वेद
विश्व-संस्कृति के आधार-स्तम्भ है। आदिकाल से ही वेद मानवजाति के लिए प्रकाश-स्तम्भ
रहे हैं। वेदों में ज्ञान और
विज्ञान
का अनन्त भण्डार विद्यमान है। अतएव मनु ने वेदों को सर्वज्ञानमय कहा है, अर्थात्
वेदों में सभी प्रकार का ज्ञान
और
विज्ञान निहित है।1 आयुर्वेद शास्त्र की दृष्टि से वेदों का अनुशीलन करने पर ज्ञात
होता है कि चारों वेदों में आयुर्वेद
के
विभिन्न...
वेद का रचनाकाल तथा शाखायें
पंचवटी की स्थापना कैसे करें? कहाँ लगायें? वृक्षों के मध्य दूरी कितनी हो?
श्री रघुनाथ-शिरोमणिः
तार्किकशिरोमणिः कल्पनाधिनाथः
श्रीरघुनाथः आसीद् बङ्गलादेशनिवासी बङ्गाली ब्राह्मणः । अस्य पितुः शरीरान्तः
बाल्यकाले एव जातः इति श्रूयते ।
एकस्मिन् दिने अयं श्रीशिरोमणिः
स्वीयमातुरादेशानुसारं वह्निमानेतुकामः
समीपस्थां विशालां पाकशालां गतवान् । बुद्धिवैभवसम्पन्नः बालकः रघुनाथः सरलस्वभावमापन्नः...
आचार्य शंकर और उनका अद्वैतवाद
शंकरं
शंकराचार्यं केशवं बादरायणम् ।सूत्रभाष्यकृतौ
वन्दे भगवन्तौ पुनः पुनः ॥ श्रुतिस्मृतिपुराणानाम्
आलयं करुणालयम्।नमामि
भगवत्पादं शंकरं लोकशंकरम् ॥ सदाशिव-समारम्भां
शङ्कराचार्यमध्यमाम्।
अस्मदाचार्य-पर्यन्तां
वन्दे गुरु परम्पराम् ॥ शंकराचार्य अलौकिक मेधा
संपन्न व्यक्ति थे। इनके असाधारण तर्क को देख कर आलोचक उनके सम्मुख ...