritsarjana (3) sex (1) Student Contest (2) UGC NET/ JRF (4)