संस्कृत
शिक्षा को आकर्षक तथा इसमें गुणात्मक वृद्धि लाने के लिए प्रतियोगिता एक सशक्त
माध्यम हैं। इसके निम्नलिखित सकारात्मक लाभ हैं।
1.
प्रतियोगिता
छात्रों को स्व मूल्यांकन का अवसर प्रदान करती है। इस माध्यम से वह अपने ज्ञान का
मूल्यांकन करता है। वह देखता है कि जनपद,
राज्य और देश में उसकी स्थिति क्या है? आने वाले दिनों में इन्हीं
छात्रों से उसकी प्रतिस्पर्धा होनी है अतः प्रतिस्पर्धी की तैयारी से जूझने के लिए
प्रतियोगिता उसे अवसर देती है।
2.
प्रतियोगिता
एक प्रतिस्पर्धी परीक्षा है। इसमें अनेक स्थानों तथा विद्यालयों के छात्र आते हैं।
इसके माध्यम से छात्रों के बीच संपर्क स्थापित होता है और वे भविष्य में
किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हो जाते है।
3.
प्रतियोगिता
छात्रों को प्रेरित करने और बेहतर प्रयास करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके
द्वारा छात्र में सर्वश्रेष्ठ बनने और समकक्ष छात्रों से मुकावला करने का जोश पैदा
होता है। प्रतियोगिता में रैंक रखने वाले छात्र में आत्मविश्वास की भावना विकसित होती
है।
4.
छात्र
अपनी वैचारिक समझ में सुधार करते हैं और वे कठिन अवधारणाओं को समझने में सक्षम
बनते है।
5.
कोई
भी प्रतियोगिता छात्रों के कौशल को तेज करने का मौका देती है। वे एक स्तर पर कई
समस्याओं से निपटते हैं, जिनकी उन्हें अपने कक्षाओं में सामना करने की संभावना
नहीं रहती है। छात्रों को अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त होता है। वे आत्मविश्वास से जवाब देना
सीखते हैं। इससे बच्चों का दिमाग तेज होता है।
6.
संस्कृत
के छात्र अपने गुरु की वाहवाही से गदगद होकर आत्ममुग्ध हो जाता है। उसे यह नहीं
पता होता कि हमारे समुदाय या बराबर की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र अपने विषय में
कितना अधिक उच्चतर ज्ञान और तैयारी रखते हैं। विद्यालयों के
अध्यापकों को भी और अधिक गंभीरता से पढ़ाने को प्रेरित करती है।
7. अध्यापक भी प्रतिस्पर्धी हो उठते हैं। विजित छात्रों से हमें यह भी पता चलता है कि किस
विद्यालय का शैक्षिक स्तर कितना उन्नत है।
अब हम संस्कृत क्षेत्र में होने वाली प्रतियोगिताओं और उसे आयोजित करने वाली कुछ संस्थाओं के बारे में यहां चर्चा करेंगे।
अब हम संस्कृत क्षेत्र में होने वाली प्रतियोगिताओं और उसे आयोजित करने वाली कुछ संस्थाओं के बारे में यहां चर्चा करेंगे।
संस्कृतभारती
संस्कृतभारती कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की शलाका परीक्षा कराती है। इसके लिए कक्षा 10 की पुस्तक मणिका निर्धारित है। परीक्षा तीन चरणों ( कण्ठस्थीकरण, अर्थबोध, व्याकरण) में होती है। पुरस्कार की राशि 7, 11, 15 हजार है। यह ऑफ लाइन परीक्षा एक ही दिन किसी एक स्थान पर सम्पन्न होती है। कुछ वर्षों से यह प्रतियोगिता वाराणसी में आयोजित होती रही है। यहाँ प्रतिभागियों के लिए निःशुल्क भोजन तथा आवास की व्यवस्था की जाती है। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों से शुल्क नहीं लिया जाता। यह भी सच है कि जो सरकारी विद्यालयों में संस्कृत विषय लेकर पढ़ने वाले छात्र होते हैं, वे इतने सक्षम नहीं होते कि देश के किसी दूर दराज भाग से आकर इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकें।
संस्कृतभारती की वेबसाइट पर क्लिक करें-
केन्द्रीय विद्यालय संगठन
केन्द्रीय विद्यालय संगठन CBSC
बोर्ड विगत 3 वर्षों से संस्कृत ओलम्पियाड कराने लगा है। इसमें प्रतिभाग करने के लिए जुलाई में नामांकन से आरम्भ होता है तथा जनवरी तक परीक्षा होती है। इसमें कक्षा 6 से 10 तक
के छात्र प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके लिए रू.150.00 फीस निर्धारित है। इसमें 2
चरणों में परीक्षा होती है। इसमें प्रतिभाग करने के लिए इस संस्कृत ओलम्पियाड लिंक
पर क्लिक करें-
इसका सेंपल प्रश्नपत्र
पारंपरिक संस्कृत विद्यालयों के छात्र अभाव ग्रस्त होते हैं। ऐसे छात्र सीबीएसई बोर्ड या संस्कृतभारती की प्रतियोगिता में भाग लेने में असमर्थ होते हैं। इन संस्थाओं द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में जाने आने का मार्ग पर छात्र को स्वयं वहन करना पड़ता है। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान तथा राज्य सरकार की संस्थाओं द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए मार्ग व्यय ,भोजन, आवास तथा भरपूर पुरस्कार राशि दी जाती है। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ सहित अनेक संस्थायें प्रतियोगिता का आयोजन करती है।
उत्तराखंड संस्कृत अकादमी
उत्तराखंड संस्कृत अकादमी प्रथमा से लेकर आचार्य, बी. ए, एम. ए कक्षा तक के छात्रों के लिए वेद, व्याकरण,
काव्य तथा दर्शन विषय पर शलाका परीक्षा कराती है। यह परीक्षा त्रिस्तरीय होती है।
प्रथम स्तर में निर्धारित ग्रन्थ का कण्ठस्थीकरण, द्वितीय स्तर में व्याख्यान
सामर्थ्य एवं तृतीय स्तर में शंका समाधान शक्ति का परीक्षण किया जाता है।
प्रतियोगिता के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता। प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान
प्राप्त प्रतिभागी को क्रमशः रू. 7000/- रू. 5000/- रू.4000/- पुरस्कार राशि दी
जाती है। प्रतियोगिता में आवेदन नबम्बर में तथा परीक्षा दिसम्बर में होती है। इसके अतिरिक्त यह संस्था राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का भी आयोजन करती है जिसमें जिला क्रम से चयनित होते हुए राज्य स्तर तक पहुंचने पर अधिकतम 20000 धनराशि का पुरस्कार दिया जाता है। इसका
वेबसाइट पर क्लिक कर पूरा विवरण देखें।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, लखनऊ
⇒ उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा वाल्मीकि जयन्ती के अवसर
पर कक्षा 6 से शोध तक के छात्रों
के बीच कुल 12 प्रतियोगिता कराती है, जिसमें से संस्कृत भाषण, श्लोकान्त्याक्षरी संस्कृत गीत प्रतियोगिता जिला स्तर से आरम्भ होती है।
⇒ इन प्रतियोगिताओं में मंडल स्तर पर प्रथम स्थान
पाये छात्र मुख्यालय लखनऊ में आकर अंतिम प्रतियोगिता में भाग लेते हैं।
⇒ संस्कृत भाषण, श्लोकान्त्याक्षरी संस्कृत गीत प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को क्रमशः रू. 8000/- रू. 6000/- रू.4000/- पुरस्कार राशि दी जाती है। जबकि नाटक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त नाट्य दल को क्रमशः रू. 40000/- रू. ⇒30000/- रू.20000/- पुरस्कार राशि दी जाती है।
⇒ मंडल स्तर पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाये छात्रों को 800/- रू. 600/- रू.400/- पुरस्कार राशि दी जाती है।
⇒ प्रत्येक प्रतिभागी को आने जाने का मार्ग व्यय, भोजन तथा आवास की सुविधा के साथ एक-एक पुस्तक दिया जाता है। इस प्रतियोगिता में वही छात्र भाग ले सकते हैं जो उत्तर प्रदेश के किसी विद्यालय में अध्ययनरत हो।
⇒ संस्कृत भाषण, श्लोकान्त्याक्षरी संस्कृत गीत प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को क्रमशः रू. 8000/- रू. 6000/- रू.4000/- पुरस्कार राशि दी जाती है। जबकि नाटक प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त नाट्य दल को क्रमशः रू. 40000/- रू. ⇒30000/- रू.20000/- पुरस्कार राशि दी जाती है।
⇒ मंडल स्तर पर प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पाये छात्रों को 800/- रू. 600/- रू.400/- पुरस्कार राशि दी जाती है।
⇒ प्रत्येक प्रतिभागी को आने जाने का मार्ग व्यय, भोजन तथा आवास की सुविधा के साथ एक-एक पुस्तक दिया जाता है। इस प्रतियोगिता में वही छात्र भाग ले सकते हैं जो उत्तर प्रदेश के किसी विद्यालय में अध्ययनरत हो।
प्रतियोगिता के बारे में विस्तृत तथा अद्यतन जानकारी के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की छात्र प्रतियोगिता पर क्लिक करें।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा अखिलभारतीय शास्त्रीय स्पर्धा का आयोजन किया जाता है। इसमे
कुल २६ स्पर्धाएं आयोजित होती हैं। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पूरी
जानकारी उपलब्ध है । इसमें प्रत्येक राज्य से प्रति प्रतियोगिता में से 1 चुने हुए
प्रतिस्पर्धी राष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लेते हैं । प्रतिस्पर्धी के जाने
आने, भोजन आवास का व्यय भी विश्वविद्यालय करता है। इसमें पारंपरिक संस्कृत विद्यालयों
में कक्षा 11 से आचार्य तक पढ़ने वाले छात्रों के लिए ही अवसर हैं। प्रत्येक
प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय,
तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागी को क्रमशः रू. 11000/- रू. 7000/- तथा
रू.5000/- पुरस्कार राशि दी जाती है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा संस्कृत विषयों पर राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराती है परन्तु यह शास्त्र स्पर्धा प्रतियोगिता होती है। इसमें सामान्य संस्कृत का घोर अभाव है। इस दिशा में और भी प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता कराने में कई चुनौतियां हैं। सीमित संसाधनों में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता डिजिटल माध्यम से ही कराई जा सकती है। परीक्षा की शुचिता को भी ध्यान में रखना होगा। माध्यमिक स्तर तक संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं होता। अतः आपकी या हमारी सूचना उन तक नहीं पहुंच पाती और वे प्रतिभाग भी नहीं कर पाते।
चातुर्वेद- संस्कृतप्रचार- संस्थानम्
चातुर्वेद- संस्कृतप्रचार- संस्थानम् वर्ष १९९९ से प्रतिवर्ष भारतीय वैभवज्ञान परीक्षा का आयोजन करता आ रहा है।
अभी
तक सामर्थ्य के अनुसार उत्तरप्रदेश,
बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड,
मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, दिल्ली, के साथ नेपाल में इस परीक्षा का आयोजन
हुआ है। सम्प्रति यह परीक्षा ४ वर्गों में हो रही है।
३-५
बालवर्ग, ६-८ कनिष्ठवर्ग,
९-१२ वरिष्ठवर्ग, शास्त्री-आचार्य
(बी.ए.-एम.ए) स्नातकवर्ग। इसके
लिए ४ पुस्तकें भी प्रकाशित हैं। जो दो वर्षों पर बदलती रहती हैं।
इस
वर्ष यह परीक्षा अविरल गंगा, निर्मल गंगा नमामि गंगे, गंगा हरीतिमा योजना को
समर्पित है ।
जगदीश डाभी
संस्कृत विषय पर सोशल मीडिया पर भी प्रतियोगितायें आयोजित होती है। इसका आरम्भ मैंने ही किया था। अब कई फेसबुक ग्रुप पर यह प्रचलित है। इसमें संस्कृतरसास्वादःविश्वहिताय संस्कृतम् समूह प्रतियोगिता करा रहा है। देश स्तर पर संस्कृत के प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में जगदीश डाभी का नाम आता है। ये Facebook पर online संस्कृतशिक्षणम् समूह बनाये हैं, जिसका लिंक है-
जगदीश डाभी अपने समूह पर भी प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं। विजयी छात्रों की सूचना विश्वस्य वृत्तांतः संस्कृत दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करा कर उनका उत्साहवर्धन करते हैं।
संस्कृतरसामृतम्
संगठन के माध्यम से बिहार के सीवान जिला में प्रति माह जमीनी स्तर पर कार्य होता
है। अभी पिछले माह से इसकी शुरुआत हुई है।
ऐसे
बहुत सारे हमारे साथी हर सप्ताह, हर माह संस्कृत सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता एवं बाल प्रतियोगिता आयोजित
करते है। इसके लिए विषय तथा तिथि निर्धारित करते हैं, जो कक्षा तथा आयु वर्ग के
बच्चे के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में स्थापित एक पंजीकृत सोसाइटी है। इसके द्वारा भी भारत की विभिन्न भाषाओं में निबंध लेखन जैसी कुछ प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। यह संस्कृत भाषा में भी निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित कराता है। इसका लिंक है।
कई राज्यों में संस्कृत विषय पर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन नहीं होता है वहां के छात्रों को अवसर उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल माध्यम एक कारगर उपाय हो सकता है। देश व्यापी प्रतियोगिता के लिए एक ऐप बनाना होगा, जिसमें
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र अपना नामांकन कर सके। ऐप में कक्षा 6 से 12
तब तक की पुस्तकों का ट्यूटोरियल हो, जिससे वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भी कर
सकें। इसके लिए न्यूनतम शुल्क के भी रखा जाए। तीन स्तरों पर प्रतियोगिता का आयोजन
हो। प्रथम स्तर की परीक्षा पास करने के उपरांत ही कोई भी प्रतियोगी कहला सकेगा।
उसका नामांकन कर प्रत्येक वर्ष जनवरी तथा जुलाई के प्रथम सप्ताह में प्रतियोगिता करायी जाय। इसमें 70% तक अंक पाए अथवा शीर्ष क्रम से 50 छात्रों का चयन किया जाए। इन
छात्रों के मध्य प्रत्येक प्रदेश में किसी एक दिन प्रतियोगिता कराई जाए। इसमें
सर्व प्रथम आए छात्र को रु 10000 की पुरस्कार राशि से पुरस्कृत किया जाए। यह
पुरस्कार उन्हें छात्र को दिया जाए जो आगामी कक्षा में भी संस्कृत विषय लेकर
अध्ययन करे। धनराशि की उपलब्धता अधिक होने पर समय-समय पर अधिक से अधिक छात्रों को
पुरस्कृत किया जाए। जिस दिन संस्कृत क्षेत्र में अधिकाधिक प्रतियोगिताएं होने लगेगी उसी दिन संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि की होगी तथा उनके शैक्षिक स्तर में सुधार भी देखने को मिलेगा। हम यहां और भी प्रतियोगिताओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे ताकि अधिकाधिक छात्र इसका लाभ ले सकें।
देश में संस्कृत छात्रों के लिए कौन - कौन प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं? उनके नाम, उसकी प्रकृति, पुरस्कार की धनराशि तथा आयोजक संस्था के बारे में जानकारी दें। आपके द्वारा दी गई जानकारी का लाभ हजारों लोगों को प्राप्त होगा।
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