इस ब्लॉग में अबतक 13 भाग में संस्कृत गीतकारों की कतिपय रचनाओं का संकलन किया गया है, ताकि संस्कृत के गीतों में रूचि रखने वाले अध्येता संस्कृत की नवीन रचनाओं से परिचित हो सकें। यह काम अभी भी गतिमान है। आने वाले दिनों में अन्य छूटे हुए तथा नवीन गीतकारों को यहां स्थान दिया जाता रहेगा। अलग-अलग पोस्ट में संकलित गीतों को यहाँ एक स्थान पर कर देने से उन गायकों...
संस्कृत के आधुनिक गीतकारों की प्रतिनिधि रचनायें (भाग-12)
यात्राप्रियतम ! नास्ति पथाभिज्ञानम्।सततगते रति तीव्र लालसास्मृत्वा चरणं विस्तृणोमि यत्कण्टकपूर्ण-विषमपथि सहसासोढुं क्षणमिव रोधयामि तत्।एवं तनुते गते वितानम्प्रियतम! नास्ति पथाभिज्ञानम्।घन तमसावृत मम्बरमस्तिविषमसृतिः शक्तिर्मयि नास्तिप्रबल प्रभज्जन पूर्ण पयोदोवर्षति शिशर जलं संध्यास्ति।ज्वलतितदपि ममान्तर्तज्ञानम्प्रियतम! नास्ति पथाभिज्ञानम्।मुहुश्चकासित...
आधुनिक संस्कृत गीतकारों की प्रतिनिधि रचनायें (भाग 11)
चल पश्यामः
( रागः
- इमनकल्याणम् । तालः-कहरवा )
१
टङ्ग
टङ्ग टङ्ग
टङ्ग घण्टी क्वणति
शनैः
सनाथो गजः
प्रयाति ।
चीत्कुर्वन्तश्चपला
बालाः
वदन्ति
“भो
भोः, पश्यत, पश्यत,
गज आयाति,
गज आयाति ।।"
२
आराद्
बुक्कत्ति कुक्कुरवर्गः
द्विरदो
धीरं चलति सगर्वः ।
विना
निदेशं निषादिनोऽसौ
शृणुते
न कस्य वचनं जातु
यो यद् वदतु,
न शङ्कते तु ।।
यदा
यदाऽऽधोरण...