हमलोग जैसे जेल पेन, वॉल पेन,नीब के पेन, पेंसिल, स्केच आदि कई माध्यम से कागज पर लिखते हैं वैसे ही अनेक तरह के कीबोर्ड के माध्यम से कम्प्यूटर पर देवनागरी लिपि में हिन्दी,
संस्कृत,मराठी या अन्य भाषाओं को लिख सकते हैं। अन्तर वही है,
जो एक कलम, पेंसिल या स्केच में है। आप इस भ्रम में मत आ जायें कि कम्प्यूटर के इस कीबोर्ड के आकार-प्रकार में कोई अंतर होता है। बल्कि इसे कम्प्यूटर में इन्सटाल किया जाता है। प्रचलित भाषा में इसे हिन्दी लेआउट
कीबोर्ड कहते हैं। राज्य या केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों,
निगमों और एजेंसियों के डाटा एन्ट्री आपरेटर/ आई.टी.
आपरेटर/सहायक ग्रेड-3/ शीघ्र लेखन/स्टेनो टायपिस्ट तथा इसी प्रकार के अन्य पदों की
परीक्षा में हमें कीबोर्ड चयन का विकल्प उपलब्ध कराया जाता है। इसमें रेमिंगटन
टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड, रेमिंगटन (गेल) लेआउट कीबोर्ड ,
इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड मुख्य है। टाइपिंग सिखाने वाले संस्थान भी इन्हीं कीबोर्ड पर टाइप करना सिखाते हैं।
रेमिंगटन
टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड के माध्यम से कंप्यूटर पर हम कृतिदेव, अमर, चान्दनी
आदि अनेक फान्ट के माध्यम से टाइप करते रहे हैं। ये फॉन्ट इन्टरनेट समर्थित नहीं
हैं। अर्थात् जब हम कृतिदेव जैसे फॉन्ट को इन्टरनेट पर टाइप करते हैं तो इसके
अक्षर में परिवर्तन हो जाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए रेमिंगटन टाइपराइटर
हिन्दी कीबोर्ड से मिलता जुलता एक लेआउट बनाया गया,जिसमें
टाइप करने में अक्षरों के स्थान में अन्तर नहीं होता है। इसे रेमिंगटन (गेल) लेआउट
कीबोर्ड कहते हैं। यह कीबोर्ड इन्टरनेट द्वारा समर्थित है। इसपर आप मंगल जैसे अनेक
इन्टरनेट समर्थित फॉन्ट का प्रयोग करते हुए टाइप कर सकते हैं। यूनीकोड फॉन्ट में
टाइप किया मैटर को किसी भी कम्प्यूटर या इंटरनेट से जुड़े फोन आदि संसाधन पर देखा
जा सकता है। अर्थात् इसमें फॉन्ट की वैसी आवश्यकता नहीं होती जैसे कि कृतिदेव आदि
की हो जाती है। इस कीबोर्ड को आप इंडिया टाइपिंग के वेबसाइट से डाउनलोड कर अपने
कम्प्यूटर में इंस्टाल कर लें। यह सुनिश्चित कर लें कि आपके कम्प्यूटर में कौन सा विंडो इंस्टाल है और वह कितने विट का है। कम्प्यूटर में इंस्टाल हो जाने के बाद विंडो के टास्कबार के लैंग्वेज बार पर जाकर इंडिक इनपुट 2 का चयन कर लें। सेटिंग में जाकर इस कीबोर्ड का चयन कर लें। टाइप करके देख लें। अधिक जानकारी के लिए इंडिया टाइपिंग से सहायता लें।मेरा सुझाव है कि आप यदि टाइपिंग सीखने जा रहे हैं तो इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड पर अभ्यास करें। इसके लिए आपको अलग से कोई भी साफ्टवेयर डाउनलोड करने की आवश्कता नहीं है। रेमिंगटन टाइपराइटर हिन्दी कीबोर्ड या अन्य इस प्रकार के कीबोर्ड का उपयोग करना आसान नहीं है। इन्स्क्रिप्ट लेआउट को छोड़कर अन्य लेआउट उन लोगों के लिए थोड़ा सा आसान दिखता है,जो पहले से अंग्रेजी फॉन्ट या कृतिदेव पर टाइप करते रहे हैं। भारतीय भाषाओं में यूनीकोड में टाइपिंग के लिए सबसे अच्छा और अपने आप में पूर्ण लेआउट देवनागरी इन्स्क्रिप्ट है।
इन्स्क्रिप्ट लेआउट को 1986 में सीडैक द्वारा मानकीकृत किया गया। निश्चित नियम पर आधारित होने के कारण इसे याद करना भी आसान है। यदि किसी ने हिन्दी वर्णमाला का ठीक से अभ्यास किया है, वह इसे आसानी पूर्वक समझ सकता है। संस्कृत की जानकारी रखने वालों के लिए और भी आसान है। मैं स्वयं देवनागरी इन्स्क्रिप्ट लेआउट पर टाइप करता हूँ।
इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड और फॉन्ट के बारे में मैंने इसी ब्लॉग पर विस्तार पूर्वक लेख लिख दिया है। अपने कम्प्यूटर में इस कीबोर्ड को लगाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया को करें-
1. Control panel में जायें।
1. Control panel में जायें।
2. यहाँ Region and Language पर क्लिक
करें।
3. यहाँ keyboards and Language पर क्लिक करें।
4. change keyboards पर क्लिक करें।
5. Add पर क्लिक करें। क्लिक करते ही आपके सामने कई भाषाओं की
लिपियाँ सामने है। इसमें से आप
6. + Hindi (india) के + पर क्लिक करें।
7. + keyboard के + पर क्लिक करें।
8. यहाँ Devanagari –INSCRIPT का चयन करें।
9. ok, Apply,ok बटन दबायें। विंडो के चास्कबार
को देखें यहाँ आपको HI लिखा मिलेगा। अह आप देवनागरी में
हिन्दी, संस्कृत आदि भाषा टाइप कर सकेंगें।
इस लेख में हम इंस्क्रिप्ट लेआउट कीबोर्ड पर विशेष वर्ण या अक्षर टाइप करने की
शिक्षा प्राप्त करेंगें। संस्कृत
व्याकरण का पाठ लिखते समय मुझे विशेष आकृति के अंकन में असुविधा हुई, जिसके कारण
मैंने यह लेख लिखने का निश्चय किया ताकि देवनागरी लिपि में लिखने वाले, विशेषकर
संस्कृत के लोगों को असुविधा नहीं हो। पिछले पोस्ट में मैंने अब बहुत सारे यूनिकोड
फॉन्ट से परिचय कराया था। इस पोस्ट में मैं आपको रेमिंग्टन गेल कीबोर्ड लेआउट से
बनने वाले उन देवनागरी यूनीकोड (हिन्दी अक्षरों) की जानकारी दूँगा, जो अक्षर, कीबोर्ड पर
उपलब्ध नहीं होते हैं। ऐसे अक्षरों को बनाने या टाइप करने के दो तरीके हैं। कुछ
अक्षर 2 अक्षरों को मिलाकर बनाया जाता है। इसे संयुक्ताक्षर कहा जाता है। यूनिकोड फॉन्ट यह सुविधा देता है कि हम
एक से अधिक अक्षरों को मिलाकर एक संयुक्त अक्षर बना सकते हैं। ये संयुक्ताक्षर व्यंजन वर्ण होते
हैं। संस्कृत पढ़े लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि संयुक्त स्वर और संयुक्त व्यंजन वर्ण का निर्माण कैसे होता है। दूसरा विकल्प हमें आल्ट बटन और कोड (Alt + code) को जोड़कर बनाने की सुविधा देता है। ऐसे अक्षर जिसे
जोड़ कर नहीं बनाया जा सकता है उसे हम आल्ट बटन के साथ कोई कोड संख्या दबाकर बनाते हैं।
आगे हम देखते हैं कि किस प्रकार संयुक्त वर्ण बनाए जाते हैं और किस प्रकार आल्ट बटन (Alt key) की सहायता से कुछ अक्षर बनाए जा सकते हैं। यूनिकोड फॉन्ट के अक्षर को बनाते समय हमें संस्कृत व्याकरण की सामान्य जानकारी होनी चाहिए। उसके अनुसार हम आसानी से समझ सकते हैं कि इन अक्षरों को कैसे बनाया जाता है। यह बिल्कुल ही आसान है।
आगे हम देखते हैं कि किस प्रकार संयुक्त वर्ण बनाए जाते हैं और किस प्रकार आल्ट बटन (Alt key) की सहायता से कुछ अक्षर बनाए जा सकते हैं। यूनिकोड फॉन्ट के अक्षर को बनाते समय हमें संस्कृत व्याकरण की सामान्य जानकारी होनी चाहिए। उसके अनुसार हम आसानी से समझ सकते हैं कि इन अक्षरों को कैसे बनाया जाता है। यह बिल्कुल ही आसान है।
हलंत के प्रयोग से संयुक्त अक्षर बनाना
हम जब दो संयुक्त व्यंजन वर्णों या कभी कभी दो से भी अधिक संयुक्त व्यंजन वर्णों
को एक साथ जोड़ते हैं तो एक संयुक्ताक्षर का निर्माण होता है। संस्कृत भाषा में
अधिकाधिक संयुक्त वर्णों का प्रयोग होता है। यही सिद्धांत मंगल फॉन्ट या यूनिकोड फॉन्ट
पर लागू होता है। इनमें से कुछ अक्षर इंस्क्रिप्ट और रेमिंग्टन गेल कीबोर्ड पर उपलब्ध भी हैं।
जैसे -
क् + ष = क्ष, त् + र = त्र, ज् + ञ = ज्ञ
इस प्रकार के संयुक्त अक्षरों की संख्या सीमित है।
इस प्रकार के संयुक्त अक्षरों की संख्या सीमित है।
कुछ ऐसे अक्षर जिन्हें हम हलंत वर्ण से अथवा अन्य तरीके से नहीं बना सकते, उसके
लिए हम Alt बटन दबाकर एक कोड अंकित करते हैं, जिससे एक आकृति (सिंबल) बनती है। हम इनमें से जिन आकृतियों का बार- बार प्रयोग करते हैं, उसका कोड दिया जा रहा है। टंकक इसे याद कर लें। उदाहरण के लिए Alt बटन दबाकर जब हम 0147 अंक दबाते हैं तो इससे घुमावदार इनवर्टेड कॉमा (“)बनता है। आप स्वयं करके देख लें। नीचे आल्ट के साथ कोड दिया गया है। इससे बनने वाले सिंबल भी दिए गए हैं। इसकी सहायता से आप टाइपिंग स्पीड बढ़ा सकते हैं। आज अनेक यूनीकोड
फॉण्ट प्रचलन में है। यूनीकोड फॉण्ट की बनावट यद्यपि एक ही होती है फिर भी मंगल और
अन्य फान्ट के अक्षर कभी - कभी दिखने में अलग प्रतीत होता है। जैसे- द्वितीय और द्वितीय ।
इनमें से अवग्रह जैसे कुछ आकृतियों का ऑनलाइन टाइप करने पर सफलता नहीं मिलती। इसके लिए इन आकृतियों को वर्ड पर टाइप कर पुनः ऑनलाइन पेस्ट किया जा सकता है। संस्कृत में
उदात्त, अनुदात्त तथा दण्ड लेखन में भी लिपियों का प्रयोग किया जाता है। इस प्रकार
के विशेष चिह्न अंकित करने के लिए सिंबलकोड दिये जा रहे हैं। इस सिंबल का प्रयोग स्वतंत्र रूप से नहीं हो सकता अतः क अक्षर के बाद सिंबल का प्रयोग किया गया है। विंडो 10 के साथ sanskrit text नामक फान्ट आया है। इस फान्ट की सहायता से वेद मंत्रों में प्रयुक्त होने वाले कुछ अतिरिक्त सिंवल को जोड़ा गया है। जैसे- ᳩ
ᳬ ᳪ ᳫ ᳯ
Alt + code आकृति
Alt + 033 ! Alt + 0145 ‘
Alt + 034 “ Alt + 0146 ’
Alt + 042 * Alt + 0147 “
Alt + 043 + Alt + 0148 ”
Alt + 0149 •
Alt + 044 , Alt + 0150 –
Alt + 045 - Alt + 0185 ¹
Alt + 046 . Alt + 2365 ऽ
Alt + 047 /
Alt + 047 /
Alt + 059 ;
Alt + 061 =
Alt + 063 ?Alt + 02400 ॠ
Alt + 2372 कॄ
Alt + 2384 ॐ
Alt + 2385 क॑ (उदात्त)
Alt + 2386 क॒ (अनुदात्त)
Alt + 2386 क। (दण्ड)
Alt + 2386 क॥ (डबल दण्ड)
Alt + 2402 कॢ
Alt + 2403 कॣ
Alt + 2384 ॐ
Alt + 2385 क॑ (उदात्त)
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Alt + 2386 क। (दण्ड)
Alt + 2386 क॥ (डबल दण्ड)
Alt + 2402 कॢ
Alt + 2403 कॣ
अक्षर का नाम
|
अक्षर
|
Win XP ALT Code
|
DEVANAGARI
SIGN CANDRABINDU
|
कँ
|
ALT+2305
|
DEVANAGARI
SIGN ANUSVARA
|
कं
|
ALT+2306
|
DEVANAGARI
SIGN VISARGA
|
कः
|
ALT+2307
|
DEVANAGARI SIGN
NUKTA
|
क़
|
ALT+2364
|
DEVANAGARI
SIGN AVAGRAHA
|
कऽ
|
ALT+2365
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN AA
|
का
|
ALT+2366
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN I
|
कि
|
ALT+2367
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN II
|
की
|
ALT+2368
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN U
|
कु
|
ALT+2369
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN UU
|
कू
|
ALT+2370
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN VOCALIC R
|
कृ
|
ALT+2371
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN VOCALIC RR
|
कॄ
|
ALT+2372
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN VOCALIC L
|
कॢ
|
ALT+2402
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN VOCALIC LL
|
कॣ
|
ALT+2403
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN CANDRA E
|
कॅ
|
ALT+2373
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN SHORT E
|
कॆ
|
ALT+2374
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN E
|
के
|
ALT+2375
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN AI
|
कै
|
ALT+2376
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN CANDRA O
|
कॉ
|
ALT+2377
|
DEVANAGARI VOWEL
SIGN SHORT O
|
कॊ
|
ALT+2378
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN O
|
को
|
ALT+2379
|
DEVANAGARI
VOWEL SIGN AU
|
कौ
|
ALT+2380
|
DEVANAGARI
SIGN VIRAMA
|
क्
|
ALT+2381
|
DEVANAGARI
STRESS SIGN UDATTA
|
क॑
|
ALT+2385
|
DEVANAGARI
STRESS SIGN ANUDATTA
|
क॒
|
ALT+2386
|
DEVANAGARI
GRAVE ACCENT
|
क॓
|
ALT+2387
|
DEVANAGARI
ACUTE ACCENT
|
क॔
|
ALT+2388
|
DEVANAGARI
DANDA
|
क।
|
ALT+2404
|
DEVANAGARI
DOUBLE DANDA
|
क॥
|
ALT+2405
|