केशान्त का अर्थ लम्बी अवधि तक केशधारण करने वाले युवा
ब्रह्मचारी का केश वपन। विधि पूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ यह गोदान के साथ सम्पन्न
होता था। इस संस्कार के बाद ही 'युवक' को
गृहस्थ जीवन के योग्य शारीरिक और व्यावहारिक योग्यता की दीक्षा दी जाती थी।
आगोदानकर्मणः-ब्रह्मचर्यम्- भा. यू.सू.
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