इस संस्थान का पुस्तकालय सुरेन्द्र नगर, चिनहट में अवस्थित है। इस पुस्तकालय की स्थापना प्रो0 उमारमन झा ने किया, जो इसके निदेशक थे। आप राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, मानित विश्वविद्यालय, (सम्प्रति केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय) लखनऊ परिसर के पूर्व प्राचार्य थे। इन्होंने अपने ही आवासीय परिसर के एक भाग में लोकोपकार तथा भाषाई प्रचार प्रसार हेतु निज को अर्पित कर दिया था। यह पुस्तकालय यद्यपि प्रारभिक अवस्था में है फिर भी गुणवत्ता की दृष्टि से पुस्तकों का संकलन बेजोड़ है। प्रो0 झा आने वाले शोधार्थियों को बहुत ही मनोयोग पूर्वक मार्ग निर्देशन करते रहते रहे। यहाँ लगभग 5,000 पुस्तकें, शोध पत्रिकाएँ, शोधप्रबंध, विभिन्न संस्कृत सम्मेलनों के शोधलेख तथा पाण्डुलिपियों के विवरणात्मक सूची, कोश आदि उपलब्ध हैं। इस पुस्तकालय का भविष्य अब अधर में है।
जिसका विवरण निम्नानुसार हैं -
वेद
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50
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कोष
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65
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तन्त्रशास्त्र
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230
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रामायण
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30
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व्याकरण
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176
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साहित्य
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300
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महाभारत
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70
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धर्मशास्त्र
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105
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दर्शन
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360
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मैथिली साहित्य
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132
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शोध प्रबन्ध
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85
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ज्योतिष
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31
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शास्त्र संग्रह
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200
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न्याय दर्शन
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111
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गीता
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24
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अभिनन्दन ग्रन्थ
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56
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साहित्य
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587
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कैटलाग
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30
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हिन्दी साहित्य
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100
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आलइण्डिया ओरिय0 कान्फ्रेन्स
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25
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पुराण
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36
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