- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय :- परिचय तथा इतिहास
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संस्कृत, पाली तथा प्राकृत भाषा के पुस्तकालय हैं:- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय, अखिल भारतीय संस्कृत परिषद् का पुस्तकालय तथा सरस्वती शोध संस्थान, सुरेन्द्र नगर, लखनऊ का पुस्तकालय । इन पुस्तकालयों में सामान्य जिज्ञासुओं से लेकर बुद्धिजीवियों तक के लिए अध्ययन सामग्री प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है । आपमें यदि 5000 वर्षों तक के चिन्तन परम्परा के समृद्ध रूप को एकत्र देखने और पढने की ललक हो, भारत के प्राचीन साहित्य, धर्म, संस्कृति, रंगकर्म, शिल्प, गणित, आयुर्विज्ञान, भाषायी तथा साहित्यिक इतिहास के प्रति जिज्ञासा हो तो ये पुस्तकालय आपके लिए उपयुक्त होगें। यहां बैठकर संस्कृत भाषा सीख सकते हैं तथा इसके द्वारा तमाम ग्रन्थों को मूल रूप में पढ भी सकते हैं ।
ये पुस्तकालय जन सामान्य संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु दृढ़ संकल्पित है। इन पुस्तकालयों का क्रमशः परिचय इस प्रकार है।
1. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय :- परिचय तथा इतिहास
यह पुस्तकालय लखनऊ के न्यू हैदराबाद में अवस्थित है। इसकी स्थापना 16 जून 1978 को की गई। रायल होटल के एक छोटे से कक्ष से प्रारम्भ होकर आज यह बहुत ही विशालकाय हो चुका है। न्यू हैदराबाद में यह पुस्तकालय सन् 1983 से संचालित हुआ। अनेक पुस्तकदाताओं के सहयोग, क्रय, पुरस्कार द्वारा प्राप्त तथा विभिन्न संस्थाओं से निःशुल्क प्राप्त पुस्तकों से समृद्ध इस पुस्तकालय में सम्प्रति लगभग 20,000 पुस्तकें हैं।
पुस्तकालय के सुलभ संचालन हेतु इसे तीन भागों में विभक्त किया गया है। (क) संस्कृत, पाली तथा प्राकृत भाषा की पुस्तकें।
2. राजा राम मोहनराय पुस्तकालय प्रतिष्ठान द्वारा पुस्तकीय सहायता प्राप्त बाल पुस्तकालय
3. शोध पत्रिका तथा पाण्डुलिपि का विभाग
इस पुस्तकालय में पाण्डुलिपियों का एक अलग विभाग है, जिसमें लगभग 8000 दुर्लभ पाण्डुलिपियाँ संरक्षित है। इनमें से लगभग 5,000 पाण्डुलिपियों की विवरणिका तैयार कर 'पाण्डुलिपि विवरणिका' नाम से प्रकाशित किया गया है।
यह पुस्तकालय शोधार्थियों के लिए अद्यतन सामग्री उपलब्ध कराता है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता अधुनान्त प्रकाशित मौलिक साहित्यों का संकलन तथा संस्कृत भाषा पर आधारित कम्प्यूटर द्वारा पुस्तक खोज प्रणाली का साफ्टवेयर है। इस पुस्तकालय में देश के विभिन्न भाग से शोधार्थी जन आते रहते हैं। विशेषतः लखनऊ के आस-पास स्थित विश्वविद्यालयों के शोधार्थी, प्रबुद्ध नागरिक, विशिष्ट विद्वान् लाभान्वित होते हैं। इस पुस्तकालय में दो कर्मचारी कार्यरत हैं। 1. सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष -श्री जगदानन्द झा तथा 2. जेनीटर -श्री पृथ्वी पाल
Jaane gan man adhinayak Sanskrit se
जवाब देंहटाएंसंस्कृत उत्तर माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश परिक्षा फार्म के साथ आधार कार्ड संलग्न कराने का कष्ट करें उत्तर मध्यमा डिग्री धारकों आधार कार्ड संलग्न नहीं होने से पासपोर्ट आफिस इस डिग्री को स्वीकार नहीं कर रहा है अतः इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष रूप से ध्यान दिया जाए तमाम दुसरे प्रदेश के संस्थाओं में भी प्रवेश नहीं लिया जा रहा है
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